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मानव मूल्य (Human Value) और इसके प्रकार

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“ मौत जीवन में सबसे बड़ा नुकसान नहीं है। सबसे बड़ा नुकसान वह है जो हमारे भीतर हमारे जीते जी मर जाता है।” नॉर्मन कजिंस (Death is not the greatest loss in life. The greatest loss is what dies inside us while we live.” ― Norman Cousins)

“मूल्य” (Value) शब्द वस्तुतः किसी व्यक्ति या समुदाय की वह सोच या मान्यता ​​है जिसके बारे में वह सोचता है की इसका अनुकरण किया जाता है , इसे प्रोत्साहित किया जाता है या प्राथमिकता दी जाती है ।

यह कोई वस्तु (धन, भोजन, कला); मन की स्थिति (शांति, सुरक्षा, निश्चितता); या चीजों या मन की स्थिति से उत्पन्न एक व्यवहार हो सकता है (निर्दोषों की रक्षा करना, सच बोलना, रचनात्मक होना)।

मूल्य (वैल्यू) और इच्छा

एक मूल्य (वैल्यू) एक इच्छा (desire) के समान नहीं है। किसी चीज की इच्छा करने का अर्थ है किसी चीज को बिना ज्यादा विचार किये चाहना । एक इच्छा एक अन्तःप्रेरणा (instinct,), आग्रह या शारीरिक आवश्यकता से आ सकती है।

वहीं मूल्य एक इच्छा या इच्छाओं की एक श्रृंखला में उत्पन्न हो सकता है , लेकिन एक मूल्य इस बात पर विचार करने के बाद उत्पन्न होता है कि मैं जो चाहता हूं वह अच्छा है या नहीं । दार्शनिक इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि हम अपनी इच्छाओं से अपने मूल्यों के द्वारा कैसे पहुंचते हैं, अक्सर ‘अच्छाई’ पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

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मूल्य के प्रकार

सार्वभौम मूल्य (Universal): हम जो कुछ भी मूल्य शिक्षा के रूप में अध्ययन करते हैं, वह दुनिया भर में लागू होना चाहिए और दुनिया के सभी हिस्सों से मनुष्यों द्वारा अपनाया जाना चाहिए। इसे नृजाति, धर्म, परंपरा, लिंग, राष्ट्रीयता आदि के लोगों द्वारा अनफॉलो नहीं करना चाहिए। अर्थात ऐसे मूल्य सभी के लिए हैं। यह सार्वभौमिक स्तर पर चीजों से निपटने में मदद करता है। इस तरह के सार्वभौमिक मूल्य वैज्ञानिक जांच, सामाजिक विज्ञान परीक्षण या दार्शनिक रिफ्लेक्शन से प्राप्त किए जा सकते हैं। वे अधिक नापाक तरीकों से भी उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे कि पुरातन प्रथाओं, वैचारिक और धार्मिक धर्मांतरण, या आर्थिक शोषण। सार्वभौमिक मूल्यों का पता लगाने के लिए, न केवल स्वयं मूल्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, बल्कि उन तरीकों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है जो वर्तमान वैश्विक व्यवस्था में प्रकट हुए हैं। चीजों के रूप में सार्वभौमिक मूल्य : शांति, न्याय, समानता, स्वतंत्रता, सुंदरता, हर्ष । व्यवहार के रूप में सार्वभौमिक मूल्य: दूसरों को नुकसान न पहुंचाएं, दूसरों को धोखा मत दो, दूसरों से झूठ मत बोलो, दूसरों को गुलाम मत बनाओ।

तर्कसंगत मूल्य (Rational): ये सामंजस्य में और कारणों पर आधारित होने चाहिए। मनुष्य को सुनी हुई हर बात पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्हें जो उपदेश दिए गए, वे हमें चीजों को करने के लिए प्रभावित करते हैं लेकिन हमें अपने आधार पर काम करना चाहिए। अपने तर्क की कसौटी पर उसे मापना चाहिए।

प्रकृति और सत्यापन योग्य मूल्य (Nature and verifiable): मनुष्य को ऐसा कुछ सीखना चाहिए जो स्वाभाविक लगता हो और जो प्रकृति द्वारा स्वीकार्य होना चाहिए। जब हम स्वाभाविक होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं तो यह उपलब्धि की ओर ले जाता है और खुशी देता है। हमें इन मूल्यों को अपने आधार पर सत्यापित करने की आवश्यकता है, इसका मतलब है कि हमें केवल उस चीज़ का पालन नहीं करना चाहिए यदि वह पुस्तक में लिखी गई हो या उपदेशों द्वारा प्रचारित हो।

सद्भाव की ओर ले जाने वाला मूल्य (Leading to Harmony): मूल्य युक्त शिक्षा हमें सद्भाव में रहने और सभी रिश्तों में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। जब हम इन बातों को समझते हैं तो उस स्थिति की ओर ले जाते हैं जब हम प्रकृति के साथ प्राकृतिक तरीके से दूसरों के साथ सामंजस्य जैसी हर चीज के संतुलन के बारे में जानते हैं।

व्यक्तिगत मूल्य (Personal values): किसी व्यक्ति द्वारा समर्थित मूल्य। उदाहरण के लिए, कुछ लोग परिवार को अपने सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों के रूप में मानते हैं, और अपने जीवन की संरचना करते हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ अधिक समय बिता सकें। अन्य लोग इसके बजाय सफलता को महत्व दे सकते हैं, और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने परिवार को कम समय दे सकते हैं।

नैतिक मूल्य (Moral values): वे मूल्य जो यह निर्धारित करने में मदद करते हैं कि नैतिक रूप से क्या सही है और क्या गलत। उदाहरण के लिए; स्वतंत्रता, निष्पक्षता, समानता, आदि, कल्याण। इनका उपयोग सामाजिक संस्थाओं के मूल्यांकन के लिए किया जाता है, उन्हें कभी-कभी राजनीतिक मूल्यों के रूप में भी जाना जाता है।

सौंदर्य मूल्य (Aesthetic values) : कलाकृति या सुंदरता के मूल्यांकन से जुड़े मूल्य को सौंदर्य मूल्य कहा जाता है।

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मानवता पर निबंध Essay on Humanity in Hindi

मानवता पर निबंध Essay on Humanity in Hindi

Table of Content

मानवता क्या है? What is Humanity in Hindi?

मानवता का अर्थ इंसानियत, दया, मनुष्य जाति का स्वभाव, मानव जाति, मानव स्वभाव, भलामानस का गुण, मनुष्यत्व होता है। जब हम पशु पक्षियों और दूसरे जीवो के प्रति दया का भाव दिखाते हैं तो उसे मानवता कहते हैं।

ईश्वर ने मानव (मनुष्य) को सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनाया है। मनुष्य 86 लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ जीव है। मनुष्य को ईश्वर ने बोलने की शक्ति दी है। मनुष्य बोलकर अपने मन के भावों को व्यक्त कर सकता है। हम अपने सुख-दुख, खुशी, गम, आश्चर्य सभी भावों को बोलकर प्रकट करते हैं।

आज दुनिया को मानवता की जरूरत क्यों है? Why Humanity is important in Hindi?

दोस्तों यह सवाल उठता है कि आज दुनिया को मानवता की जरूरत क्यों है? तो इसका बहुत ही सीधा जवाब है। विश्व के अनेक भागों में आज कई तरह का संकट मौजूद है।

  • पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, सऊदी अरब अमीरात जैसे मुस्लिम देशों में स्त्रियों की स्तिथि खराब है। पुरुष उनका शोषण करते हैं। स्त्रियां अपने मन से कोई काम नहीं कर सकती हैं। उनको घर के कामों के लिए ही समझा जाता है। उनको बाहर जाकर नौकरी करने की इजाजत नही है। उन पर बंदिश लगाई जाती है। यह मानव अधिकारों का हनन है। यह मानवता का भी हनन है।
  • कई गरीब देशो में बच्चों पर अत्याचार किए जाते हैं।
  • स्वार्थ में आकर लोग अच्छे-बुरे सभी काम करने को तैयार हैं। मानव अंगों की तस्करी , बाल शोषण, यौन शोषण जैसी समस्याएं आज विश्वभर में देखने को मिलती हैं।
  • कई देशो में मजदूरों से जानवरों की तरह 12 घंटों से अधिक का काम कराया जाता है और उन्हें कम वेतन दिया जाता है।
  • समाज में दिन प्रतिदिन अपराध, हत्या, लूटमार, दुष्कर्म की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। विश्व में बढ़ता क्राइम रेट बताता है कि कहीं न कहीं मनुष्यों ने अपनी मानवता खो दी है।
  • जानवरों के प्रति क्रूरता दिखाई जा रही है। मीट स्लॉटरहाउस, मीट मंडियों में उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। जानवरों को सिर्फ मनुष्य का खाना समझा जाता है।
  • समाज में घूसखोरी, भ्रष्टाचार जैसी चीजें बढ़ती जा रही हैं।
  • ऑफिस में महिलाओं के साथ किया गया अभद्र व्यवहार, यौन शोषण ऐसी कुछ प्रमुख समस्याएं हैं जो यह बताती हैं कि आज मानवता खतरे में है। हमें जल्दी इस पर कुछ कदम उठाना होगा।

हम मानवता कैसे दिखा सकते है? How to show Humanity in Hindi?

1.  असहाय, दीन दुखी लोगों की मदद करके.

यदि हम दूसरे लोगों की मदद करते हैं तो हम मानवता का धर्म निभाते हैं। भूखे को खाना खिलाकर, अंधे व्यक्ति को सड़क पार करा कर, सड़क पर दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा कर- इस तरह के कई काम करके हम मानवता दिखा सकते हैं। याद रखें मनुष्य का जन्म दूसरों की मदद के लिए ही हुआ है। हमें अपने अनमोल जीवन का पूरा उपयोग करना चाहिए।

2.  मांसाहार छोड़कर शाकाहारी बनकर

आज हमारा समाज मांसाहार की तरफ बढ़ रहा है। अखबार, टीवी, सोशल मिडिया में मांसाहार प्रोडक्ट जैसे चिकन बर्गर जैसे विज्ञापनों की भरमार है, पर क्या आपने सोचा है कि मांसाहार करने से आप पशु पक्षियों के प्रति कैसा व्यव्हार करते है? उनकी निर्मम तरीके से हत्या करके उनका मीट आपको बेच दिया जाता है।

प्रोटीन के नाम पर लोग मांसाहार का सेवन करते हैं, पर प्रोटीन प्राप्त करने के अन्य स्रोत भी हैं। यदि हम पशु पक्षियों के प्रति मानवता दिखाते हैं तो हमें मांसाहार छोड़कर शाकाहार की ओर बढ़ना चाहिए।

3.  समाज में प्रेम का संदेश देकर

हमें समाज में प्रेम का संदेश देना चाहिए। नफरत भुलाकर एक दूसरे से मिलना चाहिए। दुश्मन को भी गले लगाना चाहिए। समाज के कई वर्ग में आज लोग परेशान हैं। वे पीड़ित हैं। उनके पास खाने को भोजन नहीं है, रहने को मकान नहीं है, पहनने को कपड़े नहीं है। हमें उन जैसे लोगों की मदद करनी चाहिए। समाज में नफरत नहीं पर आनी चाहिए। दूसरे लोगों से लड़ाई झगड़ा मारपीट नहीं करनी चाहिए। हमें जाति धर्म लिंग भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए।

4.  लोगों को क्षमा करके

कई बार जब किसी व्यक्ति के साथ दूसरे लोग कुछ गलत काम कर देते हैं तो वह बदला लेने का प्रयास करता है। ऐसे में हमें लोगों को क्षमा कर देना चाहिए। मन में किसी भी तरह की शिकायत शिकवा नहीं रखनी चाहिए। दूसरों को माफ करने से हम और महान बन जाते हैं। माफ करने से मन में एक संतुष्टि का भाव भी पैदा होता है।

5.  ईश्वर को धन्यवाद देकर

कई बार हमारे पास रुपए, पैसे, गाड़ी, बंगला जैसी सारी चीजें होती है। उसके बावजूद भी हम ईश्वर को कोसते रहते हैं कि उसमें हमारे जीवन में कई तरह के समस्याएं पैदा कर दी। पर जब हम अपने से गरीब लोगों को देखते हैं तो पता चलता है कि हमारी स्थिति तो दूसरे लोगों की तुलना में अच्छी है।

इसलिए कभी भी अपनी स्थिति पर शिकायत नहीं करनी चाहिए। जो हमें ईश्वर ने दिया है उसके लिए हमें ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए। अपने मन में संतोष रखना चाहिए। इस तरह हम मानवता दिखा सकते हैं

मानवता का आदर्श उदाहरण “मदर टेरेसा” Mother Teresa – A Perfect example of humanity in Hindi

आप लोगों ने मदर टेरेसा के बारे में अवश्य सुना होगा। प्रथम विश्व युद्ध में अनेक लोग मारे गए। इसे देखकर मदर टेरेसा के मन में बहुत पीड़ा उत्पन्न हुई। उन्होंने दीन दुखियों की सेवा के लिए “मोडालिति” नामक एक संस्था बनाई।

वह सन्यासी बन गई और लोगों की सेवा करने लगी। मदर टेरेसा ने कोलकाता में गरीब और असहाय लोगों की मदद करने के लिए “मिशनरीज ऑफ चैरिटी” नामक संस्था बनाई थी। कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए उन्होंने 1950 में शांति नगर की स्थापना की।

भारत सरकार ने उनको “पद्मश्री” का पुरस्कार दिया था। 19 अक्टूबर 2003 को मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी गई थी। उन्होंने आजीवन असहाय, दीन दुखी लोगों की सेवा की और मानवता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। हम सबको मदर टेरेसा के जीवन से मानवता की शिक्षा लेनी चाहिए।

क्या दुनिया से मानवता विलुप्त हो गई है? Is humanity extinct from the world?

कई बार तो ऐसा लगता है कि दुनिया से मानवता खत्म हो चुकी है। अखबार , टीवी न्यूज चैनल्स अपराध की खबरों से भरे पड़े हैं। हर जगह भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी हो रही है। लोग अपना काम ठीक से नहीं करते। मौका मिलने पर पैसों का घोटाला कर देते हैं।

समाज में बेईमानी, मक्कारी, बढ़ती जा रही है। महिलाओं और बच्चों के साथ विभिन्न तरह के अपराध किए जाते हैं। ये देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि दुनिया से मानवता समाप्त हो गई है, पर यह सच नहीं है।

आज भी दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने मानवता की रक्षा की है। महात्मा गांधी, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, बराक ओबामा, मदर टेरेसा जैसे बहुत से उदाहरण हमारे सामने हैं। इन सभी ने मानवता को बचाने का भरपूर प्रयास किया है।

कैलाश सत्यार्थी ने अपने प्रयास से 80000 बाल मजदूरों को देश के विभिन्न भागों से आजाद करवाया और उन्हें एक नई जिंदगी प्रदान की। उन्होंने “बचपन बचाओ आंदोलन” नाम से एक एनजीओ की शुरुआत की है जो बंधुआ मजदूरों को आजाद करने के लिए काम करती है।

उपसंहार Conclusion

जब तक मनुष्य इस पृथ्वी पर है उसे मानवता दिखानी होगी। मनुष्य का धर्म ही है दूसरों के प्रति दया भाव दिखाना। जिस दिन हम दूसरों के प्रति दया दिखाना बंद कर देंगे हम जानवर बन जाएंगे। इसलिए हमें दूसरो के प्रति दया दिखानी चाहिए।

7 thoughts on “मानवता पर निबंध Essay on Humanity in Hindi”

Perfect for Humanity, please send same type of story

Really I inspired after read this article ,,,,,,

Thanks for your comment

If people will really follow these things then I am sure all the bad things will finish from our society

It was an amazing and exelent artilce…!

Really i felt fromthis article it is really things we have to follow always in our life. Humanity does not mean that we just show to someone it means that to help someone in need and trying to help overcome his pain or sorrow is the real meaning of humanity so being cultured ,being kind,being helpful, being thankful, being peaceful

hahahaha… people realizing the bad deeds they do is something that can bring tears to the mother earth… kudos guys 🙂 just remember to keep up the good work.

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मानवीय मूल्यों की आवश्यकता तथा महत्त्व| Need and Importance of Human Values

मानवीय मूल्यों की आवश्यकता तथा महत्त्व

अनुक्रम (Contents)

मानवीय मूल्यों की आवश्यकता Need of Human Values

मानवीय मूल्य सम्पूर्ण सृष्टि के लिये आवश्यक तथ्य हैं। मानवीय मूल्यों की आवश्यकता को निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है-

1. उपयोगिता के ज्ञान के लिये (For the knowledge of utility)— प्रत्येक वस्तु एवं विचार की उपयोगिता उसमें निहित मूल्य के कारण होती है। यह वस्तु हमारे लिये कितनी उपयोगी है? उसके लिये उसमें निहित मूल्य को ज्ञात करना परम आवश्यक है जैसे ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है। यह एक विचार है। इसके पालन करने से हमको जो शक्ति मिलती है तथा मन में वैचारिक शुद्धता एवं जीवनदायिनी तरंगें उत्पन्न होती हैं, यह इस विचार के मूल्य होते हैं। इन मूल्यों के कारण ही यह विचार उपयोगी एवं सार्वभौमिक माना जाता है।

2. सांस्कृतिक व्यवस्था के ज्ञान के लिये (For the knowledge of cultural system)- भारतीय संस्कृति में अनेक प्रकार के मानवीय मूल्य निहित हैं। इन मूल्यों का ज्ञान प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिये आवश्यक होता है। सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर ही विभिन्न सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को समझा जा सकता है। इसलिये यह आवश्यक है सांस्कृतिक व्यवस्था की उपयोगिता एवं अनुपयोगिता का निर्णय मूल्यों के आधार पर ही किया जाना चाहिये।

3. सामाजिक व्यवस्था के ज्ञान के लिये (For the knowledge of social system)- मूल्यों की आवश्यकता सामाजिक व्यवस्था के ज्ञान के लिये भी होती है क्योंकि प्रत्येक समाज जिन विचारों एवं परम्पराओं पर आधारित होता है, उनमें मूल्य निहित होते हैं; जैसे-भारतीय समाज आदर्शवादी विचारों पर आधारित है। इन आदर्शवादी विचारों में आध्यात्मिक एवं मानवीय मूल्यों का समावेश होता है।

4. नैतिकता के स्वरूप का ज्ञान (Knowledge of form of morality) – नैतिकता की स्थिति एवं स्वरूप को ज्ञात करने के लिये भी उस व्यवस्था के मूल्यों का ज्ञान आवश्यक है। नैतिकता परिस्थिति एवं समय के अनुसार पृथक् रूप में परिभाषित होती है। देश का एक सिपाही आतंकवादी को मारता है तो पुरस्कार दिया जाता हैइतथा वह सम्मान का पात्र होता है, जबकि वही सिपाही देश के निरीह नागरिक को मार देता है तो उस पर अभियोग चलता है तथा उसे सजा दी जाती है।

5. मानवता के ज्ञान के लिये (For the knowledge of humanity)- मानवता के स्वरूप एवं प्रकृति के ज्ञान के लिये आवश्यक है कि उसमें निहित मूल्यों का ज्ञान प्राप्त किया जाय क्योंकि मानवीय मूल्य सार्वभौमिक तथ्यों के अन्तर्गत आते हैं इसलिये इनके लिये किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। मानवता के दृष्टिकोण को सम्पूर्ण विश्व में प्राथमिकता प्रदान की जाती है क्योंकि इसके द्वारा ही सम्पूर्ण सृष्टि का कल्याण सम्भव है।

6. अधिकार के ज्ञान के लिये (For the knowledge of rights)- अधिकार की व्यवस्था भी मूल्य परम्परा के अनुसार होती है। उदाहरण के लिये, भारतीय स्त्रियों एवं अरब देशों की स्त्रियों के अधिकारों में अन्तर पाया जाता है। इस अन्तर के लिये दोनों देशों के सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को उत्तरदायी माना जाता है। इसलिये अधिकारों की स्थिति एवं स्वरूप का ज्ञान भी मानवीय मूल्यों के ज्ञान पर निर्भर करता है।

7. कर्त्तव्य के ज्ञान के लिये (For the knowledge of duties)— व्यक्ति के कर्त्तव्यों को निश्चय उसके सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं सामाजिक मूल्यों पर निर्भर करता है। भारतीय संस्कृति में मानव के लिये कर्तव्यों की व्यवस्था अधिक की गयी है, जबकि पाश्चात्य संस्कृति में कर्तव्यों की व्यवस्था कम है; जैसे-पति-पत्नी के मध्य कर्तव्यों की व्यवस्था सारगर्भित एवं विस्तृत है। परन्तु पाश्चात्य संस्कृति पति-पत्नी के मध्य कर्तव्यों की व्यवस्था कम की गयी है।

8. आध्यात्मिक ज्ञान के लिये (For the spiritual knowledge)- आध्यात्मिक ज्ञान के दृष्टिकोण का विकास भारतीय समाज में अधिक होता है, जबकि अन्य देशों में कम होता है। इसमें अन्तर के लिये वहाँ की मूल्य परम्परा को ही उत्तरदायी माना जाता है क्योंकि भारत में आदर्शवादी मूल्यों को अधिक महत्त्व प्रदान किया जाता है, जबकि अन्य देशों में भौतिकवादी मूल्यों का प्रभुत्व होता है। इसलिये आध्यात्मिक व्यवस्था के स्वरूप के ज्ञान के लिये उस समाज के मूल्यों के महत्त्व को स्वीकार किया जाता है अर्थात् मूल्यों के ज्ञान के अभाव में आध्यात्मिक स्थिति का ज्ञान सम्भव नहीं होता है।

9. राजनैतिक स्थिति के ज्ञान के लिये (For the knowledge of political situation)- राजनैतिक व्यवस्था में विभिन्नता का पाया जाना मूल्यों के कारण ही होता है। राम राज्य की कल्पना के पीछे आदर्शवादी एवं आध्यात्मिक मूल्य ही प्रभावी थे। वर्तमान राजनीति के पतन का कारण भी मूल्य ही हैं। वर्तमान समय में वैचारिक एवं सैद्धान्तिक मूल्यों का पतन होने के कारण राजनेता अपने आपको सेवक नमानकर शासक मानता है। उसके हदय में समाज के प्रति सेवा की भावना नहीं होती क्योंकि उसके मूल्यों का स्तर गिर चुका है उसकी आत्मा, विचार एवं चिन्ता स्तर पूर्णत: निरंकुश एवं आचरणहीन हो गया है। अत: वर्तमान एवं प्राचीन राजनैतिक व्यवस्था के ज्ञान के लिये मूल्यों के ज्ञान की आवश्यकता है

10.शिक्षा व्यवस्था के ज्ञान के लिये (For the knowledge of education system) – प्राचीन कालीन शिक्षा व्यवस्था के स्वरूप एवं वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के स्वरूप पर दृष्टिपात किया जाय तो इसमें पर्याप्त अन्तर पाया जाता है क्योंकि इसका प्रमुख मूल्यों में परिवर्तन है। प्राचीनकाल के मूल्यों में होने वाले परिवर्तन के परिणामस्वरूप शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन होने लगा तथा शिक्षा ने वर्तमान स्वरूप धारण कर लिया। पाश्चात्य एवं भारतीय शिक्षा में भी पर्याप्त अन्तर पाया जाता है। इसका भी कारण मूल्य ही होते हैं। इसलिये किसी देश की शिक्षा व्यवस्था के ज्ञान के लिये मूल्यों का ज्ञान प्रथमतः आवश्यक होता है।

11. पर्यावरणीय व्यवस्था के ज्ञान के लिये. (For the knowledge of environmental system)— पर्यावरण प्रदूषण की जो समस्या वर्तमान समय में उत्पन्न हुई है, उसके पीछे भी मूल्य परिवर्तन को ही कारण माना जाता है। प्राचीनकाल में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न नहीं होती थी क्योंकि व्यक्ति अपने जीवन दर्शन एवं जीवन मूल्यों में सन्तुलन स्थापित करता था। धीरे-धीरे मानव ने विकास की दौड़ में भौतिक मूल्यों को अधिक महत्त्व प्रदान किया, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का विदोहन एवं विनाश होने लगा और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होने लगी। अत: पर्यावरणीय व्यवस्था का स्वरूप एवं प्रकृति के ज्ञान के लिये मूल्यों का ज्ञान आवश्यक है।

12. जीवन दर्शन के ज्ञान के लिये (For the knowledge of life philosophy)- मानव जीवन में अनेक प्रकार के दर्शनों का प्रचलन देखा जाता है। व्यक्तियों को एक समूह आदर्शवादिता को स्वीकार करता है दूसरा समूह प्रकृतिवादी दर्शन को स्वीकार करता है। वर्तमान समय में प्रयोजनवादी दर्शन को स्वीकार किया जा रहा है। इसका प्रमुख कारण भी मूल्य परिवर्तन का ही माना जाता है। वर्तमान वैज्ञानिक एवं तकनीकी के युग में व्यक्ति द्वारा प्रयोजनवादी दर्शन में ही स्वीकार किया जाता है क्योंकि आदर्शवादिता से व्यक्ति का पेट नहीं भरता अर्थात् व्यक्ति आदर्शवादी मूल्यों को अनुपयोगी समझने लगा है। विभिन्न प्रकार के जीवन दर्शनों के अध्ययन एवं प्रकृति के ज्ञान के लिये मूल्यों की आवश्यकता होती है।

मानवीय मूल्यों का महत्त्व Importance of Human Values

मूल्य शब्द ही अपने आप में महत्त्वपूर्ण शब्द है। मूल्यवान एवं मूल्यहीन होना ही प्रत्येक वस्तु की उपयोगिता एवं उपयोगहीनता को सिद्ध करता है। मानवीय मूल्यों के महत्त्व को प्रत्येक अवस्था में स्वीकार किया जाता है। मूल्य हीनता की स्थिति सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक असन्तुलन की सूचना देती है तथा मूल्य विकास की स्थिति सामाजिक आर्थिक एवं राजनैतिक विकास को सूचित करती है। अत: मूल्य का महत्त्व प्रत्येक क्षेत्र में स्वीकार किया जाता है। मूल्यों के महत्त्व को किसी भी स्तर पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता। मूल्य ही वह महत्त्वपूर्ण तथ्य है, जोकि समाज, संस्कृति एवं राष्ट्र के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। मूल्य के अभाव में कोई भी विचार एवं वस्तु समाजोपयोगी एवं राष्ट्रोपयोगी नहीं हो सकती।

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मानव मूल्य की परिभाषा |मूल्य शब्द का अर्थ | Human value Definition explanation in Hindi

Admin

मानव मूल्य की परिभाषा ,मूल्य शब्द का अर्थ

मानव मूल्य की परिभाषा |मूल्य शब्द का अर्थ |  Human value Definition explanation in Hindi

1 - मूल्य शब्द का अर्थ बतायेंगें ।   2- मानव मूल्य की अवधारणा को भली भाँति समझायेंगें ।   3 - त्याग , सेवा व धर्म के आचरण को परिभाषित करेंगें ।   4- मूल्य जीवन में इस प्रकार आचरित होते हैं , ऐसे आदर्शों के आचरण को बताएगें ।   5 – मानव जीवन में मूल्यों की अनिवार्यता पर विस्तार से प्रकाश डालेंगें ।

मानव  मूल्य की परिभाषा.

  • जिस समाज में केवल पैसे की प्रधानता को ही जीवन का सबकुछ माना जा रहा हो , ऐसे समाज में मूल्य शब्द का प्रयोग पहले तो इन अर्थों में हो रहा है , जैसे ' दाम ', ' कीमत ', ' भाव ' आदि आदि । यह सब किसी वस्तु की लेन-देन में ही प्रयुक्त होते हैं , जिनका आचरण से कोई संबंध ही नहीं है। तब बात यह उठती है कि वह कौन सी चीज है जिसे मानव मूल्य कहा जाय । इसके लिए हम कहेंगे कि जिनके सहारे मनुष्य का पूरा जीवन पवित्र होकर सजता सँवरता है , ऐसे ' आचरणीय सूत्र ' ही मानव- मूल्य" हो सकते हैं । जिनके भीतर धर्म का आचरण , सही बोलना , परोपकार करना , दानशील होना , सेवा करना , त्यागी होना , शान्त रहना , अहिंसक होना , सहानुभूति की भावना आदि अनेक आचरणीय सूत्र आते हैं । इन्हीं मूल्यों की उत्कृष्टता का वर्णन हमारे संपूर्ण धर्म ग्रन्थों में हुआ है । प्रातः काल में आँख खोलने से लेकर लम्बी जीवन यात्रा में इन मानव मूल्यों को अपनाने की अनिवार्यता का वर्णन वेद से लेकर काव्य साहित्य तक में किया गया है । मूल्यों के बारे में ऐसा किसी एक ही स्थान पर कुछ भी नहीं कहा गया है , जिसे पढकर कोई मूल्यों का ज्ञाता हो जाय। अथवा सभी मूल्यों का वर्णन करने में सक्षम हो जाय । मोती चुनने की बात है , सागर में गोता लगायें और आचरणीय सूत्रों चुनकर इकट्ठा करें इनका मनन करें , फिर इन्हें जीयें । इसी स्थिति में मूल्य जाने जा सकते हैं , अपनाये भी जा सकते हैं इनके अभाव में जीवन सारहीन होगा , बंजर भूमि के समान होगा ।

  मूल्य शब्द का अर्थ -

अर्थ : पहले तो यह जानिए कि मूल्य शब्द बनता कैसे है -

  • पाणिनि की धातु हैं √ मूल् प्रतिष्ठाायाम् । इसमें जब मूल शब्द के बाद यत् प्रत्यय लगाते है , तब मूल्य बनता है । इससे शब्द बनता है  मूलति , जिसका अर्थ होगा  प्रतिस्थापयति । अर्थात् जो भी हमारे जीवन की प्रतिष्ठा है या जिन आचरणों से हमारा जीवन प्रतिष्ठित होता है , उन्हें हम जीकर प्रतिस्थापित करते हैं , तो वे ही मूल्य कहलाते हैं , इसके पहले मूल रहता है. 

मानव मूल्य ही जीवन मूल्य है , हमें कहीं भी पशु मूल्य ' जैसे शब्द नहीं मिलते । जो मानव जीवन में आचरणों की महत्ता जानेगा , वही जीवन मूल्य जानेगा समझने के लिए एक उदाहरण देखिए -

मनुष्य और पशु में अन्तर क्या है ?

आहार निद्रा भय मैथुनं च 

सामान्यमेतत् पशुभिः नराणां 

ज्ञानम् नराणां अधिकम् विशेषः 

ज्ञानेन शून्यः पशुभिः समानः ।।

यह भरतीय परम्परा का एक सुभाषित श्लोक है । आहार , निद्रा , भय और मैथुन ये चारों सामान्य रूप से मनुष्य तथा पशु दोनों में पाये जाते हैं , केवल ज्ञान ही मनुष्य के पास अधिक है जो इसे पशु से अलग करता है । इसके अर्थ से ज्ञात होता है कि मानव जीवन में ज्ञान का कितना महत्व है। 

यहाॅ यह विचार आवश्यक है - क्या पशुओं में ज्ञान नहीं होता ? हम तो कहेंगे कि पशु भी ज्ञानी होते हैं ।

श्री दुर्गा सप्तशती के इन वचनों को देखिए-

ज्ञानमस्ति समस्तस्य जन्तोर्विषयगोचरे ॥ ४७ ॥ 

विषयश्च महाभाग याति चैवं पृथक् पृथक् 

दिवान्धाः प्राणिनः केचिद्रात्रावन्धास्तथापरे || ४८ ॥ 

केचिद्दिवा तथा रात्रौ प्राणिनस्तुल्यदृष्टयः 

ज्ञानिनो मनुजाः सत्यं किं तु ते नहि केवलम् ॥४६॥ 

यतो हि ज्ञानिनः सर्वे पशुपक्षिमृगादयः 

ज्ञानं च तन्मनुष्याणां यत्तेषां मृगपक्षिणाम् ॥५०॥ 

मनष्याणां च यत्तेषां तुल्यमन्यत्तथोभयोः

ज्ञानेऽपि सति पश्यैतान् पतङ्गाञ्छावचञ्चुषु ॥ ५१ ॥    

।। श्री दुर्गा सप्त शती प्रथम अध्याय ||

आशय यह है कि विषय के मार्ग में जाने का ज्ञान सभी को होता है , सभी के लिए विषय भी अलग- अलग हैं। कोई दिन में नहीं देखता तो कोई रात में नहीं देखता । कुछ तो दिन और रात दोनों में बराबर देखते हैं । यह भी ठीक है कि मनुष्य समझदार होते हैं किन्तु केवल वे ही ऐसे नहीं होते , उनके साथ-साथ पशु-पक्षी मृग आदि भी समझदार होते हैं-

उपर के श्लोकों में यह बताया गया है कि स्वयं भूख लगी रहनें पर भी पशु  पक्षी , मोह वश अन्न के दानें डाल देते हैं , क्या वे इसके बदले सोचकर ऐसा करते हैं ?  नहीं । किन्तु मनुष्य लोभ में आकर - ' लोभात्प्रत्युपकाराय प्रति उपकार की भावना से  अपनी सन्तानों के साथ ऐसा करता है । अतः प्रति उपकार की भावना से की गयी  सहायता परोपकार नहीं है ।

  • किसी अपरिचित के संकट में सहायता करके उसे उबारना ही परोपकार है । जब प्रति उपकार की भावना होगी तब लोभ पहले ही खड़ा मिलेगा। ऐसे आचरण को परोपकार नहीं कहेगें स्पष्ट है कि बिना आचरित हुए मूल को मूल्य नहीं कहा जा सकता ।
  • अर्थात् जिन आचारों से हम अपने को समाज के साथ व्यवस्थित कर पाते हैं , जिन व्यवहारों के कारण केवल समाज का मंगल अपेक्षित हो वे मानव मूल्य कहलाएंगे । मानव की गरिमा ही मानव मूल्य हैं संसार की सभी उपलब्धियां मानव के लिए हैं , मानव उनके लिए नहीं जब मानव उनके लिए है , तब वे मूल हैं किन्तु जब वे मानव के लिए हों तब वे मूल्य हैं मूल्य के लिए ज्ञान होना तो आवश्यक है , किन्तु आचरण के अभाव में किसी भी ज्ञान के द्वारा उचित व्यावहार की कल्पना नहीं की जा सकती । मूल्य ही मानव जीवन को सार्थक बना सकते हैं । मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए ज्ञान ही मूल्यों के रूप में होता है अतः स्पष्ट है कि ' ज्ञान पर आधारित आचरणात्मक तत्वों का समाहार मूल्य है. 

पशु जन्म को दुर्लभ नहीं कहा गया केवल मनुष्यय जन्म ही दुर्लभ माना गया है , मनुष्य का जीवन ही मूल्यों को प्रतिस्थापित कर सकता है । आदि शंकराचार्य का कथन देखिए-

दुर्लभं त्रयमेवैतद्दैवानुग्रहहेतुकम् ।  

मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुषसंश्रयः ॥

इस संसार में नितान्त दुर्लभ तीन विषय है - मनुष्य योनि में जन्म , मुक्ति की उत्कट अभिलाषा तथा महान सन्तों की कृपा एवं संगति ।

मानव मूल्य की परिभाषा |मूल्य शब्द का अर्थ |  Human value Definition explanation in Hindi

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मूल्य शिक्षा का महत्व

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  • Updated on  
  • मार्च 10, 2023

मूल्य शिक्षा

मूल्य शिक्षा हमारे अंदर नैतिक मूल्यों का विकास करती है। ये सीखने के साथ-साथ हमारे व्यक्तित्व में भी विकास करती है। अमेरिकी मनोवैज्ञानिक लॉरेंस कोहलबर्ग का मानना था कि बच्चों को एक ऐसे माहौल में रहने की जरूरत है जो दिन-प्रतिदिन के संघर्षों की खुली और सार्वजनिक चर्चा के लिए अनुमति देता है। Value Education की महत्ता हमारे पर्सनालिटी डेवलपमेंट में सहायक है तथा विद्यार्थी के गुणों में विकास करता है। यह हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व को भी बताता है। इतना ही नहीं यह हमारे अंदर समय के महत्व को समझने की क्षमता को विकसित करता है। खेल के महत्व को समझना, भी मूल्य शिक्षा को समझने तथा रोचक ढंग से व्यक्तित्व के विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। इस ब्लॉग में मूल्य शिक्षा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

This Blog Includes:

मूल्य शिक्षा क्या है, मूल्य शिक्षा की परिभाषाएं, इसके क्या फायदे हैं, 21 वीं सदी में मूल्य शिक्षा का महत्व और आवश्यकता, मूल्य शिक्षा के उद्देश्य, मूल्य शिक्षा में शिक्षक की भूमिका, जीवन मूल्य शिक्षा का महत्त्व, मूल्य शिक्षा के कुछ सिद्धांत, मूल्य शिक्षा की विशेषताएं, स्कूल सिलेबस में मूल्य शिक्षा का महत्व, मूल्य शिक्षा का महत्व पर निबंध , मूल्य शिक्षा पर निबंध ppt, प्रारंभिक आयु नैतिक और मूल्य शिक्षा, युवा कॉलेज के छात्र (प्रथम या द्वितीय वर्ष के ग्रेजुएट्स), वयस्कों के लिए कार्यशालाएँ, छात्र विनिमय कार्यक्रम, सह पाठ्यक्रम गतिविधियां.

मूल्य शिक्षा व्यक्तियों के व्यक्तित्व विकास पर जोर देती है ताकि उनका भविष्य संवर सके और कठिन परिस्थितियों से आसानी से निपटा जा सके। यह बच्चों को ढालता है, ताकि वे अपने सामाजिक, नैतिक और लोकतांत्रिक कर्तव्यों को कुशलतापूर्वक संभालते हुए बदलते वातावरण से जुड़ जाएं।

  • Value Education की महत्ता शारीरिक और भावनात्मक पहलुओं को विकसित करता है।
  • यह आपको ढंग सिखाता है और भाईचारे की भावना विकसित करता है।
  • यह देशभक्ति की भावना पैदा करता है।
  • मूल्य शिक्षा धार्मिक सहिष्णुता को भी विकसित करता है।

मूल्य शिक्षा को लेकर कई प्रकार की परिभाषाएं देखने को मिलती है जिनमें से कुछ नीचे दी गई है:

  • लेविन (1964) के अनुसार  “लालच की भावना में उच्चतम रुकावट सकारात्मक रूप में शारीरिक दण्ड की प्रक्रिया से है और नकारात्मक रूप से विचार और तर्कशक्ति की प्रक्रिया है।” 
  • गुरुराजा (1978)  के अनुसंधान में पाया कि “नैतिक मूल्यों का ज्ञान, अभिप्राय पूर्णता से प्रभावित होता है।”
  • बरटोन (1961) के अनुसार-  “नैतिक विकास एवं संयुक्त घटना है, न कि पृथक्-पृथक् प्रक्रिया।”

मूल्य शिक्षा के फायदे क्या हैं, यह नीचे बताए गए हैं-

  • यह जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने और सफल होने के लिए आवश्यक किरदारों को विकसित करने में मदद करता है।
  • यह आपकी पर्सनालिटी को आकार देता है, आपको जीवन और उसके संघर्षों के प्रति विनम्र और आशावादी बनाता है।
  • आपको हर स्थिति में सही और सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर आकार देता है और आने वाली चुनौतियों और प्रतिस्पर्धा के लिए आपको मजबूत बनाता है।
  • यह छात्रों को उनके जीवन के उद्देश्य को जानने में मदद करता है और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सही रास्ता चुनने में मदद करता है।
  • यह छात्रों को दूसरों के प्रति अधिक जिम्मेदार और समझदार बनाता है। वे मनुष्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दूसरों की स्थितियों को समझने और उनके प्रति अधिक संवेदनशील बनने में सक्षम होते हैं।
  • यह आने वाली चुनौतियों और कम्पटीशन के लिए आपको मजबूत करता है।
  • यह करैक्टर का निर्माण करता है जो छात्रों को सफलता और आध्यात्मिक विकास की दिशा में मूल्यांकन करेगा।

मूल्य शिक्षा को एक अलग अनुशासन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, लेकिन शिक्षा प्रणाली के अंदर शामिल होना चाहिए। केवल समस्याओं को हल करना उद्देश्य नहीं होना चाहिए, इसके पीछे के स्पष्ट कारण और मकसद के बारे में भी सोचा जाना चाहिए। नीचे 21 वीं सदी में Value Education और आवश्यकता को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख बिंदु दिए गए हैं-

  • मूल्य शिक्षा का महत्व कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने में मदद करता है जिससे निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
  • उम्र के साथ जिम्मेदारियों की एक विस्तृत श्रृंखला आती है। यह कई बार अर्थहीनता की भावना को विकसित कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों, मध्य-करियर संकट और किसी के जीवन के साथ बढ़ते असंतोष को जन्म दे सकता है। मूल्य शिक्षा का उद्देश्य कुछ हद तक लोगों के जीवन में शून्य भरना है।
  • मूल्य शिक्षा का महत्व जिज्ञासा जगाने और मूल्यों और हितों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आगे कौशल विकास में मदद करता है।
  • इसके अलावा, जब लोग समाज और उनके जीवन में मूल्य शिक्षा का अध्ययन करते हैं, तो वे अपने लक्ष्यों और जुनून के प्रति अधिक उत्साहित और बंधे हुए होते हैं। इससे जागरूकता का विकास होता है जिसके परिणामस्वरूप विचारशील और पूर्ण निर्णय लेते हैं।
  • मूल्य शिक्षा का मुख्य महत्व मूल्य शिक्षा के क्रियान्वयन और इसकी महत्ता को अलग करने पर प्रकाश डाला गया है। यह ‘अर्थ’ की भावना को पीछे छोड़ देता है, जो किसी को करना है और इस प्रकार व्यक्तित्व विकास में सहायक है ।

समकालीन दुनिया में, मूल्य शिक्षा का महत्व कई गुना है। हमारे लिए जानना आवश्यक हो जाता है जाता कि मूल्य शिक्षा एक बच्चे की स्कूली यात्रा में शामिल है और उसके बाद भी यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे नैतिक मूल्यों के साथ-साथ नैतिकता को भी आत्मसात करें। यहाँ मूल्य शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य दिए गए हैं-

  • शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं के संदर्भ में बच्चे के व्यक्तित्व विकास के लिए एक सभी दृष्टिकोण सुनिश्चित करना।
  • देशभक्ति की भावना के साथ-साथ एक अच्छे नागरिक के मूल्यों में वृद्धि।
  • छात्रों को सामाजिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाईचारे के महत्व को समझने में मदद करना।
  • अच्छे शिष्टाचार और जिम्मेदारी और सहकारिता का विकास करना।
  • रूढ़िवादी विवरण की ओर जिज्ञासा और जिज्ञासा की भावना को बढ़ावा देना।
  • नैतिक सिद्धांतों के आधार पर ध्वनि निर्णय लेने के तरीके के बारे में छात्रों को सिखाना।
  • सोच और जीने के लोकतांत्रिक तरीके को बढ़ावा देना।
  • सहनशीलता और विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक विश्वासों के प्रति सम्मान के महत्व के साथ छात्रों को लागू करना।

माता-पिता के बाद गुरु का को ही सबसे ऊपर माना गया है। गुरु अर्थात शिक्षक उस कुम्हार के समान है जो मिट्टी रूपी विद्यार्थी को एक बरतन का आकार देकर एक योग्य व उपयोगी पात्र बना देता है। गुरू किसी भी छात्र को ऐसी शिक्षा देकर एक बेहतर मनुष्य बना देता है। एक शिक्षक ही विद्यार्थी को समाज के प्रति उसके उत्तरदायित्वों से रुबरु कराता है। एक शिक्षक का सबसे मुख्य काम यह है कि वह अपने  विद्यार्थी को वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखकर शिक्षा दे। शिक्षा में परंपरा और नवीनता का मिश्रण होना चाहिये। वो विद्यार्थी को केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित न रखे बल्कि उसे जीवन के व्यवहारिक ज्ञान की भी शिक्षा दे। विद्यार्थी तो एक गीली मिट्टी से समान होता है शिक्षक उसे जैसा ढालेगा वैसा ढल जायेगा। यहाँ पर शिक्षक की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाती है। नैतिक मूल्यों की जो शिक्षा वो विद्यार्थी को देगा उसका प्रभाव विद्यार्थी पर जीवन पर्यंत बना रहेगा। यहीं से उसके चरित्र निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी। अतः नैतिक मूल्यों के उत्थान में शिक्षक की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

हमारे जीवन में जीवन मूल्य शिक्षा का बहुत महत्व है। मूल्य शिक्षा के माध्यम से हम व्यक्ति समाज में सकारात्मक मूल्यों के क्षमताओं और अन्य प्रकार के व्यवहार को विकसित करता है जिसमें वह रहता है’। मूल्य शिक्षा का अर्थ है, दैनिक जीवन में कौशल, व्यक्तित्व के सभी दौरों को समझना। इसके माध्यम से छात्र जिम्मेदारी, अच्छी या बुरी दिशा में जीवन का महत्व, लोकतांत्रिक तरीके से जीवन यापन, संस्कृति की समझ, महत्वपूर्ण सोच आदि को समझ सकते हैं। मूल्य शिक्षा का मुख्य उद्देश्य अधिक नैतिक और लोकतांत्रिक समाज बनाना है।

मूल्य शिक्षा के कुछ सिद्धांत इस प्रकार हैं:

  • सभी का सम्मान
  • स्वास्थ्य की देखभाल करें
  • मूल्य आधारित शिक्षा के प्रकार

यदि शिक्षा का अर्थ निकालना, ग्रहण करना या अर्जित करना है, तो मूल्याधारित शिक्षा का अर्थ होगा जो मूल्य यानि कि सार या महत्व है, उसको निकालना या अर्जित करना। शिक्षा में व्यक्ति, समाज तथा राज्य के अनिवार्य तत्त्वों को शामिल किये जाने की आवश्यकता रहती है। तब ही वह समग्र तथा पूर्ण शिक्षा हो पाती है। वास्तव में शिक्षा व्यक्तित्व तथा चरित्र निर्माण का सर्वाधिक सशक्त साधन है।

मूल्य शिक्षा की विशेषताएं नीचे दी गई हैं-

  • मूल्य शिक्षा से छात्रों में सहयोग, समानता, साहस, प्रेम एवं करुणा, बन्धुत्व, श्रम-गरिमा वैज्ञानिक दृष्टिकोण, विभेदीकरण करने की क्षमता आदि गुणों का विकास होता है।
  • मूल्य शिक्षा छात्रों को एक उत्तरदायी नागरिक बनने के लिए प्रशिक्षित करती है।
  • मूल्यों के सम्बन्ध में तीसरा तथ्य यह है कि ये समाज द्वारा स्वीकृत होते हैं।
  • मूल्य समाज के अनेक विश्वास, आदर्श, सिद्धान्त, नैतिक नियम और व्यवहार के मानदण्ड होते हैं, व्यक्ति इनमें से कुछ को अधिक महत्त्व देता है और कुछ को अपेक्षाकृत कम। वह जिन्हें जितना ज्यादा महत्त्व देता है, वह उसके लिए उतने ही अधिक शक्तिशाली मूल्य होते हैं।
  • मूल्य व्यक्ति के व्यवहार को नियन्त्रित एवं दिशा निर्देशित करते हैं।

स्कूल के सिलेबस में मूल्य शिक्षा की आवश्यकता है और महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों को बुनियादी बुनियादी नैतिकताएं सीखने में मदद करता है जो उन्हें एक अच्छा नागरिक बनने के साथ-साथ मानव बनने के लिए आवश्यक हैं। नीचे इसके महत्व के बारे में बताया गया है-

  • मूल्य शिक्षा उनके भविष्य को आकार देने और जीवन में उनके सही उद्देश्य को खोजने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • चूंकि स्कूल हर बच्चे के सीखने की नींव रखता है, इसलिए स्कूल सिलेबस में मूल्य आधारित शिक्षा को जोड़ने से उन्हें अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत से सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों को सीखने में मदद मिल सकती है।
  • स्कूल में एक अनुशासन के रूप में मूल्य शिक्षा भी उच्च स्कोर के लिए अवधारणाओं, सूत्रों और सिद्धांतों को रटने के बजाय मानवीय मूल्यों को सीखने पर अधिक केंद्रित हो सकती है। इस प्रकार, मूल्य शिक्षा में कहानी का उपयोग करना भी छात्रों को मानवीय मूल्यों की अनिवार्यता सीखने में मदद कर सकता है। 
  • शिक्षा निश्चित रूप से अधूरी होगी यदि इसमें Importance of Value Education के अध्ययन को शामिल नहीं किया गया है जो हर बच्चे को अधिक दयालु, और सशक्त व्यक्ति बनने में मदद कर सकता है और इस तरह हर बच्चे में भावनात्मक बुद्धिमत्ता का पोषण कर सकता है।

मूल्य शिक्षा बच्चों के  संपूर्ण विकास में योगदान देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।हमारे बच्चों में मूल्यों को एम्बेड किए बिना, हम उन्हें अच्छी नैतिकता के बारे में नहीं सिखा पाएंगे, क्या सही है और क्या गलत है साथ ही दयालुता, सहानुभूति और करुणा जैसे प्रमुख लक्षण भी Importance of Value Education में  हैं। प्रौद्योगिकी की उपस्थिति और इसके हानिकारक उपयोग के कारण 21वीं सदी में मूल्य शिक्षा की आवश्यकता और महत्व कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। बच्चों को आवश्यक मानवीय मूल्यों के बारे में पढ़ाने से, हम उन्हें सर्वोत्तम डिजिटल कौशल से घटाया जा सकता है और उन्हें नैतिक व्यवहार और करुणा के महत्व को समझने में मदद कर सकते हैं। मूल्य शिक्षा छात्रों को जीवन के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती है और उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है, उन लोगों की मदद करती है, उनके समुदाय का सम्मान करने के साथ-साथ अधिक जिम्मेदार और समझदार बनाती है।

मूल्य शिक्षा के प्रकार

प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा से लेकर तृतीयक शिक्षा तक विभिन्न स्तरों पर मूल्य शिक्षा को कैसे शामिल किया गया है, इसका पता लगाने के लिए, हमने कुछ महत्वपूर्ण चरणों और मूल्य शिक्षा के प्रकारों के बारे में बताया है जो एक छात्र के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए इसे शामिल करना चाहिए।

भारत सहित दुनिया भर में मध्य और उच्च विद्यालय के सिलेबस में नैतिक विज्ञान या मूल्य शिक्षा का एक पाठ्यक्रम है। हालांकि, ये पाठ्यक्रम शायद ही कभी जीवन में मूल्यों के विकास और महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बल्कि नैतिकता और स्वीकार्य व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के स्तर पर मूल्य शिक्षा के कुछ प्रकार को शामिल करना रचनात्मक हो सकता है।

कुछ विश्वविद्यालयों ने पाठ्यक्रम शामिल करने या आवधिक कार्यशालाओं का आयोजन करने का प्रयास किया है जो Importance of Value Education को सिखाते हैं। उनके करियर के लक्ष्य क्या हैं और दूसरों और पर्यावरण के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता के बारे में पुनर्विचार करने वाले छात्रों के संदर्भ में सफलता का उत्साहजनक स्तर रहा है।

चिंताजनक रूप से, जो लोग अपने पेशेवर करियर में केवल 4 से 5 साल तक रहे हैं, वे नौकरी की थकावट, असंतोष और निराशा के लक्षण दिखाना शुरू करते हैं। वयस्कों के लिए मूल्य शिक्षा का महत्व तेजी से बढ़ा है। कई गैर-सरकारी फाउंडेशनों ने स्थानीय कार्यशालाओं का संचालन करना शुरू कर दिया है ताकि व्यक्ति अपने मुद्दों से निपट सकें और इस तरह के सवालों का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकें।

यह छात्रों के बीच रिश्तेदारी की भावना पैदा करने का एक और तरीका है। न केवल छात्र विनिमय कार्यक्रम संस्कृतियों की एक सारणी का पता लगाने में मदद करते हैं, बल्कि देशों की शिक्षा प्रणाली को समझने में भी मदद करते हैं।

स्कूल में सह-पाठयक्रम गतिविधियों के माध्यम से मूल्यपरक शिक्षा प्रदान करना बच्चों में शारीरिक, मानसिक और अनुशासनात्मक मूल्यों को बढ़ाता है। इसके अलावा, कठपुतली , संगीत और रचनात्मक लेखन भी  पूरे विकास में सहायता करते हैं।

शिक्षण मूल्यों की अवधारणा पर सदियों से बहस होती रही है। असहमति इस बात पर हुई है कि मूल्य शिक्षा को पहाड़ी आवश्यकता के कारण स्पष्ट रूप से पढ़ाया जाना चाहिए या क्या इसे शिक्षण प्रक्रिया में निहित किया जाना चाहिए। ध्यान देने वाली एक महत्वपूर्ण बात यह है कि कक्षाएं या पाठ्यक्रम शिक्षण मूल्यों में सफल नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से Importance of Value Education को सिखा सकते हैं। यह छात्रों को उनके आंतरिक जुनून और रुचियों की खोज करने और उनकी ओर काम करने में मदद कर सकता है। शिक्षक मूल्यों की प्रकृति की व्याख्या करने में छात्रों की सहायता कर सकते हैं और इसके लिए काम करना क्यों महत्वपूर्ण है। इस वर्ग / पाठ्यक्रम का स्थान, यदि एक होना है, तो अभी भी भयंकर बहस चल रही है।

यदि आप मूल्य शिक्षा या एक प्रस्तुति के महत्व पर एक भाषण के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो यहां एक स्लाइडशेयर पीपीटी है जिसे आप देख सकते हैं:

मूल्य शिक्षा वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति क्षमताओं, दृष्टिकोण, मूल्यों के साथ-साथ उस समाज के आधार पर सकारात्मक मूल्यों के व्यवहार के अन्य रूपों को विकसित करता है।

शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और नैतिक पहलुओं में अपने व्यक्तित्व विकास के लिए दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए मूल्य शिक्षा आवश्यक है। यह छात्रों को उनके भविष्य को आकार देने के लिए एक सकारात्मक दिशा प्रदान करता है, जिससे उन्हें अधिक जिम्मेदार और समझदार बनने और अपने जीवन के उद्देश्य को समझने में मदद मिलती है।

मान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें विकसित होने और हमारी मान्यताओं, दृष्टिकोण और व्यवहार को विकसित करने और मार्गदर्शन करने में मदद करते हैं। हमारे मूल्य हमारे निर्णय लेने में परिलक्षित होते हैं और हमें जीवन में अपना वास्तविक उद्देश्य खोजने में मदद करते हैं और एक जिम्मेदार और विकसित व्यक्ति बन जाते हैं।

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दा इंडियन वायर

जीवन पर निबंध

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By विकास सिंह

essay on life in hindi

विषय-सूचि

जीवन पर निबंध, Essay on life in hindi (200 शब्द)

इन दिनों हमारे चारों तरफ बहुत तनाव है। अधिकांश लोग कार्यालय में समस्याओं, रिश्तों में मुद्दों और विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बारे में शिकायत करते हैं। लोग इन मुद्दों से निपटने में इतने तल्लीन हैं कि वे जीवन की वास्तविक सुंदरता को नहीं देखते हैं। इन चीजों की तुलना में जीवन में बहुत कुछ है।

वास्तव में, यदि हम जीवन को करीब से देखें, तो हम महसूस करेंगे कि यह कितना सुंदर है। भगवान ने हमें हर चीज की बहुतायत दी है। यह स्पष्ट है जब हम प्रकृति को देखते हैं। पेड़, पौधे, नदियाँ और धूप – सब कुछ बहुतायत में है और यही ऊर्जा हमारे भीतर रहती है। यही जीवन का सौंदर्य है।

हालांकि, यह कहना नहीं है कि जीवन गुलाब का बिस्तर है। यह नहीं! लोगों की समस्याएं और चिंताएँ वास्तविक हैं। अमीर, गरीब, शिक्षित, अशिक्षित, सुंदर और इतने सुंदर नहीं – हर कोई समस्याओं के सेट पर है। जीवन किसी के लिए भी आसान नहीं है। हालांकि, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि यह जीवन कैसा है।

अगर सब कुछ आसान हुआ तो हम वास्तव में इसकी कद्र नहीं करेंगे। जीवन अपने तरीके से सुंदर है और हमें इसका आनंद लेने के लिए कारणों की तलाश करनी चाहिए और उन मुद्दों के बीच अपनी सुंदरता को गले लगाना चाहिए, जिनसे हम निपट रहे हैं।

जीवन मूल्य पर निबंध, Essay on value of life (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं। हम जीवन में विभिन्न बिंदुओं पर विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं। जबकि कुछ लोग इन चुनौतियों को कुछ नया सीखने के अवसर के रूप में देखते हैं और दूसरों से निराश हो जाते हैं। हम कई नई चीजें सीखते हैं जैसे हम विभिन्न चुनौतियों पर लेते हैं। ये अनुभव हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हम लक्ष्य निर्धारित करके कई चुनौतियों को पार कर सकते हैं। लक्ष्य हमें बाधाओं के बावजूद हासिल करने का दृढ़ संकल्प देते हैं।

चुनौतियों से निपटना :

चुनौतियों के लिए हमें अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने की आवश्यकता है। इनसे निपटना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि, हमें उनके साथ साहस और दृढ़ता के साथ पेश आना चाहिए। जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

शांत रहो :

कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्थिति क्या है हम इसे शांति से निपटना चाहिए। हम एक समाधान के बारे में सोचने और उस पर कार्य करने में सक्षम होंगे, जब हम शांत रहेंगे। यदि हम इसके बारे में लगातार तनाव लेते हैं तो हम बुद्धिमानी से काम नहीं कर पाएंगे।

दृढ़ निश्चयी रहें :

स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, कुंजी का दृढ़ रहना और चलते रहना है। हमें आधा रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।

परिवार और दोस्तों से मदद लें :

जरूरत पड़ने पर परिवार और दोस्तों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। हालाँकि, हमें उन पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए।

जीवन को उद्देश्य दो :

जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। हमें अपने व्यक्तिगत के साथ-साथ पेशेवर जीवन के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

लक्ष्य हमारे जीवन को उद्देश्य देते हैं। लक्ष्य निर्धारित करने के लिए, हमें पहले समझना चाहिए कि हम जीवन में क्या चाहते हैं और फिर इसे प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं। हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा एक समय सीमा तय करनी चाहिए।

निष्कर्ष :

जबकि चुनौतियाँ हमें नए अनुभवों के माध्यम से ले जाती हैं और हमें मजबूत बनाती हैं, लक्ष्य हमें केंद्रित रहने में मदद करते हैं। चुनौतियां और लक्ष्य दोनों ही जीवन में महत्वपूर्ण हैं।

जीवन का महत्व पर निबंध, Essay on importance of life (400 शब्द)

जीवन एक अनमोल उपहार है। इसे ध्यान से संभालना चाहिए। हमें धरती पर भेजने के लिए और हमें रहने के लिए ऐसे सुंदर वातावरण देने के लिए हमें ईश्वर का आभारी होना चाहिए। हमें पूर्ण जीवन जीने के लिए हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए ईश्वर का भी आभारी होना चाहिए। सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवरों, पक्षियों और पौधों का जीवन भी उतना ही कीमती है और हमें भी इसका महत्व होना चाहिए।

जीवन की सराहना करें :

हमें अपने जीवन में अच्छे की सराहना करनी चाहिए और उसी के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए। कई लोग अपने जीवन में जिस तरह से आगे बढ़ते हैं, उससे खुश नहीं होते हैं। वे लगभग हर चीज और हर किसी की आलोचना करते हैं और एक नकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि जिस तथ्य को जीने के लिए उन्हें जीवन दिया गया है वह अपने आप में एक बड़ी बात है।

तथ्य यह है कि वे अच्छे स्वास्थ्य में हैं, इसके लिए आभारी होने का एक कारण है। तथ्य यह है कि वे सक्षम हैं और कड़ी मेहनत कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं आभारी होने का एक और कारण है। उन्हें इस बात की सराहना करनी चाहिए कि उनके पास क्या है और इसके लिए वे आभारी हैं। कुछ और प्रयास से सब कुछ हासिल किया जा सकता है।

जीवन बर्बाद मत करो :

बहुत से लोग बुरी आदतों जैसे धूम्रपान, शराब पीना और ड्रग्स लेना पसंद करते हैं। इनका सेवन करने के बाद पैदा हुआ कहर इनके जीवन के साथ-साथ आसपास के लोगों के लिए भी खतरा बन सकता है। बहुत से लोग पीते हैं और अपनी कार पर निर्दोष लोगों को मारते हैं या उन्हें बुरी तरह घायल करते हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं के दौरान खुद को भी चोट पहुंचाई। इसके अलावा, इन सभी चीजों का व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वे समय के साथ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देते हैं और इस तरह अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को बर्बाद करते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि जीवन अनमोल है। हम एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकते हैं और इसमें मूल्य जोड़ सकते हैं या इसे बर्बाद कर सकते हैं और गड़बड़ कर सकते हैं।

बहुत से लोगों को जीवन में बाद में यह महसूस होता है कि ज्यादातर एक बड़ी समस्या है। इसके बाद बहुत देर हो चुकी है और वे वापस नहीं जा सकते हैं और अपने जीवन को ठीक से नेहं जी सकते हैं। हमें जीवन नामक इस उपहार को महत्व देना चाहिए जब अभी भी समय है और इसका आनंद लेने के लिए सही रास्ते पर चलें।

भगवान ने हमें प्रकृति की सुंदरता को जीने और आनंद लेने का मौका दिया है। जीवन एक अनमोल उपहार है और हम सभी को इसका महत्व देना चाहिए। हमें इस उपहार का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए और सकारात्मक रहना चाहिए। हमें अपने आसपास के लोगों के जीवन को भी महत्व देना चाहिए।

जिंदगी पर निबंध, Life essay in hindi (500 शब्द)

हमारे चारों तरफ एक पागल भीड़ है। स्कूलों, कार्यालयों, व्यवसायों और यहां तक ​​कि घरों में भी – लोग इधर-उधर भाग रहे हैं, विभिन्न चीजों का पीछा कर रहे हैं और चीजों को तेजी से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं जैसे कि वे एक ट्रेन को याद करने वाले हैं। कहीं न कहीं यह उत्सुकता और बेचैनी उनके बच्चों पर भी नागवार गुजरती है। हम वास्तव में कहां पहुंचना चाहते हैं? और जब हम वहां पहुंचेंगे तो हमें कैसा लगेगा? हमें इन सवालों को धीमा करने और खुद से पूछने की जरूरत है।

हमें यह समझना चाहिए कि जीवन एक यात्रा है न कि मंजिल। इसका मतलब है कि हमें धीरे-धीरे और शांति से हर पल का आनंद लेने और इसके माध्यम से भागने के बजाय इसका अधिकतम लाभ उठाने की आवश्यकता है।

छोटी चीजों में खुशी पाएं :

हम अक्सर जीवन में छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं और विश्वास करते हुए बड़ी चीजों का पीछा करते रहते हैं कि वे हमें खुशी देंगे। हमारे बड़े सपने और लक्ष्य प्राप्त करते समय हमें संतुष्टि मिलती है लेकिन यह जीवन की छोटी चीजें हैं जो हमें सच्ची खुशी देती हैं। ये वो चीजें हैं जो जीवन में बाद में हमारे चेहरे पर मुस्कान लाती हैं।

उदाहरण के लिए, माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी तरह से व्यवहार करने, समर्पित रूप से अध्ययन करने और समय पर सोने के लिए कहते रहते हैं।

वे यह सब उनमें अनुशासन को बढ़ाने के लिए करते हैं। वे चाहते हैं कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें ताकि वे एक अच्छी स्ट्रीम चुन सकें और एक पुरस्कृत करियर बना सकें। उनका मानना ​​है कि यह सब उन्हें एक अच्छा जीवन साथी पाने में मदद करेगा और एक खुशहाल निजी जीवन का निर्माण भी करेगा।

उनके अच्छे इरादे हैं लेकिन क्या वे वास्तव में अपने बच्चों का भला कर रहे हैं? एक तरह से, नहीं, जैसा कि वे अपने जीवन के अनमोल क्षणों को चुरा रहे हैं जो अधिक खुशी से खर्च किए जा सकते हैं।

जीवन की यात्रा का आनंद लें, जल्दी ना करें :

किसी व्यक्ति के जीवन के पहले बीस वर्ष उनके अध्यायों को गढ़ने और अच्छे अंक लाने के प्रयास में व्यतीत होते हैं। बच्चों को बार-बार कहा जाता है कि वे एक बार अच्छी नौकरी पाने के बाद आनंद ले सकते हैं। जब उन्हें अच्छी नौकरी मिलती है, तो उन्हें कंपनी में एक अच्छे पद पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा जाता है।

फिर उन्हें बताया जाता है कि एक निश्चित स्थान पर पहुंचने के बाद वे अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं। जब वे कंपनी में अच्छी स्थिति में पहुंच जाते हैं, तो उन्हें स्थिति को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। उनके लिए परिवार की योजना बनाने और विभिन्न जिम्मेदारियों को पूरा करने का समय भी है।

फिर उन्हें बताया जाता है कि वे रिटायर होने के बाद शांति से रह सकते हैं और जीवन का आनंद ले सकते हैं। कोई यह भी नहीं सोचता है कि वे उस उम्र में प्रवेश करने पर जीवन का आनंद लेने के लिए उसी उत्साह, ऊर्जा और उत्साह के साथ नहीं छोड़े जाएंगे।

अभी जीवन चल रहा है। हमें यहां और अभी का आनंद लेना चाहिए और जीवन के उस पड़ाव पर पहुंचने के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए, जिस तरह से हम चाहते हैं।

लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना महत्वपूर्ण है। हमें अपने लक्ष्यों के लिए समय सीमा भी निर्धारित करनी चाहिए, ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए बुद्धिमानी से अपने समय का उपयोग करना चाहिए। जो हमें बचना चाहिए, वह है उनकी ओर भागना।

जैसे ही हम अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं, हमें कई नए अनुभव होंगे। ये सभी हमें मजबूत और समझदार बनाएंगे। हमें खुद को इन नई चीजों को देखने और अनुभव करने की अनुमति देनी चाहिए और लक्ष्य की ओर भागने के बजाय उनसे सीखना चाहिए।

जिंदगी का महत्व निबंध, life value essay in hindi (600 शब्द)

हम सभी का जीवन सिर्फ एक है। हम सीमित समय के लिए पृथ्वी पर हैं और यह नहीं जानते कि हमारा समय कब समाप्त होगा। इस प्रकार हमारे पास सबसे अधिक समय होना चाहिए। हमें अच्छे कर्म करने चाहिए, जितना हो सके उतना मदद करें, हमारे आसपास की सुंदरता की सराहना करें और सकारात्मक रहें।

हमें जीवन को महत्व देना चाहिए और उन सभी के लिए आभारी होना चाहिए जो हमारे पास नहीं हैं, हम भाग्यशाली हैं कि जिस तरह का जीवन हम करते हैं।

दार्शनिकों द्वारा जीवन का सही मूल्य :

विभिन्न दार्शनिकों, विद्वानों और साहित्यकारों ने विभिन्न तरीकों से जीवन के सही मूल्य को परिभाषित किया है। कवि के रूप में हेनरी डेविड के अनुसार, “जीवन में कोई मूल्य नहीं है सिवाय इसके कि आप उस पर क्या चुनते हैं।” “मनुष्य का वास्तविक मूल्य उस हद तक पाया जा सकता है, जिसमें उसने स्वयं से मुक्ति प्राप्त की है”, अल्बर्ट ने कहा। आइंस्टाइन।

दूसरी ओर, माइल्स मुनरो कहती हैं, “जीवन का मूल्य इसकी अवधि में नहीं है। आप कितने समय तक जीवित रहते हैं, इस वजह से आप महत्वपूर्ण नहीं हैं, क्योंकि आप कितने प्रभावी हैं।

जीवन के उद्देश्य को पहचानें :

हर दिन अलग-अलग लोग अलग-अलग गतिविधियों में शामिल होते हैं। कुछ लोग अध्ययन करते हैं, कुछ घर के काम करते हैं, कुछ व्यवसाय की योजनाओं पर काम करते हैं, कुछ एक नियोक्ता के लिए काम करते हैं और कुछ बस आनंद लेते हैं और अपना समय निकाल देते हैं।

कुछ लोग प्रत्येक दिन इनमें से एक या दो से अधिक कार्यों को पूरा करते हैं। वे इन कार्यों को दिन और दिन बाहर करते रहते हैं और सप्ताहांत में छुट्टी ले सकते हैं। वे एक या दो दिन की छुट्टी की योजना बना सकते हैं और स्थानीय स्तर पर घूमने के लिए घूम सकते हैं लेकिन जैसे ही अगले सप्ताह शुरू होता है, वे अपने नियमित कार्यों के साथ फिर से शुरू करते हैं। वे इसे पसंद करते हैं या नहीं, वे हर दिन नारे लगाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह वही है जो वे करने के लिए हैं।

हालाँकि, यह एक गलत धारणा है। ये दैनिक कार्य इस दुनिया में जीवित रहने का एक तरीका है। हम पढ़ाई करते हैं, अपने घर को सुव्यवस्थित करते हैं, खाना बनाते हैं, काम पर जाते हैं और सिर्फ पैसा कमाते हैं ताकि हम आराम से रह सकें। यह हमारा जीवन का वास्तविक उद्देश्य नहीं है। यह हमारी आत्मा के लिए मूल्य नहीं जोड़ता है।

भगवान ने हमें एक उद्देश्य के साथ इस पृथ्वी पर भेजा है। हमें इस उद्देश्य की पहचान करने और इसे प्राप्त करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। एक बार जब हम उद्देश्य को जान लेते हैं और इसे सफलतापूर्वक प्राप्त कर लेते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए कि यह कैसे हमारे आस-पास के लोगों की मदद कर सकता है और उनकी सहायता करने के तरीकों की तलाश कर सकता है। हम में से प्रत्येक को एक विशेष शक्ति या उपहार के साथ दिया गया है। दुनिया को रहने के लिए और अधिक सुंदर जगह बनाने के लिए हमें इसे दूसरों के साथ साझा करना चाहिए।

आभारी रहें :

हमें अपने जीवन में हर चीज और हर किसी को महत्व देना चाहिए। हमारे जीवन में कुछ भी नहीं लिया जाना चाहिए। हमें अपने माता-पिता, अपने भाई-बहनों, अपने दोस्तों, अपनी नौकरी, अपने घर, अपने सामान और उन सभी चीजों को महत्व देना चाहिए जो भगवान ने हमें प्रदान किए हैं। और सबसे बढ़कर, हमें अपने जीवन को महत्व देना चाहिए।

हमें अपनी देखभाल करने की क्षमता देने के लिए सर्वशक्तिमान के प्रति आभारी होना चाहिए। हमें हमेशा जीवन के सकारात्मक पक्ष को देखना चाहिए। हमें अपने आशीर्वादों को गिनना चाहिए और उन्हें महत्व देना चाहिए। ईश्वर ने हमें सराहना के लिए बहुत सी चीजें दी हैं और हमें अपने आस-पास के लोगों की मदद करके उन्हें धन्यवाद देना चाहिए। हमें उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद करनी चाहिए।

हम मानवता की सेवा करने और इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए पैदा हुए हैं। हमें उन सभी के लिए आभारी होना चाहिए जो हमारे पास हैं और विनम्र बने रहें। हम सभी कुछ अनोखी शक्ति से धन्य हैं। हमारा उद्देश्य इसे पहचानना है और इसका इस्तेमाल खुद के साथ-साथ हमारे आस-पास के सभी लोगों के उत्थान के लिए करना है। यही हमारे जीवन का सही मूल्य है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Superb bro…..👍👍👍👍

आपका आर्टिकल  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध | Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi 2021  हमे बहुत पसंद आया

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बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध | essay on Increasing materialism reducing human values in hindi

बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध essay on Increasing materialism reducing human values in Hindi

बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध | essay on Increasing materialism reducing human values in hindi

 उपभोक्तावादी संस्कृति का प्रसार – आज के वैज्ञानिक युग में उपभोक्तावादी संस्कृति बढ़ रही हैं. अब पुराने रहन सहन धार्मिक आध्यात्मिक जीवन एवं सात्विक आचरण को पुराणपंथी तथा ढोंग बताया जाता हैं.

भौतिकतावादी प्रवृत्ति उत्तरोतर बढने से अब मौज मस्ती एशो आराम फैशनपरस्ती एवं अंधानुकरण को जिन्दगी का सर्वश्रेष्ट पक्ष माना जा रहा हैं.

यह भौतिकतावादी संस्कृति कुछ तो पाश्चात्य देशों से आयतित हैं तथा कुछ नई सभ्यता की होड़ा होड़ी से चल रही हैं. इस भौतिकतावादी प्रवृत्ति के कारण सामाजिक जीवन वितृष्णा से आक्रान्त हो रहा हैं, साथ ही मानवीय मूल्यों का पतन व हास भी हो रहा हैं.

भौतिकता का व्यामोह – भौतिकतावादी प्रवृत्ति वस्तुतः चार्वाक मत का नया रूप हैं. आज हर आदमी अपनी जेब का वजन न देखकर मोबाइल, टेलीफोन, टेलीविजन, फ्रिज, कूलर, कार आदि भौतिक साधनों की जुगाड़ में लगा रहता हैं.

बैंकों से अथवा उत्पादक कम्पनियों से ऋण लेकर व्यक्ति इनकी पूर्ति कर लेता हैं, परन्तु वह ऋण चुकाने के चक्कर में वह कितना परेशान रहता हैं यह हर कोई जानता हैं.

फैशन के अनुसार कपड़े पहनना, जूते पहनना, सिगरेट, शराब पान आदि का सेवन करना, कोल्ड ड्रिक एवं मिनरल वाटर का अभ्यस्त बनाना, क्लब व किटी पार्टी को अपनी इज्जत का प्रतीक मानना तथा भौतिक सुविधाओं को जिन्दगी का सच्चा सुख बताना आज मुख्य सिद्धांत बन गया हैं. इस तरह निम्न मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक भौतिकता का व्यामोह फ़ैल रहा हैं.

बढ़ती भौतिकता का कुप्रभाव – भौतिकता के साधनों की पूर्ति से अनेक कुप्रभाव देखे जा रहे हैं. इससे निम्न मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही हैं, ऋण बोझ बढ़ रहा हैं. फलस्वरूप परिवार में अशांति व कलह बढ़ रहा हैं. ऋण मुक्ति की खातिर मानसिक तनाव बढ़ने से आत्महत्या तक की जा रही हैं.

अब सामाजिक दायित्व का निर्वाह न करना, आपसी सम्बन्ध न मानना, यांत्रिक जीवन की नीरसता से कुंठित रहना इत्यादि अनेक कुप्रभाव देखने को मिल रहे हैं. कर्मचारियों के द्वारा रिश्वत लेना, गबन तथा फरेब करना, भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानना भी बढ़ती भौतिकता का ही कुप्रभाव हैं.

भौतिकता से मानवीय मूल्यों का हास – भौतिकता की प्रवृत्ति के कारण सर्वाधिक हानि मानवीय मूल्यों की हुई हैं. अब राह चलती महिलाओं से छीना झपटी करना, भाई बन्धुओं की सम्पति हडपने का प्रयास करना, बलात्कार, धोखाघड़ी, मक्कारी, सहानुभूति संवेदना न रखना, अस्त्याचरण, दूध घी आदि में मिलावट करना, प्रबल स्वार्थी भावना रखना आदि अनेक बुराइयों से सामाजिक सम्बन्ध तार तार हो रहे हैं. इसी प्रकार आज सभी पुराने आदर्शों एवं मानवीय मूल्यों का पतन हो रहा हैं.

उपसंहार – आज भौतिकतावाद का युग हैं. भौतिकता की चकाचौंध में मानव इतना विमुग्ध हो रहा हैं. कि  वह मानवीय अस्मिता को भूल रहा हैं.

इस कारण सामाजिक जीवन पर कुप्रभाव पड़ रहा हैं.और मानव मूल्यों एवं  आदर्शों का लगातार हास हो रहा हैं. यह स्थिति मानव सभ्यता के लिए चिंतनीय हैं.

  • मानवीय मूल्यों पर सुविचार
  • भारत की विदेश नीति का मूल्यांकन
  • हमारे मौलिक कर्तव्य
  • साहित्य समाज का दर्पण है
  • भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव

आशा करता हूँ दोस्तों बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध essay on Increasing materialism reducing human values in hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों essay on विद्यार्थियों में घटते मानवीय मूल्य पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे.

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HindiLearning

बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – Increasing Materialism Reducing Human Values Essay In Hindi

Hindi Essay प्रत्येक क्लास के छात्र को पढ़ने पड़ते है और यह एग्जाम में महत्वपूर्ण भी होते है इसी को ध्यान में रखते हुए hindilearning.in में आपको विस्तार से essay को बताया गया है |

बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Essay On Increasing Materialism Reducing Human Values In Hindi)

  • प्रस्तावना,
  • भौतिकवादी विचारधारा एवं मानवीय मूल्य,
  • भौतिक विज्ञान और मनुष्य,
  • मानवीय मूल्यों का ह्रास,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं|

प्रस्तावना– भारतीय मनीषियों ने मनुष्य और पशु के बीच विभेद का आधार बताते हुए कहा है-

आहार निद्रा भय मैथुनं च, सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम्। धर्मोहितेषामधिको विशेषो, धर्मेण हीना पशुभिः समानाः॥

अर्थात् भोजन, शयन, भय, कामेच्छा आदि मनुष्यों और पशुओं में एक समान है। धर्म ही वह विशिष्ट गुण है जो मनुष्य को पशु से भिन्न सिद्ध करता है। धर्म का अर्थ है–मानवीय कर्तव्यों का बोध और उनको जीवन में धारण करना। अत: हमारे यहाँ धर्म का अर्थ कोई उपासना–प्रणाली नहीं, अपितु सत्य, करुणा, उपकार, प्रेम, मैत्री, उदारता, क्षमा आदि मानवीय मूल्यों का धारण किया जाना है। मानवीय मूल्यों से रहित मनुष्य और पशु में कोई अन्तर नहीं।

भौतिकतावादी विचारधारा एवं मानवीय मूल्य– मनुष्य भी अन्य जीवों की भाँति एक भौतिक प्राणी है। अन्य प्राणियों के समान खाना, पीना, सोना, कामेच्छा–पूर्ति आदि उसकी भी भौतिक आवश्यकताएँ हैं। भौतिक दृष्टि से इन इच्छाओं की पूर्ति ही जीने का उद्देश्य है। यदि केवल इसी को मानव–जीवन का ध्येय माना जाय तो जीवन–मूल्यों की बात करना ही व्यर्थ है। जिसे मानव समाज सभ्यता और संस्कृति कहकर गर्व से फूला नहीं समाता, उसकी संरचना के आधारस्तम्भ दधीचि, रंतिदेव, सुकरात, ईसा, अशोक, गौतम और गांधी जैसे महापुरुष हैं, जो मानवीय–मूल्यों के ध्वजवाहक

भौतिक विज्ञान और मनुष्य-

आज की दुनियाँ विचित्र नवीन, प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन।

प्राय: विज्ञान और मानवीय मूल्यों को एक– दूसरे का विरोधी दर्शाया जाता है। सच तो यह है कि आदिकाल से ही विज्ञान और मानवीय मूल्य मनुष्य के जीवन–साथी रहे हैं। आग जलाने से लेकर परमाणु बम बनाने तक की यात्रा मनुष्य के वैज्ञानिक विकास की कहानी है। विज्ञान की असीमित शक्ति मनुष्य के हाथ में है परन्तु इसी के समानान्तर मनुष्य ने जीवन–मूल्यों का भी विकास किया है।

कोई भी ज्ञान– विज्ञान अपने आप में लाभकारी या हानिकारक नहीं होता। मनुष्य का उसके प्रति दृष्टिकोण ही उसका स्थान निश्चित किया करता है। उन्नीसवीं सदी से विज्ञान की प्रगति में जो तीव्रता आई, वह इक्कीसवीं सदी में अपने चरम विकास की ओर बढ़ रही है। रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, मनोरंजन, व्यवसाय, सैन्य सामग्री सभी क्षेत्रों में वैज्ञानिक उपकरणों की ४ म मची हुई है। विज्ञान की यह प्रगति यदि विश्व के हितार्थ नहीं है तो विज्ञान का होना ही बेकार है-

लक्ष्य क्या? उद्देश्य क्या? क्या अर्थ? यह नहीं यदि ज्ञात तो विज्ञान का श्रम व्यर्थ।

मानवीय मूल्यों का ह्रास– सच पूछा जाए तो भौतिक विज्ञान ने मनुष्य के सामने इतनी विलास–सामग्री परोस दी है कि वह उन्हें पाने के लिए अत्यन्त लालायित ही नहीं पागल हो रहा है। मूल्यवान् वस्त्र, कीमती भोज्य पदार्थ, बढ़िया मकान, टी.वी., फ्रिज, ए.सी., कार और अन्यान्य विलास–व्यवस्थाएँ ही जीवन का लक्ष्य बन गये हैं।

भौतिक विज्ञान की इस धूमधाम ने मानवीय मूल्यों को अपूरणीय क्षति पहुँचाई है। आज समाज में व्याप्त आपा–धापी, नैतिक अराजकता और मूल्यों के तिरस्कार के लिए भौतिक विज्ञान ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उत्तरदायी है।

पसंहार– भौतिकवादी दृष्टि का यह भयावह विस्तार मानव–समाज को संकट के ऐसे बिन्दु की ओर धकेल रहा है, जहाँ से मानव–मंगल की ओर लौट पाना असम्भव हो जाएगा। अतः भौतिक विज्ञान की उपलब्धियों पर मुग्ध मानव–समाज को मानवीय मूल्यों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

दूसरे विषयों पर हिंदी निबंध लेखन: Click Here

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

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  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
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  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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Essay on Human Values

Students are often asked to write an essay on Human Values in their schools and colleges. And if you’re also looking for the same, we have created 100-word, 250-word, and 500-word essays on the topic.

Let’s take a look…

100 Words Essay on Human Values

Introduction.

Human values are the principles that guide us to distinguish between right and wrong. They are the foundation of our character and personality.

Types of Human Values

Values like honesty, kindness, respect, and responsibility are crucial. They shape our behavior and decisions, influencing how we interact with others.

Importance of Human Values

Human values are important as they help maintain harmony in society. They promote good behavior and understanding, fostering positive relationships.

In conclusion, human values are essential for personal growth and societal harmony. They guide us in leading a fulfilling and respectful life.

250 Words Essay on Human Values

Human values are the principles, standards, or qualities considered worthwhile or desirable within a society. They are the essence of our personality, shaping our thoughts, actions, and interactions.

The Importance of Human Values

Human values play a crucial role in the development of an individual’s character and the society they inhabit. They act as a guiding light, helping us make decisions that are not only beneficial to us but also to others around us. Values such as honesty, integrity, and compassion promote cooperation, trust, and social cohesion.

Values are generally classified into two categories: intrinsic and extrinsic. Intrinsic values are those we consider important because they contribute to our inner self, such as wisdom and knowledge. Extrinsic values, on the other hand, are those that are valued for their outcomes, like money or power.

Human Values in the Modern World

In today’s fast-paced world, the significance of human values is often overlooked. The relentless pursuit of materialistic gains often leads to a disregard for these fundamental values, causing societal discord and personal dissatisfaction.

A society that upholds human values fosters a sense of unity, peace, and satisfaction among its members. Therefore, it is essential to cultivate and uphold these values for the betterment of ourselves and our society. In the end, human values are the bedrock upon which a harmonious society is built.

500 Words Essay on Human Values

Introduction to human values.

Human values are the principles, standards, or qualities considered worthwhile or desirable. They are the essence of our personality, shaping our character and behavior. They are the fundamental beliefs that dictate what is right and wrong, guiding our actions and interactions.

Classification of Human Values

Human values can be classified into two categories: personal and cultural. Personal values are individual beliefs that people hold dear. They may include honesty, integrity, and kindness. Cultural values, on the other hand, are shared beliefs within a community or society. They can be seen in social norms, traditions, and practices.

Human values are essential in maintaining societal harmony. They foster understanding, tolerance, and mutual respect among individuals. They are the cornerstones of ethical behavior, promoting fairness, justice, and equality. Additionally, they encourage personal growth, self-discipline, and responsibility.

Human Values and Morality

There is a strong correlation between human values and morality. Values serve as the foundation for moral codes, influencing our judgment of what is morally acceptable or unacceptable. They shape our conscience, influencing our decisions and actions. Therefore, a strong value system is crucial for moral development and ethical conduct.

Human Values and Education

Education plays a significant role in instilling and promoting human values. It not only imparts knowledge but also cultivates values, shaping the character of students. The integration of value education in the curriculum fosters empathy, respect, and social responsibility among learners. It prepares them to be morally upright and socially responsible citizens.

Challenges to Human Values in the Modern World

In the modern world, human values face several challenges. Materialistic pursuits often overshadow moral values, leading to unethical practices. Technological advancements, while beneficial, can also breed isolation and selfishness, undermining social values. Therefore, it is crucial to balance material progress with moral progress to uphold human values.

Conclusion: Upholding Human Values

Human values are integral to our existence and co-existence. They are the guiding principles that shape our actions, decisions, and interactions. Despite the challenges, it is imperative to uphold and promote human values. In doing so, we can foster a society that values integrity, respect, and compassion, paving the way for a harmonious and just world.

That’s it! I hope the essay helped you.

If you’re looking for more, here are essays on other interesting topics:

  • Essay on Concerning Human Understanding
  • Essay on National Animal Tiger
  • Essay on Save Tiger

Apart from these, you can look at all the essays by clicking here .

Happy studying!

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human values essay in hindi

Chelsea Becker plays with a toddler and baby in a bright living room.

Now Hiring: Sophisticated (but Part-Time) Chatbot Tutors

The human work of teaching A.I. is getting a lot more complex as the technology improves.

Chelsea Becker, with her two children, started gig work training chatbots after she went on leave after her daughter was born. Credit... Hannah Yoon for The New York Times

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Yiwen Lu

By Yiwen Lu

Reporting from San Francisco

  • April 10, 2024

After her second child was born, Chelsea Becker took an unpaid, yearlong leave from her full-time job as a flight attendant. After watching a video on TikTok, she found a side hustle: training artificial intelligence models for a website called Data Annotation Tech.

For a few hours every day, Ms. Becker, 33, who lives in Schwenksville, Pa., would sit at her laptop and interact with an A.I.-powered chatbot. For every hour of work, she was paid $20 to $40. From December to March, she made over $10,000.

The boom in A.I. technology has put a more sophisticated spin on a kind of gig work that doesn’t require leaving the house. The growth of large language models like the technology powering OpenAI’s ChatGPT has fueled the need for trainers like Ms. Becker, fluent English speakers who can produce quality writing.

Ms. Becker sits on a couch with a baby and toddler.

It is not a secret that A.I. models learn from humans. For years, makers of A.I. systems like Google and OpenAI have relied on low-paid workers, typically contractors employed through other companies, to help computers visually identify subjects. (The New York Times has sued OpenAI and its partner, Microsoft, on claims of copyright infringement.) They might label vehicles and pedestrians for self-driving cars or identify images on photos used to train A.I. systems.

But as A.I. technology has become more sophisticated, so has the job of people who must painstakingly teach it. Yesterday’s photo tagger is today’s essay writer.

There are usually two types of work for these trainers: supervised learning, where the A.I. learns from human-generated writing, and reinforcement learning from human feedback , where the chatbot learns from how humans rate their responses.

Companies that specialize in data curation, including the San Francisco-based start-ups Scale AI and Surge AI, hire contractors and sell their training data to bigger developers. Developers of A.I. models, such as the Toronto-based start-up Cohere, also recruit in-house data annotators.

It is difficult to estimate the total number of these gig workers, researchers said. But Scale AI, which hires contractors through its subsidiaries, Remotasks and Outlier, said it was common to see tens of thousands of people working on the platform at a given time.

But as with other types of gig work, the ease of flexible hours comes with its own challenges. Some workers said they never interacted with administrators behind the recruitment sites, and others had been cut off from the work with no explanation. Researchers have also raised concerns over a lack of standards, since workers typically don’t receive training on what are considered to be appropriate chatbot answers.

To become one of these contractors, workers have to pass an assessment, which includes questions like whether a social media post should be considered hateful, and why. Another one requires a more creative approach, asking contracting prospects to write a fictional short story about a green dancing octopus, set in Sam Bankman-Fried’s FTX offices on Nov. 8, 2022. (That was the day Binance, an FTX competitor , said it would buy Mr. Bankman-Fried’s company before later quickly backing out of the deal.)

Sometimes, companies look for subject matter experts. Scale AI has posted jobs for contract writers who hold master’s or doctoral degrees in Hindi and Japanese. Outlier has job listings that mention requirements like academic degrees in math, chemistry and physics.

“What really makes the A.I. useful to its users is the human layer of data, and that really needs to be done by smart humans and skilled humans and humans with a particular degree of expertise and a creative bent,” said Willow Primack, vice president of data operations at Scale AI. “We have been focusing on contractors, particularly within North America, as a result.”

Alynzia Fenske, a self-published fiction writer, had never interacted with an A.I. chatbot before hearing a lot from fellow writers who considered A.I. a threat. So when she came across a video on TikTok about Data Annotation Tech, part of her motivation was just to learn as much about A.I. as she could and see for herself whether the fears surrounding A.I. were warranted.

“It’s giving me a whole different view of it now that I’ve been working with it,” said Ms. Fenske, 28, who lives in Oakley, Wis. “It is comforting knowing that there are human beings behind it.” Since February, she has been aiming for 15 hours of data annotation work every week so she can support herself while pursuing a writing career.

Ese Agboh, 28, a master’s student studying computer science at the University of Arkansas, was given the task of coding projects, which paid $40 to $45 an hour. She would ask the chatbot to design a motion sensor program that helps gymgoers count their repetitions, and then evaluate the computer codes written by the A.I. In another case, she would load a data set about grocery items to the program and ask the chatbot to design a monthly budget. Sometimes she would even evaluate other annotators’ codes, which experts said are used to ensure data quality.

She made $2,500. But her account was permanently suspended by the platform for violating its code of conduct. She did not receive an explanation, but she suspected that it was because she worked while in Nigeria, since the site wanted workers based in only certain countries.

That is the fundamental challenge of online gig work: It can disappear at any time. With no one available for help, frustrated contractors turned to social media, sharing their experiences on Reddit and TikTok. Jackie Mitchell, 26, gained a large following on TikTok because of her content on side hustles, including data annotation work.

“I get the appeal,” she said, referring to side hustles as an “unfortunate necessity” in this economy and “a hallmark of my generation and the generation above me.”

Public records show that Surge AI owns Data Annotation Tech. Neither the company nor its chief executive, Edwin Chen, responded to requests for comments.

It is common for companies to hire contractors through subsidiaries. They do so to protect the identity of their customers, and it helps them avoid bad press associated with working conditions for its low-paid contract workers, said James Muldoon, a University of Essex management professor whose research focuses on A.I. data work.

A majority of today’s data workers depend on wages from their gig work. Milagros Miceli, a sociologist and computer scientist researching labor conditions in data work, said that while “a lot of people are doing this for fun, because of the gamification that comes with it,” a bulk of the work is still “done by workers who actually really need the money and do this as a main income.”

Researchers are also concerned about the lack of safety standards in data labeling. Workers are sometimes asked to address sensitive issues like whether certain events or acts should be considered genocide or what gender should appear in an A.I.-generated image of a soccer team, but they are not trained on how to make that evaluation.

“It’s fundamentally not a good idea to outsource or crowdsource concerns about safety and ethics,” Professor Muldoon said. “You need to be guided by principles and values, and what your company actually decides as the right thing to do on a particular issue.”

Yiwen Lu reports on technology for The Times. More about Yiwen Lu

Explore Our Coverage of Artificial Intelligence

News  and Analysis

Mistral, a French A.I. start-up considered a promising challenger to OpenAI and Google, is getting support from European leaders .

Jim VandeHei, the C.E.O. of Axios, is becoming one of the first news executives to adjust their company’s strategy  because of the rise of generative A.I.

OpenAI unveiled Voice Engine , an A.I. technology that can recreate a person’s voice from a 15-second recording.

The Age of A.I.

U.S. clinics are starting to offer patients a new service: having their mammograms read not just by a radiologist, but also by an A.I. model .

A.I. tools can replace much of Wall Street’s entry-level white-collar work , raising tough questions about the future of finance.

The boom in A.I. technology has put a more sophisticated spin on a kind of gig work that doesn’t require leaving the house: training A.I, models .

Teen girls are confronting an epidemic of deepfake nudes in schools  across the United States, as middle and high school students have used A.I. to fabricate explicit images of female classmates.

A.I. is peering into restaurant garbage pails  and crunching grocery-store data to try to figure out how to send less uneaten food into dumpsters.

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