स्वस्थ भोजन पर निबंध

Essay on Healthy Food in Hindi: हम यहां पर स्वस्थ भोजन पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में स्वस्थ भोजन के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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स्वस्थ भोजन पर निबंध | Essay on Healthy Food in Hindi

स्वस्थ भोजन पर निबंध (250 शब्द).

हर एक व्यक्ति के लिए स्वस्थ भोजन बहुत ही जरूरी होता हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन को सही तरीके से आजकल कोई नहीं अपनाता हैं। सब अपने जीवन में इतने व्यस्त रहते हैं कि हर दिन फास्ट फूड खाते हैं और धीरे-धीरे स्वस्थ भोजन को सब भूल रहे हैं लेकिन स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को जो- जो फायदे देता हैं, वह सब फायदे आजकल की जनरेशन में हमें देखने को नहीं मिलते हैं।

फास्ट फूड को अपनाने के कारण वर्तमान समय में हमारे बीच कई नई नई बीमारियां उत्पन्न होती हैं और उन बीमारियों से लोग अपनी जान भी गवां रहे हैं। अगर इसी जगह हर व्यक्ति अपने भोजन में स्वस्थ भोजन को शामिल करें, तो वह अपने जीवन भर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता हैं। साथ ही उसे किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना नहीं रहता हैं।

स्वस्थ भोजन केवल हमें बीमारियों से ही नहीं बचता हैं। यह हमारे शरीर को एनर्जी देता है, वैसे तो अगर देखा जाए तो हेल्दी फूड के अंतर्गत ही कई अलग-अलग प्रकार के फूड होते हैं लेकिन मुख्य रूप से यह निम्नलिखित पदार्थों को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।

3. शुद्ध धान की रोटी

4. हरी सब्जियां

5. शुद्ध फल

स्वस्थ भोजन पर निबंध (800 शब्द)

भोजन हर किसी व्यक्ति के लिए जरुरी होता है। भोजन के बिना हम लोग जीवन कि कल्पना भी नही कर सकते हैं। भोजन जो हम लोग करते वो पेट में जाता है, फिर पूरी तरह से पचता हैं। जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलते हैं। जिससे हम काम करते है और  यह मांशपेशियो को मजबूत करता हैं। हमारे शरीर में क्षतिग्रस्त अंगो के कोशिकाओं की मरम्मत करता हैं। स्वस्थ भोजन उसे कहा जाता है जिसमें विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन आदि का भरपूर मात्रा उपलब्ध होते हैं।

स्वस्थ भोजन का महत्व

स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता हैं। स्वस्थ भोजन के अंदर रोटी, हरी, सब्जियाँ, चावल, दुध और दही आदि आते हैं। हमारे शरीर को स्वास्थ रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन में फल को भी खाना चाहिए। अगर आप भी आपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते है, तो आपको स्वास्थ रहना जरुरी हैं। क्योंकि इस कविता में सही कहा है “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग बसता है” विशेष कर विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य का बहुत बड़ा महत्व हैं। यदि कोई विद्यार्थी पूर्ण रूप से स्वास्थ नही रहेगा, तो उसको पढाई में मन नही लगेगा और वो दूसरों से कमजोर महसूस करेगा।

नियमित रूप से व्यायाम जरुर करे, इससे मेटाबॉलिज्म होने के साथ साथ तेजी से कैलोरी बर्न होगा। जिससे वजन भी नियंत्रत रहेगा। नियमित व्यायाम से हमारे शरीर के साथ साथ मस्तिक को तेज रखने में उपयोगी होते हैं। व्यायाम से तनाव, सिर दर्द आदि जैसी समस्या को ठीक किया जा सकते हैं।

स्वस्थ भोजन का सेवन ना करने से होने वाले नुकसान

आज के समय में लोग स्वस्थ भोजन का महत्व भूलते जा रहे है और फ़ास्ट फूड की और ज्यादा ध्यान दे रहे है, जिससे दांतों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं। आज कल लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फ़ूड भले ही खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन यह पौष्टिक नहीं होते हैं। बल्कि हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होता हैं। फ़ास्ट फ़ूड जितना स्वादिष्ट होता है, उससे हमारे शरीर में उतना ज्यादा नुकसान होता हैं।

आज कल बहुत सारी बीमारीयां भी होती हैं। हमे हमारे जीवन में जंक फ़ूड को कम से कम सेवन करना चाहिए, और स्वस्थ्य भोजन को हमें हमारे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जी अलग अलग तरीके से बनाकर खिलाना चाहिए चाहिए, जो देखने में देखने में अच्छी लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाएं। बच्चों के साथ के साथ साथ बड़े लोगों को भी स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। हेल्दी फूड शरीर को शक्तिशाली बनाता है, और रोगो से भी बचाता हैं। तीनों समय स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए। हमे कभी कभी बाहर का भोजन खाना चाहिए। जिससे हमारे शरीर में कम से कम नुकसान हो।

रोज सुबह दूध का सेवन करना चाहिए। दूध को एक अच्छा संतुलित आहार माना जाता हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोपहर को हमें चावल, दाल, सलाद आदि खाना चाहिए। रात को दाल रोटी, सब्जी आदि का सेवन चाहिए।

स्वस्थ्य भोजन की सारणी

नीचे लिखे कुछ ऐसे भोजन की सारणी है, जो खाद्य पदार्थ आसानी से बाजार में मिल जायेंगे हैं।

हरी सब्जियां :-

कई लोग हरी सब्जी को पसंद नही करते है, लेकिन वो भूल जाते है की हरी सब्जी में कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट आदि पाए जाते जाते है। जो हमारे शारीर को मोटापा, ह्रदय रोग के अलावा गंभीर बीमारी से बचाता हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक आहार में लेना चाहिए।

सब्जी की तरह फल भी हमारे स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या वजन घटाना, इन सब के लिए फल आपको मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा यह दोनों दिनचर्या में जरुर शामिल करे और याद रहे फल का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। जिससे हमारे शरीर नुकसान न हो।

दूध या डेयरी पदार्थ :-

दूध में भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जैसे :- कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते है।

अगर आप किसी फल को खाना नहीं चाहते है, तो आप उस फल का जूस बना कर उसका सेवन कर सकते हैं। जैसे :- आम, सेब, केला, गन्ना, मोसमी आदि फल जो बाज़ार में आसानी से मिल जायेगें। आप इनका जूस बना कर उपयोग कर सकते हैं।  जिससे पेट में होने वाले कई रोगों से छुटकारा मिलता है। जूस हमारे स्वास्थ्य के फायदेमंद होते हैं।

हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के कुच्छ टिप्स

जितना हो सके तेल वाले भोजन का सेवन करने से बचे, इनके लगातार सेवन से बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं।

पानी खूब पिएं :-

हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है । पानी की सही मात्रा से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जितना हो सकते है उतना पानी पिएं।

उपवास करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। उपवास मोटापे को कम करता हैं। साथ ही बीमारी को दूर करने में मदद हो सकते हैं। उपवास के दोरान आप पानी पीते रहे है और फल खाते जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहें।

स्वस्थ भोजन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन आजकल स्वस्थ भोजन को कोई पूछता भी नहीं हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्वस्थ भोजन का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है, उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।

आज के आर्टिकल में हमने  स्वस्थ भोजन पर निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi)   के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

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Essay on Healthy Food in Hindi | संतुलित आहार पर निबंध

essay on healthy food in hindi

स्वस्थ भोजन निबंध; सभी महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी के साथ अंग्रेजी में स्वस्थ भोजन निबंध जहां हर कोई स्वस्थ भोजन के बारे में अधिक जानना चाहता है और स्वस्थ भोजन और शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरे आहार का पालन कैसे करें। हर कोई अब अनुसंधान के बाद स्वस्थ भोजन पसंद करता है स्वास्थ्य समस्याओं को साबित कर दिया है कि अस्वास्थ्यकर भोजन के कारण शरीर उजागर हो रहा है। यहां आपको स्वस्थ भोजन के बारे में सभी जानकारी के साथ अंग्रेजी में एक स्वस्थ भोजन निबंध मिलेगा।

Healthy Food Essay in Hindi – Postik aahar essay in hindi

कुल वसा, संतृप्त वसा, जस्ता, विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोटीन का सेवन कम करना। संतुलित स्नैक में कार्बोहाइड्रेट स्रोत और प्रोटीन वसा स्रोत होते हैं। ये खाद्य पदार्थ अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और अच्छी मात्रा में ऊर्जा और कुछ प्रोटीन की आपूर्ति करते हैं। स्वस्थ खाने के क्विज़ में वर्तमान में खाद्य पदार्थों की एक सूची शामिल है, हालांकि, अन्य देशों के लोग क्विज़ तक पहुंच सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सुबह प्रोटीन और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आपकी भूख बाकी दिनों में बनी रहती है। हालांकि, इस बारे में व्यापक सहमति है कि कौन से खाद्य पदार्थ फायदेमंद हैं और लोगों को उनकी स्थिति का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए लगता है, और किन खाद्य पदार्थों से बचना है। क्या आपको लगता है कि आपका दोस्त कम वसा और चीनी खाने की ज़रूरत के बारे में आश्वस्त था। आपकी भोजन की पसंद और आप कितना खाते हैं, आपके रक्त शर्करा के स्तर के सापेक्ष है।

यद्यपि करने के लिए तार्किक बात यह है कि उन्हें उतारना है, वे खाद्य कागज से बने होते हैं और यहां तक ​​कि गोंद खाद्य ग्रेड भी होता है, बस अगर आप स्टिकर को बिना नोटिस किए खाते हैं। शक्कर वाले पेय के बजाय पानी पिएं: पानी या बिना पिए पेय पदार्थ से कैलोरी। आप देखेंगे कि आपको कुछ खाद्य समूहों से कम या ज्यादा खाने की ज़रूरत है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके अतिरिक्त आवश्यक पोषक तत्वों के पौधों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आवश्यक नहीं होते हैं लेकिन शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं। वे अध्ययन से पता चलता है कि लोगों का वजन कम करने और इसे बंद रखने में मदद करने में आहार असफल हैं। हम वरिष्ठों के लिए स्वस्थ भोजन के महत्व को भी समझते हैं।

पृथ्वी पर स्वास्थ्यप्रद आहार में अक्सर साबुत, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के अलावा ताजा जड़ी बूटियों का एक समूह शामिल होता है। इसलिए, अपने मांस को चुनने से आपको अधिक परेशानी हो सकती है। लेबल पढ़ें और रसोई के पैमाने का उपयोग करें यदि आप पैक किए गए खाद्य पदार्थों के लिए भाग के आकार से परेशान हैं। इस्लाम हमें सिखाता है कि हमें संतुलित आहार खाना चाहिए जो हमें स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। जोड़ा चीनी के साथ खाद्य पदार्थ खाने के बजाय, फल, सब्जियां जैसे गोभी, फूलगोभी, ककड़ी, भिंडी, पालक, शलजम और साबुत अनाज की कोशिश करें।

घर पर और काम पर अधिक फल, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, सब्जियां और साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ रखें। Correct सही रूप में सभी पोषक तत्वों से भोजन सहित एक अच्छी तरह से संतुलित आहार exercise नियमित शारीरिक व्यायाम में कम से कम मिनटों iling रवैया diet हमेशा मुस्कुराएं। भोजन: रीडिंग फूड लेबल को एक गेम बनाएं, जिसकी तुलना में आप घर पर भोजन तैयार करते हैं। वसा: हम में वसा का डर होता है, लेकिन हमारे शरीर को इसकी आवश्यकता होती है। हर हफ्ते तरह-तरह की सब्जियां और फल खाकर अपने पोषक तत्वों का सेवन बढ़ाएं। कुछ ऊर्जा पेय चीनी और कैफीन दोनों में उच्च हैं। यह मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अवसाद और कैंसर के जोखिम और गंभीरता को कम कर सकता है। एक स्वस्थ आहार बीमारी के लिए आपके जोखिम को कम करता है।

कुछ प्रकार के मांस वसा में उच्च होते हैं – विशेष रूप से संतृप्त वसा। यदि आपके पास कोई नहीं है, तो लाभ प्राप्त करने के बाद आपको एक कार्ड नंबर मिलेगा।

चिकन या टर्की पकाने से पहले त्वचा को बंद कर दें। में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन ने चार अलग-अलग प्रकार के आहारों का परीक्षण करके और विभिन्न आहारों के बीच तुलनीय औसत वजन घटाने के परिणामों का परीक्षण करके उपरोक्त अध्ययन के निष्कर्षों को चुनौती दी। कॉटेज पंजीकृत आहार विशेषज्ञ, स्वस्थ भोजन के लिए खाद्य पदार्थों की रूपरेखा तैयार करते हैं। न केवल हम संतुलित भोजन प्रदान करते हैं, बल्कि हम निवासियों की विशेष आहार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी हर संभव प्रयास करते हैं। हमें अक्सर बताया जाता है कि संतुलित आहार खाना ज़रूरी है, लेकिन संतुलित आहार क्या है। संतृप्त वसा मक्खन, हार्ड मार्जरीन, लार्ड, क्रीम, क्रीम आधारित सॉस, मांस पर वसा, चिकन पर त्वचा, और सॉसेज, बर्गर, काले और सफेद हलवा, मांस pies और पीट जैसे प्रसंस्कृत मांस में पाया जाता है। एक कैलोरी एक कैलोरी एक बार-बार दोहराया जाने वाला आहार नारा है, और अधिक भोजन न करना वास्तव में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपाय है।

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आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जो प्रोटीन से भरे होते हैं । प्रोटीन भोजन एक मुख्य आवश्यक तत्व है, प्रोटीन मानव शरीर के विकास व वृद्धि में सहायक पोशाक तत्व है! यही तत्व शरीर की कोशिकाओं को अर्थात मांस आदि का निर्माण करता है इसकी प्रचूर मात्रा भोजन में रहने से शरीर की कोशिकाओं का निर्मित और मरम्मत आदि कार्य के लिए सुचारू रूप से जीवन भर चलता रहता है। हमारे शरीर के सभी प्रक्रियाओं को अलग अलग मात्रा में अलग अलग समय पर प्रोटींस की जरूरत पड़ती है, शरीर हर समय प्रोटींस का इस्तेमाल करता रहता है, और हमेशा इसकी पूर्ति करना आवश्यक होता है, इसलिए स्वास्थ्य और निरोगी रहने के लिए रोज आहार में प्रोटीन लेना आवश्यक होता है। प्रोटीन के अलावा विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फैट जैसे पोष्टिक तत्व भी हमारे शरीर में संतुलित मात्रा में होते हैं। संतुलित आहार के अंतर्गत मनुष्य अनाज, हरी सब्जियां, दूध, दही और फल आदि खा सकता है जोकि बहुत ही पोस्टिक होते हैं। आधुनिक युग में लोग पौष्टिक आहार से दूर होते हुए हमें दिखाई पर रहे हैं। और तो और पोष्टिक आहार ना लेने के कारण बच्चों में मोटापा, मधुमेह, और ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती जा रही है । स्वस्थ भोजन खाने के रूप में हमें अधिक पानी पीना भी उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है ! स्वस्थ भोजन मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाता है । फॉलो, सब्जियों का भोजन करने से भी हमारे शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ, मजबूत और सक्रिय बनाता है |

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Essay on My Favourite Food In Hindi – मेरा पसंदीदा भोजन पर निबंध

Essay on My Favourite Food In Hindi: भोजन हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। स्वस्थ और सक्रिय रहने के लिए हमें भोजन से ऊर्जा और पोषक तत्व मिलते हैं। यह आनंद और आराम का स्रोत भी हो सकता है। भोजन हर संस्कृति का एक हिस्सा है, और प्रत्येक संस्कृति में भोजन तैयार करने और परोसने का अपना अनूठा तरीका होता है। इसे पौधों और जानवरों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। हम अलग-अलग तरह का खाना खाते हैं जिसका स्वाद अलग-अलग होता है।

हर प्रकार के भोजन का अपना अनूठा स्वाद, बनावट और पोषण संबंधी लाभ होते हैं। हर किसी का अपना पसंदीदा खाना होता है। आज हम मेरे पसंदीदा भोजन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Table of Contents

हिंदी में छोटा और लंबा मेरा पसंदीदा भोजन निबंध

यहां, हम 100-150 शब्द, 200-250 शब्द और 500-600 शब्दों की शब्द सीमा के तहत छात्रों के लिए हिंदी में मेरा पसंदीदा भोजन पर लंबे और छोटे निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। यह विषय हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए उपयोगी है। मेरा पसंदीदा भोजन पर दिए गए ये निबंध आपको इस विषय पर प्रभावी निबंध, पैराग्राफ और भाषण लिखने में मदद करेंगे।

मेरा पसंदीदा भोजन पर निबंध 10 पंक्तियाँ (100 – 150 शब्द)

1) बटर पनीर मेरा पसंदीदा भोजन है और मैं इसे बिना बोर हुए हर दिन खा सकता हूं।

2) यह मलाईदार मक्खन और नरम पनीर क्यूब्स का एक स्वादिष्ट संयोजन है।

3) मुझे ग्रेवी की समृद्ध और मलाईदार बनावट बहुत पसंद है।

4) मैं बटर पनीर का जो भी टुकड़ा लेता हूं वह स्वाद से भर जाता है और मसाले इसे और भी अधिक आनंददायक बना देते हैं।

5) मैं इसे नान, चपाती, चावल या अकेले भी खा सकता हूं।

6) यह मेरे स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक भोजन है।

7) यह डिश बनाने में आसान है और कम समय में तैयार हो जाती है.

8) जब भी मेरी माँ इसे बनाती है, इसका स्वाद और भी अच्छा हो जाता है।

9) मुझे हर सप्ताहांत बटर पनीर खाना पसंद है।

10) मैं हमेशा बटर पनीर का प्रशंसक रहूंगा और यह हमेशा मेरा पसंदीदा भोजन रहेगा।

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मेरा पसंदीदा भोजन पर लघु निबंध (250 – 300 शब्द)

मेरा पसंदीदा भोजन दाल मखनी है जो भारत में सबसे लोकप्रिय व्यंजन है। यह एक स्वादिष्ट मलाईदार दाल आधारित व्यंजन है जो विभिन्न मसालों और जड़ी-बूटियों के संयोजन से बनाया जाता है। यह एक आरामदायक और हार्दिक व्यंजन है जिसका आनंद कई लोग उठाते हैं।

मेरे पसंदीदा भोजन की मुख्य सामग्री

मेरी सर्वकालिक पसंदीदा डिश दाल मखनी में कई सामग्रियां हैं। यह एक शाकाहारी व्यंजन है जो भारत और पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र से उत्पन्न होता है। यह व्यंजन काली दाल, लाल राजमा और मसालों के संयोजन से बना है। दाल और बीन्स को धीमी आंच पर नरम और मलाईदार होने तक पकाया जाता है।

मुझे दाल मखनी सबसे ज्यादा क्यों पसंद है?

पकवान की मलाईदार बनावट ही इसे इतना स्वादिष्ट बनाती है। जीरा, धनिया, इलायची, गरम मसाला और अदरक जैसे मसाले मिलाने से इसे एक अनोखा और स्वादिष्ट स्वाद मिलता है। यह व्यंजन आमतौर पर चावल या रोटी के साथ परोसा जाता है और अक्सर मक्खन या घी के साथ परोसा जाता है।

मुझे दाल मखनी का भरपूर, मलाईदार और स्वादिष्ट स्वाद बहुत पसंद है। मुझे लगता है कि दोस्तों और परिवार के साथ आनंद लेने के लिए यह एक बेहतरीन व्यंजन है। यह एक बेहतरीन आरामदायक भोजन है और एक उत्तम भोजन बनता है। मैं आमतौर पर इसे घर पर बनाती हूं और जब मैं रात के खाने के लिए कुछ खास बनाना चाहती हूं तो यह मेरे पसंदीदा व्यंजनों में से एक है।

दाल मखनी एक ऐसा व्यंजन है जिसे मैं हमेशा पसंद करूंगा और आनंद लूंगा। यह एक आरामदायक भोजन है जो अच्छी यादें ताजा कर देता है और मुझे यकीन है कि यह मेरे सर्वकालिक पसंदीदा व्यंजनों में से एक रहेगा।

मेरा पसंदीदा भोजन पर लंबा निबंध (500 शब्द)

मछली करी या माछेर झोल भारत में, विशेषकर बंगाल में सबसे लोकप्रिय और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों में से एक है। मैं कहूंगा कि यह मेरे सर्वकालिक पसंदीदा व्यंजनों में से एक है। यह एक मसालेदार और स्वादिष्ट व्यंजन है जिसे देश भर में विभिन्न शैलियों में पकाया जाता है। क्लासिक बंगाली माछेर झोल से लेकर तीखा गोवा फिश करी तक, इस व्यंजन की हर विविधता का अपना अनूठा स्वाद और अलग स्वाद है। इस निबंध में, मैं आपको माछेर झोल की यात्रा के बारे में बताऊंगा, इसकी उत्पत्ति से लेकर देश भर में पाई जाने वाली कई अलग-अलग विविधताओं तक।

माछेर झोल की उत्पत्ति

माछेर झोल की जड़ें भापा इलिश (मसालेदार सरसों की चटनी में उबली हुई हिल्सा) के रूप में प्राचीन बंगाली संस्कृति में पाई जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि जब पुर्तगाली भारत आए तो वे इस व्यंजन को अपने साथ लाए थे, यही कारण है कि इसमें पुर्तगाली फिश करी से कई समानताएं हैं। यह व्यंजन जल्द ही बंगाली व्यंजनों का एक अभिन्न अंग बन गया, हर बंगाली परिवार की अपनी अनूठी रेसिपी होती है।

माछेर झोल बंगाली व्यंजनों का प्रमुख हिस्सा रहा है क्योंकि माछेर झोल एक लोकप्रिय बंगाली व्यंजन है, जो भारत के पूर्वी क्षेत्र से उत्पन्न होता है। यह बांग्लादेश, भारत और नेपाल में एक लोकप्रिय व्यंजन है। यह व्यंजन मछली, आलू और विभिन्न मसालों से बनाया जाता है और इसे चावल या रोटी के साथ परोसा जाता है। यह बंगाली लोगों का एक प्रिय व्यंजन है और इसे रेस्तरां और घरों में समान रूप से परोसा जाता है। इसकी लोकप्रियता दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गई है, और अब इसे विदेशों में कुछ भारतीय और बांग्लादेशी रेस्तरां में परोसा जाता है।

स्वाद और पोषण

माछेर झोल का स्वाद बेहद स्वादिष्ट और सुगंधित होता है। पकवान में उपयोग किए गए मसालों और सामग्रियों का संयोजन इसे एक अचूक स्वाद और सुगंध देता है। इसके अलावा, यह व्यंजन काफी पौष्टिक भी है, क्योंकि यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर है।

माछेर झोल मेरे पसंदीदा व्यंजनों में से एक होने का एक और कारण इसकी बहुमुखी प्रतिभा है। आप अपने पास मौजूद सामग्री के आधार पर इस डिश को अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं। विभिन्न सब्जियों और मछली का उपयोग किया जा सकता है, और आप मसाले अलग-अलग कर सकते हैं और विभिन्न स्वाद जोड़ सकते हैं। इसका मतलब है कि आप हमेशा कुछ नया आज़मा सकते हैं, सामग्री के एक ही सेट से उत्पन्न होने वाले विभिन्न स्वादों की खोज कर सकते हैं।

स्वादिष्ट भी और स्वास्थ्यवर्धक भी

माछेर झोल इसलिए भी बढ़िया है क्योंकि यह आश्चर्यजनक रूप से स्वास्थ्यवर्धक है। सभी सामग्रियां आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करती हैं, और मसाले सूजन-रोधी गुणों जैसे अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। इसके अलावा, आप अन्य भारतीय भोजन की तुलना में इस व्यंजन को पकाते समय कम तेल का उपयोग कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो कैलोरी के प्रति सचेत हैं, या केवल स्वस्थ और पौष्टिक भोजन चाहते हैं।

खुशबूदार बंगाली डिश

माछेर झोल का स्वाद बिल्कुल लाजवाब है। इसमें मीठे, मसालेदार और तीखे स्वाद का मिश्रण है, जो इसे इतना स्वादिष्ट बनाता है। मसालों की सुगंध और मछली और सब्जियों की ताजगी इस तरह एक साथ आती है कि कोई अन्य भारतीय व्यंजन इसकी बराबरी नहीं कर सकता। हर चम्मच के साथ, आप पकवान की आरामदायक लेकिन स्वादिष्ट बारीकियों का स्वाद ले सकते हैं।

माछेर झोल मेरी सबसे पसंदीदा डिश है। यह एक आरामदायक, बहुमुखी और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन है जिसका स्वाद किसी अन्य से अलग नहीं है, जो इसे संपूर्ण हरफनमौला बनाता है। स्वादों के अनूठे मिश्रण के कारण मुझे माछेर झोल बहुत पसंद है, और यह एक ऐसी चीज़ है जिसके पास मैं हमेशा खुशी-खुशी वापस आऊंगा।

मुझे उम्मीद है कि मेरा पसंदीदा भोजन पर ऊपर दिया गया निबंध मददगार साबित होगा हर किसी के लिए विभिन्न खाद्य पदार्थों के बारे में जानना और आपके मुँह में पानी आना बहुत उपयोगी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: मेरे पसंदीदा भोजन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.1 भारतीय भोजन की पारंपरिक सामग्री क्या हैं?

उत्तर.  पारंपरिक भारतीय भोजन आमतौर पर मसालों, जड़ी-बूटियों और सब्जियों, जैसे जीरा, धनिया, अदरक, लहसुन, मिर्च, हल्दी और सरसों के संयोजन से बनाया जाता है।

Q.2 भारतीय व्यंजनों के कुछ सामान्य व्यंजन क्या हैं?

उत्तर.  भारतीय व्यंजनों के सामान्य व्यंजनों में समोसा, करी, तंदूरी चिकन, नान, दाल, बिरयानी और चटनी शामिल हैं।

Q.3 सबसे स्वास्थ्यवर्धक भोजन कौन सा है?

उत्तर.  भोजन का सबसे स्वास्थ्यप्रद प्रकार व्यक्तिगत आहार आवश्यकताओं पर निर्भर करता है, लेकिन फलों, सब्जियों, दुबले प्रोटीन, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा सहित पोषक तत्वों से भरपूर संपूर्ण खाद्य पदार्थों के संतुलित आहार की अक्सर सिफारिश की जाती है।

Q.4 मैं अपने भोजन को और अधिक पौष्टिक कैसे बनाऊं?

उत्तर.  अपने भोजन में ताजे फल और सब्जियां, साथ ही साबुत अनाज शामिल करना आपके भोजन के पोषण मूल्य को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है।

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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi)

जंक फूड

आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए,  क्योंकि वे आमतौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। कई सारी निबंध प्रतियोगिता में जंक फूड पर निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। जो बच्चों को जंक फूड के विषय में जागरूक करने के लिए दिया जाता है।

जंक फूड पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Junk Food in Hindi, Junk Food par Nibandh Hindi mein)

जंक फूड पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

जंक फूड ऐसे फूड है जो उच्च कैलोरी और कम पोषकतत्वों से युक्त होते है। आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक होते हैं।

जंक फूड के प्रकार

जंक फूड हमारे बीच बिस्कुट, चीज , बर्गर , पिज्जा आदि के रूप में पाए जाते है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रुप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। जंक फूड स्वाद से भरे होते है परन्तु उनमें पोषक तत्व नगण्य होता है।

जंक फूड के नुकसान

जंक फूड से हृदय संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह (डायबिटिज़), मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लीवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ होती है। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए।

अगर हम अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो हमें जंक फ़ूड का इस्तेमाल बंद करना होगा। हमें भोजन करने के उद्देश्य को समझना होगा। हमें भोजन स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए करना चाहिए।

निबंध 2 (300 शब्द)

जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। जंक फूड ने अच्छे स्वाद और आसानी से पकने के कारण बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। बाजार में पहले से ही निर्मित जंक फूड पॉलिथीन में पैक होकर उपलब्ध हैं। बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या या भोजन पकाने की अज्ञानता के कारण इस तरह, के पैक किए गए जंक फूड पर निर्भर रहते हैं।

स्वास्थ्य के लिए जहर है फ़ास्ट फ़ूड

जंक फ़ूड टाइफाइड, ह्रदय से जुड़े रोग, कुपोषण, हाइपरटेंशन जैसे जुडी भयानक बीमारियों का कारण बनता है। ये हमारे सोच से कई ज्यादा नुकसान दायक होता है। जंक फूड बहुत तेलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इस कारण, उन्हें पचाने में काफी कठिनाई होती है और इनके क्रिया के लिए शरीर से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

निबंध 3 (400 शब्द)

जंक फूड शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1972 में किया गया था। हममें से लगभग सभी लोग जंक फूड से वाकिफ हैं और इसके लिए किसी भी तरह के परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है।

फिर भी, यह बहुत ही दिलचस्प सवाल है कि आखिर इसकी असलियत जानने के बाद भी सभी लोग जंक फूड खाना क्यों पसंद करते हैं? आजकल हम में से सभी जंक फूड के स्वाद का आनंद लेते हैं क्योंकि ये स्वादिष्ट वहन करने योग्य और तैयार मिलते हैं। जंक फूड में कोई भी पोषक तत्व और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक मूल्यों की कमी होती है।

यदि नियमित रुप से इनका उपभोग किया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर में कमी करते हैं और अनिद्रा का कारण बनते हैं। यह एकाग्रता के स्तर में कमी करते हैं और घातक बीमारियों; जैसे- कब्ज, गैस, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तदाब, मधुमेह (डायबिटिज़) आदि को निमंत्रण देते हैं।

जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी

जंक फूड बहुत तैलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की काफी कमी होती है। इस कारण से  उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और इसके साथ ही इनके पाचक क्रिया के लिए शरीर में काफी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता। जंक फूड में बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और इसके साथ ही यह शरीर को भी नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण पेट तथा अन्य पाचन अंगों में खिंचाव होता है। जिसके कारण कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। जंक फूड खाने के कारण हमें वजन बढ़ना, मोटापा, टायफॉइड, कुपोषण, आदि जैसे रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

जंक फूड स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं और यदि ये नियमित रुप से ग्रहण किए जाए तो बिना किसी लाभ के स्वास्थ्य को नुकसान ही पहुँचाते हैं। हमें पूरे जीवन भर अच्छा, स्वस्थ और सुखद जीवन जीने के लिए जंक फूड का सेवन नही करना चाहिए। कैलोरीज की मात्रा फास्ट फूड में अधिक होने के कारण मोटे व्यक्ति के लिए यह अधिक हानिकारक होती है।

निबंध 4 (500 शब्द)

जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरी, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

जंक फूड से मोटापा का खतरा

ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्य करण को बेकार करता है।

जंक फ़ूड खाने के परिणाम

शोध के अनुसार,  बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।

माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।

पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।

Essay on Junk Food in Hindi

निबंध 5 (600 शब्द)

जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेष रुप से बच्चों और स्कूल व कालेज जाने वाले बच्चों द्वारा यह काफी पसंद किए जाते हैं। आमतौर से बच्चे बचपन से ही काफी जंक फूड खाते हैं जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित हो जाती है। इसके साथ अभिभावकों द्वारा रोक-टोक ना होने पर जंक फूड खाने की यह समस्या एक तल बन जाती है और आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता हैं।

वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतौर पर तले हुए पैक खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है।

जंक फ़ूड क्या होता है ?

अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।

कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।

जंक फ़ूड खाने के दुष्परिणाम

प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कॉलेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल शरीर के रक्तदाब को बढ़ाता है और हृदय पर पड़ने वाले अधिक दबाव से भी सुरक्षा करता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसके वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।

जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।

जंक फूड हमारे लिए काफी हानिकारक हैं और नियमित रुप से इनका सेवन करने से यह स्वास्थ के लिए भी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। हमें इसका सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए और यदि संभव हो तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए। जंक फूड खाने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम भोजन करता है और इसकी वजह से बच्चे मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए हमें जंक फूड के उपयोग से बचना चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित बनाना चाहिए।

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Essay on Healthy Food in Hindi – संतुलित आहार पर निबंध

July 6, 2018 by essaykiduniya

Get information about Healthy Food in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on Healthy Food in Hindi Language for students of all Classes in 200, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में संतुलित आहार पर निबंध मिलेगा।

Essay on Healthy Food in Hindi

Few points on Healthy Food in Hindi Language – संतुलित आहार पर निबंध

1. संतुलित आहार अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है और इसे स्वस्थ भोजन भी कहा जाता है।

3. संतुलित आहार के अंतर्गत हरी सब्जियां, फल, मांस, मछली और दूध आते हैं।

4. संतुलित आहार के अभाव में व्यक्ति मोटापा और हृदय रोग से ग्रस्त हो जाता है।

5. संतुलित आहार केवल स्वास्थय को ही अच्छा नहीं रखता अपितु दिमाग को भी तेज करता है।

6. संतुलित भोजन शरीर से रोगों को बाहर करता है और मधुमेह और उच्च रक्तचाप से निजात दिलाता है।

7. संतुलित आहार लेने से व्यक्ति में ऊर्जा की कमी नहीं होती है और वह हमेशा स्वस्थ रहता है।

8. बच्चों को संतुलित आहार खिलाने के लिए रंग बिरंगे पकवान बनाने चाहिए और नए नए तरीके निकालने चाहिए।

9. लोगों को धीरे धीरे जंक फूड का त्याग कर संतुलित भोजन की तरफ आकर्षित होना चाहिए।

10. संतुलित आहार स्वस्थ स्वास्थ्य की चाबी है जिसके महत्व को प्रत्येक व्यक्ति को समझना चाहिए।

11. लोगों को चाहिए कि वह वसा का कम से कम सेवन करे और संतुलित आहार लेने की आदत को अपनाए।

Short Essay on Healthy Food in Hindi Language – संतुलित आहार पर निबंध ( 300 words )

हर व्यक्ति को जीवित रहने के लिए भोजन की जरूरत होती है। भोजन हमें शक्ति प्रदान करता है लेकिन शक्ति भी तभी मिलती है जब खाया जाने वाला आहार संतुलित हो। संतुलित आहार का अर्थ है वह भोजन जिसमें प्रोटीन, विटामिन, फैट और कार्बोहाईड्रेट्स जैसे पौष्टिक तत्व संतुलित मात्रा में हो। संतुलित आहार के अंतर्गत मनुष्य अनाज, हरी सब्जियाँ दुध दही और फल आदि खा सकता है जो कि बहुत ही पौष्टिक होते हैं। आधुनिक युग में लोग पौष्टिक आहार से दुर जाते जा रहे है और जंक फूड का सेवन ज्यादा कर रहें हैं।

संतुलित आहार न लेने के कारण बच्चों में मोटापा मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर बिमारियाँ उत्पन्न होती जा रही है। संतुलित आहार स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है। आपको अपने खाने की दिनचर्या इस तरह से बनानी चाहिए कि तीनों समय कोई न कोई पौष्टिक भोजन जरूर रहें। हमें स्वाद से ज्यादा खाने की पौष्टिकता पर ध्यान देना चाहिए। सब जानते है कि बच्चों को साधारण भोजन पसंद नहीं आता और वह जल्दी ही उससे बोर भी हो जाते हैं। बच्चों को संतुलित आहार खिलाने के लिए नए नए तरीके निकालने चाहिए। बच्चों को रंग बिरंगा भोजन बहुत पसंद होता है इसलिए उन्हें गाजर मूली आदि का स्लाद खिलाए जिसका अलग अलग रंग उनको आकर्षित करेगा।

पौष्टिकता से भरपूर शिमवा मिर्च, पालक ,मलाई आदि का पिज्जा बनाकर खिलाए जिनसे उन्हें पौष्टिक तत्व भी मिलेंगे और स्वाद भी। संतुलित आहार सिर्फ बच्चों को ही नहीं बड़ो को भी लेना चाहिए क्योंकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऊर्जा और हिम्मत की बहुत ही जरूरत होती है। जब इंसान के अंदर पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व होंगे और वह मजबूत होगा तभी तो अच्छे से काम कर पाएगा। हम सबको अपनी दिनचर्या में संतुलित आहार को सम्मलित करना होगा।

Essay on Healthy Food in Hindi Language – संतुलित आहार पर निबंध ( 500 words )

स्वस्थ भोजन हमें अच्छा स्वास्थ्य देता है। यह हमें ऊर्जा देता है जहां जंक फूड बस एक अस्वास्थ्यकर भोजन है, गरीब पोषण मूल्य के साथ भोजन; जंक फूड में बहुत अधिक वसा और चीनी होती है। लेकिन स्वस्थ भोजन पौष्टिक मूल्य से समृद्ध है। इसके अलावा जंक फूड में संरक्षक, रसायन, कृत्रिम रंग और स्वाद होते हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन में इन पदार्थों को शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि, जंक फूड और स्वस्थ भोजन दोनों स्वादिष्ट हैं लेकिन जंक फूड स्वस्थ भोजन की तुलना में अधिक स्वादिष्ट है। हालांकि, जंक फूड ने शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है और मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कभी-कभी जहर जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण बनता है। दूसरी तरफ, स्वस्थ भोजन शरीर को बीमारियों से बचाता है और बचाता है।

भोजन हर इंसान के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। स्वस्थ खाद्य पदार्थ जिनमें पोषक तत्वों की सही मात्रा होती है उन्हें दैनिक आधार पर सभी द्वारा खाया जाना चाहिए। स्वस्थ तरीके से बढ़ने के लिए एक संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। फल और सब्जियों में बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। हमें सभी प्रकार के फल और सब्जियां खाना चाहिए। एक स्वस्थ जीवन हमें एक खुशहाल जीवन देता है।

आज की दुनिया में, लोग अधिक तेलवान खाद्य पदार्थ और जंक फूड खाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए सभी अच्छे नहीं हैं और समय-समय पर अनावश्यक बीमारियों को उकसाकर हमारे दिनचर्या को खराब कर देते हैं। भोजन हमारी ऊर्जा का स्रोत है। तो सही प्रकार के खाद्य पदार्थों का चयन करना जिनमें सही मात्रा में विटामिन और खनिज शामिल हैं, बहुत महत्वपूर्ण है। हमें नियमित रूप से अपने बच्चों को अत्यधिक पौष्टिक भोजन देना चाहिए।

स्वस्थ भोजन खाने के रूप में अधिक पानी पीना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। स्वस्थ भोजन मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। फलों, सब्जियों का स्वस्थ भोजन आपको मजबूत और सक्रिय बनाता है। यह एक अच्छा शरीर के वजन को बनाए रखने और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। संरक्षित या डिब्बाबंद खाद्य और ऐसे अन्य खाद्य पदार्थ शरीर के लिए पूरी तरह से अस्वास्थ्यकर हैं। कुछ समय से, इससे गंभीर बीमारी और गंभीर बीमारियां होती हैं। जंक फूड खाने वाले बच्चों में अक्सर एकाग्रता की कमी होती है। स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

हमें रोज़ाना खेलना चाहिए। दैनिक 3 से 4 किमी तेज चलने से हम फिट और स्वस्थ रह सकते हैं। हमें हर दो घंटे पढ़ने के बाद मुफ्त हाथ व्यायाम करना होगा। यह हमारे दिमाग को ताजा रखता है। धन की कमी ठीक हो सकती है लेकिन स्वास्थ्य नहीं। यह धन से बेहतर है और हर किसी के लिए कुछ और है। हमें स्वस्थ रखने के लिए हम मानक स्वस्थ भोजन का पालन करते हैं। हमें अपने स्वास्थ्य की ओर सावधान रहना चाहिए। हमें अपने माता-पिता को दिखाने के लिए झूठे अध्ययन के लिए लटका नहीं रहना चाहिए।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi – संतुलित आहार पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
  • हारवर्ड यह अनुमति अपने संपूर्ण विवेकाधिकार पर किसी भी समय रद्द कर सकता है। यदि यह अनुमति वापस ली जाती है, आपको अधिक से अधिक पांच व्यवसायक दिनों के अंदर इस छवि को किसी भी वेबसाइट या सार्वजनिक स्थान से निकालना होगा।
  • हारवर्ड कोई भी संकेत सख्ती से मना करता है – स्पष्ट या अव्यक्त – जिस्से दूसरों को यह सुझाव आए, या जो दूसरों को यह विश्वास दिलाए कि हारवर्ड, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग, या पोषण स्रोत की वेबसाइट ने किसी भी माल, सेवाओं, वयक्तिओं, या संगठनों का समर्थन किया है। इस कारण, इस छवि के लिए उूपर दी गई विशिष्ट क्रेडिट लाइन की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने के अलावा, आप ‘‘हारवर्ड‘‘, ‘‘हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग‘‘, या ‘‘पोषण स्रोत‘‘ नामों, या कोई भी हारवर्ड के स्वामित्व वाले ट्रेडमार्कों का स्वस्थ भोजन की थाली के संबंध में, बिना पूर्व लिखित अनुमोदन के उपयोग नहीं कर सकते।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का किसी भी तरह से उपयोग नहीं कर सकते, जिस्से हारवर्ड की प्रतिष्ठा को हानी पहुंचें।
  • हारवर्ड स्वस्थ भोजन की थाली से जुड़ी हर प्रकार के वारन्टियों (स्पष्ट, अव्यक्त, या अन्यथा) को अस्वीकार करता है। इनमें शामिल है, बिना सीमा के, कोई भी व्यापारिकता की अव्यक्त वारन्टियाॅं, किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त्ता, और गैर उल्लंघन। आप हारवर्ड विश्वविद्यालय, और इसके संचालक मंडल के सदस्यों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, छात्रों, कर्मचारियों, और दलालों को सभी दावों, नुक़सानों, हानियों, उत्तरदायित्व, लागत, और खर्चों से क्षतिपूर्ति करने के लिए व हानिरहित मान्ने के लिए सहमत हैं।

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Essay on Food in Hindi

मनुष्य को जीवित रहने के लिए भोजन सबसे महत्वपूर्ण है। हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहने के लिए स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना बहुत जरूरी है। भोजन पृथ्वी पर रहने वाले सभी सजीव के लिए महत्वपूर्ण है। बिना भोजन के कोई भी सजीव जीवित नहीं रह सकता, भोजन सभी के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे मनुष्य, प्राणी, पशु, पक्षी, पेड़ और पौधे आदी, और सभी का भोजन अलग अलग होता है जैसे मनुष्य धान्य से बने भोजन को खाते हैं, पशु हरी घास को खाते हैं , प्राणी मांस खाते हैं , पेड़ अपना खाना खुद बनाते हैंl पेड़ पर ही बाकी सभी सजीव निर्भर रहते हैं। मनुष्य जैसे जैसे आधुनिक युग की तरफ चला जा रहा है वैसे वैसे उसके खाने में केमिकल जा रहे हैं। जो मनुष्य के लिए हानिकारक होता है। केमिकल के खाने के दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा छोटे बच्चे और बुड़ों पर होते हैं। इन केमिकल खाने से कई सारी नई बीमारियां आ रही है। भोजन हमारे देश के हर राज्य का अलग अलग है जैसे महाराष्ट्र का पूरनपोली और भाकरी, गुजरात का ढोकला , खांडवी, राजस्थान का दाल बाटी, चूरमा, पंजाब का समोसा, चेन्नई की इडली डोसा आदि। आज के बदलते दौर के साथ किसी भी राज्य का खाना कहीं पर भी मिल जाता है। हम सभी को हमारा भोजन स्वस्थ और पोषक तत्व भरा हुआ भोजन करना चाहिए। क्योंकि स्वस्थ भोजन करने से सेहत भी अच्छी रहती है? हमें भोजन कभी भी हल्का करना चाहिए ज्यादा मसालेदार भोजन हमारे सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। हमारे भोजन में घी का प्रयोग करना चाहिए और कम मात्रा में। हमारे भोजन में सलाद होने चाहिए। हमारे खाने में दिन भर में एक बार दाल आनी चाहिए। फल खाना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है हमारे भोजन में सभी विटामिन आने चाहिए जिससे हमारी सेहत अच्छी रहे और हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए हमारी मदद करें। स्वस्थ सेहत के लिए हमें हमेशा जंक फूड से दूर रहना चाहिए क्योंकि जंक फूड में विटामिन नहीं होते. अगर हम कहीं बाहर खाना खाने गए हैं, या बाहर से खाना मंगवाया हो तो सबसे पहले उस खाने की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए क्योंकि बाहर का खाने से हमारे स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा असर हो सकता है. स्वस्थ भोजन करने से हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहता है और हमें मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, रक्तपात आदि बीमारियों से दूर रखता है।

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संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi – Santulit Aahar

संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi - Santulit aahar par nibandh

आज के इस लेख में आप संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi पढ़ेंगे। इसमे आप प्रकार, और समय के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली में क्या-क्या पौष्टिक खाद्य होने चाहिये इसके विषय में भी हमने पूरी जानकारी दी है।

Table of Content

संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi

भोजन हमारे जीवन की जरूरत है। भोजन है तो हम हैं, स्वस्थ भोजन (healthy food) से ही हमें ऊर्जा मिलती है और उस ऊर्जा से हम अपने दिन भर के काम करते हैं; अथार्त जीवन व्यापन करते हैं। भोजन से ही हमारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। पर क्या केवल भोजन खाना ही पर्याप्त है ?? जवाब होगा, नहीं !!!

हमें अगर स्वस्थ रहना है, तो संतुलित आहार (balanced diet) का सेवन करना चाहिए। अब यह संतुलित आहार क्या होता है ?? संतुलित आहार की परिभाषा होगी- ऐसा भोजन या आहार जिसमें सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में हो। पोषक तत्व वह तत्व होते हैं जो खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, अर्थात इन के सेवन से ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

स्वस्थ भोजन के पोषक तत्व Nutrients in a Healthy Balanced Food in Hindi

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड, विटामिन, मिनरल, पानी। हमें भोजन ऐसे करना चाहिए, जिससे हमारे आहार में इन सभी तत्वों की संतुलित मात्रा (balanced amount) शामिल हो। एक संतुलित आहार वह होगा जिसमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, मध्यम प्रोटीन और थोड़ा लिपिड शामिल हो।

संतुलित आहार को लेने की भी वजह यह है कि हमारा शरीर ज्यादा प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट अथवा थोड़े लिपिड से बना होता है; अर्थात इस वितरण के हिसाब से ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि प्रोटीन से हमारा 70% शरीर बना होता है, कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः ऊर्जा प्रदान करते हैं और लिपिड द्वारा हमारे शरीर में चिकनाहट बनी रहती है।

कार्बोहाइड्रेट के उदाहरण : रोटी,चावल, अनाज, शक्कर, आदि। प्रोटीन के उदाहरण : अंडा, पनीर, दूध, मछली, मांस, आदि। लिपिड के उदाहरण : दूध, घी, मीठे खाद्य पदार्थ, आदि।

इन सब के अलावा हमें दूध भी भरपूर मात्रा में लेना चाहिए, क्योंकि दूध में सभी पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है। विटामिंस का भी अपना महत्व होता है, यह ऐसे पोषक तत्व है जो लगभग सभी खादय पदार्थों में पाए जाते हैं पर थोड़ी मात्रा में; परंतु इनकी जरा सी भी कमी शरीर में बीमारियां उत्पन्न कर सकती है।

कुछ विटामिन कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों में ही ज्यादा पाए जाते हैं, जैसे विटामिन ए हरी सब्जियों में, विटामिन सी खट्टे फलों में, विटामिन डी दूध में अथवा दुग्ध पदार्थों में, विटामिन बी सब्जियों और अनाज में।  मतलब अगर आप में किसी विटामिन की कमी है, तो आप संबंधित खाद्य पदार्थ ले सकते हैं।

शरीर में हर विटामिन का अपना एक विशेष कार्य होता है, जैसे विटामिन ए आंखों की सेहत के लिए अत्यंत लाभदायक होता है, विटामिन डी हड्डियां मजबूत रखता है, विटामिन ई त्वचा एवं बालों को स्वस्थ रखता है, विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को मजबूत रखता है।

मिनरल खनिजों को कहा जाता है। मिनरल भी खाद्य पदार्थों में कम मात्रा में ही पाए जाते हैं, परंतु इनका सेवन भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मिनरल्स के उदाहरण हैं – कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, कॉपर, आयरन, आदि।

मिनरल्स का सबसे अहम कार्य हमारे शरीर में है : मांसपेशियों के खिंचाव और विश्राम में मदद करना। मांसपेशियों के खिंचाव और विश्राम द्वारा ही हम अपनी सभी शारीरिक गतिविधियां कर पाते हैं। मिनिरल्स सभी हरी पत्तेदार सब्जियों में अथवा दूध में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।  

पानी भी पोषक तत्वों की सूची में आता है, जी हां बिल्कुल हमारे पूरे शरीर का 60% भाग अथवा मस्तिष्क का कुल 70% भाग और रक्त का 50% भाग पानी से ही बना होता है। पानी शरीर में नमी बनाए रखता है, तरावट प्रदान करता है, जिससे हमारे सभी अंग सही प्रकार से कार्य करते हैं, त्वचा, नाखून, बालों में चमक बनी रहती है, शरीर की आंतरिक क्रियाएं भी सुचारु रूप से चलती रहती है ।

तात्पर्य यह है कि हमें स्वस्थ भोजन (healthy food) का सेवन करना चाहिए तभी वह कहलाएगा संतुलित आहार। आप भोजन सही संतुलन में लेंगे, तभी स्वस्थ रह पाएंगे, मानसिक एवं शारीरिक दोनों रूप से।

स्वस्थ भोजन के प्रकार और भाग? Types of Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार की परिभाषा और फायदे जानने के बाद आपके मन में यह प्रश्न उठा होगा की स्वस्थ भोजन कौन-कौन से होते हैं या कैसे जाने की हम कितना स्वस्थ भोजन कर रहे हैं? जवाब से पहले आपको कुछ बातें और जान लेनी चाहिए ताकि आप कन्फ्यूज़ न हों।

आम तौर पर हम संतुलित आहार को तीन पहरों में खाते हैं। प्रातः लिया जाने वाला आहार ( Breakfast), दोपहर का भोजन (Lunch) और रात्रि भोजन ( Dinner).

आपको यह जानकारी होगी की दिन के अलग-अलग समयान्तारों में हमारे शरीर के रासायनिक समीकरणों में भी बदलाव होते हैं। उदा. के रूप में प्रातः उठते ही मस्तिष्क में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन और रात्रि में मेलाटोनिन नामक हार्मोन स्रावित होता है।

ठीक उसी प्रकार हमारे पाचन के लिए जवाबदार जठराग्नि हाइड्रोक्लोरिक (HCL) और पेप्सिन की उत्पत्ति भी समय के अनुसार कम और ज्यादा मात्रा में होती है।संतुलित आहारआपको यह जानकारी होगी की दिन के अलग-अलग समयान्तारों में हमारे शरीर के रासायनिक समीकरणों में भी बदलाव होते हैं।

उदा. के रूप में प्रातः उठते ही मस्तिष्क में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन और रात्रि में मेलाटोनिन नामक हार्मोन स्रावित होता है। ठीक उसी प्रकार हमारे पाचन के लिए जवाबदार जठराग्नि हाइड्रोक्लोरिक (HCL) और पेप्सिन की उत्पत्ति भी समय के अनुसार कम और ज्यादा मात्रा में होती है।

आप एक कहावत के माध्यम से बेहतर समझ सकते हैं। घर के बुजुर्ग अक्सर कहते पाए जाते हैं की “दिन का पहला भोजन राजकुमार के जैसे, दूसरा भोजन राजा के जैसे और तीसरा यानी रात्रि भोजन एक रंक (गरीब)  के जैसे करना चाहिए।

खुद को स्वस्थ रखने के लिए आप अपने ब्रेकफास्ट को अधिक पौष्टिक बना सकते हैं और उसके बाद लंच को थोड़ा हल्का और फिर रात्रि भोजन को एकदम हल्का कर सकते हैं। स्वस्थ और संतुलित आहार को निचे तीन श्रेणियों में बाटा गया है ताकि पाठकों को समझने में आसानी हो।

स्वस्थ और संतुलित भोजन को तीन भागों में बांटा गाय है –

  • ब्रेकफास्ट के लिए स्वस्थ संतुलित आहार
  • लंच के लिए स्वस्थ संतुलित संतुलित आहार
  • डिनर के लिए स्वस्थ सर्वश्रेष्ठ संतुलित आहार

1. प्रातः लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Health Food for Morning in Hindi

 प्रातः लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Health Food for Morning in Hindi

भोजन का सबसे अच्छा समय प्रातःकाल सूर्यास्त के दो घंटे बाद तक का होता है इसलिए सुबह का लिया गया संतुलित आहार शरीर के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

फल (Fruits) – प्रातः शरीर का मेटाबोलिज़म बेहद ही अच्छा रहता है इसलिए सुबह-सुबह फल खाने के अनेकों फायदे हैं। फलों में संतरे, मोसंबी, सेब, केला, पपीता, नारियल पानी तथा अन्य फल शरीर के लिए बेहद ही लाभदायक होतें है।

फलों के अंदर पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं उदाहरण के रूप में एक केले में लगभग दो ग्राम प्रोटीन तथा लगभग 90 कैलोरी होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम होता है।

अंकुरित (Sprouts) – चने, मुंग, सिंगदाने इत्यादि को रात्रि में पानी के भिगाकर छोड़ देना चाहिए और सुबह पानी से छानकर अपने स्वादानुसार चीज़ों को मिलाकर उसका सेवन करने से शरीर की दिन भर की जरूरतें पूरी हो जाती है।

मूंग एक ऐसा अनाज है जिसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन तथा मिनरल्स पाए जाते हैं। सौ ग्राम मूंग अंकुर में लगभग 250 कैलोरी तथा 18 ग्राम प्रोटीन होता है और साथ ही उपयोगी फैट तथा एमिनो एसिड पाया जाता है।

चने को गरीबों का बादाम कहा जाता है अर्थात जितने गुण बादाम में होते लगभग वह सारे गुण चने में भी मौजूद होते हैं इसलिए चने खाने वाले इंसान की दृष्टि, हड्डियां कभी भी कमजोर नहीं होती हैं।

दलिया (Oatmeal) – भारत में खाद्य पदार्थों में जितनी विविधताएं हैं उतनी शायद ही किसी अन्य देश में हों जहाँ गेंहू का प्रयोग ब्रेड, रोटी, बिस्कुट और अन्य चीज़ें बनाने में होता है वहीँ दूसरी ओर गेहूं का दलिया यह कुछ सबसे सर्वश्रेष्ठ भोजन में शामिल है।

गेहूं का दलिया दूध में मिलाकर एक स्वादिष्ट व्यंजन बनाया जाता है जिसे मीठा दलिया भी कहते हैं अगर आप Best Breakfast for weight loss खोज रहे हैं तो दलिया आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।

नट्स (Nuts) – काजू, बादाम, अखरोट और पिस्ता ये तीन चीज़े विटामिन और जरुरी एमिनो एसिड्स से भरपूर होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आपने पहलवानों को इन सभी चीज़ों का शेक पीते जरुर देखा या सुना होगा।

यह हैवी प्रोटीन के कारण पचने में थोड़े कठिन होते हैं इसलिए पाचन के कमजोर लोगों को इनके स्थान पर हलके भोजन को करने की सलाह दी जाती है।

अंडे (Eggs) – अण्डों को कंप्लीट प्रोटीन कहा जाता है जिसमें उपयोगी प्रोटीन तथा विटामिन्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो लोग जिम जाते हैं वे अण्डों को पोस्ट वर्कआउट के रूप में ले सकते हैं। ज्यादा प्रोटीन पाने के चक्कर में कुछ लोग कच्चे अंडों का सेवन करते है लेकिन यह तरीका गलत है क्योंकि अण्डों के अन्दर खतरनाक बैक्टीरिया होने की संभावना होती है। इसलिए अंडे खाने का सबसे सुरक्षित तरीका उन्हें उबाल लेना है।   

सम्पूर्ण भोजन – आप अपने पहले भोजन को अपने ब्रेकफास्ट के स्थान पर भी कर सकते हैं। हो सकता है की यह आपके दिनचर्या पर सटीक न बैठे लेकिन बड़े से बड़े वैध आपको यही सलाह देंगे की आपको अपना भोजन सुबह सूर्योदय के दो-तीन घंटों में कर लेना चाहिए।

सुबह भोजन कर लेने के फायदे यह है की सुबह जठराग्नि ज्यादा सक्रिय रहती है और किसी भी भोजन को पचाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। आप अपने भोजन में चोकर युक्त रोटी, दाल, चावल, सलाद, छाछ तथा हरी सब्जियां इत्यादि शामिल कर सकते हैं।

प्रातः काल में त्यागने योग्य कुछ भोजन व आहार

  • अगर आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो छाछ तथा खट्टे फल को ग्रहण करने से पहले चिकित्सकों की राय जरुर लें।
  • आयुर्वेद में दूध पिने का सबसे सही समय रात्रि सोने से पहले बताया गया है क्योंकि दूध में केसीन नामक तत्व पाया जाता है जिसे पचने के लिए स्थिरता तथा समय दोनों की आवश्यकता होती है और सोते वक़्त उसका प्रोटीन ऑब्जरवेशन बेहद आराम से हो जाता है।
  • प्रातः किसी भी मादक द्रव्य का प्रयोग करने से परहेज करना चाहिए।

2. दोपहर के लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Healthy Food for Lunch in Hindi

दोपहर के लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Healthy Food for Lunch in Hindi

जो लोग प्रातः भोजन नहीं कर पाते उन्हें सुबह के नाश्ते में फल या हलके पदार्थ लेकर दोपहर के भोजन में पौष्टिक पदार्थों को शामिल करना चाहिए। दोपहर के लिए संतुलित आहार निम्न है।

मांसाहार (Non veg) – अगर आप मांसाहार का प्रयोग करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे बढियां समय दोपर है। मीट में कंप्लीट प्रोटीन होता है लेकिन मांस को पचाने के लिए शाकाहार से तीन गुना ज्यादा ताक़त लगती है।

पनीर (Paneer) – पनीर यह दूध का ही एक रूप है लेकिन पनीर में दूध के मुकाबले लाभदायक तत्व ज्यादा मात्रा होते हैं जिन लोगों को कम वजन की शिकायत हो उन्हें पनीर को अपने दोपहर के भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए। पनीर को सब्जी के रूप में प्रयोग करना यह एक सरल और स्वादिष्ट तरीका है।

100 ग्राम पनीर में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन और अन्य तत्व होते हैं जो शरीर को जरूरी पोषण देते हैं। पनीर लाभदायक होने के साथ-साथ पचने में भारी होता है इसलिए इसे पहले भोजन के रूप में लेना सबसे बेहतर तरीका है।

टोफू (Tofu) – टोफू यह भी पनीर जैसा ही दिखता है लेकिन यह सोया-मिल्क से बनाया जाता है। सोयाबीन यह सबसे हार्ड प्रोटीन में से एक है जिसमें सभी प्रकार के प्रोटीन और विटामिन्स निहित होते हैं। टोफू को पनीर की जगह प्रयोग में लिया जा सकता है।

राजमा (Kidney beans) – यह बीन्स की श्रेणी में आने वाला द्विदलीय बीज है जिसमे पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स सन्निहित होते हैं। राजमा को उपयोग में लेने से पहले उसे कुछ घंटे पानी में डुबाकर रखना पड़ता है क्योंकि यह एक हार्ड प्रोटीन का स्त्रोत है।

राजमा की सब्जियों को भारत में बेहद पसंद किया जाता है और यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होता है।

तरबूज/खरबूजा – साधारण से दिखने वाले ये फल गर्मियों के दिनों में वरदान साबित होते हैं क्योंकि इनमे पानी की अधिकता होने के साथ-साथ जरूरी मिनरल्स भरपूर होता है। इन्हें रोज वर्कआउट के दौरान या बाद में भी ले सकते हैं।

सोयाबीन (Soybean) – सोया को दो प्रकार पहला बीज के रूप में तथा दूसरा सोयावड़ी (Soya chunks) के रूप में उपयोग में लिया जाता है। सोयाबीन के बीज से ही सोया चंक्स, सोया तेल और टोफू बनते हैं। सोयाबीन के बीज में सबसे अधिक प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स, एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं।

सोयाबीन में फैट की मात्रा बेहद ज्यादा होती है इसलिए जो वजन कम करने के प्रयासों में हैं उन्हें बीज या टोफू की जगह चंक्स का प्रयोग करना चाहिए। सोयाबीन को सब्जी के रूप में दोपहर के भोजन में शामिल किया जा सकता है।

दालें (Pulses) – भारत में दालों की अनेक प्रजातियाँ उगाई जाती हैं जिनमें चने की दाल, अरहर की दाल और उड़द की दाल मुख्य रूप से उपयोग में लिया जाता है। अरहर तथा उड़द की दाल में प्रोटीन तथा मिनरल अधिक मात्रा में पाया जाता हैं इसलिए भारत में दालों का प्रयोग लगभग हर घरों में होता है।

सम्पूर्ण भोजन के रूप में दाल, चावल, रोटी, सब्जी, सलाद, छाछ इत्यादि स्वस्थ भोजन के रूप में एक बेहतर उपाय है जो स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करता है।

3. रात्रि के लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Healthy Food for Dinner in Hindi

रात्रि के लिए स्वस्थ भोजन की थाली में क्या होना चाहिए? Healthy Food for Dinner in Hindi

आपने ऊपर पढ़ा होगा की रात्रि का भोजन एक रंक यानी फ़कीर की तरह करना चाहिए। फ़क़ीर की तरह भोजन करने का आशय बेहद सादा तथा हल्का, सुपाच्य भोजन करने से है। रात्रि में हमारा पाचन तंत्र थक चुका होता है जिसके कारण पाचन के लिए जवाबदार उत्सेचकों का स्त्राव भी बेहद कम हो जाता है। निचे दिए गए स्वस्थ आहार की सूची को रात्रि के भोजन को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

हरी सब्जी (Leafy Veggies) – डिनर में जितना हो सके उतना हल्का तथा कम मसाले वाला भोजन ग्रहण करना चाहिए और रात के भोजन के रूप में हरी पत्तियों की सब्जी जैसे पालक, मेथी इत्यादि को जरुर शामिल करना चाहिए। सब्जियों को कम से कम पकाना चाहिए ताकि उसके जरुरी मिनरल्स जल कर ख़तम न हो जाएँ।

ब्राउन राइस (Brown rice) – चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए हर तीसरा चावल से परहेज करता दिखता है। लेकिन चावल में कार्ब के अलावा भी बहुत से तत्व जैसे पोटेशियम, मैग्नेशियम और फ़ोस्फोरस भी मिलते हैं जो शरीर के लिए बेहद ही जरुरी हैं। इसलिए सफ़ेद चावल के स्थान पर ब्राउन राइस एक बढियां विकल्प है।

दूध (Milk) – शाकाहार में दूध यह सबसे ज्यादा प्रोटीन तथा विटामिन के स्त्रोतों में से एक हैं लेकिन दूध को अधिक उबालने से उसके अधिकतर तत्व समाप्त हो जाते हैं। दूध को पीने का सही समय रात्रि भोजन के कम से कम दो घंटे बाद और सोने से आधे घंटे पहले माना गया है। जो वजन बढ़ाने की कोशिश में हैं उन्हें दूध में बादाम और पिस्ता को उबालकर उसे पिने चाहिए।

डिनर के लिए भी सम्पूर्ण भोजन के रूप में दाल, चावल, रोटी, सब्जी लिया जा सकता है लेकिन भोजन की मात्रा थोड़ी कम ही रखनी चाहिए।

रात्रि भोजन के रूप में त्यागने योग्य चीज़ें

रात्रि में हमारे शरीर की रासायनिक क्रिया बेहद मंद गति से चलता है इसलिए कुछ ऐसे पदार्थ हैं जिन्हें रात में खाने से परहेज़ करना चाहिये। रात्रि में निम्न भोजन को त्यागें।

  • रात में खट्टे फल खाने से बचें।
  • मांस तथा अण्डों का सेवन रात के भोजन में टालें।
  • जंक फूड को जितना हो सके त्यागें।
  • रात में छाछ पीने से बचें क्योंकि छाछ पीने का सर्वोत्तम समय दोपहर को माना गया है।
  • रात में अधिक तीखा तथा गरम मसाला उपयोग करने से बचें।

स्वस्थ भोजन के साथ इन बातों का भी रखें ध्यान Important Notes for Healthy Food in Hindi

मात्र संतुलित भोजन कहा लेने से शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता क्योंकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ अन्य बातों भी ध्यान रखना चाहिए जो निम्न हैं-

  • ज्यादा गर्म तथा ज्यादा ठंडा भोजन न करें।
  • प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा व्यायाम जरुर करें।
  • भोजन को धीरे-धीरे और चबा चबाकर खाएं।
  • वजन कम करने के लिए कभी भी भोजन का त्याग न करें।
  • रात्रि में ज्यादा देर तक न जागे और प्रातः ज्यादा देर तक न सोएं।
  • भोजन के तुरंत बाद कभी न सोयें।
  • शक्कर तथा नमक का प्रयोग कम करें।
  • कम से कम छः घंटे की नींद जरूर लें। खाना हमेशा सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए, अत्यधिक सेवन ना करें। जरूरत से ज्यादा खाने से अनेकों समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि बदहजमी, कब्ज, मोटापा आदि। याद रखें कि भोजन केवल तभी पौष्टिक है, जब वह सीमित मात्रा में, जरूरत के अनुसार ग्रहण किया जाए, क्योंकि किसी भी चीज की अति ठीक नहीं।
  • खाना सही समय पर खाना चाहिए, अर्थात सबसे सुनहरा नियम यही है कि जब भूख लगे तभी खाएं, क्योंकि भूख में हमारा पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है अथवा हाजमा अच्छा रहता है।
  • कोशिश करें कि ताजा गर्म खाना ही खाएं, यह और भी लाभप्रद है।
  • फ्रिज से निकली हुई चीजों का एकदम सेवन ना करें, पहले उन्हें गर्म कर ले।
  • फल हमेशा दिन के समय में खाएं, रात में ना खाएं।
  • जब भोजन का सही समय हो, उसी वक्त खाए, ज्यादा देर से ना खाएं। असमय खाना खाने से भी शरीर में अनेकों बीमारियां घर कर लेती है।
  • भोजन केवल पेट भरने के लिए ना खाए, अपने शरीर को शुद्ध रखने के लिए खाए।
  • कोशिश करें कि केवल घर का बना खाना ही खाएं, जंक फूड या बाहर की चाट से जितना परहेज रखें, उतना अच्छा।
  • खाना अच्छे से चबाकर खाएं, इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
  • टीवी देखते हुए खाना ना खाएं, इससे पता नहीं चल पाता है कि हम भोजन की कितनी मात्रा ग्रहण कर रहे हैं।
  • बहुत ज्यादा गुस्से में हो तो खाना ना खाए, शांत बैठ कर स्थिर मन से भोजन करें।
  • भोजन के बीच में बार बार पानी ना पिए, केवल खाने से आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद ही पानी पीएं, इससे खाना सही प्रकार हजम हो पाता है।
  • खड़े होकर खाना ना खाए, एक जगह बैठकर खाएं।
  • जो भी खाएं प्रसन्न मन से खाएं, जल कुढ़ कर नहीं। ईश्वर का धन्यवाद करते हुए खाए, कि हमारी थाली में इतना भोजन है और इस प्रार्थना के साथ के जिनके पास नहीं है, उनको दे।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में यही कहना चाहेंगे कि संतुलित आहार (balanced diet) ही एक स्वस्थ जीवन की चाबी है, अथार्त सेहतमंद जिंदगी के लिए संतुलित आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर हमें स्वस्थ बने रहना है, तो भोजन को केवल खाए नहीं, उसका संतुलन बनाकर ग्रहण करें।

इस लेख में आपने स्वस्थ भोजन (Healthy foods) के बारे भी आपने विस्तार से पढ़ा और भोजन करने के सही समय तथा तरीकों को जाना। आशा है आप इस लेख के मर्म को समझ गए होंगे और अपने भोजन के लिए सही क्रम निश्चित कर लिए होंगे। अगर इस लेख से आपको सरल तथा ज्ञानवर्धक जानकारी मिली हो तो इसे शेयर जरुर करें।

11 thoughts on “संतुलित आहार पर निबंध Essay on Balanced Diet in Hindi – Santulit Aahar”

Yes it’s too good

Good morning

Very nice sir

I enjoy reading a post that can make men and women think. Marrilee Adolphus Margo

Wow I am very very great full you

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स्वस्थ आहार क्या है, इसके फायदे और डाइट चार्ट – Healthy Food in Hindi

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‘खाना’ शरीर की मूलभूत जरूरत से अलग अब लोगों के मन को तृप्त करने वाली चीज बन चुका है। कुछ लोग भूख लगने पर खाते हैं, जबकि कुछ लोग सिर्फ भोजन को चखने के लिए खाते हैं। हालांकि, इन सबके बीच अगर आपसे पूछा जाए कि क्या आप पौष्टिक आहार का सेवन करते हैं, तो हो सकता है कि आप थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ जाएं। यह एक गंभीर विषय है, इसलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस पर विचार करना जरूरी है। आइए जानते हैं स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना क्या है और स्वस्थ भोजन के फायदे क्या-क्या हैं।

इस लेख की शुरुआत इस सवाल से करते हैं कि स्वस्थ आहार क्या है? आप में से कई लोगों के मन में यह दुविधा चलती होगी कि आज के वक्त में स्वस्थ भोजन जैसी चीज न के बराबर है और अगर है भी, तो वो शायद स्वाद में अच्छी न लगे। इसलिए, नीचे हम आपको स्वस्थ आहार के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

स्वस्थ आहार क्या है – What is Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार का मतलब ऐसे खाद्य पदार्थों से है, जो विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। आहार जो आपको सेहतमंद और तंदुरुस्त रखने का काम करें और आपको बीमारियों से दूर रखें। स्वस्थ आहार को पांच श्रेणी में बांटा जा सकता है ( 1 ) :

  • हरी सब्जियां और फलियां
  • मीट-मछली, पोल्ट्री उत्पाद
  • दूध उत्पाद जैसे – पनीर, दही

लेख के आगे के भाग में जानिए कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

स्वस्थ आहार के फायदे – Benefits of Eating Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार के फायदे अनेक हैं जिन्हें हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं –

  • स्वस्थ भोजन करने से न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि आपका दिमाग भी तेज होता है ( 2 )।
  • स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाने से शरीर मजबूत होता है।
  • स्वस्थ आहार हड्डियों को मजबूत रखते हैं।
  • पौष्टिक भोजन गर्भावस्था के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
  • हरी-सब्जियां और फल मोटापा, कैंसर, डायबिटीज, ह्रदय रोग जैसी गंभीर शारीरिक समस्याओं से बचाव करते हैं। ( 3 )। खासकर वो खाद्य पदार्थ जिसमें फाइबर की अधिक मात्रा होती है।

पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो सकता है ( 4 )।

आगे हम आपके साथ स्वस्थ आहार चार्ट की एक सूची शेयर कर रहे हैं।

स्वस्थ आहार का नमूना चार्ट – Sample Healthy Diet Chart in Hindi

नीचे हम आपके साथ स्वस्थ भोजन का आहार चार्ट शेयर कर रहे हैं, हालांकि यह आपके लिए एक उदाहरण के तौर पर साझा कर रहे हैं। इस चार्ट में बताए गए खाद्य पदार्थों में आप अपने अनुसार बदलाव भी कर सकते हैं।

नोट : यह सूची बस उदाहरण के तौर पर दी गई है, इसमें मौजूद खाद्य पदार्थ या उसकी मात्रा अलग-अलग व्यक्ति के स्वास्थ्य या उनके भूख पर निर्भर करती है। खाने के वक्त में भी बदलाव हो सकता है और बीच-बीच में कुछ अन्य चीजों का भी सेवन किया जा सकता है।

अब हम आपको कुछ पौष्टिक आहार के बारे में बताएंगे जिसे आप अपने हर रोज के डाइट में शामिल कर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

स्वस्थ खाद्य पदार्थ की तालिका – Healthy Food List in Hindi

नीचे जानिए कुछ ऐसे स्वस्थ भोजन जो कि आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं, जिसे आप अपने डाइट में शामिल कर खुद को सेहतमंद रख सकते हैं।

हरी सब्जियां – कई लोग खाने में हरी सब्जियां ज्यादा पसंद नहीं करते हैं लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इनसे उन्हें कितना फायदा हो सकता है। सब्जियों में मौजूद विटामिन, कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को मोटापे, ह्रदय रोग के अलावा कई गंभीर बीमारियों से से बचाने का काम करते हैं। स्वस्थ जीवन के लिए दैनिक आहार में हरी-सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए ( 5 ) ( 6 )।

फल – सब्जियों की तरह ही फल भी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर हो, कोलेस्ट्रॉल हो या वजन घटाना हो, फल आपकी मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा, आम और अपने पसंद का कोई भी एक या दो फल आप अपने खाने के रूटीन में शामिल जरूर करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि फलों का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाना चाहिए ( 5 ) ( 6 )।

सूप – अपने डाइट में सूप भी जरूर शामिल करें, खासकर के तब जब आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं। नियमित योग या व्यायाम के साथ अपने डाइट में सूप को शामिल करके आप मोटापे की समस्या से बचाव कर सकते हैं( 7 )। इसके साथ ही साथ कभी-कभी आप सूप को अपने एक वक्त के डाइट में भी ले सकते हो क्योंकि यह हल्का होता है।

सब्जियों का जूस – पोटैशियम, विटामिन, कैल्शियम युक्त सब्जियों के जूस को अपने डाइट में शामिल करें। विटामिन सी युक्त जूस से न सिर्फ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि ये चोट और घाव को जल्दी भरने का काम भी करते हैं। आप गाजर, टमाटर व हरी सब्जियों के जूस को शामिल कर सकते हैं। सिर्फ जूस ही नहीं, बल्कि नारियल पानी जैसे पेय पदार्थ भी आपको सेहतमंद रखने का काम कर सकते हैं। नारियल पानी से शरीर ठंडा होता है और पेट संबंधी समस्याओं से काफी हद तक आराम मिल सकता है ( 8 ) ( 9 ) ( 10 ) ( 11 )।

फलियां और दाल – प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर दाल और फलियां रक्तचाप, मधुमेह जैसी घातक बीमारियों से रोकथाम का काम कर सकती हैं। इसलिए अपने दैनिक आहार में दाल और फलियों को जरूर शामिल करें( 12 )( 13 )( 14 )।

अनाज – चावल, गेहूं, दलिया, मकई , ब्राउन राइस जैसे अनाज और अनाज उत्पाद स्वास्थ्य के लिए जरूरी माने जाते हैं। ये शरीर में ऊर्जा की पूर्ति का काम करते हैं और आपको बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने दैनिक आहार में रोटी, चावल और अन्य अनाज उत्पादों को शामिल करें( 15 )( 16 )।

दूध या दूध युक्त उत्पाद – दूध में कई तरह के पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं। दूध हड्डियों को मजबूत बनाने से लेकर हृदय रोगों, टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचाव करने का काम करता है( 16 ), ( 17 )।

इसके साथ ही कोशिश करें आप कम फैट वाला या फैट फ्री दूध उपयोग करें क्योंकि हाई सैचुरेटेड फैट से शरीर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है। हालांकि यह पहले के शोध में कही गई बात है, अभी के नए शोध के में कुछ बदलाव हुए हैं जिसके परिणाम में यह कहा गया है कि फुल क्रीम दूध ह्रदय के लिए लाभकारी हो सकता है( 18 ), हालांकि इसपर मिलीजुली प्रतिक्रिया है। आपको अगर दूध न पसंद हो तो आप दूध युक्त उत्पाद जैसे – पनीर, चीज़ और अन्य सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि अगर आपको दूध से एलर्जी है तो आप उसके बदले सोया मिल्क, बादाम दूध का उपयोग कर सकते हैं( 19 ), ( 20 )। इसके अलावा डॉक्टर से भी इस बारे में बात कर सकते हैं।

अंडा – प्रोटीन, मिनरल, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और ऐसे ही कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर अंडा शरीर को न सिर्फ एनर्जी देता है बल्कि स्वस्थ भी रखता है। अंडा उन खाद्य पदार्थों में से एक है जिसमें प्राकृतिक रूप से विटामिन डी पाया जाता है। यह मनुष्य के दिमागी विकास में मदद कर संज्ञानात्मक (cognitive) समस्याओं से बचाव कर सकता है। कई बार उम्र के साथ यादादश्त कमजोर होने लगती है ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ आपकी याददाश्त सही रहे तो अपने डाइट में अंडे को शामिल करना न भूलें( 21 )। अंडे का सेवन बच्चे, बूढ़े, जवान लगभग हर उम्र के लोग कर सकते हैं ( 22 )। हालांकि अगर किसी को ऐलर्जी की परेशानी है तो वो अंडे के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से राय लें।

मीट – हरी सब्जियों और फलों की तरह मीट भी स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसमें न सिर्फ प्रोटीन होता है बल्कि इसमें जिंक भी मौजूद होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है, त्वचा को स्वस्थ बनाता है और प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को बरकरार रखने का काम करता है। इतना ही नहीं मीट में विटामिन बी 12 और ओमेगा-3 भी होता है जो तंत्रिका तंत्र (Nervous System) , ह्रदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है( 23 )।

मछली – अगर आप अपनी डाइट में मीट नहीं शामिल करना चाहते हैं तो आप मछली का सेवन कर सकते हैं। देखा गया है कि जो बच्चे मछली का सेवन करते हैं उनमें दमा जैसी बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। मछली में मौजूद ओमेगा-3 मस्तिष्क और दृष्टि के लिए फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं मछली का सेवन अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। मधुमेह के मरीजों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मछली का सेवन किया जा सकता है( 24 )। हालांकि हमेशा उस मछली का चुनाव करें जिसमें मरकरी कम मात्रा में हो क्योंकि ज्यादा मरकरी वाली मछली के सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

सेब का सिरका – सेब का सिरका वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इतना ही नहीं यह ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। हालांकि इसके सेवन के दौरान कुछ सावधानियां रखनी चाहिए और संतुलित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए( 25 )।

डार्क चॉकलेट – चॉकलेट का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आपको हृदय रोगों से बचना है तो अपनी डाइट में डार्क चॉकलेट को शामिल करें। डार्क चॉकलेट में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि डार्क चॉकलेट का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए( 26 )।

ये तो थे पौष्टिक आहार की सूची जिसे आप अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। इस लेख के आगे के भाग में हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे जिसे आपको अपने डाइट से हटाना या कम कर देना चाहिए।

खाद्य पदार्थ जो बिल्कुल नहीं खाने चाहिए – Foods to Avoid in Healthy Diet in Hindi

नीचे हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको डाइट से बिल्कुल हटा देना चाहिए और अगर आप उन्हें पूरी तरह हटा नहीं सकते तो कम से कम उसके सेवन सीमित कर दें।

तला-भूना खाना – तला-भूना भोजन शरीर के लिए घातक हो सकता है। तले-भूने खाने से ह्रदय संबंधी समस्या, मोटापा, मधुमेह और कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इनसे दूर रहें और अगर आपको तला-भूना भोजन बहुत पसंद है तो आप घर का बना तला-भूना भोजन खा सकते हैं, जिसके लिए आप जैतून का तेल या सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं ( 27 ), ( 28 )। कोशिश करें कि इनके सेवन को सीमित करने की।

मीठे खाद्य पदार्थ – मीठे खाद्य पदार्थ जैसे मीठाई, आइस क्रीम, चॉकलेट लोगों के पसंदीदा होते हैं। लेकिन इनका अनियंत्रित मात्रा में किया गया सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थ न सिर्फ मोटापा बढ़ाते हैं बल्कि डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनते हैं। इसके अलावा ये आपके दांतों को भी खराब कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इनके सेवन को सीमित करें, ( 29 )।

जंक फूड्स – झटपट बनने वाले और आसानी से उपलब्ध बर्गर, पिज्जा, फ्राइज, पैटीज जैसे जंक फूड्स आज धीरे-धीरे स्वस्थ आहार की जगह ले रहे हैं। लेकिन इन पर बढ़ती निर्भरता आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थ मोटापे के साथ हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और लीवर से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए जितना हो सके जंक फूड्स के सेवन से बचें ( 30 ), ( 31 )।

कैफीन – चाय, कॉफी की आदत लगभग हर किसी को होती है। अक्सर लोग तनाव को दूर करने के लिए इसका सेवन करते हैं। लेकिन इनका अनियंत्रित मात्रा में किया गया सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। चाय और कॉफी कैफीन युक्त होते हैं और शरीर में कैफीन की अधिक मात्रा से अनिद्रा, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इन पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें( 32 ), ( 33 ), ( 34 )।

चीज़, बटर, मायोनीज – जैसा कि ऊपर हमने बताया कि दूध उत्पाद जैसे पनीर, चीज़ का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। लेकिन इसमें आप ध्यान रखें कि चीज़, बटर, मायोनीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन एक संतुलित मात्रा में कभी-कभी करें। बेहतर है लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करें ( 35 )।

सॉफ्ट ड्रिंक – सोडायुक्त पेय पदार्थ या सॉफ्ट ड्रिंक पीने का चलन लगभग हर उम्र के लोगों में दिख रहा है। सॉफ्ट ड्रिंक की बढ़ती यह आदत स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद शुगर और कैफीन की मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार सॉफ्ट ड्रिंक से सेवन से मोटापा, भूख न लगना, दांत खराब होना जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इन पेय पदार्थों से दूर रहें( 36 ), ( 37 ), ( 38 )।

संरक्षित या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ – जितना हो सके डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ या फ्रोजेन मटर, मीट, मछली और ऐसी ही कई अन्य चीजों के सेवन से बचे। इसके सेवन से बोटुलिज्म नामक बीमारी हो सकती है। यह एक घातक बीमारी है जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक एक रोगाणु द्वारा उत्पन्न जहर के कारण होती है। अगर डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ सही तरीके से न रखा गया हो तो इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ सकता है। इससे व्यक्ति के जान भी जा सकती है( 39 )।

अल्कोहल – जितना हो सके अल्कोहल के सेवन से बचे। लगातार अल्कोहल का किया गया सेवन कैंसर, हृदय रोग मधुमेह जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकता है( 40 )।

स्वस्थ और हानिकारक आहार के बाद आगे जानिए स्वस्थ भोजन के लिए कुछ और टिप्स।

स्वस्थ भोजन के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Healthy Diet in Hindi

तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थ – जितना हो सके तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचे। इनके लगातार सेवन से कई तरह की जानलेवा बीमारी हो सकती है, जैसे – कैंसर, ह्रदय रोग, सांस संबंधी समस्या( 41 )।

पानी खूब पिएं – शरीर में पानी की कमी निर्जलीकरण का कारण बनती है, जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है। इसलिए जितना हो सके पानी पिएं( 42 ), ( 43 )।

कम शुगर – शुगर शरीर के लिए जरूरी है लेकिन ज्यादा शुगर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे दांत खराब हो सकते हैं, मोटापा, डायबिटीज जैसी समस्या खड़ी हो सकती हैं।

उपवास – उपवास करना शरीर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। उपवास माटोपे का कम करने के साथ-साथ शरीर की कई अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि उपवास के दौरान आप नियमित रूप से पानी पीते रहे, फल, ड्राय फ्रूट का सेवन करें ताकि आपके शरीर में उर्जा बनी रहे( 44 )।

इस लेख के जरिए आपको यह तो पता चल ही गया है कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना कितना जरूरी है। हमेशा याद रखें कि आप जो खाएंगे, उसी के परिणाम आपकी सेहत पर नजर आएंगे। अब आपको स्वस्थ भोजन के बारे में कई चीजें पता चल गई होगी। इसलिए, अगर अभी तक आप स्वस्थ आहार से अनजान थे, तो अब इनके बारे में जानकर इसे अपने डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, अगर आपके पास भी पौष्टिक आहार की जानकारी या सूची है, जिसके बारे में यहां नहीं बताया गया है, तो आप उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।

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Dt. Arpita Jain MSc (Clinical Nutrition & Dietitics)

Anuj joshi चीफ एडिटर, 35+ best ways to forget someone you love - अपने प्यार को कैसे भूलें | apne pyar ko kaise bhule, 50+ सगाई शायरी - engagement quotes and wishes in hindi, टाइगर नट्स के फायदे और नुकसान - tiger nuts benefits and side effects in hindi, थायराइड के लिए बेहद आसान और फायदेमंद योग - 15 best yoga for thyroid in hindi, संतरे का फेस पैक लगाने के फायदे और बनाने का तरीका – orange face pack in hindi, दही फेस पैक के फायदे और बनाने का तरीका - benefits of curd (dahi) face pack in hindi, ग्रीन टी फेस पैक के फायदे और बनाने का तरीका - benefits of green tea face pack in hindi, काले अंगूर के फायदे और नुकसान – black grapes benefits and side effects in hindi, कब्ज दूर करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग - castor oil for constipation in hindi, काली किशमिश के 7 फायदे और नुकसान - black raisins benefits and side effects in hindi, वजन कम करने के लिए एलोवेरा जूस के फायदे और उपयोग – aloe vera juice for weight loss in hindi, क्या बेकिंग सोडा से पिम्पल्स कम होते हैं – baking soda for acne in hindi.

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essay on food in hindi

संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi

In this article, we are providing information about Healthy Food in Hindi- Short Essay on Healthy Food in Hindi Language. संतुलित आहार पर निबंध- Nibandh santulit aahar in Hindi

भोजन हर व्यक्ति की जरूरत है जिससे हमें ऊर्जा मिलती है। ऊर्जा के लिए भोजन का संतुलित होना जरूरी है। संतुलित आहार का अर्थ है ऐसा भोजन जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट और फाईबर उचित मात्रा में मौजुद हो। संतुलित आहार हमें स्वस्थ रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है। संतुलित आहार के अंदर चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जियाँ, दुध और दही इत्यादि आते हैं। हम सबको रोज स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन हमें एक खुशहाल जीवन देता हैं। हमें संतुलित आहार में रोज फलों को भी खाना चाहिए।

आधुनिक समय में व्यक्ति संतुलित आहार का महत्व को भूलता जा रहा है और स्वस्थ भोजन से दुर जाता जा रहा है जिस कारण बच्चों में मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ता जा रहा है। हम लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ आकर्षित होते जा रहे हैं और भोजन की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फूड भले ही स्वादिष्ट होते हैं पर वह बिल्कुल भी पौष्टिक नहीं होते हैं बल्कि हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक ही होते हैं। ज्यादा तले और बंद भोजन के कारण बहुत सी बिमारियाँ बढ़ती हैं।

हम सबको जंक फूड को त्यागकर संतुलित आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जियाँ रंग बिरंगे तरीके से अलग अलग व्यंजन बनाकर खिलानी चाहिए जो कि देखने में आकर्षक लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाए। बच्चों के साथ साथ बढ़ो को भी संतुलित आहार ही लेना चाहिए। संतुलित आहार हमें शक्तिशाली बनाता है और रोगों के लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। हमें अपने तीनों समय का भोजन ऐसा रखना चाहिए कि उनमें पौष्टिक भोजन अवश्य रहें। हम कभी कभी बाहर का खा सकते हैं लेकिन हमें रोज स्वस्थ भोजन ही करना होगा। हमें पैकेट के भोजन का बहिष्कार करना चाहिए और ताजा भोजन ही खाना चाहिए।

हमें रोज सुबह दुध के साथ अनाज का सेवन करना चाहिए। दोपहर को चावल, रोटी ,दाल स्लाद आदि खाना चाहिए। दोपहर के खाने के तीन घंटे बाग हल्का नाश्ता करना चाहिए और रात को दील रोटी खानी चाहिए। रात को सोने से पहले दुध और फल या फिर जुस पीना चाहिए। हमें संतुलित आहार का नियमित रूप से पालन करना चाहिए। संतुलित आहार हमें शारीरिक और मानसिक रूप को संतुलित रखता है ओर हमारी एकाग्रता की शक्ति में वृद्धि होती है। स्वस्थ रहने का एकमात्र तरीका स्वस्थ भोजन ही है जिसे हमें रोज ग्रहण करना होगा।

Essay on Junk Food in Hindi- जंक फूड पर निबंध

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2 thoughts on “संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi”

essay on food in hindi

Excellent one 👍👌

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I really like it 😇

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Indian Food: Short Essay on Indian Food

भारतीय भोजन: भारतीय भोजन पर लघु निबंध हिंदी में | Indian Food: Short Essay on Indian Food In Hindi

भारतीय भोजन: भारतीय भोजन पर लघु निबंध हिंदी में | Indian Food: Short Essay on Indian Food In Hindi - 500 शब्दों में

भारतीय भोजन दुनिया भर के लोगों द्वारा पसंद और खाया जाता है। इसमें भारतीय व्यंजनों की एक बड़ी सूची शामिल है जिसका भारत के स्थानीय लोगों द्वारा सेवन किया जाता है।

भारतीय उपमहाद्वीप मसालों, जड़ी-बूटियों और स्वादों से भरपूर है। भारतीय भोजन भी धर्म यानी हिंदू और लोगों की सांस्कृतिक पसंद से प्रभावित होता है।

ब्रेडफ्रूट, मिर्च और आलू जिसे भारतीय आहार में मुख्य भोजन माना जाता है, पुर्तगाली यहां लाए हैं।

भारतीय भोजन की सामग्री:

बाजरा, चावल, गेहूं का आटा, मसूर, तुअर, उड़द, मूंग, दालें, राजमा, चना, चना और मूंग जैसी दाल बेसन में।

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खाना पकाने के लिए भारतीय तेल:

भारत के विभिन्न क्षेत्र खाना पकाने के लिए विभिन्न तेलों का उपयोग करते हैं। कुछ सबसे आम तेल हैं:

  • वनस्पति तेल जैसे पूर्वी भारत में मूंगफली
  • सरसों का तेल
  • सोयाबीन का तेल दक्षिण भारत में अधिकतर
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मसालों की एक बड़ी सूची उपलब्ध है और भारतीय लोग खाना पकाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। उनमें से कुछ हैं:

  • मिर्च काली मिर्च
  • हल्दी पाउडर
  • अदरक का पेस्ट एक खास मसाला बनाने के लिए।
  • जीरा और गुजरात छोड़ देता है।

तो भारतीय उपमहाद्वीप दुनिया के सबसे बड़े और आबादी वाले महाद्वीपों में से एक है। इसमें कई तरह के अलग और स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं जो लोगों को बहुत पसंद आते हैं। उनके मसाले और रेसिपी पारंपरिक हैं। बूढ़ी महिलाओं ने उन्हें कई वर्षों के शोध और अनुभव से बनाया है। वे दुनिया भर में निर्यात किए जाते हैं।

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भारतीय भोजन: भारतीय भोजन पर लघु निबंध हिंदी में | Indian Food: Short Essay on Indian Food In Hindi

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Essay on Indian Food

Students are often asked to write an essay on Indian Food in their schools and colleges. And if you’re also looking for the same, we have created 100-word, 250-word, and 500-word essays on the topic.

Let’s take a look…

100 Words Essay on Indian Food

Introduction to indian food.

Indian food is a rich blend of various regional cuisines from India. It’s known for its bold, complex flavours and diverse ingredients.

Flavours and Ingredients

Indian cuisine uses a variety of spices like turmeric, cumin, and coriander. Ingredients like rice, wheat, and lentils are common, along with vegetables and fruits.

Regional Variations

India’s diverse regions each have unique food. Northern India enjoys creamy curries and tandoori, while Southern India is known for spicy dishes and rice-based meals.

Significance

Indian food is not just about taste, but also culture and tradition. It’s a crucial part of festivals and celebrations.

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250 Words Essay on Indian Food

Introduction.

Indian cuisine, a rich tapestry of flavors, is a testament to the country’s diverse culture and history. It is characterized by its sophisticated and subtle use of a multitude of spices and herbs, which vary by region due to differences in climate and soil.

The Diversity of Indian Cuisine

Indian food is not a monolith but a plethora of regional cuisines. Northern Indian dishes, like butter chicken and naan, are heavily influenced by Persian and Mughal cuisines. In contrast, Southern Indian cuisine, known for dosas and sambar, relies heavily on rice and lentils. Coastal areas, such as Goa and Bengal, offer a rich array of seafood dishes.

Spices: The Heart of Indian Cuisine

Spices are the lifeblood of Indian cuisine. Turmeric, cumin, coriander, and cardamom are just a few examples. These spices not only add flavor but also have medicinal properties, reflecting the ancient Indian practice of Ayurveda.

The Role of Vegetarianism

India has the highest percentage of vegetarians globally, influenced by religious beliefs and philosophies. This has led to a vast array of vegetarian dishes, including paneer tikka, aloo gobi, and chole bhature.

Indian food, with its rich flavors, diverse regional variations, and emphasis on spices and vegetarianism, offers a unique culinary experience. It is not just about feeding the body, but also about nourishing the soul, reflecting India’s cultural richness and spiritual depth.

500 Words Essay on Indian Food

Indian cuisine, a rich tapestry of flavors, is a testament to the country’s complex cultural heritage and geographical diversity. With its myriad regional dishes and culinary techniques, it offers a gastronomic journey that is as diverse as its people and traditions.

Historical and Geographical Influence

The evolution of Indian food is deeply intertwined with the country’s history and geography. The early Harappan civilization laid the foundation with its farming practices, later enriched by the Aryans’ dairy-based diet. Subsequent invasions, trade relations, and colonial rule introduced new ingredients and cooking methods, shaping the cuisine we know today.

India’s geography has also played a significant role. Coastal regions, with their abundant seafood, have developed distinct dishes like Goan fish curry. In contrast, the arid regions of Rajasthan and Gujarat have unique vegetarian cuisines, given the scarcity of water and fresh produce.

Ingredients and Flavors

Indian cuisine is characterized by its bold use of spices, which are typically toasted and ground into a blend known as masala. These spice blends vary regionally, with garam masala in the north and sambar powder in the south. Herbs, such as coriander, mint, and fenugreek, also play a significant role, adding depth and complexity to dishes.

Rice and wheat are staple grains, forming the base for dishes like biryani and roti. Lentils and pulses are also integral, providing protein in a predominantly vegetarian diet. Dairy, in the form of milk, yogurt, and ghee, is used extensively, especially in northern India.

Diversity of Indian Cuisine

India’s culinary diversity is striking. Northern Indian cuisine, influenced by Persian and Mughal cooking, features rich, creamy dishes like butter chicken and naan bread. Southern Indian cuisine, on the other hand, is characterized by its spicy, tangy flavors, with dishes like dosa and rasam. Western India offers a blend of sweet and savory dishes, while eastern India is known for its sweets like rasgulla and sandesh.

Indian Food Beyond Borders

Indian food has gained global recognition, with adaptations like chicken tikka masala becoming beloved dishes worldwide. This international popularity has led to fusion cuisines, blending Indian flavors with foreign culinary traditions. However, it’s important to note that these adaptations often represent only a fraction of India’s culinary diversity.

In essence, Indian food is a symphony of flavors, a reflection of the country’s cultural diversity and historical journey. It’s a cuisine that tells stories, celebrates regional diversity, and offers an array of flavors that continue to enthrall food lovers around the globe. As Indian food continues to evolve and influence global cuisines, it stands as a testament to India’s rich culinary heritage.

That’s it! I hope the essay helped you.

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Millets are Superfood Essay in Hindi

Millets are Superfood Essay in Hindi: मिलेटस (मोटा अनाज) पर निबंध

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Millets are Superfood Essay in Hindi

यहां हम आपको “Millets are Superfood Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Millets in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Millets are Superfood Essay in Hindi (100 Words)

भारत में उपलब्ध मिलेट्स की फसलों में बाजरा रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), समा (छोटा बाजरा), बाजरा (मोती बाजरा) और वरिगा (प्रोसो मिलेट) शामिल हैं। मिलेट्स सभी तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, एवं शरीर को रोगों से मुक्त रखने में सक्षम होते हैं। भारत में मोटे अनाजों के पौधों का प्रमाण सर्वप्रथम सिंधु घाटी सभ्यता से मिला था. मिलेट्स मुख्य रूप दो प्रकार के होते हैं, जिसमें मोटे अनाज और गौण मोटे अनाज (Major and Minor Millets) शामिल हैं।  दुनियां के 131 देशों में मिलेट्स की खेती की जाती है। जिसमें से भारत बाजरे का मुख्य उत्पादक है। इस प्रकार के अनाज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और उनमें होने वाली कई प्रकार की बीमारियो से दूर रखता है। हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा भी इस तरह के भोजन को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि भारत के लोग स्वस्थ रह सकें।

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Essay on Millets for Food and Nutrition 200 Words 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कई बार अपने भाषण के माध्यम से लोगों को मिलेट्स आहार के बारे में बताया गया है। मिलेट्स का उपयोग अधिक से अधिक लोगों को अपने भोजन में करना चाहिए, ताकि वह एक स्वस्थ जीवन जी सके। समय के साथ जैसे-जैसे पर्यावरण दूषित होता जा रहा है, और तरह-तरह की बीमारियां फैलती जा रही है। ऐसे में एक व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद को सुरक्षित और स्वस्थ रखना होता है। आजकल हर 6 महीने में एक नई बीमारी फैल रही है, और वर्तमान में व्यक्तियों द्वारा खाने में अनहाइजीनिक और पैक्ड फूड खाया जा रहा है, जिसके कारण उनके शरीर के इम्यूनिटी काफी कम होती है, और वह इन बीमारियों को शिकार होकर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।

मिलेट्स एक ऐसा अनाज है, जो कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें शरीर को स्वस्थ रखने वाले सभी विटामिन कैल्शियम पाएं जाते हैं। इन मिलेट्स अनाज में मोटे अनाज जैसे की ज्वार, बाजरा शामिल है। ज्वार बाजरे का सेवन प्राचीन काल में हमारे पूर्वजों द्वारा किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इन्हें खाने का चलन बदल गया, जिसके बाद इंसानों का स्वास्थ्य भी कमजोर होने लगा। इसलिए हमें वापस से मिलेट्स को अपनी थाली में जगह देनी चाहिए, और इसे अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।

Essay on Millets in Hindi 300 Words 

हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। एक व्यक्ति को खुद को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम के साथ स्वस्थ और सुरक्षित आहार भी लेना चाहिए। भारत की आबादी में ऐसे कई लोग शामिल है, जो कुपोषण के शिकार है। कुपोषण के शिकार होने का मुख्य कारण है, खाने में पोषक तत्वों की कमी। व्यक्तियों द्वारा अपने भोजन में पोषक तत्व से भरपूर अनाजों का उपयोग कम कर दिया गया है। वह भूख मिटाने के लिए पैक और अनहाइजीनिक फूड खा रहे हैं, जिससे उनके शरीर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

मिलेट्स क्या है?

मिलेट्स उन अनाजों को कहा जाता है, जिनमें शरीर के लिए आवश्यक सभी तरह के पोषक तत्व और चिकित्सक गुण मौजूद होते हैं। मिलेट्स अनाज में ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो लोगों को रोगों से बचाते हैं, तथा उन्हें रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। ऐसे अनाजों को मिलेट्स कहा जाता है। मिलेट्स अनाज में मुख्य रूप से मोटे अनाज जैसे कि ज्वार, बाजरा, रागी शामिल है। मिलेट्स अनाज पूरी तरह ग्लूटेन फ्री होते हैं, और यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं।

मिलेट्स स्वास्थ्यवर्धक अनाज है। आज हमें ऐसे अनाजों को अपने आहार में शामिल करना बहुत आवश्यक है। मिलेट्स पोषक तत्वों और कई विटामिन से भरपूर हैं। ज्वार, बाजरा, रागी ये सब अनाज ऐसे हैं, जो पुराने समय से खाए जा रहे हैं। इन्हें मौसम के अनुसार खाया जाता था। क्योंकि हर अनाज की अपनी तासीर होती है, और उसे खास मौसम के अनुसार ही खाया जाना चाहिए। अब समय आ गया है, की हम एक बार फिर ज्वार, बाजरा जैसे अनाजों को खाने में शामिल करना चाहिए। 

Millet a Superfood or a Diet Fad Essay in Hindi 500 Words

भारत का पारंपरिक फूड मिलेट्स आज राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हो रहा है। पीएम मोदी जी इसी साल ग्लोबल मिलेट्स कान्फ्रेस का उद्घाटन किया गया है। मोदी जी के मिलेट्स को ‘श्री अन्न’ बताया है, जिसका अर्थ पवित्र अन्न होता है। मिलेट्स एक ऐसा अनाज है, जो शरीर के कई पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता हैं। भारत की मिलेट्स फसलों में बाजरा, ज्वार, सांवा, वरीगा आदि शामिल है। ये अनाज मानव शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं। मिलेट्स ग्लूटेन फ्री होता है और इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन, फाइबर, फॉस्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-डी और बी-कॉम्प्लेक्स होता है।

मिलेट्स के प्रकार (Types of Millets in Hindi)

मिलेट्स में आने वाले अनाज दो तरह के होते हैं, इन्हें इनके आकार के हिसाब से दो भागों में बांटा गया है पहला बड़े दाने वाले मिलेट्स और दूसरा छोटे दाने वाले मिलेट्स। बड़े दानों वाले मिलेट्स में ज्वार और बाजरा शामिल है। वहीं दूसरी ओर छोटे दानों वाले मिलेट्स में रागी, कोदो, सांवा, कुटकी शामिल है। लेकिन इन अनाजों को आज गेहूं और चावल ने पीछे छोड़ दिया है। हमारे पूर्वजों द्वारा अधिकतर इन्हीं अनाजों का सेवन किया जाता था, जिसके कारण वह हमेशा स्वस्थ रहते थे। इन अनाजों की महत्वता देखते हुए इन्हें दोबारा से भारतीय थाली में लाने की कोशिश की जा रही है। भारत सरकार द्वारा भी लोगों से इन अनाजों को उपयोग करने के लिए कहा जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (International Year of Millets 2023)

भारत सरकार द्वारा मिलेट्स अनाज के उत्पादन और उपयोग पर काफी जोर दिया जा रहा है भारत सरकार के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने भी वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है। मिलेट्स अनाज न केवल खाने वालों के लिए बल्कि उगाने वालों के लिए फायदेमंद होते हैं। इन अनाजों को किसानों का मित्र कहा जाता है, क्योंकि यह अनाज कम परिश्रम और कम लागत में उगाए जा सकते हैं। इसके अलावा यह अनाज बाकी अनाजों की तरह जलवायु परिवर्तन से प्रभावित नहीं होते। यह अनाज बिना किसी उर्वरक के और किसी भी तरह की मिट्टी में उग जाते हैं।

क्यों हुआ मिलेट का उपयोग कम (मिलेट्स को इतना महत्त्व क्यों दिया जा रहा है?)

पहले हमारे पूर्वजों द्वारा खाने के लिए मुख्य रूप से ज्वार, बाजरे का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन धीरे-धीरे जैसे समय बदलता गया लोगों द्वारा ज्वार बाजरे के बदले गेहूं और चावल का इस्तेमाल खाने के लिए किया जाने लगा। गेहूं और चावल भी एक पौष्टिक अनाज है, लेकिन ज्वार, बाजरा के मुकाबले इन अनाजों की कोई कीमत नहीं है। 60 की दशक के बाद से मिले का उत्पादन और उपयोग काफी कम हुआ है। मिलेट्स के उत्पादन की कमी होने का कारण हरित क्रांति को भी माना जाता है, क्योंकि 1960 में हरित क्रांति के बाद से भारत के परंपरागत भोजन को हटाकर गेहूं चावल और मैदे को बढ़ावा दिया जाने लगा था।

कोरोना जैसी महामारी के बाद से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूकता बढ़ गई है। अब इंसानों द्वारा अपने परंपरागत भोजन को अपनाया जा रहा है। वे उस भोजन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो प्राचीन काल से इस्तेमाल किया जा रहा है। मोटे अनाज को अब व्यक्ति इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, और इसे सुपर फूड के नाम से भी जाना जाता है। मिलेट्स एकमात्र ऐसा अनाज होता है, जो आपको एक ही तरह के खाने में कई तरह के विटामिन जैसे कि कैल्शियम, जिंक, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन-बी, कैरोटीन प्रदान करता है।

Millets are Superfood Essay in Hindi 1000 Words  

आज International Year of Millets के चलते हर कहीं मिलेट्स की बात हो रही हैं। जिसमें मिलेट्स खाने के फायदे और उनके प्रकारों पर गौर किया जा रहा है। लेकिन हमारे भारत में मिलेट्स खाने की परंपरा काफी पुरानी है। जिसका उल्लेख कई जगहों पर अलग-अलग कार्यों के लिए किया गया है। साल 2018 में सबसे पहले FAQ द्वारा अनुमोदित किया गया जिसमें बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2023 में International Year of Millets- IYM) के रूप में घोषित कर दिया। इसका नेतृत्व भारत द्वारा किया गया है, जिसमें 70 से अधिक देशों द्वारा इसका समर्थन किया गया है। मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनकी खेती शुष्क क्षेत्रों, उष्णकटिबंधीय एवम उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। भारत में मुख्य रूप से मिलेट्स की रागी, सोरघम, समा, वरिगा, बाजरा की प्रजाति उपलब्ध है।

Millets का इतिहास (प्राचीन समय में योगदान)

पुराने समय में मिलेट्स यानी श्री अन्न का बहुत बड़े स्तर पर प्रयोग किया जाता था। यह भोज्य पदार्थ बनाने के साथ अनुष्ठानों में भी उपयोग किए जाते थे। कालिदास ने अभियान शकुंतलम में कंगनी नामक मिलेट का उल्लेख किया है। जिसमें ऋषि कण्व को राजा दुष्यंत के महल में शंकुतला को विदा करते हुए कंगनी डालते हुए बताया गया है। यह शुभ शगुन की तरह होता है। सुश्रुत ऋषि ने भी अपनी संहिता में श्री अन्न के बारे में बताया है। कौटिल्य द्वारा अर्थशास्त्र में मिलेट्स खाने के कई फायदे बताए गए हैं। इसमें कौटिल्य द्वारा मोटे अनाज को पकाने और उसके उपयोग करने की सही विधि बताई है। 

मिलेट्स का भारत में उत्पादन व स्थान

भारत मिलेट्स का सबसे बड़ा उत्पादक है, एवम दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के सात राज्य 85 प्रतिशत मिलेट्स का उत्पादन करते है। राजस्थान में सबसे ज्यादा श्री अन्न उगाया जाता है। क्योंकि मिलेट्स की खेती करने के लिए अन्य फैसलों के मुकाबले कम पानी लगता है। कर्नाटक में मिलेट्स का उत्पादन हरियाणा 14.02 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 13.09 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 12.7, हरियाणा 7.06 प्रतिशत, गुजरात 6.0 और मध्यप्रदेश में 5.07 प्रतिशत किया जाता है। 

मिलेट्स के फायदे (Benefits of मिली)

मिलेट्स यानी मोटे अनाज खाने के कई सारे फायदे होते हैं। 

  • यह ब्लड शुगर को काम करता है, इसके अलावा ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है।
  • डायरिया, कब्ज, अपच पेट के रोग, अल्सर जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। साथ ही साथ इसमें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने वाले पोषक तत्व पाए जाते हैं। 
  • मिलेट्स अनाज को अपनी डाइट में शामिल करने से आपके शरीर को कम मात्रा में अधिक पोषण मिल जाते हैं। 
  • मिलेट्स अनाजों में फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन कैल्शियम जैसे अनेकों तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को मजबूत और हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखते हैं। 
  • इन मोटे अनाजों के उपयोग से शरीर का वजन संतुलित रहता है। इसके अलावा इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर के अंदर से विषैला पदार्थ को बाहर निकलते हैं। 

मिलेट्स का महत्व

मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से देखे तो मिलेट्स अत्यंत उपयोगी साबित होते हैं, क्योंकि इन अनाजों में तरह के पोषक तत्व जैसे की कैल्शियम, फाइबर, फास्फोरस, जिंक, कॉपर, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन आदि अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। हम भोजन के रूप में जो भी खाते हैं, वह हमारे पेट में जाने के बाद ग्लूकोस के रूप में परिवर्तित होकर खून में मिल जाता है, जो शुगर का एक रूप होता है। आजकल के दौर में गेहूं चावल का उपयोग खाने के लिए अधिक मात्रा में किया जाता है, लेकिन इन अनाजों के मुकाबले मिलेट्स शरीर के लिए काफी फायदेमंद और गुणकारी साबित होता है। मिलेट्स शरीर में बढ़ने वाले अधिक ग्लूकोस को कम करता है। ग्लूटेन फ्री होने के कारण यह हमें अनेक तरह के रोगों से बचाता है। 

पर्यावरण का मित्र मिलेट्स अनाज

चावल और गेहूं जैसी अन्य फसलों के मुकाबले मोटे अनाज की फसल को उगाने में काफी कम मेहनत लगती है। मोटे अनाज की फसल उगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि इस फसल को पानी की जरूरत नहीं होती। यह पानी की कमी के कारण न ही खराब होते हैं, और ना ही वर्ष के कारण इसे नुकसान होता है। यदि किसी कारण मोटा अनाज खराब होता है, तो यह चारे के रूप में पशुओं के काम आ जाता है। ज्वार और बाजार जैसी फैसले बेहद कम समय लागत और मेहनत में तैयार हो जाती है। इसके अलावा इन फसलों को उगाने के लिए किसी भी तरह के रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इन अनाजों में मौजूद पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। 

मिलेट्स के प्रति जागरूकता

मिलेट्स अनाजों में मुख्य रूप से ज्वार और बाजरा शामिल है। ज्वार बाजरे का इस्तेमाल आजकल गरीब घरों में अधिकतर किया जाता है। इसी कारण से इसे गरीबों का खाना भी कहा जाता है। कई लोगों द्वारा ऐसी धारणा बना ली गई है, कि यह गरीबों का खाना है और इससे दूसरे लोगों को नहीं खाना चाहिए। जिसके बाद से इंसानों ने इसका इस्तेमाल कम कर दिया, लेकिन अब व्यक्ति इन अनाजों के महत्व को देखकर उनकी कीमत समझ रहे हैं। सभी लोगों के बीच मिलेट्स के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। यह अनाज ना सिर्फ खाने में बल्कि उगाने में भी फायदेमंद होता है, बाकी अन्य फसलों के मुकाबले इस अनाज को किसी भी जलवायु में और किसी भी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है।

Theme of 2023 International Year of Millets

‘समृद्ध परंपरा‚ संपूर्ण पोषण (Rich in Heritage, full of Potential)’ इस साल International Year of Millets की थीम लोगों को देसी अनाज का सेवन करना और उसकी दुनियाभर में खेती करने पर जोर देना है। इसका उद्देश्य मोटे अनाज के योगदान के बारे में जागरूक करना है। मोटे अनाज का प्रमाण सबसे पहले सिंधु सभ्यता में पाए गए, जो की भोजन के लिए उगाए जाने वाली सबसे पहली फसल में से एक है। इस अनाज का उपभोग एशिया और अफ्रीका के करीब 60 करोड़ लोगों द्वारा किया जाता है। मोटे अनाज की खेती न केवल मनुष्यों के उपभोग के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसकी खेती करना पर्यावरण के लिए भी हितकारी है। क्योंकि मोटे अनाज की फसल से निकलने वाली खली एवं चारे को जलाया नहीं जाता बल्कि यह पशुओं को खिला दिया जाता है। वहीं मिलेट्स को उगाने के लिए अन्य अनाजों से कम से कम 3 गुना कम पानी की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में यह अनाज कम पानी वाली जगह उगाया जा सकता है। 

वर्तमान परिप्रेक्ष्य

6 दिसंबर‚ 2022 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा रोम‚ इटली में मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष 2023 के उद्‌घाटन समारोह का आयोजन किया गया। 18 मार्च‚ 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूसा‚ नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के ‘भारतीय कृषि विज्ञान परिसर’ (एन.ए.एस.सी) के सुब्रह्मण्यम हॉल में दो दिवसीय वैश्विक  मोटे अनाज/मिलेट (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्‌घाटन किया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज (श्री अन्न) पर स्मारक डाक टिकट व स्मारक सिक्के का विमोचन किया। साथ ही भारतीय मोटे अनाज (श्री अन्न) स्टार्ट-अप्स का संग्रह (Compeudium of Indian Millet Startups) एवं बुक ऑफ मिलेट स्टैण्डर्ड (Book of Millet Standard) का भी विमोचन किया।

इसके अतिरिक्त एक प्रदर्शनी सह-क्रेता-विक्रेता समागम मण्डप (Exhibition Cum Buyer Seller meet Paveilion) का भी शुभारंभ किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के ‘भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान’ (आईआईएमआर) को ‘वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र’ घोषित किया। इस सम्मेलन में गुएना ने घोषणा किया है  कि वह भारत के प्रौद्योगिकी और तकनीकी मार्गदर्शन में 200 एकड़ भूमि पर विशेष रूप से मोटे अनाज का उत्पादन करेगा। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Millet Research) इसकी स्थापना वर्ष 1958 में हुई तथा यह हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित है। मोटे अनाज पर अनुसंधान हेतु भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।

आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति शारीरिक समस्याओं से जूझ रहा है, जिसका मुख्य कारण पोषक तत्व की कमी है इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए मिलेट्स अनाजों का इस्तेमाल करना जरूरी है। प्राचीन काल में लोगों द्वारा ऐसा आहार लिया जाता था, जो संपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर हो। मिलेट्स खाने के बहुत सारे फायदे हैं। इस अनाज को उगाना पर्यावरण के लिए फायदेमंद भी होता है, क्योंकि इसे किसी भी प्रकार के उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती जिससे की भूमि उपजाऊ रहती है। इसके अलावा इसे अनाजों के बचे हुए अपशिष्ट पदार्थों को अन्य फसलों की तरह जलाना नहीं पड़ता। इन अपशिष्ट पदार्थों को पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता है, जिसके कारण यह अनाज पर्यावरण के लिए भी लाभदायक साबित होते हैं।

Essay on Millets in English

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Millets are Superfood Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Millets in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Millets are Superfood Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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My Favorite Food Essay

500 words essay on my favorite food.

In order to perform well in life, our body needs energy. We get this energy from the food we eat. Without food, there will be no life. In today’s world, there are so many dishes available worldwide. Food comes in a wide variety all around the world. Dosa, Paneer, Naan, Chapati, Biryani, and more Indian delicacies are available. We are also offered western cuisines such as noodles, pasta, burgers, fries, pizzas and more dominating the food industry. In my favourite food essay, I will tell you about the food I like eating the most.

my favorite food essay

My Favorite Food

As the world is advancing day by day, it is becoming easier to get access to many kinds of food at our doorstep. Every day, we all want to consume great and delicious cuisine. There are many different varieties of food accessible all throughout the world. We all like different foods, however, my personal favourite is burgers. I have eaten many cuisines but my favourite food is definitely a burger. I cannot resist myself when it comes to burgers.

Burgers are one of the most convenient and easiest foods to eat on the fly when we’re in a hurry. We can have a burger at any time of day, whether it’s breakfast, lunch, or supper, and maybe some fries and a Coke to go with it. Many restaurants are well-known for making their speciality burgers in a particular style. Preparation changes from one establishment to the next. But what exactly makes a burger taste so good? They will taste vary depending on where you go, but they are all built the same. It is made up of a bun, a ground meat patty, and various toppings like cheese, onion slices, lettuce, and other sauces.

They are so soft yet crunchy, fresh and juicy that I love eating them. Even though there are many kinds of burgers, my favourite one is a chicken burger. The chicken patty gives the burger a juicy taste and it tingles my taste buds every time I eat it. I can already smell and taste it in my mouth as soon as I walked inside McDonald’s or any other restaurant that serves chicken burgers. As soon as I take a huge mouthful of it, I forget about any problems or troubles that are going on in the outer world and concentrate my entire concentration just on my chicken burger.

I love eating a burger which is filled with cheese and vegetables . The more vegetables you add, the better it tastes. My personal favourite is lettuce. It gives the burger the right amount of freshness and crunchiness.

I always eat my burger with ketchup. Most importantly, the thing I love about eating burgers is that I get to eat French fries along with them. They work as a great side to the dish and also make my stomach full.

Even though I liked eating a burger from a famous fast food joint, nothing beats the chicken burger my mother makes at home. She prepares everything from scratch, even the burger. Thus, it is extremely fresh and healthy too.

I know and feel that burgers have the great flavour and taste that would make anyone’s stomach pleased after a long day of work. I can tell by the reactions on people’s faces when they order their preferred burger variant. Overall, I don’t believe any other fast food will taste as good as a chicken burger. It’s just difficult to think that something will triumph in the future. As a result, I consider my favourite dish to be the best ever created.

A Great Variety

Perhaps the great thing about burgers is the great variety they offer. It has options for all people, who prefer vegetarian, non-vegetarian and even vegans. Thus, you can select the patty of your burger and dive right in.

There are a large number of burger joints being started in every corner of the city, each serving a variety of their own specialised and self-curated recipes. Burgers that are health-friendly and a go-to with a diet are also being introduced by these newly upcoming burger places. There are a lot many burger cafes that give their customers the choice to create their own burgers by providing them with a choice between patties, fillings, veggies, sauces as well as the number of burger layers they want.

Even though my personal favourite is a chicken burger, I also enjoy eating cheeseburgers and vegetable burgers. For me, all burgers taste delicious. Whenever we go out to eat with friends , I always order a burger.

My friends who do not eat non-vegetarian also eat burgers thanks to the great variety it offers. When we order food at home, we make sure to offer all kinds of burgers from cheeseburgers to chicken burgers, so that we get a taste of everything in our meal. Thus, I love burgers and their great variety makes it better.

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Conclusion of My Favorite Food Essay

Even though my favourite food is a burger, I enjoy other foods as well like Pizza and Pasta. However, I feel when it comes to eating daily, nothing beats homemade food. The food we eat daily is what helps us gain energy. We cannot eat our favourite food daily as it will become boring then, but our staple food is something we enjoy eating on an everyday basis.

FAQ of My Favorite Food Essay

Question 1: Why do we need food?

Answer 1: We need food because it provides nutrients, energy for activity, growth. Similarly, all functions of the body like breathing, digesting food, and keeping warm are made possible because of food. It also helps in keeping our immune system healthy.

Question 2: Should you eat your favourite food all the time?

Answer 2: No, never. Favourite foods are meant to be enjoyed when there is any special occasion, or when you are tired of your regular homemade food. Eating too much of your favourite food will make your taste buds adjust to it and eventually, it will not remain our favourite. Excess of anything is bad and the same goes for our favourite food. Thus, we must eat it occasionally so that it remains our favourite.

Question 3: Is fast food healthy? Should we not consume fast food at all?

Answer 3: Fast food is often high in calories, sodium, and harmful fat, with one meal frequently providing enough for a whole day. It is also deficient in nutrients and nearly devoid of fruit, vegetables, and fibre. That doesn’t mean you should completely avoid fast food. It is feasible to eat fast food without jeopardising your healthy diet. Take advantage of the nutritious side dishes available at many fast-food places. Look for meals that include lean proteins, vegetables, and fibre, and avoid anything that is supersized.

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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi)

फ़ास्ट फ़ूड, जंक फूड पर निबंध (Fast Food, Junk Food Essay In Hindi)

आज   हम जंक फूड पर निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) लिखेंगे। जंक फूड पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

जंक फूड पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Junk Food In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

फ़ास्ट फ़ूड / जंक फूड पर निबंध (Fast Food / Junk Food Essay In Hindi)

आजकल लोगो में जंक फूड खाने का प्रचलन बहुत बढ़ चूका है। आजकल सभी लोग जंक फूड खाना पसंद करते है। लोगो को दाल, चावल, रोटी और सब्ज़ी खाना पसंद नहीं है। लोग पौष्टिक आहारों की अवहेलना कर जंक फूड खाना पसंद करते है। जंक फूड खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाईनीज़ खाना इस तरह का भोजन लोग रेस्टोरेंट और होटलो में खाते है। दिन प्रतिदिन जंक फूड खाने की मांग बढ़ती जा रही है। अच्छा स्वास्थ्य जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर इसी तरह से लोग जंक फूड का सेवन करते रहे, तो वह अच्छी सेहत के साथ जिन्दगी नहीं बीता पाएंगे।

कभी कभी खाना ठीक है, लेकिन प्रतिदिन जंक फूड के प्रति जो लोगो का पागलपन है, वह ठीक नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार खाना ज़रूरी होता है। बच्चे हो या बड़े सभी को जंक फूड बेहद पसंद है। स्वास्थ्य की दृष्टि से जंक फूड बिलकुल अच्छा नहीं है।

लगातार जंक फूड खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है। ह्रदय रोग, कैंसर, रक्त चाप की समस्या, हड्डी से संबंधित समस्याएं, समय से अधिक उम्र का लगना, लीवर से जुड़ी बीमारियां, मधुमेह और पाचन तंत्र की समस्या इत्यादि बीमारियां जंक फूड को निरंतर खाने से होती है।

अस्वस्थ वसा

जंक फूड में अस्वस्थ वसा होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की गिरावट होती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से ह्रदय में सुचारु रूप से रक्त संचार नहीं हो पाता है।

जंक फूड के प्रति बच्चो में जागरूकता

युवा अवस्था से ही व्यक्ति को संतुलित आहार खाना चाहिए। लेकिन आजकल के युवा भी जंक फूड के आदि बनते जा रहे है। बच्चो को खासकर यह समझाने की ज़रूरत है कि जंक फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है। स्कूल और कॉलेज में जंक फूड के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए। बच्चे हमेशा अपने माता पिता से जंक फूड खिलाने की जिद्द करते है, जो बिलकुल सही नहीं है।

अभिभावकों को लेनी पड़ेगी जिम्मेदारी

माता पिता को हमेशा बच्चो के खाने के प्रति ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक और संतुलित भोजन बच्चो को ज़्यादा खिलाना चाहिए। अभिभावकों को जंक फूड खाने से जो नुकसान होता है, उसके विषय में अपने बच्चो को समझाना चाहिए। उन्हें स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जंक फूड के बीच के अंतर के विषय में समझाना चाहिए। जंक फूड कभी कभी खाने से ज़्यादा कुछ नहीं होता है। मगर जंक फूड को अपनी आदत बना लेना गलत है।

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है

जंक फूड सेहत के लिए लाभप्रद नहीं है। जंक फूड में चीनी, नमक और खराब फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। जंक फूड में अत्याधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

जंक फूड ज़्यादा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं होती है। ज़्यादा जंक फूड खाने से हाइपर टेंशन और टाइफाइड जैसे रोग होने की सम्भावना बन जाती है। बच्चे और युवा वर्ग इतना अधिक जंक फूड खाते है की जिसकी वजह से वह डाइबिटीज जैसी बीमारी का शिकार बन जाते है।

लोगो को नहीं मिलता है खाना बनाने का समय

जंक फूड या फिर फ़ास्ट फूड का स्वाद लज़ीज़ और अच्छा होता है, इसलिए जंक फूड और फ़ास्ट फूड अन्य देशो में भी लोकप्रिय है। आजकल लोग उन्नति के पीछे भाग रहे है और घंटो दफ्तर में व्यस्त रहते है और उन्हें खाना बनाने का वक़्त नहीं मिलता है, इसलिए लोग रेडीमेड फ़ास्ट फूड खाना ज़्यादा पसंद करते है। खाना बनाने के झंझट से बचने के लिए वह जंक फूड खाना पसंद करते है।

रक्तचाप की वृद्धि

जंक फूड में अधिक मात्रा में कार्बोहायड्रेट होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ाता है। ऐसा खाना रोज़ खाने से शरीर में सुस्ती आती है। लोग आलस महसूस करते है। अक्सर जंक फूड खाने से लोग बीमारियों से पीड़ित रहते है। अत्याधिक जंक फूड और फ़ास्ट फूड खाने से नींद ज़्यादा आती है और लोग सक्रीय नहीं रह पाते है। लोग बीमारियों से ग्रस्त हो जाते और काम में मन नहीं लगा पाते है।

दुनिया में जंक फूड और फ़ास्ट फूड की मांग

जिस तरह जंक फूड की मांग बढ़ रही है, उससे देशवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोग चाहते है कि वह कम समय में अपना भोजन समाप्त कर ले और वह भोजन स्वादिष्ट हो। इसलिए जंक फूड के प्रति लोगो में क्रेज देखा जा सकता है।

लोग पार्टियों में, जन्मदिन में जंक फूड खाते है। शादियों में अक्सर लोग कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, बर्गर इत्यादि का मज़ा लेते है और अपने सेहत पर ध्यान नहीं देते है। जंक फूड सस्ता और स्वादिष्ट होता है और यही वजह है की लोग जंक फूड के दीवाने है। जंक फूड में कोई पौष्टिक तत्व नहीं होते है।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड से उत्पन्न समस्याएं

जंक फूड खाने से नींद की समस्या होती है। जंक फूड खाने से लोगो में एकाग्रता की कमी रहती है। अत्याधिक जंक फूड खाने से मोटापा और ह्रदय से संबंधित समस्याए हो रही है। जंक फूड में बहुत तेल और चीनी अधिक मात्रा में होती है। जंक फूड को जल्दी पचाया नहीं जा सकता है। इससे मनुष्य के शरीर को भरपूर ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।

पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। जंक फूड और फ़ास्ट फूड में फाइबर मौजूद नहीं होता है, जिससे जंक फूड खाने वाले लोगो को कब्ज़ की समस्या होती है। जंक फूड में कैलोरीज की मात्रा ज़्यादा होती है, जिसकी वजह से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याए होती है।

एक बड़ा प्रश्न

जंक फूड के खामियों को जानकर भी लोग इसे खाना पसंद करते है। ज़्यादातर लोगो को इसकी आदत हो चुकी है। आखिर क्यों लोग ऐसा कर रहे है। इसकी वजह है जंक फूड बहुत स्वादिष्ट और कम दाम में उपलब्ध हो जाता है। अक्सर गली नुक्कड़ में लोग फ़ास्ट फूड जैसे चाऊमीन इत्यादि चीनी खाना खाते हुए नज़र आएंगे।

घर पर बनी पौष्टिक दाल, सब्ज़ी, रोटी और दूध जैसे आहारों से लोग ऊब जाते है और जंक फूड पर निर्भर हो जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते है। हमे खुद इस आदत पर अंकुश लगाना चाहिए और अच्छा घर का पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालनी चाहिए।

जंक फूड और फ़ास्ट फूड हमारे सेहत के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है। अगर जंक फूड को हम इसी तरह से रोज़ाना खाते रहे, तो यह हमारे लिए नुकसानदेह साबित होगा। मनुष्य को स्वस्थ जीवन चाहिए तो जंक फूड का परहेज करना होगा। स्वस्थ जीवन जीने से मनुष्य हर कार्य कर सकता है और एक सुखद जीवन जी सकता है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • योग पर निबंध (Yoga Essay In Hindi)
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तो यह था जंक फूड   पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि फ़ास्ट फूड और जंक फूड पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Junk Food / Fast Food) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

भारत में खाद्य सुरक्षा पर निबंध ​essay On Food Security In India In Hindi

भारत में खाद्य सुरक्षा पर निबंध ​Essay On Food Security In India In Hindi : शासन के प्रमुख कर्तव्यों में एक अपनी आबादी के लिए आवश्यक खाद्यान्न की पूर्ति करना भी हैं.

घरेलू खाद्यान्न की मांग को ध्यान में रखते हुए उसका भंडारण और प्रत्येक नागरिक तक समुचित कीमत तक अन्न पहुचाना, खाद्य सुरक्षा कहलाती हैं.

खाद्य सुरक्षा पर निबंध ​essay On Food Security In India In Hindi

भारत में खाद्य सुरक्षा पर निबंध ​essay On Food Security In India In Hindi

एक तरफ हमारे देश के जाने माने अर्थशास्त्री ये दावा कर रहे है कि भारत बेहद जल्द विश्व महाशक्ति के रूप में उभर रहा है. दूसरी तरफ हमारी सरकार द्वारा ही जारी कृषि एवं विकास के वर्तमान आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो यह बात पूरी तरह से बेमानी लगती है.

आज भारत के कई गाँवों के हालात ऐसे है जहाँ लोगों को भरपेट खाना नही मिल पाता है. शहरों के हालात भी ज्यादा कुछ अच्छे भी नही है. इसी समस्या से निपटने तथा कम आय के तबके को भोजन मुहैया करवाने के उद्देश्य से  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किया गया.

खाद्य सुरक्षा का अर्थ भारत के हर नागरिक की प्राथमिक आवश्यकता भोजन को उन तक पहुचाना, भारतवर्ष जैसे विकासशील देश में इस अधिनियम की महती आवश्यकता इसलिए भी है क्युकि यहाँ निम्नवर्गीय परिवारों की संख्या सबसे अधिक है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने से पूर्व सरकार द्वारा उन सभी तथ्यों को ध्यान में रखा गया, जैसे जनसंख्या वृद्धि की दर, उत्पादन और उपभोग के बिच आवश्यक संतुलन.

हमारे देश में गरीबी तथा भुखमरी के हालातों को समझने के लिए कुछ साल पहले जारी हंगर इंडेक्स रिपोर्ट को ध्यान में लाना जारी है. 2010 में विश्व के 84 देशों में किये गये सर्वेक्षण में भारत के हालात बेहद नाजुक है.

इन देशों की सूची में भारत को 67 वाँ स्थान दिया गया था. इससे अहम बात यह थी कि भारत के पडौसी देश पाकिस्तान, नेपाल तथा श्रीलंका इस सूची में बहुत उपर है, जहाँ कुपोषण, शिशु मृत्यु दर भारत से भी कम दर्शायी गई है.

23 जुलाई 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भूख एक गंभीर समस्या है और 119 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 100वें पायदान पर है। भारत उत्तर कोरिया और बांग्लादेश जैसे देशों से पीछे है.

सरकार के आंकड़ो के मुताबिक़ हमारे देश की कुल जनसंख्या के बहुत बड़ा हिस्सा तक़रीबन 38 प्रतिशत लोग अभी भी BPL यानि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे है.

एक समय था जब भारत खाद्यानो के उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया था तथा विदेशों को अनाज भी निर्यात करता था.

मगर 20 वीं सदी के अंतिम दशकों में तेजी से बढ़ी जनसंख्या ने फिर से भुखमरी के हालात पैदा कर दिए है. इस दिशा में भारत सरकार द्वारा  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करना एक अच्छा कदम है.

भारतीय खाद्य निगम

भारतीय खाद्य निगम भारत का एक निगम है। भारत में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु यह खाद्यान्नों का क्रय करके उन्हें गोदामों में भण्डारित करता है। जिसकी स्थापना 1965 में राजधानी दिल्ली में की गई थी.

यह निगम किसानों से खरीदी गई उपज को 1997 में शुरू की गई सहकारिता वितरण प्रणाली के द्वारा जरुरत मंद लोगों के लिए उचित मूल्य की दुकानों के द्वारा उपलब्ध करवाता है.

इस योजना के तहत पहले 3-4 रूपये की सस्ती कीमत पर गेहू और चावल वितरित किया जाता था. बाद के कई वर्षो में इस योजना का विस्तार करते हुए इसे अन्त्योदय अन्न योजना के साथ जोड़ते हुए 1 लाख BPL कार्ड धारकों को इसका लाभार्थी बनाया गया तथा उन्हें सस्ती कीमत पर अनाज उपलब्ध कारवाने की व्यवस्था उचित मूल्य की दुकाने के द्वारा की गई.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा  भारत की चुनोतियों में से एक है. यदि भारत को आगे बढ़ाना है तो धरातल पर सबका साथ सबका विकास के जरिये निम्न तबके के लोगों के हालत शीघ्र सुधारने होंगे.

तथा सरकार द्वारा खाद्य वितरण प्रणाली पर भी विशेष ध्यान देना होगा. नए सिरे से भारत की कृषि निति तथा उसमे उत्पादन, उपभोग तथा उद्योग इन तीनों में संतुलन स्थापित करना होगा, सच्चे अर्थो में तभी  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकेगा.

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम,2013 (food security act 2013 in hindi)

भारतीय संसद द्वारा फूड सिक्योरिटी को कानूनी रूप देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को 10 सितम्बर 2013 को अधिसूचित किया गया. एक्ट का उद्देश्य सभी देशवासियों को वहनीय मूल्य पर गुणवत्ता पूर्ण अन्न की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.

अधिनियम के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 शहरी जनसंख्या को कवर करने का लक्ष्य रखा गया. इस कानून द्वारा पात्र व्यक्ति को 2 से 5 रु प्रति किलो की दर सड़े अनाज का हक दिया गया.

गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाता हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट में 81 करोड़ नागरिकों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था, वर्तमान में 80 करोड़ से अधिक पात्र नागरिक इसका इसका लाभ ले रहे हैं.

  • भोजन पर सुविचार अनमोल वचन
  • फास्ट फूड / जंक फूड पर निबंध
  • संतुलित आहार पर निबंध
  • खाद्य पदार्थों में मिलावट पर निबंध

उम्मीद करता हूँ दोस्तों भारत में खाद्य सुरक्षा पर निबंध ​essay On Food Security In India In Hindi का यह निबंध आपको पसंद आया होगा.

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