बालिका शिक्षा पर निबंध

Essay on Girl Education in Hindi: नमस्कार दोस्तों, शिक्षा हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। शिक्षा लड़का हो या लड़की सबके लिए अनिवार्य होती है। हमारी यह पोस्ट बालिका शिक्षा पर निबंध लेखन (Essay on Girl Education in Hindi ) को लेकर है।

Essay on Girl Education in Hindi

यह हिंदी निबंध कक्षा 1 से 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए उपयोगी साबित होगा ही साथ में यह Hindi Nibandh उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा। अतः आप इस लड़कियों की शिक्षा पर निबंध (Girl Education Essay in Hindi) को अंतिम तक जरूर करें।

बालिका शिक्षा पर निबंध – Essay on Girl Education in Hindi

बालिका शिक्षा पर निबंध – 300 word.

देश मे शिक्षा को बढ़ावा देने व खासकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय एवं राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएँ चलाई जा रही है। भारत के संविधान मे इसके लिए एक अधिकार भी जोड़ा गया है जो कि शिक्षा के अधिकार के नाम से जाता है, जिसमे गांव व कस्बो के साथ बड़े शहरो मे भी शिक्षा व इससे से जुड़े कार्यो को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बालिका शिक्षा का महत्व

Balika Shiksha ka Mahatva: आज के समय मे देखा जाये तो लड़किया भी लड़को की तरह हर क्षेत्र मे अपना नाम कमा रही है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने वाली सावित्री बाई फुले से प्रेरणा लेकर हम बालिका शिक्षा महत्व दे सकते है। आज कई शिक्षित लड़किया देश मे Doctor, आई.ए.एस, इंजीनियर कई महत्वपूर्ण पदो पर अपनी सेवा दे रही है।

महिलाओं को अगर बेहतर शिक्षा दी जाती है तो महिलाएं देश के विकास मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगी। किसी भी देश के विकास मे महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर समान रूप से मिलना चाहिए।

बालिका शिक्षा के लाभ

देश के एक बेहतर भविष्य के लिए बालिका शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है। बालिका शिक्षा के कुछ लाभ निम्नानुसार है। 

  • महिलाए देश के बेहतर भविष्य की एक महत्वपूर्ण नींव है। 
  • शिक्षित महिलाओं की वजह से देश में कन्या भ्रुण हत्या व बालिका अपराध जैसी घटनाओ मे कमी आ रही है। 
  • शिक्षित बालिकाओं की वजह से महिलाओं मे एच.आई.वी / एड्स जैसी बिमारियो मे कमी आ रही है। 
  • शिक्षित महिलाएँ घर के आय-व्यय को एक बेतहर ढ़ग से सम्भाल रही है। 

शिक्षित व अशिक्षित बालिकाओ मे अन्तर

  • शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं के मध्य पहला अन्तर रहता है सोच का, शिक्षित महिलाएं की सोच ज्यादा प्रेक्ट्रिकल होती है। 
  • शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं के मध्य व्यवहार का अन्तर।
  • शिक्षित और अशिक्षित महिलाओं मे फैसले लेने की सोच का अन्तर।

किसी भी देश के सुधार के लिए शिक्षित लड़कियों को योगदान काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए लड़कियों को शिक्षा हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए, इसके लिए सरकार भी कई अलग अलग प्रोग्राम चला रही है ताकि बालिका शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके।

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बालिका शिक्षा पर निबंध – 400 word

शिक्षा सबके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है फिर चाहे वो महिला हो या पुरूष बिना शिक्षा के किसी का भी विकास सम्भव नही है। शिक्षा रंग भेद, जाति भेद, इत्यादी भेदभावो को राकने मे शिक्षा का काफी योगदान रहता है। शिक्षा बालिकाओं को अपने लिए एक बेहतर भविष्य चुनने मे मदद करती है।

एक शिक्षित महिला मे आत्मविश्वास , कौशल, सूचना, प्रतिभा इत्यादी की कोई कमी नही रहती। महिला और पुरूष एक सिक्के के दो पहलू है जो देश के विकास मे काफी मददगार रहते है, तो उन्हें विकास के अवसर भी समान रूप से दिये जाने चाहिए जिसमे शिक्षा एक महत्वपूर्ण है।

लड़कियों की शिक्षा का महत्व (Importance of Girl Education)

देश मे शिक्षित लड़कियों का काफी महत्व है। एक शिक्षित लड़की देश के विकास मे अपना काफी महत्वपूर्ण योगदान निभाती है। एक शिक्षित महिला पुरुषों के घरेलू भार को कम करती हैं। एक शिक्षित महिला आज देश मे विभिन्न क्षेत्रों के जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, IAS, IPS में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही हैं। आज के आर्थिक संकट में शिक्षा लड़कियों के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं। शिक्षा लड़कियों को आर्थिक रूप से स्वंत्र बनाती हैं।

आज के युग मे लड़कियों को दी जाने वाली शिक्षा का काफी महत्व हैं और इसके काफी सारे लाभ भी है जो निम्न हैं:

  • शिक्षित महिलाएं अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।
  • एक शिक्षित महिला आर्थिक रूप से मजबूत बन कर देश मे गरीबी को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • शिक्षित महिला अपने बच्चो के टीकाकरण की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती हैं, जिससे बच्चो में होने वाली बीमारियों से बच्चो को बचाया जा सकता हैं।
  • शिक्षित महिला अपनी नॉलेज से अपने घर की कमाई में योगदान दे सकती हैं।

एक पुरूष को शिक्षित कर के देश के एक हिस्से को बेसक मजबूत किया जा सकता हैं परंतु एक महिला को शिक्षित कर के पूरे देश को एक मजबूत स्तिथि में लाया जा सकता हैं।

अशिक्षित बनाम शिक्षित महिला

एक शिक्षित महिला और एक अशिक्षित महिला में काफ़ी अंतर रहता हैं जो देश और समाज को बनने व बिगाड़ने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

  • एक अशिक्षित महिला अपने घर के कार्यो मे उलझी रहती है, वही एक शिक्षित महिला एथलीट, रिपोर्टर, अधिकारी इत्यादी के रूप मे कार्य करती है। 
  • एक शिक्षित महिला अपने बच्चो के लिए बेहतर भविष्य के लिए उन्हे शिक्षित कर सकती है, वही अशिक्षित महिलाओं के लिए यह कम देखा जाता है। 
  • एक शिक्षित महिला व एक अशिक्षित महिला के मध्य सोच का काफी अन्तर रहता है।

नारी की महिमा

सभी रस भावों का संस्कार है नारी, दया, ममता, करुणा का भंडार है नारी काव्य रस का सार है नारी जीवन का आधार है नारी।

सरस्वती तो कभी लक्ष्मी अन्नपूर्णा तो कभी तुलसी के रूप में हर घर की अभिलाषा हो तुम करुणा, धर्य, शौर्य की परिभाषा हो तुम।

झांसी की रानी लक्ष्मी बाई बनकर तुमने युद्ध की सेना में वीर रस का संचार किया भक्ति रस में डूबी मीराबाई ने निश्चल प्रेम भक्ति का प्रचार किया।

अंबे काली बनकर तुमने रौद्र रूप में दुष्टों का संहार किया यशोदा माता बनकर तुमने वात्सल्य रस का श्रृंगार किया।

तुम साधना तुम वंदना नित हो रहा नारी महिमा का बखान वेद पुराण भी करते हैं तुम्हारे शक्ति, ज्ञान,साहस का गुणगान।

नारी में ही समाई सृष्टि सारी ना कहिए नारी को बेचारी शत् शत् नमन तुमको करते सब वंदना तुम्हारे जय हो नारी – जय हो नारी।

सरकार भारत मे महिला शिक्षा को बढावा देने के लिए काफी महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। हमारे समाज मे महिलाओं के योगदान को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। इसलिए महिला शिक्षा को बढावा दिया जाना चाहिए और देश की हर बालिका को पढ़ने का समान अवसर दिया जाना चाहिए।

बालिका शिक्षा पर निबंध – 500 word

महिलाओ की शिक्षा के बिना किसी भी देश के विकास की कल्पना करना नामुमकिन है। देश के विकास मे महिलाओं का काफी योगदान है। एक पुरूष को शिक्षित करने के से घर का सिर्फ एक सदस्य शिक्षित होता है परन्तु एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। किसी भी देश के विकास मे महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर समान रूप से मिलना चाहिए।

नारी शिक्षा का महत्व

एक सभ्य समाज का विकास उस देश की नारियों से ही सम्भव है। परिवार की छोटी छोटी ईकाई मिलकर एक परिवार का निर्माण करती है और उस परिवार का मुख्य बिन्दू महिला होती है। महिला और पुरूष एक सिक्के के दो पहलू है जो देश के विकास मे काफी मददगार रहते है, तो उन्हे विकास के अवसर भी समान रूप से दिये जाने चाहिए जिसमे शिक्षा एक महत्वपूर्ण है।

महिलाओं को अगर बेहतर शिक्षा दी जाती है तो महिलाएं देश के विकास मे अपना महत्वपूण योगदान दे सकेगी। किसी भी देश के विकास मे महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर समान रूप से मिलना चाहिए। आज हमारे देश मे करीबन 64.6 प्रतिशत शिक्षित नारीयां है। पूर्व मे नारियों की शिक्षा मे कमी का मुख्य कारण है उनकी गुलामी, जो लड़कियों को अंग्रेजी के भय के कारण घरा से बाहर तक नही निकलने देते थे। 

शिक्षित नारी बनाम अशिक्षित नारी

आज के समय मे हमारे समाज मे कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती है कि हमे शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियो के बारे जानने की आवश्यकता पड़ जाती है। वेसे तो शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियों मे कोई अंतर नही है परन्तु फिर भी अगर शिक्षा की दृष्टि से देखा जाये तो इन दोनो मे काफी अंतर है जो की निम्न है। 

  • शिक्षित व अशिक्षित नारियों के मध्य सबसे पहला अंतर है सोच का, किसी भी मदभेद के मामले मे एक शिक्षित महिला ज्यादा प्रेट्रिकली सोच पायेगी और मसले को हल करने की भी कोशिश करेगी वही एक अशिक्षित नारी हो सकते है वा अपने जजबातो से कोई फैसला ले। 
  • दूसरा अंतर है आत्मनिर्भर बनने का: एक शिक्षित नारी अपने बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी काम कर सकती है फिर चाहे वो किसी प्राईवेट क्षेत्र मे कोई काई हो किसी सरकारी क्षेत्र में। 
  • एक शिक्षित नारी अपने परिवार की जिम्मेदारी एक बेहतर ढ़ग से कर सकती है। 

महिला शिक्षा हेतु महत्वर्पूण सरकारी योजनाएँ

महिलाओं को एक बेहतर ढ़ग से शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही है, जो निम्न है।

  • इंदिरा महिला योजना
  • सर्व शिक्षा अभियान
  • बालिका समृद्वि योजना।
  • राष्ट्रीय महिला कोष
  • महिला समृधि योजना
  • रोज़गार तथा आमदनी हेतु प्रशिक्षण केंद्र
  • महिलाओं तथा लड़कियों की प्रगति के लिए विभिन्न कार्यक्रम

महिला शिक्षा के लाभ

वैसे तो एक शिक्षित महिला के लाभ कई है परन्तु उनमे से कुछ लाभो के बारे मे हम आपको बता रहे है। 

  • महिलाएं देश के बेहतर भविष्य की एक महत्वपूर्ण नींव है। 
  • शिक्षित महिलाओं की वजह से देश में कन्या भ्रुण हत्या व बालिका अपराध जैसी घटनाओं मे कमी आ रही है। 
  • शिक्षित महिलाएँ घर के आय – व्यय को एक बेतहर ढ़ग से सम्भाल रही है। 

शहरी तथा ग्रामीण ईलाको मे शिक्षा का स्तर इस समय मे काफी बदला है।  सरकार भारत मे महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। हमारे समाज मे महिलाओ के योगदान को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। इसलिए महिला शिक्षा को बढावा दिया जाना चाहिए और देश की हर बालिका को पढ़ने का समान अवसर दिया जाना चाहिए।

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बालिका शिक्षा पर निबंध – 600 word

 प्रस्तावना.

”अथ शिक्षा प्रवश्यम:मातृमान पित्रमानाचार्यवान पुरुषो वेद:” अर्थात् जब् तीन उत्तम शिक्षक एक माता, दुसरा पिता, और तीसरा आचार्य हो तो तभी मनुष्य ज्ञानवान होगा। परन्तु आज के समय मे नारी शिक्षा के क्षेत्र मे काफी आगे निकल चुकी है। आज की नारी लगभग क्षेत्र मे अपनी एक अलग पहचान बना रही है फिर चाहे वो खेल और या व्यवसाय। एक नारी नेता होती, एक शिक्षक होती, एक डोक्टर होती है, एक इंजीनियर, एक वकीलए एक निदेशक इत्यादी होती है। 

बालिका शिक्षा की आवश्यकता

भारत के विकास के लिए बालिका शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि लड़कों से बेहतर काम लड़कियां भी कर सकती हैं। आज के समय में नारी शिक्षा देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और अनिवार्य है, इन्हीं से देश का भविष्य बेहतर बन सकता है। भारत को आर्थिक व सामाजिक रूप से विकसित होने के लिए बालिका शिक्षा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

एक बालिका शिक्षित होगी तो उससे दो परिवारों का उत्थान होना निश्चित है। इन्हें शिक्षित करना समाज का दायित्व है। इन्हें बिना किसी भेदभाव से शिक्षित कर भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में समाज को मदद चाहिए।

प्राचीन समय मे नारी का महत्व

प्राचीन काल मे नारियों को महत्व काफी था, महिलाएं पुरूषों संग यज्ञो मे भाग लेती थी, युधो मे जाती थी। प्राचीन समय के बाद धीर धीरे महिलाओं का स्थान पुरूषोे के बाद मे गिना जाने लगा। परन्तु आज के समय मे नारी शिक्षा को एक महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता जरूरी है। नारियो को निःशुल्क शिक्षा दी जाने लगी। 

नारी शिक्षा के उद्देश्य

एक देश के विकास के लिए नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना बेहद जरूरी होता है। आज के समय मे लगभग बड़े पदों पर नारियां अपनी सेवाएँ दे रही है। नारी शिक्षा के उद्देश्य मे कछ मुख्य बिन्दु निम्नानुसार है।

  • बालिकाओ को जीवन मे बेहतर ढ़ग के लिए मजबूत करना।
  • महिलाओं के कार्यक्षेत्र को बढ़ाना। 
  • महिलाओं की साक्षरता दर को बढ़ाना।
  • नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।

नारी शिक्षा के लाभ

एक नारी से पुरा परिवार शिक्षित होता है। वैसे तो नारी शिक्षा के कई लाभ है परन्तु उनमे से कुछ लड़कियों की शिक्षा के महत्वपूर्ण लाभो से हम आपको रूबरू करवाते है। 

  • जितनी महिलाएं शिक्षित होगी उतनी ही बाल मृत्यु दर कम होगी। 
  • अगर महिला शिक्षित होगी तो उस महिला के घरेलु व यौन शौषन की शिकार होने की सम्भावना कम होगी। 
  • शिक्षित महिला भष्ट्राचार को कम करती है। 
  • शिक्षित महिलाएं घर मे योगदान दे सकती है। 
  • शिक्षित महिलाएं स्वास्थ ज्यादा होती है और उनमे आत्मविश्वास ज्यादा होता है। 
  • एक महिला अगर खुद शिक्षित होती है व दूसरो को शिक्षित होने हेतु प्रेरित करती है। 
  • एक शिक्षित महिला सामाजिक कार्यो मे भाग ले सकती है और समाज को एक नई शिक्षा मे ले जाने के लिए प्रेरित करती है। 
  • शिक्षा एक महिला को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने मे मदद करती है। 
  • एक शिक्षित महिला समाज की बुराईया से लडने मे सक्षम होती है।

शिक्षित बनाम अशिक्षित महिलाएँ

आज के समय मे हमारे समाज मे कई बार ऐसी स्थिति या बन जाती है कि हमे शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियों के बारे जानने की आवश्यका पड़ जाती है। वेसे तो शिक्षित नारियां एवं अशिक्षित नारियों मे कोई अंतर नही है परन्तु फिर भी अगर शिक्षा की दृष्टि से देखा जाये तो इन दोनो मे काफी अंतर है जो की निम्न है। 

  • शिक्षित व अशिक्षित नारियों के मध्य सबसे पहला अंतर है सोचका, किसी भी मदभेद के मामले मे एक शिक्षित महिला ज्यादा प्रेट्रिकली सोच पायेगी और मसले को हल करने की भी कोशिश करेगी वही एक अशिक्षित नारी हो सकते है वा अपने जजबातो से कोई फैसला ले। 
  • दूसरा अंतर है आत्मनिर्भर बनने का। एक शिक्षित नारी अपने बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी काम कर सकती है फिर चाहे वो किसी प्राईवेट क्षेत्र मे कोई काई हो किसी सरकारी क्षेत्र में। 
  • एक शिक्षित महिला सामाजिक व घरेरू शौषण से खुद को बचा सकती है वही एक अशिक्षित महिला शायद इसका शिकार हो जाये।

बालिका शिक्षा हमारे समाज के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बिना नारी शिक्षा किसी भी समाज सम्भव नही है। इस निबंध मे हमने महिला शिक्षा एवं साक्षरता के बारे मे जरूरी जानकारी बताने का पूर्ण प्रयास किया है।

Essay on Girl Education in Hindi Video

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Rahul Singh Tanwar

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बालिका शिक्षा पर निबंध Essay On Girl Education In Hindi

 हमारे समाज मे प्राचीन काल से ही नारी को देवी का रूप माना गया और कहा गया कि जहां-जहां नारियों की पूजा की जाती है वहां देवता भी क्रीडा करते हैं। वर्तमान समय तक नारी ने शिक्षा के बल पर ही सम्मानजनक स्थिति प्राप्त की है।

स्वतंत्रता के बाद और विशेषकर अंतिम दो दशकों में नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया गया। साक्षर भारत मिशन हो या सर्व शिक्षा अभियान जैसे कई अभियानों तथा योजनाओं के माध्यम से महिला शिक्षा को नई ऊंचाइयां प्रदान की गई। 

संविधान संशोधन के द्वारा प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य शिक्षा बनाया गया तथा मूल कर्तव्य के रूप में माता-पिता को अपनी संतान को प्राथमिक शिक्षा दिलाना मौलिक कर्तव्य घोषित किया गया।

महिला शिक्षा के बिना किसी भी देश का विकास संभव नहीं है. महिलाओ की शिक्षा से ही बेटिया भी शिक्षित बन सकती है. देश को विकसित बनाने में बालिका शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है.

एक महिला शिक्षित होकर पुरे समाज को शिक्षित बना सकती है. शिक्षा के प्रचार का सबसे श्रेष्ठ संसाधन नारी शिक्षा है. इससे ही देश में शिक्षा का स्तर काफी उठता है.

बालिका शिक्षा का महत्व

एक-एक शिक्षित व्यक्ति का बहुत महत्व होता है. कई लोग मिलकर परिवार बनाते है. तथा परिवार मिलाकर समाज बनाते है. परिवार का सबसे प्रमुख सदस्य महिला होती है.

बालिकाओ की शिक्षा से भी महत्वपूर्ण बालिकाओ की शिक्षा के महत्व के बारे में लोगो को महसूस करना है. हम या सरकार जोर-जबरदस्ती से किसी की बेटियों को नहीं पढ़ा सकते है. पर हम लोगो के मन में बालिका शिक्षा में महत्व को समझकर उन्हें प्रेरित कर सकते है. 

जब तक मनुष्य को किसी भी वस्तु का महत्व का अहसास नहीं होता है. तब वह चीज उसके लिए कोई काम की नहीं होती है. पर उसे अहसास होने पर वह बहुत पछतायेगा.

इसलिए बालिका शिक्षा के महत्व को समझो तथा उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण कराओ. एक अभिभावक का यही कर्तव्य होता है. कि वह अपने बच्चो को शिक्षा ग्रहण कराये. 

हमारे देश का भविष्य संवारने में बालिका शिक्षा का अहम योगदान होगा. हमारे देश में सरकार नए-नए अभियान चलाकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा दे रहे है. पर आज भी लोग बालिका शिक्षा को अनदेखा कर रहे है.

बालिका को शिक्षा प्राप्त की जाये तो वे पुरुषो से भी आगे बढ़ सकती है. भारत सरकार बालिका शिक्षा के लिए निशुल्क शिक्षा ग्रहण कराती है. तथा अनेक विशेष अधिकार बालिकाओ को प्रदान करा रही है.

कक्षा 9 की बालिकाओ को निशुल्क साईकिल वितरण की जा रही है. हर साल देश लाखो साईकिले बालिकाओ को वितरण की जाती है. तथा जो बालिका पढाई में होनहार होती है. और वे निश्चित प्राप्तांक प्राप्त कर लेती है. तो सरकार उन्हें गार्गी पुरस्कार से सम्मनित करती है. 

यदि महिलाओ को पूर्व में शिक्षा प्रदान कराई जाती तो आज भी बालिकाओ की शिक्षा का स्तर इतना कमजोर नहीं होता. बालिका शिक्षा ग्रहण करके अपने सम्पूर्ण समाज को शिक्षा के लायक बना सकती है. 

आज भी हमारे देश में लगभग 35 प्रतिशत नारिया अशिक्षित है. जिसका कारण अंग्रेजो का काल है. हमारे देश की आजदी को लगभग 73 साल हो चुके है. 

पर अभी-भी अंग्रेजो की सरकार की वजह से महिला अशिक्षित है. पिछले कुछ दशको में हमारे देश में शिक्षा का स्तर काफी बढ़ा है.

शिक्षित नारी बनाम अशिक्षित नारी

आज के इस ज़माने में शिक्षित नारी और अशिक्षित नारी में काफी अंतर देखने को मिलता है, शिक्षित तथा अशिक्षित महिला के शरीर में कोई अंतर नहीं होता है. पर इनकी सोच अलग-अलग होती है.

इनके कार्य करने का तरीका अलग होता है. शिक्षित नारी की भावनात्मक सोच भी अलग होती है. वे हर कार्य में बल-बुद्दी का प्रयोग करती है.

वही अशिक्षित महिला अपने बल और अपने जिद्द से कार्य करती है. जो कि कभी सफल नहीं हो सकता है. अशिक्षित महिला कानून नियम कायदों के बारे में नहीं जानती है.

वह अपने मन को जो अच्छा लगता है. वह करती है. चाहे वो कोई अपराध क्यों  न हो. तथा शिक्षित महिला एक कार्य को करने से पहले हजार बार उसके बारे में सोचती है.

क्या ये सही या गलत है. क्या इससे किसी को नुकसान होगा. शिक्षित महिला मान-मर्यादा को अच्छे ढंग से पहचानती है. शिक्षित महिला हर बात को समझने में समर्थ होती है. 

वहीँ अशिक्षित के लिए समझाना बहुत ,मुश्किल होता है. शिक्षित महिला के विवाद को  आसानी से निपटाया जा सकता है. पर अशिक्षित के लिए ये असंभव होता है.

शिक्षित महिला अपने कर्तव्य को बेहतर ढंग से निभाती है. वहीँ अशिक्षित के लिए ये कार्य आसन नहीं होता है.वे अपनी जिम्मेदारी को समझ ही नहीं पाती है.

शिक्षित महिला अपने परिवार अपने बच्चे तथा खुद के भविष्य के बारे में सोचती है.तथा सभी को ज्यादा से ज्यदा शिक्षा प्रदान करती है. जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सकें.एक शिक्षित बेटी हर काम कर सकती है. जो कोई पुरुष कर सकता है.

बालिका शिक्षा की आवश्यकता

हमारे देश में अनेक ऐसे कार्य बालिकाओ ने किये है. जिसे कर पाना पुरुषो के लिए असंभव था. बालिकाए हमारे देश को सामाजिक तथा आर्थिक रूप से भी सहायता प्रदान करती है.

बालिका शिक्षा महत्वर्पूण सरकारी योजनाएँ

बालिका शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सरकार पिछले कुछ दशको से अनेक योजनाए चला रही है. कुछ योजनाए ऐसी भी है. जिससे बालिका शिक्षा की और समाज आकर्षित हो.

जैसे कुछ योजनाओ की तहत बालिकाओ को आर्थिक सहायता मिलती है. तो कुछ लोग पैसो के लालच में बालिका को शिक्षित बनाते है. भारत सरकार द्वारा बालिका शिक्षा के लिए योजनाए चलाई गई है. 

  • इंदिरा महिला योजना
  • बेटी बचाओ बेटी बढाओ योजना 
  • सर्व शिक्षा अभियान
  • राष्ट्रीय महिला कोष
  • महिला समृधि योजना
  • रोज़गार तथा आमदनी हेतु प्रशिक्षण केंद्र
  • धनलक्ष्मी योजना
  • बालिका समृद्धि योजना

बालिका शिक्षा के लाभ

एक शिक्षित बालिका के अनेक लाभ होते है. एक शिक्षित बालिका किसी भी नए कार्यो को करनी की नीव डाल सकती है. जिससे देश का गौरव बढ़ता है.

एक बालिका की सफलता को देखकर अनेक लोग अपनी बेटियों को भी सफल बनाने के लिए मोटिवेट  होते है.उदहारण के लिए भारतीय अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला.शिक्षित बालिका अपने भविष्य के अनुरूप अपने भविष्य को सुरक्षित तथा आरामदायक बना सकती है.

बालिकाओ की शिक्षा तथा उनकी सफलता को देखकर कन्या भ्रुण हत्या जैसे अपराधो में कमी आ सकती है. शिक्षित बालिका बचपन से ही अपने जीवन के भविष्य के बारे में जान लेती है.

जिससे वह अपने भविष्य को सुधरने का कार्य कर सकती है. शिक्षित बालिकाएं बड़ी-बड़ी खोज कर सकती है. शिक्षित बालिका को अपने समाज में ढंग से रहना जानती है. छोटे-बड़े लोगो के साथ अच्छा व्यवहार  करना सिख जाती है.

नारी शिक्षा के उद्देश्य

देखा जाए तो हमारे देश में पुरुषो की तुलना में महिला बहुत कम शिक्षित है. पर पुरुषो से कम शिक्षित होने के बाजजूद महिलाए पुरुषो के बराबर सेवाएँ दे रही है. हर कार्य जो पुरुष करता है. वह कार्य महिलाए कर रही है. हमारे देश का बालिका शिक्षा का उद्देश्य निम्न है-

  • बालिकाओ का भविष्य  बेहतर ढ़ग के लिए मजबूत बनाना. 
  • महिलाओं के कार्यक्षेत्र में वृद्धि । 
  • महिलाओं तथा पुरुषो को सामान अवसर प्रदान कराना तथा साक्षरता दर को बढ़ाना।
  • महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
  • महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाना.
  • महिलाओ का भविष्य निर्माण खुद करना.
  • नारी शिक्षा से देश का विकास कराना. 

निष्कर्ष

बालिका शिक्षा के अनेक योजनाओ के चलते हमारे देश में बालिका शिक्षा के स्तर को काफी बढ़ावा मिला है. बालिकाओ की सफलता से प्रेरित होकर अनेक माता-पिता ने अपनी बालिकाओ को भी शिक्षा दिलाने का प्रयास किया है.

हमारी बेटिया शिक्षित होकर हमारे लिए वरदान साबित हो सकती है. इसलिए सरकार द्वरा चलाई जा रही योजनाओ का प्रचार-प्रसार करें. तथा सभी को बालिका शिक्षा के लिए प्रेरित करें. हमारे देश में हो रहे नारी तथा पुरुष के भेद को मिटाकर सभी को सामान अवसर प्राप्त हो.

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उम्मीद करता हूँ, दोस्तों आज का हमारा लेख निबंध,अनुच्छेद, पैराग्राफ  बालिका शिक्षा पर निबंध Essay On Girl Education In Hindi  आपको पसंद आया होगा, यदि लेख अच्छा लगा तो शेयर करें.

दा इंडियन वायर

भारत में नारी शिक्षा पर निबंध

girl education hindi essay

By विकास सिंह

girl education in india in hindi

विषय-सूचि

भारत में नारी शिक्षा पर निबंध, Girl education in india in hindi (100 शब्द)

देश को पूरी तरह से विकसित करने के लिए नारी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। यह पूरी तरह से एक मरीज को ठीक करने और स्वास्थ्य को वापस प्रदान करने के लिए एक प्रभावी दवा की तरह है। महिला शिक्षा भारत के लिए सामाजिक और आर्थिक रूप से विकसित होने का एक बड़ा अवसर है।

शिक्षित महिलाएँ वे हथियार हैं जो घर और पेशेवर क्षेत्रों में अपने योगदान के माध्यम से भारतीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। वे देश के साथ-साथ समाज में भी बेहतर अर्थव्यवस्था का कारण हैं। एक शिक्षित महिला में अपने घर और पेशेवर जीवन को संभालने की क्षमता होती है। वे भारत की जनसंख्या को नियंत्रित करने में प्रभावी योगदान दे सकते हैं क्योंकि वे अशिक्षित महिला की तुलना में बाद की उम्र में शादी करना चाहेंगे।

भारत में स्त्री शिक्षा पर निबंध, Girl education in india essay (150 शब्द)

प्राचीन भारत में महिलाओं की शिक्षा काफी अच्छी थी, लेकिन मध्य युग में महिलाओं के खिलाफ कई प्रतिबंधों के कारण यह खराब हो गई थी। हालांकि, फिर से यह दिन-ब-दिन बेहतर और बेहतर होता जा रही है क्योंकि भारत में आधुनिक लोग समझते हैं कि महिलाओं के विकास और विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है।

यह बहुत सच है कि दोनों लिंगों के समान विकास से देश के हर क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास बढ़ेगा। महिलाओं को पुरुषों की तरह शिक्षा में समान अवसर दिया जाना चाहिए और उन्हें किसी भी विकास गतिविधियों से अलग नहीं किया जाना चाहिए।

महिलाएं देश की लगभग आधी आबादी को कवर करती हैं इसका मतलब है कि अगर महिलाएं अशिक्षित हैं तो आधा देश अशिक्षित है जो गरीब सामाजिक-आर्थिक स्थिति लाता है। महिला शिक्षा के माध्यम से भारत में सामाजिक और आर्थिक विकास तेजी से होगा। पूरे देश में महिला शिक्षा के महत्व को बढ़ाने और सुधार करने के लिए, देशव्यापी राष्ट्रीय प्रचार और जागरूकता कार्यक्रम बहुत आवश्यक हैं। एक शिक्षित महिला अपने पूरे परिवार और इस तरह पूरे देश को शिक्षित कर सकती है।

भारत में महिला शिक्षा पर निबंध, Essay on women education in india (200 शब्द)

जनसंख्या के आधार पर, भारत निम्न स्तर की महिला शिक्षा के कारण दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। अगर एक महिला अशिक्षित है, तो देश का भविष्य भी अशिक्षित होगा। महिला शिक्षा भारत में मध्ययुग में चिंता का विषय था, लेकिन अब इसे काफी हद तक सुलझा लिया गया है।

देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पुरुषों की तरह ही भारत में भी महिला शिक्षा को बहुत प्राथमिकता दी गई है। अतीत में महिलाओं को अपने घरों के दरवाजे से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। वे केवल अपनी शिक्षा के रूप में घरेलू कार्यों तक ही सीमित थे।

राजा राम मोहन रे और ईश्वर चंद्र विद्यासागर भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान कुछ प्रसिद्ध समाज सुधारक थे जिन्होंने महिला शिक्षा की ओर अपना ध्यान दिया। देश की आधी आबादी में पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। वे सिक्के के दो पहलू की तरह हैं इसलिए देश के विकास में भाग लेने के लिए समान अवसर की आवश्यकता है।

कोई भी अन्य के बिना मौजूद नहीं हो सकता क्योंकि महिलाएं सब कुछ हैं क्योंकि वे भविष्य की पीढ़ी को जन्म देती हैं। यदि वे अच्छी तरह से शिक्षित होंगी तो वे शिक्षित भविष्य की पीढ़ी को जन्म देंगी और इस प्रकार भारत में स्वस्थ सामाजिक और आर्थिक स्थिति होगी।

भारत में नारी शिक्षा, women education in india in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना :.

देश की उचित सामाजिक और आर्थिक वृद्धि के लिए महिला शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। पुरुष और महिला दोनों सिक्के के दो पहलू की तरह हैं और समाज के दो पहियों की तरह समान रूप से चलते हैं। इसलिए दोनों देश में विकास और विकास के महत्वपूर्ण तत्व हैं और इस प्रकार शिक्षा में समान अवसर की आवश्यकता है। यदि दोनों में से कोई भी नकारात्मक पक्ष लेता है, तो सामाजिक प्रगति संभव नहीं है।

भारत में महिला शिक्षा के लाभ:

भारत में महिला शिक्षा देश के भविष्य के लिए अत्यधिक आवश्यक है क्योंकि महिलाएं अपने बच्चों की पहली शिक्षिका का अर्थ है राष्ट्र का भविष्य। यदि महिलाओं की शिक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है, तो यह राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य से अनभिज्ञ होगा।

एक अशिक्षित महिला सक्रिय रूप से परिवार को संभालने, बच्चों की उचित देखभाल और इस तरह कमजोर भविष्य की पीढ़ी में भाग नहीं ले सकती है। हम नारी शिक्षा के सभी फायदे नहीं गिना सकते।

एक शिक्षित महिला अपने परिवार को आसानी से संभाल सकती है, प्रत्येक परिवार के सदस्य को जिम्मेदार बना सकती है, बच्चों में अच्छे गुणों को विकसित कर सकती है, सामाजिक कार्यों में भाग ले सकती है और सभी उसे सामाजिक और आर्थिक रूप से स्वस्थ राष्ट्र की ओर ले जाएंगे।

एक आदमी को शिक्षित करके, केवल एक आदमी को शिक्षित किया जा सकता है, लेकिन एक महिला को शिक्षित करने से, पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है। महिला शिक्षा का अभाव समाज के शक्तिशाली हिस्से को कमजोर करता है। तो, महिलाओं को शिक्षा के लिए पूर्ण अधिकार होना चाहिए और उन्हें पुरुषों से नीच नहीं माना जाना चाहिए।

निष्कर्ष:

भारत अब महिला शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश है। भारत का इतिहास बहादुर महिलाओं के लिए कभी खाली नहीं है, लेकिन यह गार्गी, विश्वबारा, मैरिट्रेई (वैदिक युग की) जैसी महिला दार्शनिकों से भरा है और अन्य प्रसिद्ध महिलाएं जैसे मीराबाई, दुर्गाबाती, अहल्याबी, लक्ष्मीबाई, आदि हैं। भारत की सभी प्रसिद्ध ऐतिहासिक महिलाएं। इस उम्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। हम समाज और देश के लिए उनके योगदान को कभी नहीं भूलेंगे।

भारत में महिला शिक्षा पर निबंध, Girl education in india (300 शब्द )

भारत में महिला शिक्षा नए युग की एक तत्काल आवश्यकता है। हम देश की महिलाओं की समुचित शिक्षा के बिना विकसित राष्ट्र की आशा नहीं कर सकते। परिवार, समाज और देश की प्रगति में महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

देश में लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए महिला शिक्षा पुरुषों के साथ मिलकर जरूरी है। शिक्षित महिलाएं परिवार, समाज और देश में खुशी का असली स्रोत हैं। यह बहुत ही सही मायने में कहा जाता है कि एक आदमी को शिक्षित करना एक आदमी को शिक्षित करता है, लेकिन एक महिला को शिक्षित करना पूरे परिवार को शिक्षित करता है और इस तरह पूरे देश को एक दिन।

देश में महिला शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालना बहुत आवश्यक है क्योंकि महिलाएं पहले अपने बच्चों की शिक्षक होती हैं। बच्चे का भविष्य माँ के प्यार और देखभाल पर निर्भर करता है जिसका अर्थ है एक महिला। हर बच्चे को माँ के माध्यम से उसका पहला पाठ मिलता है, इसलिए माँ के लिए शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि एक अच्छी तरह से शिक्षित माँ ही अपने बच्चे के करियर को आकार और ढाल सकती है।

प्रशिक्षित और शिक्षित माताएँ अपने जीवन काल में कई लोगों का पोषण कर सकती हैं और विकसित राष्ट्र को जन्म दे सकती हैं।

एक महिला अपने पूरे जीवन में कई पात्रों की भूमिका निभाती है जैसे बेटी, बहन, पत्नी और माँ। किसी भी रिश्ते में शामिल होने से पहले, वह स्वतंत्र देश की एक स्वतंत्र नागरिक है और उसके पास मनुष्य जैसे सभी अधिकार हैं। उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उचित शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।

महिला शिक्षा उन्हें अपने जीवन में अधिक स्वतंत्र और सशक्त बनने में मदद करती है। शिक्षा उन्हें अपने मन और स्थिति को विकसित करने में मदद करती है और पिछले समय की तरह अपने माता-पिता के लिए बोझ नहीं बनती। शिक्षा से उन्हें अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से पता चलता है और साथ ही साथ देश के विकास में योगदान करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है।

भारत में महिला शिक्षा पर निबंध, Girl education in india (400 शब्द):

स्वतंत्रता के बाद के समय से प्राचीन समय से, महिला शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। हालांकि अभी तक संतोषजनक नहीं है। भारतीय समाज में पिछड़ेपन का कारण उचित महिला शिक्षा की कमी है। उचित महिला शिक्षा का अभाव भारत में महिलाओं के खिलाफ विभिन्न सामाजिक प्रतिबंधों के कारण है, जिन्हें तत्काल आधार पर समाप्त करने की आवश्यकता है।

समाज से इस प्रकार की सामाजिक बुराइयों को दूर करने और महिला शिक्षा की स्थिति में सुधार लाने के लिए, महिलाओं को उनके उचित शिक्षा के अधिकारों के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वे समाज और देश के प्रति अपने सकारात्मक प्रयास कर सकें।

भारत में महिला शिक्षा की बेहतरी के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम चलाए गए हैं:

  • सर्व शिक्षा अभियान
  • इंदिरा महिला योजना
  • बालिका समृद्धि योजना
  • राष्ट्रीय महिला कोष
  • महिला समृद्धि योजना
  • रोजगार और आय सृजन प्रशिक्षण-सह-उत्पादन केंद्र
  • ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के विकास का कार्यक्रम
  • महिलाओं और लड़कियों के लिए शॉर्ट स्टे होम

भारत में महिला शिक्षा को प्रभावित करने वाले कुछ कारक इस प्रकार हैं:

  • बालिकाओं का जन्म और कुपोषण
  • कम उम्र में यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार
  • माता-पिता की निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति
  • बचपन में संक्रमण और कम प्रतिरक्षा शक्ति
  • उनके जीवन में कई सामाजिक प्रतिबंध और वर्जित हैं
  • परिवार में बड़ों के आदेशों का पालन करने के लिए मजबूर होना चाहे माता-पिता या ससुर के घर पर
  • केवल सीमित शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति दी

सर्व शिक्षा अभियान क्या है ?

सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार द्वारा संचालित एक राष्ट्रीय मिशन है जिसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को 8 वर्ष तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने अग्रणी लक्ष्य प्राप्त किया था:

  • वर्ष 2002 में सभी जिलों में शिक्षा प्रदान करना।
  • वर्ष 2003 में सभी बच्चों को स्कूल लाना।
  • वर्ष 2007 में सभी बच्चों को 5 साल की शिक्षा पूरी करने के लिए आवश्यक बनाना।
  • वर्ष 2010 में सभी बच्चों को 8 वर्ष की प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के लिए आवश्यक बनाना।

देश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला शिक्षा में सुधार किया गया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के विकास के अतिरिक्त कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए, आय पैदा करने वाली गतिविधियों को विकसित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

भारत में महिला शिक्षा पर निबंध, Girl education in india in hindi (800 शब्द )

प्रस्तावना:.

भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक माना जाता है और अक्टूबर-दिसंबर 2018 की वित्तीय तिमाही में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है; सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने और लैंगिक समानता के माध्यम से केवल एक उपलब्धि संभव हुई।

महिला शिक्षा को बढ़ावा देना और महिला साक्षरता सुनिश्चित करना भारत की सफलता के पीछे प्रमुख कारक रहे हैं। पिछले कुछ दशकों में विकास और महिला शिक्षा में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, भारत ने सामाजिक आर्थिक विकास से पहले कभी भी उसकी ओर तेजी से प्रगति नहीं की है क्योंकि अधिक से अधिक भारतीय महिलाएं इसकी अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन रही हैं; के माध्यम से, उनकी शिक्षा और सशक्तिकरण।

भारत में महिला शिक्षा की वर्तमान स्थिति (सांख्यिकी के साथ)

भारत में स्वतंत्रता प्राप्त करने के दौरान राष्ट्रीय महिला साक्षरता दर 8.6% से कम थी। महिलाओं को, जिन्हें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने की अनुमति थी, अब घरों तक ही सीमित थी, जिससे पुरुष प्रधान पितृसत्तात्मक समाज का निर्माण हुआ। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की महिला साक्षरता दर 1951 में 8.6% से बढ़कर 64.63% हो गई है। हालाँकि, महिला साक्षरता दर में यह वृद्धि उत्साहजनक और आशाजनक है; दुर्भाग्य से, इसका एक दूसरा पक्ष भी है।

भारत की वर्तमान महिला साक्षरता दर पुरुष साक्षरता दर से पीछे है, पूर्व में 65.6% और बाद में 81.3% है। 65.6% पर भारत की महिला शिक्षा दर विश्व औसत 79.7% से काफी कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अधिक गंभीर है, जहां लड़कों की तुलना में कम लड़कियां स्कूलों में जाती हैं और लड़कियों के बीच ड्रॉपआउट दर की संख्या खतरनाक है।

आंकड़े यह भी बताते हैं कि भारत में अभी भी लगभग 145 मिलियन महिलाएँ हैं, जो पढ़ने या लिखने में असमर्थ हैं।

हम क्यों पीछे रहते हैं?

वे कारक जो भारतीय महिलाओं को शिक्षित होने और मुख्य धारा में शामिल होने से रोकते हैं, वे मुख्यतः सामाजिक हैं। नीचे हम एक संक्षिप्त विवरण के साथ ऐसे कारकों के सारांश के माध्यम से जाएंगे।

1) पितृसत्तात्मक समाज

भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है। महिलाओं को पुरुषों के बराबर सामाजिक दर्जा नहीं दिया जाता है और उन्हें उनके घरों की सीमाओं तक सीमित कर दिया जाता है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में स्थिति अलग है, जहां महिलाएं अधिक शिक्षित और कार्यरत हैं; ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय आबादी का 70% हिस्सा है, फिर भी लैंगिक समानता पर पीछे है। किसी महिला या बालिका को शिक्षित करना ऐसे समाजों में एक गैर-लाभकारी उपक्रम माना जाता है। कई ग्रामीण समाजों में महिलाओं को एक दायित्व माना जाता है, जिसे अंततः शादी के बाद दूसरे परिवार में स्थानांतरित करना पड़ता है।

2) लिंग भेदभाव

जबकि हम एक दिन दुनिया की सुपर पावर बनने के लिए तेजी से प्रगति करते हैं; लैंगिक असमानता वह वास्तविकता है जो आज भी हमारे समाज में चिल्लाती है। यहां तक ​​कि शिक्षित और कामकाजी शहरी महिलाएं लैंगिक पूर्वाग्रह के अनुभवों से अलग नहीं हैं, ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं का उल्लेख नहीं है।

कुछ उद्योगों में महिलाओं को समान साख वाले पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है। किसी विशेष कार्य या परियोजना के लिए उनकी दक्षता उनके पुरुष समकक्षों के मुकाबले कम होती है। महिलाओं को पदोन्नति के लिए या जिम्मेदारियां निभाने के लिए मोटे तौर पर कम आंका जाता है। इस तरह का लैंगिक भेदभाव महिलाओं को शिक्षित होने और उनकी आकांक्षाओं को प्राप्त करने से हतोत्साहित करता है।

3) महिलाओं के खिलाफ अपराध

भारत की महिलाएं पुरुषों की तुलना में हिंसा और खतरे के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। भारतीय समाज में महिलाओं के खिलाफ कई अपराध अभी भी प्रचलित हैं, जैसे- दहेज, घरेलू हिंसा, देह व्यापार, यौन उत्पीड़न आदि। ऐसे अपराध केवल महिला लोक को अपने घरों से बाहर निकलने और स्कूलों या यहां तक ​​कि कार्यालयों में प्रवेश करने के लिए प्रतिबंधित करते हैं।

4) सुरक्षा का अभाव

हालांकि लगातार सरकारों ने भारतीय महिलाओं को घर पर और काम पर भी सुरक्षित माहौल देने का काम किया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। देश के सबसे सुरक्षित शहरों में भी काम करने वाली महिलाओं के पास देर रात के समय अकेले संक्रमण करने की हिम्मत नहीं होती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल जाने वाली लड़कियों को परेशान किया जाता है और उन्हें छेड़ा जाता है। ऐसी घटनाएं उच्च महिला विद्यालय छोड़ने की दर के लिए भी जिम्मेदार हैं। यह सरकार और समाज की ज़िम्मेदारी है कि वह अपनी शिक्षा को सुनिश्चित करते हुए एक लड़की को स्कूल में सुरक्षित पारगमन सुनिश्चित करे।

भारत में महिला / महिला शिक्षा के लाभ :

भारत में महिलाओं / महिला शिक्षा के लाभों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-

1) सामाजिक विकास

महिलाओं को शिक्षित करना भारतीय समाज की कई सामाजिक बुराइयों को दूर करने की कुंजी हो सकती है- दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और कार्यस्थल उत्पीड़न आदि। एक शिक्षित महिला भावी पीढ़ियों को बदल देती है।

2) किफायती विकास

महिलाओं को शिक्षित करने से निश्चित रूप से राष्ट्र का आर्थिक विकास होगा, क्योंकि अधिक महिलाएँ कार्यबल में शामिल होंगी।

3) उच्च जीवन स्तर

एक शिक्षित महिला अपने परिवार और रिश्तेदारों की जरूरतों के लिए वित्तीय योगदान देगी। दो कमाने वाले माता-पिता बच्चों के साथ-साथ परिवार के एक जीवित जीवन स्तर के लिए बेहतर विकास की संभावनाएं प्रदान करते हैं।

4) सामाजिक मान्यता

शिक्षित महिलाओं वाला परिवार एक अच्छी सामाजिक स्थिति प्राप्त करता है और दूसरों की तुलना में अधिक सम्मानित होता है। एक शिक्षित महिला समाज में उचित रूप से परिवार की प्रशंसा करती है और उसे गौरवान्वित करती है।

5) बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता

एक शिक्षित महिला अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरों को पहचानती है और उनसे निपटना जानती है। वह अपने बच्चों को अच्छे और बुरे स्वच्छता के बारे में बताना, उन्हें खिलाना और पोषित करना जानती है।

निष्कर्ष :

एक शिक्षित महिला एक जादू की छड़ी की तरह है जो समृद्धि, स्वास्थ्य और गर्व लाती है। हमें सिर्फ उसकी क्षमता को उजागर करना है और जादू को घटित करना है। हमने अपनी आजादी के बाद से महिला शिक्षा पर बहुत सुधार किया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ सुधार किया जाना बाकी है।

भारत में महिला शिक्षा के विकास को प्रतिबंधित करने वाले कारक मुख्य रूप से सामाजिक हैं, और अगर हम सामाजिक-आर्थिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें उन्हें पहचानने और उन्हें खत्म करने की आवश्यकता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Essay on Girl Education for Students and Children

500+ words essay on girl education.

If we look at the demographics, India is one of the most populated countries. However, the rate of girl education is quite low in the country. It is quite troubling to see the figures in a country where women are given the status of goddesses. The figures have significantly improved to an extent but there’s still a long way to go.

Essay on Girl Education

Women were not allowed to even step out of their houses in ancient India , but times are changing. Along with changing times, people’s thinking is also changing. They wish to educate their girls and see them succeed in life. However, this is not the case in rural India which makes for more than 60% of the population. We need to identify the factors responsible for such low rates of girl education to find some solutions.

Factors Contributing to Low Rate of Girl Education

There are various factors that make it impossible for girls to get an education in our country. Firstly, the poverty rate is alarming. Even though education is being made free, it still involves a substantial cost to send girls to school. Therefore, families who are struggling to make ends meet fail to pay the educational expenses of their children.

Secondly, in rural areas, there aren’t many schools. This creates a distance problem as they are located far from the villages. In some areas, students have to walk for three to four hours to reach their school. This is where the safety of the girls gets compromised so parents don’t see it fit to send them off so far.

Furthermore, the regressive thinking of the people makes it tougher for girls to get an education. Some people still believe girls are meant to stay in their houses and look after the kitchen. They do not like women to do any other tasks expect for household ones.

Other than that, social issues like child marriage and child labor also stop the girl from getting an education. Parents pull daughters out of school to marry them off at an early age. Also, when girls indulge in child labor, they do not get time to study.

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Benefits of Girl Education

If we wish to see India progress and develop, we need to educate our girl child. They are indeed the future of our nation. Moreover, when they become educated, they will not have to be dependent on others for their livelihood.

One of the most important benefits of girl education is that the country’s future will be brighter and better. Similarly, our economy can grow faster if more and more women become financially strong thereby reducing poverty.

Furthermore, women who are educated can take proper care of their children. This will strengthen the future as lesser kids will die due to a lack of vaccination or a similar reason. Even for women, they will be less likely to become a patient of HIV/AIDS as they will be aware of the consequences.

Most importantly, educated women can result in a decrease in social issues like corruption, child marriage , domestic abuse and more. They will become more confident and handle their families better in all spheres. Thus we see how one educated woman can bring so much change in her life along with the others as well.

Some FAQs on Girl Education

Q.1 Why is girl education not encouraged in India?

A.1 India is still a developing country. It has too much poverty and regressive thinking. It is one of the main reasons why people don’t encourage girls to get an education.

Q.2 What are the advantages of educating girls?

A.2 When we educate girls, we educate a whole nation. As she teaches everyone around her. The education of girls will result in a better economy and a brighter future along with enhanced confidence of the girl.

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लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

Essay on Girl Education in Hindi

लड़कियों की शिक्षा पर निबंध : Essay on Girl Education in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘लड़कियों की शिक्षा पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप लड़कियों की शिक्षा पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

लड़कियों की शिक्षा पर निबंध : Essay on Girl Education in Hindi

प्रस्तावना:-

शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक होती है। यह हमारा एक संवैधानिक अधिकार भी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाना आवश्यक है। शिक्षा हम सभी को एक नया जीवन प्रदान करती है। लड़कियां इस समाज व देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उनका शिक्षित होना भी उतना ही अधिक आवश्यक है, जितना कि एक लड़के का शिक्षित होना है। आज समय बदलने के साथ सभी की सोच में भी बदलाव हो रहा है। आज सभी लोग शिक्षा को काफी अधिक महत्व दे रहे है।

आज लड़कियों को भी शिक्षित किया जा रहा है। लेकिन, आज भी बहुत सी ऐसी जगहें है, जहाँ लड़कियों को शिक्षा से दूर रखा जाता है। उन्हें आज भी शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं माना जाता है।

लड़कियों की शिक्षा की आवश्यकता :-

एक लड़की के लिए शिक्षा काफी अधिक आवश्यक है। वर्तमान समय में एक अच्छा जीवन जीने के लिए एक व्यक्ति का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। एक महिला को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए शिक्षित होना ही चाहिए।

एक महिला आत्मनिर्भर तभी बन सकती है, जब वह शिक्षित होगी। इससे न केवल उस महिला का विकास होगा बल्कि, इस समाज और देश का भी विकास होगा।

यदि आज हमें अपने देश को विकसित करना है, तो हमें लड़के और लड़कियों के मध्य के भेदभाव को खत्म करके ही उन्हें शिक्षा की तरफ लेकर जाना होगा। जिससे हमारा समाज भी आगे बढ़ेगा और हमारा देश और भी अधिक गति से तरक्की कर पाएगा।

लड़कियों की शिक्षा का महत्व :-

शिक्षा महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण है। शिक्षा महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है। शिक्षा हमें जीवन को एक नए तरीके से जीना सिखाती है। आज इस देश के विकास में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं का भी बहुत बड़ा योगदान है।

वे भी इसके लिए जिम्मेदार है। आज महिलाएं पुरुषों से भी आगे जा चुकी है। आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों की तुलना में आगे आ चुकी है। महिलाओ की शिक्षा से ही इस समाज और देश की शिक्षा में वृद्धि होगी।

तभी तो कहा जाता है कि जब एक लड़का शिक्षित होता है, तो उसकी शिक्षा उसी तक सीमित रहती है। लेकिन, जब एक महिला शिक्षित होती है, तो वह पूरे परिवार को शिक्षित करती है।

लड़कियों की शिक्षा के लाभ :-

  • शिक्षा के द्वारा महिलाएं आत्मनिर्भर बनती है।
  • शिक्षा के द्वारा महिलाओं का आर्थिक विकास होता है।
  • शिक्षा के द्वारा महिलाएं अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक होती है।
  • शिक्षा के द्वारा वें अपने साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ सकती है।
  • शिक्षा के द्वारा वें अपनी आने वाली पीढ़ी को भी शिक्षित कर सकती है।
  • शिक्षा के द्वारा वें अपने परिवार की जीविकायापन में सहायता कर सकती है।

आज समय बदलने के साथ-साथ लड़कियों की स्थिति में भी काफी परिवर्तन आया है। अब स्त्रियों की स्थिति सुधर रही है। वें अब शिक्षित भी हो रही है और इसके साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बन रही है। आज महिलाएं प्रत्येक विभाग में पुरुषों से प्रतिस्पर्था कर रही है।

एक लड़की के शिक्षित होने से वह अपने बच्चे का पालन-पोषण भी अच्छे से करती है और उनके शिक्षित होने से बच्चों की मृत्यु दर में भी कमी आई है। सरकार भी लड़कियों की शिक्षा के प्रति जागरूक हो गई है।

सरकार ने लड़कियों की शिक्षा के लिए कईं योजनाएं बनाई है, जिससे लड़कियों की शिक्षा में वृद्धि हुई है। उन्हें छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है ताकि, वें बिना किसी कठिनाई और बाधा के अपनी शिक्षा प्राप्त कर सके।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ  फेसबुक  पर साझा अवश्य करें और हमारे  वेबसाइट  को सबस्क्राइब कर ले।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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Hindi Essay on “ Girl Child Education , बालिका शिक्षा ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

बालिका शिक्षा

शिक्षा हर मनुष्य के लिए अत्यन्त अनिवार्य घटक है। बिना शिक्षा के मनुष्य को पशु की श्रेणी में रखा जाता है। शिक्षा की जब बात आती है तो आज भी ऐसे सैकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे जिससे शिक्षा में असमानता मिल जाएगी। प्राचीन काल में नारी शिक्षा अथवा बालिका शिक्षा का विशेष प्रबंध था, लेकिन कुछ वर्ष पूर्व तक बालिका शिक्षा की स्थिति अत्यन्त सोचनीय थी।

बालिका शिक्षा का हमारे देश में अत्यन्त महत्व है। आज भी हमारे देश में लड़के और लड़कियों में भेदभाव किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों मे तो लड़कियों की स्थिति सोचनीय हो जाती है। ग्रामीण परिवेश में लोग शिक्षा के महत्व से परिचित नहीं हो पाते हैं। उनकी दृष्टि में पुरूषों को शिक्षा की जरूरत होती है क्योंकि वे नौकरी करने अथवा काम करने बाहर जाते हैं, जबकि लड़कियां तो घर में रहती हैं और शादी के बाद घर के काम-काज में ही उनका ज्यादातर समय बीत जाता है।

आज समय तेजी से बदल रहा है। पुरूषों के बराबर स्त्रियों की भी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार द्वारा ऐसे अनेक योजनाएँ चलाए जा रहे हैं जिससे बालिकाओं के निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही हैं। आम चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है। इन सब ने आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का रूझान पढ़ाई की ओर कर दिया है। आज की लड़कियां घर और बाहर दोनों को संभाल रही हैं। सरकार द्वारा बालिका कल्याण हेतु अनेक योजनाएँ चलाए जा रहे हैं।

इन सब का परिणाम है कि दो दशक पूर्व और आज के बालिकाओं की स्थिति की तुलना करें तो हमें क्रांतिकारी परिवर्तन दिखाई पड़ेंगे । आज का समाज तेजी से बदल रहा है। आज महिलाओं को पुरूषों के समकक्ष माना जा रहा है। बालिका शिक्षा से आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। बाल विवाह, दहेज प्रथा, महिला उत्पीड़न जैसी घटनाओं में कमी और जागरूकता आयी है। महिलाओं को समाज के अभिन्न अंग के रूप में पूरे विश्व में स्वीकार किया जाने लगा है। अतः हम पूरे विश्व में कहीं भी चले जाएंगे ऐसे परिवर्तन दिख जाएंगे ।

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girl education hindi essay

commentscomments

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Thank you mera apne homework kar dia Thank you

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Mana bhi apna paper Yaad kar liya Thanks

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Thankyou sooo much 😚

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Nice and thanks for this essay because l having my paper and I was tensed but now I am free from my tension…..

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good essay.thanks

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Thanks to you

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good artical

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yea, Education bahut jaruri hai life me, kaha jata hai ki Education is the key of success. Thank you so much

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Can i become a tutor in this site?

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लड़कियों की शिक्षा पर निबंध | Essay On Girl Education In Hindi

नमस्कार साथियों Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध आज हम पढ़ेगे. वर्तमान समय में बालिका शिक्षा और इसके महत्व पर छोटा और बड़ा हिंदी निबंध यहाँ दिया गया हैं.

हम उम्मीद करते है गर्ल एजुकेशन का यह एस्से आपकों पसंद आएगा.

Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

Read Here One Or more Short And long Essay On Girl Education In India.

Short Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

बेटी घर का चिराग है, वे भी एक इंसान हैं. जननी हैं जो हमारे अस्तित्व का प्रमाण हैं. काश गर्भस्थ शिशु बोल सकता हैं. यदि वह बोलता तो शरीर को चीरते औजारों को रोक सकता हैं. और कहता माँ मुझे भी जीने दो, इस दुनिया में जन्म लेने दो.

मगर यह भी हो सकता हैं उस समय भी बेटे की चाह रखने वाले ये कसाई सोच के निर्दयी माता-पिता नही सुनते, जो दोनों की इच्छा से इस तरह के कृत्य को अंजाम दे जाते हैं.  ये सवाल हमेशा उन लोगों पर उठता रहेगा जो कन्या हत्या के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं.

बेटी किसी के परिवार के आंगन का नन्हा सा फूल होता हैं, बेटी के जन्म से ही उनकी जंग की शुरुआत हो जाती हैं. बचपन से ही उन्हें बेड़ियों में जकड़ दिया जाता हैं. हर स्थति में उन्हें यह याद दिलाया जाता हैं, कि वो एक लड़की हैं और उन्हें एक लड़की की तरह लज्जा का आवरण ओढ़े रहना चाहिए.

इसी कारण आज हमारा देश कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज मृत्यु के रूप में समाज में आज भी वो दंश झेल रही हैं. परोक्ष रूप से आज भी हम ऐसे लोगों और चिकित्सकों को देखते हैं, जो सार्वजनिक रूप से बेटी का गुणगान करते हैं.

बेटी भारत का भविष्य हैं. जैसे वाक्यांश अकसर सुनने को मिलते हैं. मगर जब हम अपनी हकीकत की मुआयना करे तो यकीनी तौर पर आज भी हम उन लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं. बेटी किसी न किसी रूप में कन्या भ्रूण हत्या के भागी हैं.

हमे नित्य महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, दहेज के लिए प्रताड़ना और भेदभाव जैसी खबरे सुनने देखने को मिलती हैं. इस तरह के वातावरण को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा कई कानूनों को भी पारित किया गया. मगर जन समर्थन के अभाव में अपेक्षित परिणाम नजर नही आ रहे हैं.

बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ की दिशा में माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया. बेटी बचाओं बेटी बचाओं एक सकारात्मक कदम हैं.

आजादी के बाद से हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा हैं. मगर 70 सालों बाद भी स्त्री को समाज में वह स्थान नही मिल पाया हैं. जिसकी वह असली हकदार हैं. यही वजह हैं कि भले ही कठोर नियम और कानून कायदे बना दिए गये हो मगर उनका कठोरता से पालन नही किया जाता हैं.

भारत में भ्रूण का लिंग परीक्षण पूर्णतया निषेध और गैर क़ानूनी होने के उपरांत भी खुले आम इसकी धज्जियां उड़ाई जाती हैं. आज भी लोगों की यह गलत सोच हैं कि बेटा हमारे अधिक काम का होगा. बेहतर यही हैं बेटा जन्मे या बेटी इन्हें भगवान् की कृपा समझकर हमे स्वीकार कर लेना चाहिए.

यदि हम अपनी सन्तान में बेटा बेटी का अंतर न करते हुए उन्हें अच्छी शिक्षा और बेहतर मार्ग दर्शन दे तो वह बेटी भी कभी भी बेटे की कमी का अहसास नही होने देगी.

भले ही बहुत से लोग उच्च  शिक्षा हासिल कर सभ्य समाज के अंग बन गये हैं, मगर उनकी सोच और मानसिकता अभी भी वही हैं जो मध्ययुग में लोगों की हुआ करती थी. लड़के-लड़की में भेद कर हम भी उन लोगों का अप्रत्यक्ष समर्थन करते है जो बेटी के विरोधी हैं.

लड़कियों / बालिका की शिक्षा पर निबंध 2

आज के युग में शिक्षा व्यक्ति के लिए अनिवार्य बन चुकी हैं. जीने के लिए जिस तरह जल, भोजन व प्राणवायु की नितांत आवश्यकता होती है,  ठीक  उसी  प्रकार मानव  से अच्छा व्यक्ति बनने के लिए शिक्षा को जरुरी मान लिया गया हैं.

जन्म के समय बालक पशु प्रवृति की तरह होता हैं, वह शिक्षा ही है जो उसकी बुद्धि तथा चेतना का विकास कर उसे जीवन के तौर तरीके तथा आस-पास की चीजों के बारे में ज्ञान देती हैं.

अन्यथा इन समस्त के अभाव में मनुष्य और पशु में कोई फर्क नहीं रह जाता हैं. ज्ञान साधना के बिना   व्यक्ति यह निश्चय नहीं कर पाता  कि उनके  लिए सही क्या है और  गलत क्या है  यही शिक्षा सिखाती हैं.

बालिका शिक्षा की आवश्यकता (essay on girl education in hindi language)

शिक्षा व्यक्ति को सजगता की तरफ ले जाती हैं, शिक्षा का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह हमें अपने अधिकारों तथा कर्तव्यो के साथ ही प्रकृति में विद्यमान सभी तत्वों की मूलभूत जानकारी सही उपयोग के बारे में बताती हैं.

एक अच्छी कहावत है कि यदि एक लड़का शिक्षित होता है तो केवल वह एक ही होता है जबकि एक लड़की शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता हैं.

हमारा समाज तेजी से बदल रहा हैं. समय के चक्र ने हमें ज्ञान करा दिया हैं कि यदि राष्ट्र के विकास की यात्रा को तेजी से बढ़ाना है तो लड़के व लड़कियों के भेद को समाप्त कर उन्हें शिक्षा के अवसर मुहैया कराने होंगे.

क्योंकि  किसी बड़े वर्ग की  उपेक्षा  कर कोई भी राष्ट्र उन्नति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता हैं. महिलाओं की विकास में हिस्सेदारी के लिए हमें उन्हें शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करवाने होंगे.

भले ही संविधान द्वारा महिलाओं को समान राजनितिक, आर्थिक व धार्मिक अधिकार दिए हो मगर जब तक उनमें शिक्षा का अभाव रहेगा वे अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ पाएगी.

परिवार में बालिका को सम्पति का अधिकार तो दिया मगर जब तक वह अपने भाइयों माता पिता को बाध्य नहीं कर सकती, यह अधिकार उसके लिए निरुपयोगी होगा.

लड़की शिक्षा का महत्व (essay on importance of girl education in hindi)

आज हम जिस समाज में रह रहे है हम जानते है कि शिक्षा के अभाव में बालिकाओं के अधिकारों का शोषण कितनी आसानी से कर लिया जाता हैं. भारत का कानून प्रत्येक महिला को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार तो देता हैं. साथ ही उसके चाहने पर तलाक लेने का प्रावधान भी हैं.

मगर क्या हम यह नहीं जानते कि कितने महिलाएं इस अधिकार का उपयोग कर पाती हैं. ऐसा न करने के लिए उस पर तरह तरह के दवाब बनाए जाते हैं.

परम्परागत मूल्यों के चलते वह इस प्रकार के निर्णय करने का साहस नहीं कर पाती हैं. शादी के बाद बालिकाओं को अपनी जागीर समझकर मनचाहे बर्ताव और उनके साथ उत्पीड़न की घटनाएं नित्य हमें पढने को मिल ही जाती हैं.

शिक्षा के आगमन से बालिकाओं में साहस की जागृति होती हैं उसे अपने अधिकारों तथा विवेक का ज्ञान होने लगता हैं जिसका उपयोग वह अपने प्रति हो रहे शोषण के प्रतिरोध में कर सकती हैं.

शिक्षा न केवल उन्हें जागरूक बनाती हैं बल्कि एक उदार तथा व्यापक दृष्टिकोण का भी जन्म देती हैं जिससे वह अपनी रूचि, मूल्य तथा भूमिका को स्वयं तय करने लगेगी.

लड़कियों की शिक्षा पर अनुच्छेद व लेख (article & paragraph on girl education in hindi)

बेटा बेटी में समानता को बेटियों को शिक्षित करके ही पाया जा सकता हैं. सभी को निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का नियम तो बना है मगर स्वयं लड़कियों को स्कूल जाने अथवा उनके अभिभावकों को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

आज समय की मांग है कि हम लड़कियों की शिक्षा के बारें में अपने विचारों को बदले तथा उन्हें स्कूल भेजे.

लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने, लड़कियों में निरक्षरता को दूर करने तथा प्राथमिक शिक्षा तक उनकी पहुच बनाने तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रही परेशानियों को समाप्त करने का प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में भी किया गया हैं.

भारत में लड़कियों की शिक्षा के इतिहास को देखे तो मालूम पड़ता हैं कि मध्यकाल को छोड़ दिया जाए तो हमारी बेटियों ने हर युग में शिक्षा संस्कार को पाया हैं. ऋग्वेद काल में भी बेटियों को शिक्षा देने की पूर्ण व्यवस्था थी, कोमश, लोपामुद्रा, घोषा और इन्द्रानी उन महिलाओं के नाम है जिन्हें ब्रह्मवादिनी कहा गया.

पतंजली के शाक्तिकी से ज्ञात होता है उस दौर में नारियों को सैनिक शिक्षा देने की व्यवस्था भी थी. मगर मध्यकाल में मुगल काल में स्त्री शिक्षा की परम्परा पूर्ण रूप से चरमरा गई.

खासकर हिन्दू समाज की लड़कियों को पर्दा, बाल विवाह तथा सती प्रथा जैसी रीतियों में बांधकर घर की चारदीवारी तक ही सिमित कर दी.

19 वीं सदी के जनजागरण और सामाजिक धार्मिक आंदोलनों ने एक बार फिर से भारत में लड़कियों की शिक्षा व्यवस्था को पुनः स्थापित किया.

चाहे वो 1882 का हंटर कमिशन हो या 1916 में लेडी होर्डिंग कॉलेज की स्थापना अथवा ज्योतिबा और सावित्री बाई द्वारा बालिकाओं को शिक्षा देने की पहल भारत में लड़कियों की शिक्षा के लिए ये प्रयास मील के पत्थर साबित हुए.

पुरुष प्रधान समाज ने हमेशा की लड़कियों की शिक्षा की राह में रोड़ा बने हैं ऐसा करके वे स्वयं के साथ बहुत बड़ा धोखा करते हैं क्योंकि परिवार की उन्नति, बच्चों का लालन पोषण और उनके संस्कार गृहिणी पर ही निर्भर करते हैं.

यदि माँ शिक्षित हैं तो वह अपने बच्चे को न सिर्फ अच्छे संस्कार देगी बल्कि उन्हें शिक्षित करने, बुरी प्रवृतियों से बचाने में सबसे बड़ा योगदान दे सकती हैं.

पुरुषों की विकृत मानसिकता में लड़कियों की शिक्षा के सम्बन्ध में कई तरह की भ्रांतियां घर कर चुकी हैं. बेटी को पराया धन मानना, पढने लिखने के बाद अनर्थ अनाचार या उपद्रव की आशंका तथा एक शिक्षित नारी संचालन, सन्तान पालन, भोजन व्यवस्था व पुरुषों की देख रेख ढंग से नहीं कर सकती इस तरह के रुढ़िवादी विचारों को बदलने की आवश्यकता हैं.

लड़कियाँ पढ़ लिख जाने से अनाचार का शिकार होने की बजाय वह जुल्मों के प्रति और अधिक प्रखर लड़ सकती हैं. वह न केवल घर संचालन और बच्चों की परवरिश ढंग से कर सकती हैं बल्कि वे पति के साथ मिलकर आर्थिक कार्यों में भी भाग ले सकती हैं.

आज हमारे देश की बेटियां बड़े बड़े पदों पर हैं तथा उतनी ही सफलता से उन कम्पनियों तथा विभागों को चला रही हैं जितने कि पुरुष नहीं कर सकते हैं.

  • शिक्षा के महत्व पर कविता बच्चों के लिए
  • महिला शिक्षा पर निबंध
  • नारी सशक्तिकरण पर निबंध
  • नारी शक्ति पर सुप्रसिद्ध नारे स्लोगन
  • नारी पर अत्याचार पर निबंध

आशा करता हूँ दोस्तों Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध का यह निबंध अच्छा लगा होगा. यदि आपकों इस लेख में दी गयी  जानकारी पसंद आई हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे. आप यहाँ पर हिन्दी निबंध, भाषण, कविता, शायरी, स्लोगन, स्टेट्स आदि पढ़ सकते हैं.

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Girl Education Essay

Education is an essential part of a living being, whether it’s a boy or a girl. Education helps an individual to be smarter, to learn new things and to know about the facts of the world. Education plays one of the most important roles in Women Empowerment. It also helps to put a stop to discrimination based on gender. Education is the first step to give women the power to choose the way of life she wants to lead.

Education helps women to be more productive in her work. A knowledgeable woman has the skills, information, talent, and self-confidence that she requires to be a superior mother, employee, and resident. Women constitute almost half the population of our country. Men and Women are like two sides of the coin and need identical opportunity to contribute to the country’s development. One cannot survive without the other. Here are essays of varying lengths on Girl Education to help you with the topic in your exam. You can select any Girl Education essay according to your need:

Essay on Girl Education

Girl Education Essay 1 (200 words)

Girl Education in India is largely essential for the growth of the nation because girls can do most of the things better than the boys. Nowadays girl education is necessary and is also compulsory because girls are the future of the country. In India, girl’s education is necessary as to develop socially and economically. Educated women yield a positive impact on Indian society through their contribution in professional fields like – medical, defence services, science and technology. They do good business and are also well-versed in handling their home and office. An improved economy and society are the outcome of girl’s education. Educated women can also help in controlling the population of the country by marrying at the right or later age in comparison to the uneducated women.

Women education in early Indian society was quite good but in the middle age, it was not because of numerous limitations towards women. However, again it is getting improved and better day by day as people in India have understood the fact that without the growth and development of women, the growth of the country is not possible. It is very true that equivalent expansion of both sexes will boost the economic and social growth in every area of the country.

Girl Education Essay 2 (300 words)

Girl Education was never considered necessary in the previous time. But over the period of time people have realized the importance of a girl’s education. It is now considered as the awakening of girls in the modern era. Women are now competing with men in all the spheres of life. But still, there are people who oppose girl’s education because they believe that a girl’s sphere is at home and also they think that it is wastage of money to spend on a girl’s education. This thought is wrong as girl education can bring an uprising in the culture.

Importance of Girl Education

There are a lot of advantages involved in the education of girls. A well-educated and grown up girl can play an important role in the development of the country. An educated girl can share the load and burden of the men in different fields. A well-educated girl if not forced to marry in her early age, can serve as writer, teacher, advocate, doctor, and scientist. She can perform very well in other important fields too.

Education is a boon for girls in this age of economic crises. In today’s time, it is really difficult to meet both the ends in a middle-class family. After the marriage, an educated girl can work and help her husband in bearing the expenses of the family. She can also earn if in case her husband expires and there is no helping hand in the family.

Education also broadens the thought of the women, thus it helps in the good upbringing of her children. It also gives her the freedom of thought to decide what best is there for her and the family.

Education helps a girl become economically independent while she knows her rights and women empowerment which helps her to fight against the problem of gender inequality.

The improvement of a nation depends on girl’s learning. So, girl’s education should be encouraged.

Girl Education Essay 3 (400 words)

Women education is essential for the appropriate social and economic development of the country. Both men and women run parallel like two wheels in every society. Hence, both are significant components of growth and development in the country. Thus, both require equal opportunity when it comes to education.

Advantages of Women Education in India

Girl education in India is required for the future of the country as women are the primary teachers of their kids who are the future of the nation. Uneducated women cannot dynamically contribute in managing the family and take proper care of the children and thus result in a weak future generation. There are numerous advantages of girl education. Some of the top ones are mentioned as under:

  • Educated women are more able to influence their future.
  • Educated women are able to reduce poverty by working and being economically strong.
  • Educated women have Low risk of child mortality.
  • Educated women are 50% more likely to have their child immunized.
  • Educated women are less likely to be taken advantage of and less likely to contact HIV/AIDS.
  • Educated women are less likely to become victims of domestic or sexual abuse.
  • Educated women reduce corruption and change the conditions that lead to terrorism.
  • Educated women are better operational to contribute to the family earnings.
  • Educated women are healthier and tend to have greater self-esteem and self-confidence.
  • Educated women help contribute and prosper their community.
  • Women who are educated see the potential and need to promote education in others.

Educated women can, without doubt, handle her family more efficiently. She can make each family associate accountable by imparting good qualities in children. She can take part in the social workings and this can be a great contribution towards the socioeconomic healthy nation.

By educating a man, only a part of the nation would be educated however by educating a woman, the whole country can be educated. Lack of women education weakens the potent part of the society. So, women should have full rights for the education and should not be treated inferior to men.

Conclusion :

India is now a leading country on the basis of women education. Indian History is not devoid of talented women. It is full of women philosophers like Gargi, Viswabara and Maitreya. Other renowned women include Mirabai, Durgabati, Ahalyabi and Laxmibai. All the legendary and historical women in India are an inspiration and motivation for today’s women. We can never overlook their contributions to the society and country.

Girl Education Essay 4 (500 words)

Female education is the need of the hour. We can’t become a developed nation without educating the women of the country. Women play an essential role in the all round progress of the country. Women must be educated to make a democracy successful. They are the real builders of a happy home.

By educating a man, we educate one person, but if we educate a woman, we educate the whole family. This highlights the significance of female education. It is true that a woman is the first teacher for her children and they receive their very first lesson in mother’s lap. Hence, if a mother is well-educated then she can play an important role in shaping her children’s future.

Educated Girls Vs Uneducated Girls

If we look at it, we will observe that a knowledgeable girl not only serve for her family but also serve for her nation. She can serve her nation as a teacher, a nurse, a doctor, an administrator, a soldier, a policewoman, a reporter, an athlete, etc.

It is a fact that the girls have gained more achievements than the boys in less time.

An educated wife can split the load of her husband’s life by doing jobs or by sharing her knowledgeable views about the jobs. An educated housewife can educate her children and can teach her children about the rights and moral values. She can also guide them to differentiate between good and bad things.

Girls are gaining their rights and respect in the society and our society is working hard for this. Girls have the potential to lead their country in every field.

Once Napoleon said – “Nation’s progress is impossible without trained and educated mothers and if the women of my country are not educated, about half of the people will be ignorant.” Thus we should create an atmosphere in which not a single woman remains uneducated.

Duties of a Girl and Contribution of Education

There are three major roles which are performed by women in her course of life – A daughter, a wife and a mother. Except for these significant duties, they have to establish themselves as good citizens of a nation. Hence, it is essential to give women a diverse kind of education from the one given to boys. Their learning should be in such a way that it should enable them to do their duties in an appropriate way. By education, they become fully mature in all the fields of life. An educated woman is well aware of her duties and rights. She can contribute to the development of the country in the same way as men do.

Women should be given equivalent chance in education like men and they should not be cut off from any development opportunities. To extend the significance and progress the level of women education all over the country, proper awareness programs are necessary, especially in the rural areas. A knowledgeable female can teach her whole family and also the whole country.

Girl Education Essay 5 (600 words)

In terms of inhabitants, India is the second largest nation in the world and the rate of female education is much low in India. Girl education was the subject of worry in India in the middle age though it has now been solved to an immense extent. Education to women has been given a lot of priority in India just like men to carry some encouraging changes in the community. Previously women were not permitted to exit the gate of their houses. They were only restricted to the household works.

Upliftment of Girl Education

The Upliftment of girl education was mainly done by Raja Ram Mohan Ray and Iswara Chandra Vidyasagar during the British rule in India. They paid attention towards women education. Also, there were some leaders like Jyotiba Phule & Baba Sahib Ambedkar from lower caste community who took various initiatives to make education available to the women of India. It was with their efforts that after the Independence the government also adopted various measures to provide education to women. As a result, the women’s literacy rate has grown up since 1947.

Despite the fact that many more women are getting educated and women are being literate nowadays, there is still a gap between the literacy rate of men and women. If we look closer towards the women literacy rate, the situation looks very discouraging. According to a survey only 60% of girls receive primary education and further, it lowers down drastically to 6% when it comes to high secondary education.

Factors Responsible for Low Rate of Girl Education

There are some factors which are responsible in our Indian society which restrict the girls to attend school. These are:

  • Parents negative attitude
  • Insufficient school infrastructure
  • Religious factor
  • Child marriage
  • Child labour

Poverty – Though education is free still there is a lot of cost involved in sending children to school. It includes the cost of uniform, stationery, books, and conveyance which is too much for a family living below poverty line. They can’t even afford a day’s meal, educational expenses are too far to incur. That is the reason why parents prefer to keep their girl child at home.

Distance – In many parts of India, a primary school is situated too far away from the villages. There is 4-5 hours long walk to reach the school. Keeping in mind the safety and other security factors parents restrict the girl child to go to school.

Insecurity – Girls sometimes have to face various forms of violence at the school. Including violence on the way to school, by the school teacher, students and other people involved in the school environment. So girls’ parents think that she might not be safe at that place hence forbid them from going to school.

Negative Attitude – People generally think that a girl should learn how to cook, how to maintain the house and to do household tasks as these should be the primary focus of girl’s life. Their contribution to the household work is valued more than their education.

Child Marriage – In Indian society, still there are cases of child marriage. A girl is forced to marry at an early age and is often pulled out of the school at a very early age. Due to early marriage, they get pregnant at an early age and thus all their time is devoted towards the child and no time is left for studying.

Child Labour – This is also a major cause to forbid girls from studying. Working and earning at an early age is the main factor to be held responsible for not studying. Parents due to poverty force girls to work at an early age hence the girls are forbidden from studying.

Religious factor – India is a vast country and consists of various religions. Some religious practitioners also forbid the girl child to be educated. According to them, it is against the religion.

There is an immense need of educating the parents about the merits and benefits of girl child education. It’s not only the duty of the government but it’s our responsibility also to educate people around us. The best thing is that our P.M. has taken a very good initiative towards the girl child education through ‘ Beti Bachao Beti Padhao ’ campaign in villages. As per him, if we want to see our country developed then we have to make all girls educated.

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रूपरेखा : प्रस्तावना - लड़कियों की वर्तमान स्थिति - लड़कियों की शिक्षा का महत्व - सरकार द्वारा उठाए गए कदम - उपसंहार ।

हमारा समाज पुरुष-शासित है। यहाँ माना जाता है कि पुरुष बाहर जाएँ तथा अपने परिवारों के लिए कमाएँ। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे घर में रहें और परिवार की देखभाल करें। पहले इस व्यवस्था का समाज में सख्ती से पालन किया जाता था। आज भी थोड़ी-बहुत ऐसी मानसिकता देखी जा सकती है। जनसँख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्र है और भारत में लड़कियों की शिक्षा की दर बहुत कम है। इस कारण महिलाओं की शिक्षा को बहुत क्षति हुई । उन्हें अध्ययन के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। महिला की शिक्षा को अनुपयोगी समझा जाता था।

परंतु, अब समय बदल गया है। सामाजिक परिस्थितियाँ और आवश्यकताएँ बदल गई हैं। हमारा देश विकसित देश बनने की दौर में है। अब महिला-शिक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। हमारी लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए लड़कों के साथसाथ उनकी शिक्षा समान रूप से महत्त्वपूर्ण हो जाती है। किसी महिला को शिक्षित करने के बहुत-से लाभ हैं। वह परिवार की देखभाल करती है। यदि वह शिक्षित है, तो वह घर पर वित्त की व्यवस्था कर सकती है, अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती है। वह अपने बच्चों को पढ़ा सकती है। मुद्रा-स्फीति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आजकल सिर्फ एक व्यक्ति की आय से ही घर को चलाना अत्यंत कठिन है। अतएव, वह इस ओर भी योगदान कर सकती है।

देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है क्योंकि महिलायें अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं जो देश का भविष्य हैं। अशिक्षित महिलाएं परिवार के प्रबंधन में योगदान नहीं दे सकती और बच्चों की उचित देखभाल करने में नाकाम रहती हैं। इस प्रकार भविष्य की पीढ़ी कमजोर हो सकती है। लड़कियों की शिक्षा में कई फायदे हैं। एक सुशिक्षित और सुशोभित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों के काम और बोझ को साझा कर सकती है। एक शिक्षित लड़की की अगर कम उम्र में शादी नहीं की गई तो वह लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा कर सकती हैं। इसके अलावा वह अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बहुत अच्छी तरह से प्रदर्शन कर सकती है।

शिक्षित लड़कियाँ बच्चों में अच्छे गुण प्रदान करके परिवार के प्रत्येक मेंबर को उत्तरदायी बना सकती हैं। शिक्षित महिला सामाजिक कार्यकलापों में भाग ले सकती हैं और यह सामाजिक-आर्थिक रूप से स्वस्थ राष्ट्र के लिए एक बड़ा योगदान हो सकता है। एक आदमी को शिक्षित करके केवल राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है। लड़कियों की शिक्षा की कमी ने समाज के शक्तिशाली भाग को कमजोर कर दिया है। इसलिए महिलाओं को शिक्षा का पूर्ण अधिकार होना चाहिए और उन्हें पुरुषों से कमजोर नहीं मानना चाहिए।

आर्थिक संकट के इस युग में लड़कियों के लिए शिक्षा एक वरदान है। आज के समय में एक मध्यवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करना वास्तव में कठिन है। शादी के बाद अगर एक शिक्षित लड़की काम करती है तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। अगर किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो वह काम करके पैसा कमा सकती है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चाहे वह लड़का हो या लड़की सभी के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। लेकिन हमारे समाज में अभी भी शिक्षा को लेकर लैंगिक भेदभाव किया जाता है जहां लड़कों की शिक्षा को तवज्जो दी जाती है वहीं लड़कियों को शिक्षा से वंचित कर दिया जाता है।

शिक्षा महिलाओं के सोच के दायरे को भी बढ़ाती है जिससे वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है। इससे वह यह भी तय कर सकती है कि उसके और उसके परिवार के लिए क्या सबसे अच्छा है। शिक्षा एक लड़की को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करती है ताकि वह अपने अधिकारों और महिलाओं के सशक्तिकरण को पहचान सके जिससे उसे लिंग असमानता की समस्या से लड़ने में मदद मिले।

सरकार ने महिला-शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु बहुत-से उपाय किए हैं। बच्चों को निःशुल्क प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए । 'सर्वशिक्षा अभियान' आरंभ किया गया है। बहुत-से महिला विद्यालय खोले गए हैं। छात्राओं को विद्यालय-पोशाक और साइकिलें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है। बहुत-से संगठन भी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

लड़कों की तरह लड़कियों को भी विभिन्न प्रकार की शिक्षा देना जरूरी है। उनकी शिक्षा इस तरह से होनी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को उचित तरीके से पूरा करने में सक्षम हो सके। शिक्षा के द्वारा वे जीवन के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं। एक शिक्षित महिला अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह जानती हैं। वह देश के विकास के लिए पुरुषों के समान अपना योगदान दे सकती हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि महिला की शिक्षा को अब अनुपयोगी नहीं समझा जा सकता। यह माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनकी कन्याएँ भी अनिवार्य रूप से विद्यालय जाएँ। वे न सिर्फ उन्हें उनकी गृहस्थी चलाने में, बल्कि राष्ट्र को भी मजबूत बनाने में मदद करेंगी।

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  • Women Education in India Essay

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Introduction of Women’s Education

Nowadays, the importance of women's education is growing day by day. It is not only important to educate girls and women, but also it is necessary to provide them with basic facilities. In many countries, especially in developing countries, the literacy rate of women is low as compared to men.

The main reason behind this illiteracy rate among women is the lack of proper resources. Women's Education In India, the situation of women's education is not very good. According to the 2011 census, the literacy rate of Indian women was 64.6%. This number is quite low as compared to the literacy rate of men, which is 80.9%. 

Essay on Women’s Education:

There are many reasons behind this illiteracy rate among women. The most important reason is the lack of proper resources. In India, most of the women are illiterate because they are not allowed to go for education. Society thinks that men must educate their children, especially girls, because they think that women's role is only to take care of the house and family. If she starts going to school or university, then who will look after her house? Moreover, sometimes when women send their children to schools, they are not allowed to sit in the same class as their male counterparts. 

This is because of the social customs and traditions which are still prevailing in our society. The Government of India has made it mandatory for all the schools to provide education to girls till middle school. However, this is not being implemented properly because of the lack of resources. The lack of resources is not the only reason behind the illiteracy rate of women. The mindset of people is also one of the main reasons. In our society, the role of women is still considered to be limited to the house and taking care of the family. This mindset is changing slowly, but it will take some time to change completely.

India is considered to be one of the fastest-growing economies in the world. Its democracy is also quite overwhelming for the entire world as the country comprises many cultures, religions, and diversities. Since independence from the Colonial Rule, India has done miracles in different phases and made significant development. This development is also due to women's education and empowerment steps taken by the Government.

The social stigma of gender bias and inequality is changing rapidly. India is becoming a superpower due to the similar contribution of both genders. By promoting education for women, India is also achieving a higher literacy rate very fast. This, on the other hand, will impressively help our country to progress in all aspects. The literacy rate of women was 8.6% after independence and has increased to 64% within 7 decades. Despite the glorifying facts, India is still wreaked with different malpractices and social stigmas in the deeper corners.

Child labour, child marriage, dowry, etc., are a few of the prime reasons for gender inequality. Women were meant to be inside the house when men gathered food. This happened thousands of years ago when humans understood the biological differences between the genders. The time has changed. We have a haven for all of us to live and prosper. Women should enjoy every right men are enjoying. One of the prime rights of women that is entitled to be is education. Education is the prime weapon to fight all such social stigmas and illogical practices.

This is the major step towards the brighter future of India. There are many reasons why women are still not given similar rights to enjoy and get educated. They are thought to be the burden of a family. Even today, female feticide is practised. It means that this gender has less value in society. We need to educate the entire society regarding the social rights of all genders. Women should get educated to understand their rights as well.

If you look a little deeper, we will find that many crimes circle women, such as trafficking, rape, feticide, murder, dowry, etc. Gender-based discrimination is the prime reason behind such crimes. Until and unless both genders are considered to be equal, these crimes will carry on as usual. Women should be educated first. This is the stepping stone to such a beautiful future. 

Even in the 21st century, many families feel reluctant to send their girls children to pursue schooling and higher studies. One of the prime reasons behind such malicious thought is economic disparity. Many families are unable to send their children to schools. When it comes to gender, they choose their sons and could not afford education for girl children.

There are many reforms and acts that the Government has amended to patronize women's education. Aids are distributed, and education is almost made free for children in rural areas so that women can get proper education to create a foundation. Their future is not restricted between the four walls of a house. Our society needs to believe that women are no less than men. They can pursue their dreams and compete with men in all phases.

We need to promote the benefits of women's education. Major changes are made in bills to encourage women's education. Strict actions are taken, and crimes related to gender should be penalized to stop gender discrimination. We should also teach our children that all genders are equal and should be treated accordingly. It is when women are educated, they will be empowered to make excellent decisions and will contribute to the economic growth of our country.

There are Many Reasons behind the Importance of Women Education. Some of these Reasons are as Follows:

1. Women education is important for the development of a country. A country can only develop if its women are educated.

2. Educated women can play an important role in the development of their families.

3. Educated women are less likely to get married at an early age.

4. Educated women can contribute to the economic development of their countries.

5. Women education is necessary for the empowerment of women.

6. Educated women can raise awareness about various social issues.

7. Educated women can act as role models for the younger generation.

Conclusion:

Women education is very important for the development of a country. It is necessary to provide girls and women with proper resources so that they can get educated. Girls and women have the potential to contribute to the economic development of their countries. They can also play an important role in the development of their families. Therefore, it is necessary to pay more attention to women education.

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FAQs on Women Education in India Essay

1.What are the benefits of women getting educated?

The primary benefit is that women will get proper education to develop skills. They will be able to earn better than they were doing before. Women can contribute to shaping an improved society for themselves and their coming generations too. The economic growth of the country will also be significantly enhanced after educating women. If women are educated, they can be successful as a man in any field in their life because they are born to achieve something in their life, so if they are educated, it will help them for their good career. Women will be able to get proper education, skills development, financial independence, etc. They can also contribute well towards shaping an improved society for themselves and future generations too. The economic growth of the country will significantly improve after educating women.

2.How does education help to stop crimes against women?

Education can help reduce crimes against women by teaching boys and girls about the importance of gender equality from a young age. Girls who are educated are more likely to be aware of their rights and be able to defend themselves against violence and abuse. Education also teaches critical thinking and provides children with tools to challenge ideas and practices that discriminate against women. Education can empower girls, increase their leadership skills and make them aware of laws protecting their rights which will help reduce crimes against women.

3.How do we teach children that genders are equal?

We can teach children that genders are equal by modelling behaviour that values both boys and girls equally. We can also talk to our children about the importance of equality and why it is important. We can encourage our children to stand up for what they believe in and explain the consequences of gender discrimination to them. Women should be allowed to have an education because it is their right, and it will help to stop the crime against women. Women will also become aware of their rights which will help to stop crimes against women.

4.How does women's education contribute to the economic growth of a country?

Women's education contributes to the economic growth of a country by allowing them access to jobs that are more likely to be located in urban areas where opportunities are often greater. Educating women also allows them to take on more responsible positions within the workforce, which can result in increased productivity and innovation. When women can earn an income, they are often able to reinvest a large portion of it back into their families and communities, which can help spur economic growth.

5.How does Government help to promote women's education?

The Government is trying hard to encourage women's education by providing aids like scholarships, free books, uniforms, and hostels for girl students. The Government has also started several schemes to encourage girls' education, such as the Girl Child Protection Scheme, Beti Bachao Beti Padhao Yojana, etc. Despite all these efforts, however, the dropout rate of girl students is still high. Girls are often forced to marry early and leave their education midway. So, more efforts are required from the Government for women's education promotion.

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बेटी बचाओ पर निबंध (Beti Bachao Essay in Hindi)

बेटी बचाओ

औरतें समाज का बहुत महत्वपूर्ण भाग है और पृश्वी पर जीवन के हर एक पहलू में बराबर भाग लेती है। हांलाकि, भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को कारण स्त्रियों के निरंतर गिरते लिंग अनुपात कारण ऐसा लग रहा है कि कही महिला जाति के अस्तित्व पर ही संकट ना आ जाये। इसलिये, भारत में महिलाओं के लिंग अनुपात को बनाये रखने के लिये कन्याओं (बालिकाओं) को बचाना बहुत आवश्यक है।

बेटी बचाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Beti Bachao in Hindi, Beti Bachao par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

वर्तमान समय में पूरे देश में बेटी बचाओ एक महत्वपूर्ण जागरुकता योजना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा लैंगिग भेदभाव स्तर पर लड़कियों के जीवन को बचाने के लिए कई विशेष कदम उठाये है। इस कार्य को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रसिद्ध हस्तियों को भी इस योजना से जोड़ा गया है।

महिला साक्षरता और बेटी बचाओ योजना

आजकल पूरे देश में लड़कियों को बचाने के सन्दर्भ में बेटी बचाओ योजना एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय है। लड़कियों को बचाने के लिये बहुत से प्रभावशाली उपायों को अपनाया गया है जिसमें काफी हद तक सफलता भी प्राप्त हुई है। समाज में बड़े स्तर पर गरीबी का प्रसार है जो भारतीय समाज में अशिक्षा और लिंग असमानता का एक बहुत बड़ा कारण है। इसके साथ ही हमें लोगो को जागरुक करके भी लैंगिग असमानता को दूर करने का प्रयास करना है। आकड़ों के अनुसार, ये पाया गया है कि उड़ीसा में महिला साक्षरता लगातार गिर रही है जहाँ लड़कियाँ शिक्षा और अन्य गतिविधियों में समान पहुँच नहीं रखती है।

शिक्षा गहराई के साथ रोजगार से जुड़ी हुई है। कम शिक्षा का अर्थ है कम रोजगार जो समाज में गरीबी और लिंग असमानता का नेतृत्व करता है। महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिये शिक्षा बहुत प्रभावी कदम है क्योंकि ये इन्हें वित्तीय रुप से आत्मनिर्भर बनाता है। समाज में महिलाओं के समान अधिकार और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिये सरकार ने कन्या बचाओं कदम उठाया है। बॉलीवुड अभिनेत्री (परिणीति चौपड़ा) को प्रधानमंत्री की हाल की योजना बेटी बचाओ (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ) की एक आधिकारिक तौर पर ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।

बिना महिला साक्षरता के बेटी बचाओ योजना को सफल नही बनाया जा सकता है। इसके साथ ही हमें इस विषय में लोगों को अधिक जागरुक करने की आवश्यकता है ताकि लोगों को लैंगिग असमानता, लड़कियों की शिक्षा, परिवार नियोजन जैसी चीजों के विषय में समझाया जा सके क्योंकि जब लोग जागरुक और समझदार होगें तभी इस प्रकार की योजनाएं सफल हो पायेंगी।

निबंध 2 (400 शब्द)

लड़कियाँ वर्षों से भारत में कई तरह के अपराधों और भेदभावों से पीड़ित है। इनमें सबसे भयानक अपराध कन्या भ्रूण हत्या है जिसमें अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लिंग परीक्षण के बाद लड़कियों को माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है। बेटी बचाओ अभियान सरकार द्वारा स्त्री भ्रूण के लिंग-चयनात्मक गर्भपात के साथ ही बालिकाओं के खिलाफ अन्य अपराधों को समाप्त करने के लिए शुरु किया गया है।

कन्या भ्रूण हत्या का कन्या शिशु अनुपात – कमी पर प्रभाव

कन्या भ्रूण हत्या अस्पतालों (हॉस्पिटल्स) में चयनात्मक लिंग परीक्षण के बाद गर्भपात के माध्यम से किया जाना वाला बहुत भयानक कार्य है। ये भारत में लोगों की लड़कों में लड़कियों से अधिक चाह होने के कारण विकसित हुआ है।

इसने काफी हद तक भारत में कन्या शिशु लिंग अनुपात में कमी देखने को मिली है। ये देश में अल्ट्रासाउंड तकनीकी के कारण ही सम्भव हो पाया है। इसने समाज में लिंग भेदभाव और लड़कियों के लिये असमानता के कारण बड़े दानव का रुप ले लिया है।

महिला लिंग अनुपात में भारी कमी 1991 की राष्ट्रीय जनगणना के बाद देखी गयी थी। इसके बाद 2001 की राष्ट्रीय जनगणना के बाद इसे एक बड़ी सामाजिक घटना के रुप काफी चर्चा मिली थी। हालांकि, महिला आबादी में कमी 2011 तक भी जारी रही। बाद में, कन्या शिशु के अनुपात को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा इस प्रथा पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया था। 2001 में मध्य प्रदेश में ये अनुपात 932 लड़कियाँ/1000 लड़कें था हालांकि 2011 में यह 912/1000 तक कम हो गया था। इसका मतलब है, ये अभी भी जारी है और 2021 तक इसे 900/1000 कम किया जा सकता है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरुकता अभियान की भूमिका

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक योजना है जिसका अर्थ है कन्या शिशु को बचाओं और इन्हें शिक्षित करों। ये योजना भारतीय सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को कन्या शिशु के लिये जागरुकता का निर्माण करने के साथ साथ महिला कल्याण में सुधार करने के लिये शुरु की गयी थी। ये अभियान कुछ गतिविधियों जैसे: बड़ी रैलियों, दीवार लेखन, टीवी विज्ञापनों, होर्डिंग, लघु एनिमेशन, वीडियो फिल्मों, निबंध लेखन, वाद-विवाद, आदि, को आयोजित करने के द्वारा समाज के अधिक लोगों को जागरुक करने के लिये शुरु किया गया था। ये अभियान भारत में बहुत से सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के द्वारा समर्थित है। ये योजना पूरे देश में कन्या शिशु बचाओ के सन्दर्भ में जागरुकता फैलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के साथ ही भारतीय समाज में लड़कियों के स्तर में सुधार करेगी।

भारत के सभी और प्रत्येक नागरिक को कन्या शिशु बचाओ के साथ-साथ इनका समाज में स्तर सुधारने के लिए सभी नियमों और कानूनों का अनुसरण करना चाहिये। लड़कियों को उनके माता-पिता द्वारा लड़कों के समान समझा जाना चाहिये और उन्हें सभी कार्यक्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने चाहिये।

Save Girl Child Essay

निबंध 3 (500 शब्द)

भारतीय समाज में लड़कियों की स्थिति बहुत समय से विवाद का विषय है। आमतौर पर प्राचीन समय से ही, लड़कियाँ की खाना बनाने और गुड़ियों के साथ खेलने में शामिल होने की मान्यता है जबकि लड़कें शिक्षा और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल होते है। लोगों की ऐसी पुरानी मान्यताएँ उन्हें नकली बनाकर महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने को प्रेरित करती है जिसका परिणाम समाज में बालिकाओं की संख्या में निरंतर कमी के रुप में देखने को मिल रहा है।

कन्या या बालिका बचाओ के सन्दर्भ में लिये गये प्रभावशाली कदम

बेटी बचाओ योजना के सन्दर्भ में कुछ निम्नलिखित प्रभावी कदम उठाये गये है:

  • वर्षों से, भारतीय समाज में माता-पिता के द्वारा लड़के के जन्म की चाह के कारण महिलाओं की स्थिति काफी बदतर हो गयी। इसने समाज में लिंग असमानता का निर्माण किया, जिसे लिंग समानता को अपनाकर पूरा करने की आवश्यकता है।
  • समाज में व्याप्त अत्यधिक गरीबी ने महिलाओं के खिलाफ कई सारी सामाजिक बुराईयों जैसे कि दहेज प्रथा आदि को जन्म दिया है। जिसने महिलाओं की स्थिति को बद से बदतर (बहुत बुरा) बना दिया है। आमतौर पर माता-पिता सोचते है कि लड़कियाँ केवल रुपये खर्च कराती है जिसके कारण वो लड़कियों को बहुत से तरीकों (कन्या भ्रूण हत्या, दहेज के लिये हत्या) जन्म से पहले या बाद में मार देते है, कन्याओं या महिलाओं को बचाने के लिये, इस तरह के कार्यों को समाज में पूर्ण रुप से प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है।
  • अशिक्षा एक दूसरा मुद्दा है जो दोनों लिंगों (लड़कों और लड़कियों) को उचित शिक्षा देने के माध्यम से खत्म किया जा सकता है।
  • बालिकाओं के जीवन को बचाने के लिये महिलाओं का सशक्तिकरण एक बहुत प्रभावशाली तरीका है।
  • बेटी बचाओ के सन्दर्भ में कुछ प्रभावशाली अभियानों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाना चाहिये।
  • एक लड़की माँ के गर्भ में साथ ही बाहर के संसार में भी असुरक्षित है। वो जीवन भर उन पुरुषों के माध्यम से कई मायनों में भयभीत रहती है जिसने उन्हें जन्म दिया है। महिलाओं को अपने ही जन्म दिये पुरुषों के सत्ता को स्वीकार करना होता है, जोकि काफी हास्यस्पद और अपमानजनक है। कन्याओं को बचाने और उनके सम्मान को बनाने के लिये, शिक्षा सबसे बड़ी क्रान्ति है।
  • एक लड़की को प्रत्येक क्षेत्र में समान पहुँच और अवसर देने चाहिये।
  • सभी सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों के लिये रक्षा और सुरक्षा के प्रबंध भी होने चाहिये।
  • लडकीयों के परिवार के सदस्य बेटी बचाओं अभियान को सफल बनाने में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते है।

बेटी बचाओ अभियान को लोगों को सिर्फ एक विषय के रुप में नहीं लेना चाहिये, ये एक सामाजिक जागरुकता का मुद्दा है जिसे हमें गम्भीरता से लेने की आवश्यकता है। लोगों को लड़कियों को बचाना और सम्मान करना चाहिये क्योंकि वो पूरे संसार का निर्माण करने की शक्ति रखती है। वो किसी भी देश के विकास और वृद्धि के लिये समान रुप से आवश्यक है।

निबंध 4 (600 शब्द)

पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व, आदमी और औरत दोनों की समान भागीदारी के बिना असंभव है। दोनो ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ ही साथ किसी भी देश के विकास के लिये समान रुप से जिम्मेदार है। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इनके बिना हम मानव जाति की निरंतरता के बारे में नहीं सोच सकते क्योंकि उनके द्वारा ही महिलाओं को जन्म दिया जाता है। यही कारण है कि हमें कन्या भ्रूण हत्या जैसे गंभीर अपराध को पूर्ण रुप से रोकने की आवश्यकता है, इसके साथ ही हमें लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिये सुरक्षा, सम्मान और समान अवसर प्रदान किये जाने चाहिये।

बेटी बचाओ अभियान क्यों आवश्यक है?

इस संसार में ऐसे कई घटनाएं हुई है, जिन्होंने इस बात को प्रमाणित किया है कि महिलाएं हर क्षेत्र में ना सिर्फ पुरुषों के बराबर है बल्कि की कई क्षेत्रों में उनसे आगे भी है। इन्हीं में से हमने नीचे कुछ बातों पर चर्चा की है-

  • लड़किया किसी क्षेत्र में लड़कों की तुलना में पीछे नही है और वह हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है।
  • 1961 से कन्या भ्रूण हत्या एक गैर कानूनी अपराध है और लिंग परीक्षण के बाद गर्भपात को रोकने के लिये प्रतिबंधित कर दिया गया है। सभी लोगों को इन नियमों का पालन करना चाहिए और लड़कियों को बचाने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
  • लड़कियाँ लड़कों की तुलना में अधिक आज्ञाकारी, कम हिंसक और अभिमानी साबित हो चुकी है।
  • वो अपने परिवार, नौकरी, समाज या देश के लिए ज्यादा जिम्मेदार साबित हो चुकी है।
  • वो अपने माता-पिता की और उनके कार्यों की अधिक परवाह करने वाली होती है।
  • एक महिला माता, पत्नी, बेटी ,बहन आदि होती है। इसलिए हम में से प्रत्येक व्यक्ति को लड़कियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।
  • एक लड़की अपनी घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को बहुत ही अच्छे तरीके से निभाती है जो इन्हें लड़को से अधिक विशेष बनाने का कार्य करती है।
  • लड़कियाँ मानव जाति के अस्तित्व का सबसे महत्वपूर्ण कारण है।

लड़कियों को बचाने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये कदम

सरकार द्वारा लड़कियों को बचाने और शिक्षित करने के लिये बहुत से कदम उठाये गये है। इस बारे में सबसे हाल की पहल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ है जो बहुत सक्रिय रूप से सरकार, एनजीओ, कॉरपोरेट समूहों, और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों द्वारा समर्थित है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने महिला स्कूलों में शौचालय के निर्माण से अभियान में मदद की है।

बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध भारत में वृद्धि और विकास के रास्ते में बड़ी बाधा है। कन्या भ्रूण हत्या बड़े मुद्दों में से एक था हालांकि अस्पतालों में लिंग निर्धारण, स्कैन परीक्षण, उल्ववेधन, के लिए अल्ट्रासाउंड पर रोक लगा कर आदि के द्वारा सरकार ने प्रतिबंधित किया गया है। सरकार ने ये कदम लोगों को ये बताने के लिये लिया है कि लड़कियाँ समाज में अपराध नहीं हालांकि भगवान का दिया हुआ एक खूबसूरत तोहफा है।

हमें बेटियों से नफरत की भावना, उन्हें कोख में मारने की कोशिश जैसे चीजों पर बदलाव लाने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। हमें समाज और देश की भलाई के लिए उसे सम्मानित और प्यार करना चाहिए। वो लड़कों की तरह की देश के विकास में समान रुप से भागीदार है।

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बालिका शिक्षा पर निबंध (लड़की शिक्षा) Girl Education Essay in Hindi

इस लेख में पढ़ें बालिका शिक्षा पर निबंध (लड़की शिक्षा) Girl Education Essay in Hindi हिन्दी में। इसमें आप बालिकाओं की शिक्षा का महत्व, और उनका शिक्षा का अधिकार के विषय में पूरा पढ़ें।

इसे विद्यार्थी लघु निबंध (short essay) या अनुच्छेद (paragraph) के रूप में अपने अनुसार बदल कर परीक्षा मे लिख सकते हैं। इसे 1400 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

Table of Content

बालिका शिक्षा पर निबंध Girl Education Essay in Hindi

नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था , “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।” भारत में लड़कियों की शिक्षा (girl child education) देश के विकास के लिये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि लड़की, लड़कों  से बेहतर काम कर सकती हैं।

आजकल लड़कियों की शिक्षा महत्वपूर्ण और अनिवार्य है क्योंकि लडकियां देश का भविष्य है। भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बालिकाओं की शिक्षा आवश्यक है। आज ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां लड़कियां लड़कों से कई आगे निकलकर सफल हुई हैं।

शिक्षित बालिकाओं ने चिकित्सा, रक्षा सेवाओं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे पेशेवर क्षेत्रों में योगदान देकर भारतीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। आज की लड़कियों ने अच्छी तरह से व्यवसाय के क्षेत्र में भी योगदान दिया है और अपने घर और कार्यालय दोनों को बहुत अच्छी तरह से संभाला हैं।

आज बेहतर अर्थव्यवस्था और बेहतर समाज लड़कियों की शिक्षा का परिणाम है। शिक्षित महिलाएं शादी करने के बाद भी देश की आबादी को नियंत्रित करने में हमारी मदद कर सकती हैं।

बालिकाओं की शिक्षा के विषय में गलत धारणा Wrong Mentality About Girls Education

कुछ लोग हैं जो बालिका शिक्षा का विरोध करते हैं, उनका मानना ​​है कि लड़कियों को पढ़ाना पैसा और धन की बर्बादी है। यह विचार गलत है क्योंकि लड़कियों की शिक्षा समाज को बदल सकती है। लोगों को समझना होगा की लड़का-लड़की एक समान हैं।

लोग सोचते हैं कि लड़कियों को सिर्फ खाना बनाने, घरेलू काम करने और बच्चों को जन्म देने के लिए पृथ्वी पर भेजा गया है। वे घर के काम तक ही सीमित है इस सोच के कारण लड़कियों पर शोषण और उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है।

चीजें इतनी हद तक खराब हो चुकी हैं कि कुछ लडकियां मां के गर्भ में जन्म से पहले मारी जाने लगी है।आज के आधुनिक युग में भी लोग लड़कों की चाह में कन्या भ्रूण हत्या जैसे पाप करते हैं।

इसके लिए मूल समस्या यह है कि भारत में शादी करने के लिए बहुत महत्व दिया जाता है। भारत में लोग सोचते हैं कि एक लड़की का अंतिम निवास स्थान उसके पति का घर है और उसका भाग्य घर की चार दीवारों तक ही सीमित रहना चाहिए।

ज्यादातर अशिक्षित लोगों की सोच है की लड़कियों की शिक्षा से कम उसके विवाह में खर्च होता है इसलिए विवाह करवा देना ही सही है। ज्यादातर लड़कियों को इस कारण अपना सपना छुड़ा कर जल्द विवाह करवा दिया जाता है।

इसके लिए एक व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि यह पूरा समाज लड़कियों के भाग्य के लिए ज़िम्मेदार है। आज भी समाज में लड़कों को उच्च दर्जा दिया जाता है और लड़कियों को लड़कों के मुकाबले आगे बढ़ने के लिए ज्यादा सुविधाएं देते हैं।

लोग यह महसूस करने में नाकाम रहे कि एक लड़की को शिक्षित करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि लड़के को शिक्षित करना। जब भी एक लड़की को अपनी क्षमता साबित करने का मौका मिला है तो उसने हमेशा खुद को साबित किया है।

हालांकि अब दिन बेहतर होते जा रहे है, क्योंकि भारत के लोगों ने इस तथ्य को समझ लिया है, कि लड़कियों के विकास और प्रगति के बिना देश का विकास संभव नहीं है। यह सच है कि दोनों लिंगों के समान विस्तार में, देश को हर क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

“अगर महिलाएं अशिक्षित हैं तो समाज को सफलता का कोई मौका नहीं मिलेगा”

शिक्षा जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा है, चाहे वह लड़का हो या लड़की। शिक्षा एक व्यक्ति को नये कौशल के साथ नई चीजें सीखने और दुनिया के तथ्यों के बारे में जानने में मदद करती है। बालिकाओं के अधिकारों की सुरक्षा में शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

यह लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने में भी मदद करता है। लड़कियों को अपने अधिकारों का चयन करने का पहला कदम शिक्षा है।

शिक्षा लड़कियों को उनके काम में अधिक समझदारी देने में मदद करती है। एक शिक्षित लड़की के पास कौशल, प्रतिभा और आत्मविश्वास है, जो उसे एक बेहतर मां, कर्मचारी और एक अच्छा देश का निवासी बनाता है।

महिलाएं हमारी आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं, लड़के और लड़की सिक्के के दो पहलुओं की तरह हैं और उन्हें देश के विकास में योगदान देने के समान अवसरों की आवश्यकता है। दोनों एक दूसरे के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं|

शिक्षित और अशिक्षित लडकियों में अंतर Differences Between Educated and Uneducated Girls

अगर हम दोनों में अंतर देखते हैं, तो हम पाएंगे कि एक शिक्षित लड़की न केवल अपने माता-पिता की सेवा करती है बल्कि अपने देश की भी सेवा भी कर सकती है।

वह एक शिक्षक, नर्स, डॉक्टर, प्रशासक, सैनिक, पुलिस कर्मचारी, संवाददाता, एथलीट आदि के रूप में अपने देश की सफलता और उन्नति में योगदान कर सकती है। वहीं अशिक्षित महिला, एक शिक्षित लड़की की तरह हर क्षेत्र में कार्यरत नहीं हो सकती है।

अगर लड़कियों को भी लड़कों की तरह सभी सुविधाएं और प्रेरणा दिया जाए तो वह हर एक सफलता की ऊंचाई को छु सकती हैं जो एक लड़का कर सकता है।

लड़कियों की शिक्षा का महत्व Importance of Girl Education

लड़कियों की शिक्षा से हमारे देश को कई फायदे हो सकते हैं : एक शिक्षित और समझदार बालिका देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में लड़कों के काम और बोझ को हल्का कर सकती है।

एक बालिका चाहे तो वह हमारे देश की लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में सेवा दे सकती है। इसके अलावा, वह अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

शिक्षित महिलाएं अपने भविष्य को नया रूप देने में सक्षम होती हैं। वह काम और आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण गरीबी को कम करने में सक्षम होती हैं। उनके शिक्षित होने के कारण बाल मृत्यु दर का जोखिम भी कम है। शिक्षित लड़कियां अन्य लड़कियों की तुलना में 50% तक अधिक अपने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल करने में अधिक सक्षम होती हैं।

शिक्षित लड़कियों को एच आई वी / एड्स के संपर्क में आने की संभावना कम होती है। उनके ऊपर घरेलू या यौन हिंसा के शिकार होने की संभावना कम होती हैं। आज शिक्षित लड़कियों ने भ्रष्टाचार को कम कर दिया है और उन स्थितियों को बदल दिया है जो आतंकवाद का कारण बनते हैं।

शिक्षित महिलाएं पारिवारिक आय में योगदान करने के लिए बेहतर साबित हुई हैं। वह  दिमाग से स्वस्थ होती हैं और उनके पास बहुत आत्म सम्मान और आत्मविश्वास है। साथ ही वह अपने समुदाय को योगदान और समृद्ध करने में मदद करती हैं। शिक्षित महिलाएं दूसरों में शिक्षा को बढ़ावा देने की क्षमता रखती हैं।

ईश्वरचंद्र विद्यासागर और राजा राममोहन राय की तरह कुछ समाज सुधारक थे, जिन्होंने बालिका शिक्षा को लेकर कुछ सराहनीय कार्य किये, उन्होंने ब्रिटिश सरकार के शासन में भी लड़कियों के शिक्षा और विकास के लिये कार्य किया था। बलिकाएं और बालक दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू है, तो इसके मुताबिक लड़की तथा लड़के दोनों ही इस देश के विकास में बराबरी के हक़दार है।

लड़कियों के बिना हम समाज की कल्पना तक नहीं कर सकते क्योंकि वे आने वाली पीढ़ी की जन्मदाता हैं। अगर विश्व की बलिकाएं अच्छी तरह से शिक्षित होंगी तो ही वे नई पीढ़ी को अच्छी शिक्षा दे पाएंगी जिससे हमारा समाज और देश प्रगति की ओर अग्रसर हो पाएगा।

निष्कर्ष Conclusion

बालिका शिक्षा के लिये लड़कों की तरह ही लड़कियों को समान अवसर दिये जाने चाहिए और उन्हें किसी भी विकास के अवसर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। देश भर में महिलाये, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर के महत्व और प्रगति के लिए उचित जागरूकता कार्यक्रम आवश्यक है। एक जानकार लड़की अपनी शिक्षा से पूरे परिवार और पूरे देश को शिक्षित कर सकती है।

लड़कियों की शिक्षा के आधार पर भारत अब एक प्रमुख देश बन चुका है। हमारा भारतीय इतिहास प्रतिभाशाली लड़कियों से भरा हुआ है। इन प्रसिद्ध लड़कियों में मीरा बाई , दुर्गावती, अहल्याबिया और लक्ष्मी बाई शामिल हैं। आज के समय में, भारत की सभी महान और ऐतिहासिक महिलाएं प्रेरणा का स्रोत हैं। हम समाज और देश में उनके योगदानों को कभी अनदेखा नहीं किया जा सकता  हैं।

आशा करते हैं आपको बालिका शिक्षा पर निबंध, विडिओ Girl Education Essay in Hindi पसंद आया होगा। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और लड़कियों को शिक्षा में अपना योगदान दें।

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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Very fruitful knowledge…thank you.

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लड़की पढाओ पर नारे- Slogans on Girl Education in Hindi

In this article, we are providing slogans for Girl Education in Hindi- Slogans on Girl Education in Hindi Language. लड़की पढाओ पर नारे | स्लोगन, Beti Padao Slogans

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लड़की पढाओ पर नारे- Slogans on Girl Education in Hindi

1. लड़कियों को पढ़ाओ समाज को जागरूक बनाओ

2. लड़की पढ़ेगी तो सब पढ़ेगे तभी तो हम आगे पढ़ेंगे

3. अगर लड़की को पढ़ाओगे अपना ही नहीं देश का भी स्वाभिमान बढ़ाओगे

4. शिक्षा है जीवन का आधार लड़की को दो पढ़ने का अधिकार

5. जन जन का यह नारा है बेटी पढ़ाना कर्तव्य हमारा है

6. पढ़ाओ लड़की को, बढ़ाओ लड़की को जीवन की राह पर चलना सिखाओ लड़की को

7. पढ़ लिख कर बनेगी अफ्सर, पहन कर निकलेगू टॉपी एक बार पढ़ने के लिए दो इन्हें पैन और कॉपी

8. एक बार मौका दो इन्हें पढ़ने का फिर देखना जज्बा हर मुश्किल से लड़ने का

9. लड़की देश को सजग बनाती है खुद पढ़ती है और दुसरों को भी पढ़ाती है

10. लड़की संभाल लेगी हर काम एक बार पढ़ कर करने दो उसे ऊँचा नाम

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Hindi Slogans on Girl Education

1. Ladkiyon ko padhao samaaj ko jaagaruk banao

2. Ladki padhegi to sab padhege tabhi to hum aage padhenge

3. Agar ladki ko padhaoge apna hi nahin desh ka bhi svabhimaan badhaoge

4. Shiksha hai jeevan ka adhaar ladki ko do padhne ka adhikaar

5. Jan jan ka yah nara hai beti padhana kartavy hamara hai

6. Padhao ladki ko, badhao ladki ko jeevan ki raah par chalna sikhao ladki ko

7. Padh likh kar banegi afsar, pehan kar niklego topi ek baar padhne ke lie do inhen pen aur copy

8. Ek baar mauka do inhen padhne ka phir dekhna jazba har mushkil se ladne ka

9. Ladki desh ko sajag banati hai khud padhti hai aur dusaron ko bhi padhati hai

10. Ladki sambhaal legi har kaam ek baar padh kar karne do use ooncha naam

#Girl Education Slogans #Girl Education Posters in Hindi

Beti Bachao Beti Padhao Slogans in Hindi

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Importance of Girls’ Education

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