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आज़ादी का अमृत महोत्सव पर निबंध (Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav In Hindi)

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आज़ादी का अमृत महोत्सव पर निबंध (Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav In Hindi): 15 अगस्त 2022 (15 August 2022) को भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे हुए। इस खास मौके पर भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस 2022 (Independence Day 2022) के जश्न को आज़ादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाने का एलान किया। आज़ादी का अमृत महोत्सव 2022 (Azadi Ka Amrit Mahotsav 2022) भारत देश के लोगों और जांबाज़ सिपाहियों को समर्पित है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) भी चलाया हुआ है, जिसका उद्देश्य देश भर में देशभक्ति की भावना को फैलाना है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav)

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको आज़ादी के 75 वर्ष अमृत महोत्सव की पूरी जानकारी देंगे, जैसे- आजादी का अमृत महोत्सव क्या है (Azadi Ka Amrit Mahotsav Kya Hai), आजादी का अमृत महोत्सव क्यों मनाया जाता है, आजादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य, आजादी का अमृत महोत्सव कब शुरू हुआ, आजादी का अमृत महोत्सव कब खत्म होगा, Azadi Ka Mahatva आदि। आप Azadi Ka Amrit Mahotsav In Hindi की ये सभी जानकारी नीचे दिए गए आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध हिंदी में (Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay In Hindi) से प्राप्त कर सकते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध hindi (Azadi Ka Amrit Mahotsav Par Nibandh) के साथ-साथ आप आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता हिंदी में (Azadi Ka Amrit Mahotsav Poem In Hindi) भी इसी पोस्ट से पढ़ सकते हैं।

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आज़ादी का अमृत महोत्सव पर निबंध हिंदी में (Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay In Hindi)

भारत की आज़ादी (India Independence Day) के 75वें वर्ष पर देश आज़ादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है। यह भारत सरकार की एक पहल है। ये अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत को ब्रिटिश शासन के 200 सालों के राज से आज़ाद करवाने के लिए न जाने कितने भारत माँ के बेटों ने अपनी जान गंवा दी। देश की आज़ादी का ये दिन हमारे आजादी के नायकों के त्याग, तपस्या और बलिदान को याद करने का दिन है।

ये भी पढ़ें

आज़ादी का अमृत महोत्सव क्या है?

स्वतंत्र भारत का वर्ष 2022 का 76वां स्वतंत्रता दिवस है, क्योंकि हमारे देश को आज़ादी मिले 75 साल पूरे हुए हैं। इसीलिए ये भारत की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ होगी, जिसे भारत सरकार ने आज़ादी का अमृत महोत्सव नाम दिया है। हमारे देश को आज़ादी 15 अगस्त सन् 1947 को मिली थी और इसी दिन हमारे देश का तिरंगा झंडा भी फहराया गया था। इसलिए तकनीकी रूप से अगर देखा जाए, तो देश का पहला स्वतंत्रता दिवस इसी दिन था। इसके बाद 15 अगस्त सन् 1948 को भारत का दूसरा स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था और आज़ादी की पहली वर्षगांठ थी। इस गणित के हिसाब से 15 अगस्त 2022 को देश की आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ होगी यानी कि भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे होंगे और 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा यानी कि हमारा देश स्वतंत्रता के 76वें साल में प्रवेश करेगा।

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आज़ादी का अमृत महोत्सव क्यों मनाया जाता है?

आज़ादी का अमृत महोत्सव देश को मिलने वाली आज़ादी का जश्न है, जिसे हर 25 साल में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। आज़ादी के अमृत महोत्सव का दिन भारत पर मर-मिटने वाले उन शहीदों और बलिदानियों को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने हमारे देश को अंग्रेज़ी हुकूमत से आज़ाद करवाया और भारत को आज़ाद भारत बनाने की खातिर अपना सब कुछ देश को कुर्बान कर दिया।

आज़ादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य

आज़ादी के अमृत महोत्सव के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  • लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाना।
  • पूरे देश में देशभक्ति की भावना को ज़्यादा से ज़्यादा फैलाना।
  • भारत के उन लोगों और सिपाहियों को याद करना, जिन्होंने भारत को आज़ाद करवाया।
  • देश की युवा पीढ़ी को आज़ादी का महत्त्व समझाना।
  • देश के सभी लोगों के बीच भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के बारे में जागरूकता पैदा करना और हर घर में तिरंगा लगाने को बढ़ावा देना।

आज़ादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य

आजादी का अमृत महोत्सव की थीम क्या है?

आजादी के अमृत महोत्सव की कुल पांच थीम हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle)
  • विचार 75 (Ideas@75)
  • संकल्प 75 (Resolve@75)
  • एक्शन 75 (Action@75)
  • उपलब्धियां 75 (Achievements@75)

हर घर तिरंगा अभियान

हमारे देश को आज़ादी मिलने के बाद पहली बार 15 अगस्त सन् 1947 को झंडा फहराया गया था। आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) भी चलाया हुआ है। ‘हर घर तिरंगा’ आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में लोगों को तिरंगा घर लाने और भारत की आजादी के 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान है। राष्ट्रीय ध्वज के साथ हमारा संबंध हमेशा व्यक्तिगत से अधिक औपचारिक और संस्थागत रहा है। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को सामूहिक रूप से घर लाना इस प्रकार न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध का एक कार्य बल्कि राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन जाता है। इस पहल के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव यात्रा

आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जिसने हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की और 15 अगस्त 2023 को एक साल के बाद ये यात्रा समाप्त होगी।

आज़ादी का अमृत महोत्सव पर कविता

पंद्रह अगस्त का दिन कहता: आज़ादी अभी अधूरी है। सपने सच होने बाकी है, रावी की शपथ न पूरी है॥

जिनकी लाशों पर पग धर कर आज़ादी भारत में आई, वे अब तक हैं खानाबदोश ग़म की काली बदली छाई॥

कलकत्ते के फुटपाथों पर जो आँधी-पानी सहते हैं। उनसे पूछो, पंद्रह अगस्त के बारे में क्या कहते हैं॥

हिंदू के नाते उनका दु:ख सुनते यदि तुम्हें लाज आती। तो सीमा के उस पार चलो सभ्यता जहाँ कुचली जाती॥

इंसान जहाँ बेचा जाता, ईमान ख़रीदा जाता है। इस्लाम सिसकियाँ भरता है, डालर मन में मुस्काता है॥

भूखों को गोली नंगों को हथियार पिन्हाए जाते हैं। सूखे कंठों से जेहादी नारे लगवाए जाते हैं॥

लाहौर, कराची, ढाका पर मातम की है काली छाया। पख्तूनों पर, गिलगित पर है ग़मगीन गुलामी का साया॥

बस इसीलिए तो कहता हूँ आज़ादी अभी अधूरी है। कैसे उल्लास मनाऊँ मैं? थोड़े दिन की मजबूरी है॥

दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुन: अखंड बनाएँगे। गिलगित से गारो पर्वत तक आज़ादी पर्व मनाएँगे॥

उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर कसें बलिदान करें। जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें॥

आज़ादी का अमृत महोत्सव पर कविता

– पंद्रह अगस्त की पुकार / अटल बिहारी वाजपेयी

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा

ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा

गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा

ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा

मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा

यूनान-ओ-मिस्र-ओ- रोमा, सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशाँ हमारा

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा

‘इक़बाल’ कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा

– सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा / इक़बाल

People also ask

प्रश्न- आजादी का अमृत महोत्सव कब शुरू हुआ था? उत्तरः 12 मार्च 2021 को।

प्रश्न- आजादी का अमृत महोत्सव कब खत्म होगा? उत्तरः 15 अगस्त 2023 को।

प्रश्न- आजादी का अमृत महोत्सव का अर्थ क्या है? उत्तरः आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे होने का महोत्सव है।

प्रश्न- आजादी का अमृत महोत्सव कब से प्रारंभ किया गया? उत्तरः गांधी जी के नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने के पर प्रधानमंत्री मोदी ने 12 मार्च 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव प्रारंभ किया था।

प्रश्न- आजादी का अमृत महोत्सव कहाँ से शुरू हुआ? उत्तरः गुजरात के साबरमती से।

प्रश्न- आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य क्या है? उत्तरः लोगों के मन में देशभक्ति की भावना पैदा करना।

प्रश्न- आजादी का अमृत महोत्सव कब तक चलेगा? उत्तरः आजादी का अमृत महोत्सव हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ था और यह 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा।

ऑफिशियल वेबसाइट-   amritmahotsav.nic.in | harghartiranga.com

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 की शुभकामनाएं” (Happy Independence Day 15 August 2023)।

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आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध – 10 lines (Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi) 100, 200, 300, शब्दों में

short essay in hindi on azadi ka mahatva

Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi – भारत को अपनी समृद्धि, परंपराओं और सांस्कृतिक इतिहास पर गर्व है। भारत का भविष्य तभी निखरेगा जब हम भारतीय अपने अतीत की परंपरा के उत्थान और संरक्षण में सदैव लगे रहेंगे। इस वैश्विक आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए लोगों से सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए कहा जाता है। यहां आजादी का अमृत महोत्सव पर कुछ नमूना निबंध दिए गए हैं।

10 Lines Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav

  • भारत सरकार ने भारत के लिए 75 साल की प्रगतिशील स्वतंत्रता का जश्न मनाने और याद करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव शुरू किया है।
  • भारत आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के शानदार इतिहास का स्मरण कर रहा है।
  • यह भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में आगे की सोच का प्रतिनिधित्व करता है।
  • आधिकारिक “आजादी का अमृत महोत्सव” यात्रा 12 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साबरमती आश्रम में शुरू हुई।
  • उन्होंने भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए 75-सप्ताह के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
  • इसने हमारे देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की, जो एक साल बाद 15 अगस्त, 2023 को समाप्त होगी।
  • इस दिन 2021 में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रतीकात्मक दांडी यात्रा शुरू की, जो आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत के साथ आत्मनिर्भरता और आत्म-सम्मान की हमारी यात्रा के पुनरुद्धार का प्रतीक है। 
  • महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से राष्ट्र के स्वाभिमान और स्वाभिमान की अलख जगाने के लिए दांडी यात्रा की शुरुआत की थी।
  • आज़ाद का अमृत महोत्सव उन भारतीय लोगों को समर्पित है जिन्होंने न केवल देश की लंबी विकासवादी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है 
  • लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को लाने के दृष्टिकोण को साकार करने की ताकत और क्षमता भी है, जो कि आत्मानबीर भारत की भावना से प्रेरित है, एक वास्तविकता है।

100 Words Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav

आजादी का अमृत महोत्सव भारतीय स्वतंत्रता दिवस के 75वें या हीरक जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है। आजादी का अमृत महोत्सव का उत्सव 75 सप्ताह, या एक वर्ष, 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। यह भारतीय नागरिकों को देश के प्रति प्रेम, सम्मान, गर्व और कर्तव्य की भावना सिखाने का एक शानदार तरीका है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास, संस्कृति और अन्य पहलुओं को पुनर्जीवित करना उस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। आजादी का अमृत महोत्सव पिछले 75 वर्षों के दौरान भारत की उपलब्धियों को उजागर करते हुए भविष्य के विकास पर जोर देता है। यह पहल 2047 तक हासिल किए जाने वाले लक्ष्यों को चिन्हित करती है जब भारत आजादी के 100 साल पूरे करेगा।

200 Words Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav

हमारे देश की आजादी के लिए लड़ते हुए लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी और अनगिनत लड़ाइयों और कष्टों के बाद भी सभी एक साथ आए और उस आजादी के नारे लगाते रहे। उन्हीं के कारण आज हम आजाद हैं। एक महोत्सव स्वतंत्रता सेनानियों के निर्वासितों को दिखाकर और मातृभूमि के प्रति उनकी भक्ति को उजागर करके हमें अपने देश के लिए निस्वार्थता और प्रेम के मूल्य को जगाने का प्रयास करता है।

इस तरह, स्कूली बच्चे स्वतंत्रता के संघर्ष को समझने के बाद न केवल स्वतंत्रता के वास्तविक अर्थ को खोजते हैं, बल्कि वे स्वतंत्रता सेनानियों की कठिनाइयों और जीत के बारे में भी अधिक ज्ञान विकसित करते हैं। जहां तक ​​संभव हो, हमें अपनी देशभक्ति की भावना को बनाए रखने और एक अधिक सहानुभूतिपूर्ण और जिम्मेदार समाज को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को मनाना चाहिए।

इसकी शुरुआत कैसे हुई | 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने साबरमती आश्रम से मार्च की शुरुआत राष्ट्रीय स्वावलंबन और स्वाभिमान को ध्यान में रखकर की थी। इसके अलावा 2021 में इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक दांडी यात्रा का शुभारंभ किया था। आजादी का अमृत महोत्सव ने स्वतंत्रता और सम्मान के लिए भारतीयों की नए सिरे से खोज की शुरुआत का संकेत दिया। आज़ादी का अमृत महोत्सव का अर्थ है “मुक्ति सेनानियों से प्रेरणा का अमृत,” यह 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ और 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगा।

300 Words Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav

75 वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। इस साल यह बहुत बड़ा होने वाला है क्योंकि हीरक जयंती समारोह चल रहा है। भारतीय सेना, वे स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें हमने खो दिया, और जिनमें से कुछ अभी भी जीवित हैं, और भारतीय संस्कृति और इतिहास को इस वर्ष भी पोषित और मनाया जाएगा।      

यह श्री नरेंद्र मोदी, हमारे प्रधान मंत्री थे, जिन्होंने साबरमती आश्रम से यात्रा शुरू करते हुए 12 मार्च 2021 को आधिकारिक आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, उन्होंने 75 सप्ताह तक चलने वाले उत्सव की शुरुआत की। यह 75वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस तक 75 लंबे हफ्तों तक जारी रहने वाला है और 15 अगस्त 2023 को समाप्त होने के लिए एक और वर्ष का विस्तार करेगा।

महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा शुरू की। उन्होंने अपने देश में आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान जगाने के कारण को ध्यान में रखते हुए साबरमती आश्रम से यात्रा शुरू की। संयोग से, हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में इसी दिन प्रतीकात्मक दांडी यात्रा शुरू की थी। आजादी का अमृत महोत्सव ने भारतीयों की आत्मनिर्भरता और आत्म-सम्मान की यात्रा के पुनरुत्थान की शुरुआत की।

The Flag Code for Azadi Ka Amrit Mahotsav 2022 

उसके बाद से भारतीय तिरंगे झंडे को फहराने और प्रदर्शित करने के लिए 2021 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित कुछ नियम निम्नलिखित हैं:

  • झंडा या तो हाथ से काता हुआ, हाथ से बुना हुआ, या कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/रेशम खादी बंटिंग का उपयोग करके मशीन से बनाया गया हो। 
  • सार्वजनिक, निजी, या शैक्षिक संगठन का कोई भी सदस्य सभी दिनों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है या प्रदर्शित कर सकता है, चाहे वह औपचारिक हो या अन्यथा। 
  • झंडा फहराया जा सकता है और दिन और रात प्रदर्शित किया जा सकता है यदि यह एक खुला क्षेत्र है जहाँ लोग देख सकते हैं।
  • ध्वज किसी भी आकार का हो सकता है, लेकिन यह 3:2 के लंबाई-से-चौड़ाई के अनुपात के साथ आकार में आयताकार होना चाहिए।
  • प्रदर्शन के समय, राष्ट्रीय ध्वज को उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए और स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए।
  • लोगों को क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त ध्वज प्रदर्शित नहीं करना चाहिए।
  • जहां भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहां मास्टहेड से कोई अन्य झंडा नहीं फहराया या प्रदर्शित किया जाना चाहिए। 
  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर या बगल में कोई अन्य झंडा या ध्वजा फहराया नहीं जाना चाहिए।  
  • राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल आदि जैसे गणमान्य व्यक्तियों को छोड़कर किसी अन्य नागरिक को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराना चाहिए। 

आज़ादी का अमृत महोत्सव

आज़ादी का अमृत महोत्सव  देश की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय  द्वारा की गई एक पहल है | जैसा कि आप जानते हैं  15 अगस्त, 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसे  ध्यान में रखते हुए इस  75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह  पहले अर्थात  12 मार्च  2021 से इस  कार्यक्रम की  शुरुआत की गई है । यह कार्यक्रम 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेंगे । 12 मार्च की तिथि गाँधी जी की नमक कानून के विरोध में की गई दांडी यात्रा को ध्यान में रख कर भी तय की गई है | इस महोत्सव के दौरान देश के  स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान ,उनके बलिदान , व देश के गौरवपूर्ण इतिहास एवं संकृति के विषय  में देशवासियों को जागरूक किया जाएगा |

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अंग्रेजी माध्यम में इस लेख को पढने के लिए देखें Azadi Ka Amrit Mahotsav

पाठक  लिंक किए गए लेख में आईएएस हिंदी के बारे में जानकारी पा सकते हैं।

आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ :

  • महोत्सव के दौरान  देश भर में कई तरह के  सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें संगीत, नृत्य, प्रवचन, नाटक इत्यादी शामिल हैं।
  • महोत्सव का शुभारम्भ करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने के 5 स्तम्भ बताए :- 1. स्वाधीनता संग्राम का गौरव  2. देश की प्रगति हेतु विचार  3. 75 वर्षों की हमारी उपलब्धियां  4. हमारे प्रयास  और  5. हमारे भविष्य हेतु प्रण |
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधिकारिक  वेबसाइट https://amritmahotsav.nic.in/   का भी  विमोचन किया गया |
  • दांडी मार्च की ही तरह  इस कार्यक्रम की शुरुआत भी ‘ स्वाधीनता यात्रा ’ से की जाएगी। यह यात्रा  साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) से शुरू होकर दांडी तक की  जाएगी। दांडी यात्रा में महात्मा गांधी, कमला देवी चट्टोपाध्याय इत्यादि  सहित लगभग 80 स्वतंत्रता सेनानियों ने भाग लिया था,अतः  इस स्वाधीनता यात्रा में भी 80 पदयात्रियों को शामिल किया गया है जो 25 दिन में कुल 388 की.मी.  की यह यात्रा पूरी करेंगे | दांडी यात्रा की ही तरह यह यात्रा भी  6 अप्रैल को पूरी  होगी।
  • ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत स्थानीय उद्द्य्म  को भी बढ़ावा देने के उद्देश्य से चरखा कार्यक्रम की शुरुआत की गई है |

दांडी यात्रा 

1882 के नामक कानून के तहत नमक निर्माण  पर ब्रिटश सरकार के एकाधिकार के विरोध में महात्मा गाँधी ने 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक अहमदाबाद स्थित अपने साबरमती आश्रम से लेकर नवसारी जिले में स्थित दांडी नामक एक तटीय  गाँव तक ये एतिहासिक यात्रा की थी | इस यात्रा  से ही  सविनय अवज्ञा आन्दोलन का आरम्भ माना जाता है जो की गाँधी जी  के नेत्रित्व में किये गए  3 व्यापक ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों  में से एक था  ( अन्य 2 आन्दोलन ‘असहयोग आन्दोलन’ 1920-22 तथा 1942 का ‘भारत छोडो’ आन्दोलन था |

 नोट : सुभाष चन्द्र बोस ने इस यात्रा की तुलना नपोलियन की एतिहासिक पेरिस यात्रा (1815) से की थी |  

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Azadi ka amrit mahotsav essay, speech in hindi| आज़ादी का अमृत महोत्सव: निबंध, भाषण.

Geetanjali Media January 30, 2023

Azadi ka Amrit Mahotsav Essay, Speech in Hindi| आज़ादी का अमृत महोत्सव: निबंध, भाषण : 15 अगस्त 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। एक देश जिसने वर्षों की गुलामी की बेड़ी से स्वयं को मुक्त किया और अपने लोगों के द्वारा बनाए संविधान और कानून पर चलकर संपूर्ण विश्व में विकास की एक अलग मिशाल प्रस्तुत किया है; के लिए आजादी के 75 साल पूरे करना एक गौरव का विषय है। भारत सरकार ने इस मौके अवसर को देश के लिए आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाने का निर्णय किया है।

आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से की। इसी दिन सन् 1930 में महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) 15 अगस्त 2023 तक पूरे भारत में मनाया जायेगा।

सन् 2047 में भारत अपनी आजादी के 100 साल का जश्न मनाने जा रहा है। 2023 से 2047 तक के काल को अमृत काल के रूप में भी मनाया जायेगा। आजादी के सौ साल पूरे होने तक देश को एक विकसित देश बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है। देश ने 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। इस प्रकार 25 वर्षों का यह अमृत काल देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का काल होगा। सभी क्षेत्रों में विकास के पैमाने को विकसित देशों के बराबर लाना है। Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi नामक इस लेख में हम विस्तार से जानेगे की आज़ादी का अमृत महोत्सव क्या है और क्यों मनाया जा रहा है।

Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi (आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध)

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Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi (आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध): आजादी का अमृत महोत्सव भारत की आजादी के 75 साल पूर्ण होने पर मनाया जाने वाला महान उत्सव है। यह देश का एक राष्ट्रीय उत्सव है जिसमे देश की केंद्र सरकार के साथ साथ सभी राज्य सरकार, सभी सरकारी विभाग एवं मंत्रालय के साथ साथ देश की जनता बड़े गर्व से मना रही है।

आजादी का अमृत महोत्सव वर्तमान में मनाया जा रहा है। यह उत्सव 15 अगस्त 2023 तक मनाया जायेगा। हालांकि देश की आजादी के 100 साल पूरे होने तक मतलब 15 अगस्त 2047 तक के काल को अमृत काल के रूप में देश निश्चित करता है। इस दौरान देश अपनी विकास गाथा को और आगे बढ़ते हुए 2047 तक एक विकसित देश के रूप में बदलने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ेगा। और देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी मिल कर अपना योगदान दें।

Azadi ka Amrit Mahotsav| आज़ादी का अमृत महोत्सव: क्यों मनाते हैं?

Azadi ka Amrit Mahotsav| आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने के कई उद्देश्य हैं। इन्हें हम निम्न बिंदुओं में देख सकते हैं।

  • पहला, जो स्वाभाविक है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। अपने आप में यह एक गौरवमई कालक्रम है। आजादी के उत्सव को मनाने का यह निश्चय ही एक महत्वपूर्ण समय है। इसलिए हम सभी देशवासी भारत सरकार के अनुसार इस उत्सव को मना रहे हैं।
  • दूसरा, कि अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति के लिए हमारे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जिंदगी कुरवान कर दिया था। देश को आजाद कराने के लिए वे हंसते हंसते फांसी के फंदे को भी चूम लिए। इस महान बलिदान में अनेक गुमनाम शहीदों ने चुप चाप अपना जीवन देश के लिए कुर्बान कर दिए। जाने अंजाने में देश ने उनकी कुरवानी को भुला दिया था। आजादी के अमृत महोत्सव पर देश उन तमाम शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्हें सलाम करता है।
  • देश के महान सेनानियों, योद्धाओं, वीर, वीरांगनाओं जिन्होंने अंतिम सांस तक अंग्रेजों से बहादुरी पूर्वक लड़े, देश और अपनी मातृभूमि के प्रति उनके अनंत प्रेम की गाथा जो आज के युवाओं के लिए आदर्श और प्रेरणा के स्रोत हैं, उन सभी वीर गाथाओं, और देशप्रेम की शिक्षा को युवाओं तक पहुंचना।
  • आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का एक उद्देश्य यह भी है कि पिछले 75 सालों में देश ने जो प्रगति की है उसे हमारी युवा पीढ़ी समझे और गौरव महसूस करे। आजादी के समय देश अनेक संसाधनों के अभाव एवं आर्थिक पिछड़ेपन से जूझ रहा था। कृषि उत्पाद और खादन्न क्षेत्र में हरित क्रांति ने देश को इस क्षेत्र के आयातक से निर्यातक बना दिया। भुखमरी और अकाल के दौर से निकल कर देश आज अनेक पड़ोसी देशों और विश्व के जरूरतमंद देशों को अनाज मुहैया करा रहा है। अपने आप में यह गौरव और गर्व का विषय है। आजादी के इन 75 सालों में हुए इन सुखद प्रगति को महसूस करने और उत्सव मनाने का भी यह समय है।
  • इसी प्रकार सुरक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी देश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। देश के वैज्ञानिकों की बुद्धि और परिश्रम के बदोलत देश मंगल और चांद तक अपनी सफल अभियान कर सका है। आज भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान विश्व के विकसित देशों से भी आगे निकल गया है। आजादी का अमृत महोत्सव इन प्रगति पर गर्व करने का भी समय है।
  • डीआरडीओ, भाभा, इसरो आज अपनी बेहतरीन अनुसंधान कार्यों से विश्व में देश का नाम रोशन किया है।
  • 75 साल की अवधि में देश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ साथ आर्थिक क्षेत्रों में प्रगति की है। शिशु मृत्य दर, मातृ मृत्यु दर, में अभूतपूर्व गिरावट आई। जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी हुई।
  • कोरोना महामारी के दौरान देश के स्वास्थ्य वैज्ञानिकों की अनुसंधान कार्यों की बदोलत स्वदेशी वैक्सीन बनाकर देश के लाखों लोगों की जान बचाने के साथ साथ विश्व के जरूरतमंद देशों को भी जीवन रक्षक टीका मुहैया कराकर मुसीबत में मदद कर देश ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की परंपरा को निभाया। और ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसे जानकर आप देश पर गर्व कर सकते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव ( Azadi ka Amrit Mahotsav) उन सभी उपलब्धियों को भी जानने समझने और गर्व से उत्सव मनाने का एक अवसर है।

Azadi ka Amrit Mahotsav| आज़ादी का अमृत महोत्सव: कैसे मनाएं?

आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) भारत सरकार 12 मार्च 2021 से ही माना रही है। देश की जनता को इस मुहिम में शामिल करते हुए देश भर में अनेक कार्य क्रम का आयोजन किए जा रहे हैं। हर घर तिरंगा योजना के तहत देश के प्रत्येक नागरिकों को इसका हिस्सा बनाया जा रहा है।

हर घर तिरंगा योजना के तहत देश भर में सभी नागरिकों को अपने अपने घर पर 13 से 15 अगस्त तक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने का आह्वान किया गया है।

सभी सरकारी कार्यालयों और इकाइयों को हर घर तिरंगा योजना को लागू करने के दिशानिर्देश दिए गए हैं। तिरंगा रैली, के माध्यम से योजना के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं

लोग आजादी का अमृत महोत्सव के ऑफिशियल वेबसाइट पर तिरंगे के साथ फोटो खिंचवा कर अपलोड कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।

Azadi ka Amrit Mahotsav| आज़ादी का अमृत महोत्सव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास की तरह ही आजादी के बाद का 75 साल का सफर आम भारतीयों की मेहनत, नवोन्मेष, उद्यम का प्रतिबिंब है। देश हो या विदेश हम भारतीयों ने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें अपने संविधान पर गर्व है। हमें अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। लोकतंत्र की जननी भारत आज भी लोकतंत्र को मजबूत कर आगे बढ़ रहा है। ज्ञान और विज्ञान से समृद्ध भारत मंगल से चंद्रमा पर अपनी छाप छोड़ रहा है।

नरेंद्र मोदीभारत के प्रधान मंत्री

आजादी का अमृत महोत्सव अभियान क्या है?

15 अगस्त 2022 को भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश आजादी के सभी शहीदों, सेनानियों को याद स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। उनकी वीर गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचा रहा है। युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रधर्म का संचार कर रहा है। और अब तक भारत ने विकास के जो आयाम हासिल किया है उस पर गर्व करने का ये समग्र महोत्सव है।

आजादी के अमृत महोत्सव का महत्व क्या है?

आजादी के अमृत महोत्सव का महत्व है कि देश की युवा पीढ़ी देश की आजादी के लिए दी गई कुरवानियों को याद करे। सभी शहीदों, सेनानियों को याद स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे। उनकी वीर गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके, युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रधर्म का संचार हो। और अब तक देश ने विकास के जो आयाम हासिल किया है उसका गुणगान भी हो।

आजादी का अमृत महोत्सव का अर्थ क्या है?

आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ है कि देश की युवा पीढ़ी देश की आजादी के लिए दी गई कुरवानियों को याद करे। सभी शहीदों, सेनानियों को याद स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे। उनकी वीर गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके, युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रधर्म का संचार हो। और अब तक देश ने विकास के जो आयाम हासिल किया है उसका गुणगान भी हो।

आजादी का अमृत महोत्सव क्यों मनाते हैं?

आजादी का अमृत महोत्सव हम इस लिए मना रहे हैं कि, देश की युवा पीढ़ी देश की आजादी के लिए दी गई कुरवानियों को याद करे कर सके। सभी शहीदों, सेनानियों को याद स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दिया जाय। उनकी वीर गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रधर्म का संचार हो। और अब तक देश ने विकास के जो आयाम हासिल किया है उसका गर्व भी किया जाय।

अमृत महोत्सव कार्यक्रम क्या है?

आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम देश की आजादी के लिए दी गई कुरवानियों को याद करने का दिन है। सभी शहीदों, सेनानियों को याद स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे। उनकी वीर गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके, युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रधर्म का संचार हो। और अब तक देश ने विकास के जो आयाम हासिल किया है उसका गुणगान भी हो। इन सभी कार्यक्रमों का समग्र रूप ही अमृत महोत्सव कार्यक्रम है।

आजादी का अमृत महोत्सव कब शुरू हुआ?

12 मार्च 2021 से

आजादी का अमृत महोत्सव कब समाप्त होगा?

15 अगस्त 2023 को

अन्य पढ़ें:

  • राष्ट्रमंडल खेल (Commonwealth Games 2022) भारत का प्रदर्शन, पदक तालिका में स्थान

short essay in hindi on azadi ka mahatva

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Azadi ka Amrit Mahotsav/Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav in Hindi/आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध

आज़ादी का अमृत महोत्सव.

भारत ने ली अंगड़ाई थी ,

जब आजादी की ठानी थी।

आजादी को हुए सिर्फ साल पचहत्तर ,

पर ये सभ्यता बहुत पुरानी थी।  

(आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता)

किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है , जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल-पल जुड़ा रहता है। भारत के पास गर्व करने के लिए समृद्ध ऐतिहासिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत का अथाह भंडार है।  

अपनी इसी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक , राष्ट्रीय चेतना के साक्षी बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से पदयात्रा (स्वतंत्रता मार्च) को हरी झंडी दिखाकर आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘ आजादी के अमृत महोत्सव ’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।   आजादी का अमृत महोत्सव , 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पूर्व शुरू हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।

आज़ादी का अमृत महोत्सव  ( Azadi ka Amrit Mahotsav) 

यानी- आज़ादी की ऊर्जा का अमृत। आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी - स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी - नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी - आत्मनिर्भरता का अमृत है।

( Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav in Hindi)

1857 का स्वतंत्रता संग्राम , महात्मा गांधी का विदेश से लौटना , देश को ‘ सत्याग्रह ’ की ताकत फिर याद दिलाना , लोकमान्य तिलक का “ पूर्ण स्वराज्य ” का आह्वान , नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का “ दिल्ली मार्च ” , “ दिल्ली चलो ” का नारा कौन भूल सकता है।

आज नए भारत के समुद्र-मंथन में,

  जन-जन की भागीदारी है।

  आजादी के अमृत महोत्सव की बेला में,

  आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है।

21 वीं सदी का भारत आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। कोरोना काल में यह सारे विश्व के सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो गया कि आत्मनिर्भर भारत मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में , वैक्सीन निर्माण में एक स्वस्थ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। जिसने न केवल अपनी अपितु विश्व के अनेक देशों की जनता की स्वास्थ्य रक्षा के लिए भरसक प्रयास किए तथा कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई।

भारत की उपल्धियां आज सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं , बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं , पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। हम भारतीय चाहे देश में रहे हों , या फिर विदेश में , हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें गर्व है । हमें अपने संविधान, हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। भारत लोकतंत्र की जननी है और आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है।

इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए हर राज्य , हर क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया है। अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आज़ाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था , देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है। अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतन्त्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है। जालियाँवाला बाग में स्मारक हो या फिर ‘पाइका-आंदोलन’ की स्मृति में स्मारक , सभी पर काम हुआ है। बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले-बिसरे पड़े थे , उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है।

भारत का हर नागरिक लोकमान्य तिलक के ' पूर्ण स्वराज ' ' आज़ाद हिंद फ़ौज के ' दिल्ली चलो ', भारत छोड़ो आंदोलन के आह्वान को देश कभी नहीं भूल सकता। हम मंगल पांडे , तात्या टोपे , रानी लक्ष्मी बाई , चंद्रशेखर आज़ाद , भगत सिंह , पं. नेहरू , सरदार पटेल , अंबेडकर से प्रेरणा लेता हैं।

भारत को स्वतंत्र कराने में देश के कोने-कोने से कितने ही दलित , आदिवासी , महिलाएं और युवा थे जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए। आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम , पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण , हर दिशा में , हर क्षेत्र में , हमारे संतो-महंतों , आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी।

जब गाँधी जी ने दांडी यात्रा की और नमक कानून तोडा, उस दौर में नमक भारत की आत्मनिर्भरता का एक प्रतीक था। अंग्रेजों ने भारत के मूल्यों के साथ-साथ इस आत्मनिर्भरता पर भी चोट की थी। भारत के लोगों को इंग्लैंड से आने वाले नमक पर निर्भर होना पड़ा था । गांधी जी ने देश के इस पुराने दर्द को समझा , जन-जन से जुड़ी उस नब्ज को पकड़ा। देखते ही देखते ये आंदोलन हर एक भारतीय का आंदोलन बन गया , हर एक भारतीय का संकल्प बन गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी। हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहाँ श्रम और समानता का प्रतीक है।

जब हम ब्रिटिश शासन के युग के बारे में सोचते हैं तो ध्यान आता है कि जब करोड़ों लोग स्वतंत्रता का इंतजार कर रहे थे, तो यह स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उत्सव को और भी महत्वपूर्ण बना देता है। आजादी का अमृत महोत्सव आज़ादी की लड़ाई के साथ-साथ आज़ाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।

हम सभी का सौभाग्य है कि हम आजाद भारत के इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं जिसमें भारत उन्नति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आज का भारत विश्व में अपना नाम अग्रिम पंक्ति में लिखवा चुका है। हम इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं तथा देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आपको आहूत करने वाले , देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में नमन और उनका कोटि-कोटि वंदन करते हैं।

आज़ादी का अमृत महोत्सव ( Azadi ka Amrit Mahotsav)

 उन लोगों को धन्यवाद देने का एक प्रयास है। जिनके कारण हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। यह याद करने का समय है कि स्वतंत्रता को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए , शहीदों ने इसे प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

Azadi ka Amrit Mahotsav/Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav in Hindi/आज़ादी का अमृत महोत्सव

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short essay in hindi on azadi ka mahatva

अमृत उत्सव का विडियो किस एप्प में पोस्ट क्र सकते है । और कब तक पोस्ट किया जा सकता हैं ।

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Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi (PDF)

Short & long essay on azadi ka amrit mahotsav in hindi (आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध | aajaadee ka amrit mahotsav par nibandh).

Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi | भारत इस वर्ष आजादी के पवन अवसर पर 75 वर्ष मना रहा है और इस बार देश इस अवसर को आजादी का अमृत महोत्सव के साथ मना रहा है। हमने निम्नलिखित हिंदी में आज़ादी का अमृत महोत्सव पर एक निबंध दिया है। सभी पाठक इस निबंध का उपयोग अपनी सुविधानुसार लिखने के लिए कर सकते है और आजादी का अमृत महोत्सव की मुख्य विशेषताओं पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

यह उत्सव भारतीय की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि का प्रतिक है। आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्र को अपनी विविधता और एकता का जश्न मनाने और भविष्य की ओर देखने के लिए एक साथ आने का अवसर है।

इस निबंध और पैराग्राफ़ में, (Short & Long Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi) हम आज़ादी का अमृत महोत्सव को 100, 200, 300 और 500 शब्दों में दिया गया हैं।

निबंध (100 शब्द)

आज़ादी का अमृत महोत्सव आज़ादी के 75 साल और अपने संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण करने और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है।

यह महोत्सव भारीय देशवाशी को समर्पित है जिन्होंने न केवल भारत देश को उसकी विकासवादी यात्रा में इतना आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है बल्कि उनके प्रेम की भावना से प्रेरित होकर भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति भी है। इसका आत्मनिर्भर भारत बनने की सम्भावना भी है.

यह उत्सव (आज़ादी का अमृत महोत्सव) की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई जिससे हमारी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ की 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू हुई जो एक साल बाद 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी।

निबंध (200 शब्द)

भारत का 75वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 को मनाया गया। इस साल स्वतंत्रता दिवस बहुत ही विशेष था क्योंकि इस साल भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। भारतीय संस्कृति, इतिहास, भारतीय सेना, स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें हमने खो दिया और जिनमें से कुछ अभी भी जीवित हैं उनके लिए इस वर्ष जश्न मनाया गया।

यह महोत्सव हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 मार्च 2021 को साबरमती आश्रम से यात्रा शुरू किया गया और आधिकारिक तौर पर आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की। प्रधान मंत्री ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 सप्ताह तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत की। यह 75वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस तक 75 लंबे सप्ताहों तक जारी रहेगा और 15 अगस्त 2023 पुरे एक वर्ष का विस्तार करेगा।

आजादी का अमृत महोत्सव ने आत्मनिर्भर भारत अभियान माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित नए भारत का दृष्टिकोण है जिसमे निम्नलिखित अभियान घोषित ‘पंच प्राण’ के अनुरूप नौ महत्वपूर्ण विषयों की तर्ज पर हैं  सांस्कृतिक गौरव, महिला और बच्चे, जनजातीय सशक्तिकरण, जल, स्वास्थ्य और कल्याण, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE), आत्मनिर्भर भारत और एकता, समावेशी विकास।

निबंध (300 शब्द)

आज़ादी का अमृत महोत्सव उन सभी भारतीय को समर्पित है जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण और सफल योगदान दिया है, जो अब प्रधान मंत्री मोदी के 2.0 भारत को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को पहचानने के लिए काम कर रहे हैं, जिसकी सहायता से आत्मनिर्भर भारत नामक प्रणाली पूरा किया जा रहा है।

देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने आज़ादी के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी जबकि अनगिनत कठिनाइयों और लड़ाइयों के बावजूद भी सभी एक साथ आए और देश की आज़ादी के लिए आगे बढ़ते रहे जिनके कारण हम आज स्वतंत्र हैं। यह महोत्सव स्वतंत्रता सेनानियों के निर्वासन को दिखाकर और देश के प्रति उनकी भक्ति को उजागर करके सभी देशवासियो को निस्वार्थता और प्रेम का मूल्य पैदा करना है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत कैसे हुई, जब 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की। उन्होंने राष्ट्रीय स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए साबरमती आश्रम से मार्च शुरू किया। जबकि 2021 में इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐतिहासिक दांडी यात्रा का शुभारंभ किया था। इस महोत्सव ने भारतीयों की सम्मान और स्वतंत्रता के लिए नए सिरे से खोज की शुरुआत का संकेत दिया। इस महोत्सव का अर्थ है “मुक्ति सेनानियों से प्रेरणा का अमृत”, आज़ादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ और 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगा।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस महोत्सव का अर्थ, स्वतंत्रता की ऊर्जा का अमृत है; नए विचारों और प्रतिज्ञाओं का अमृत, स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की प्रेरणाओं का अमृत और आत्मानिर्भरता का अमृत, इसलिए आज़ादी का अमृत महोत्सव राष्ट्र के जागरण का महोत्सव है, वैश्विक शांति और विकास का त्योहार, और सुशासन के सपने को साकार करने का पर्व।

इस प्रकार, जब छात्र स्वतंत्रता के संघर्ष को समझने लगते है तो उन्हें न केवल स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ पता चलता है बल्कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की कठिनाइयों, तकलीफो, संघर्षो और विजय के बारे में भी अधिक ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए, हम सभी को अपनी देशभक्ति की भावना को बनाए रखने और समाज के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को मनाना चाहिए।

निबंध (500 शब्द)

आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ है जो भारत सरकार द्वारा मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। इसे जन-भागीदारी की भावना से जन-उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

जिस प्रकार, हम 15 अगस्त 2023 की उल्टी गिनती शुरू कर रहे हैं, आजादी का अमृत महोत्सव का लक्ष्य भारत और दुनिया भर में अभियानों और पहुंच के माध्यम से इस जन आंदोलन को ज्यादा बढ़ावा देना है। निम्नलिखित अभियान माननीय प्रधान मंत्री द्वारा घोषित ‘पंच प्राण’ के अनुरूप नौ महत्वपूर्ण विषयों की तर्ज पर हैं जिनमे महिला और बच्चे, जल, सांस्कृतिक गौरव, जनजातीय सशक्तिकरण, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE), स्वास्थ्य और कल्याण, आत्मनिर्भर भारत और एकता, समावेशी विकास, शामिल है। इस निबंध में हम कुछ बिन्दुओ का उल्लेख करेंगे।

महिलाएं और बच्चे

बाल विकास में निवेश करना किसी भी राष्ट्र के बेहतर भविष्य के निर्माण की कुंजी है। बच्चों के मूल्य, स्वास्थ्य और शिक्षा सीधे देशों के आर्थिक और सामाजिक संकेतकों को प्रभावित करते हैं और इसकी वैश्विक स्थिति को भी आकार देते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को नागरिक, नैतिक, और सामाजिक शिक्षा प्राप्त हो जिससे वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक, कला, शैक्षिक आदि  में नवीनतम विकास से अवगत होना।

इसी तरह, महिलाएं किसी भी राष्ट्र के प्रगति और विकास को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण मीट्रिक हैं। महिला आंदोलन ने एक लंबा सफर तय किया है जिसमें बालिकाओं की स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे कई मोर्चों पर प्रगति दिखाई दे रही है जिन्होंने अपने निरंतर प्रयासों से भारत के स्तिथि को बदल दिया है।

आत्मनिर्भर भारत

आत्मनिर्भर भारत अभियान माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित नए भारत का दृष्टिकोण है जो 12 मई 2020 को प्रधान मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत करते हुए  राष्ट्र का आह्वान किया और 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की जो भारत के जीडीपी के 10% के बराबर है।

इसका उद्देश्य देश और उसके नागरिकों को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाना है। उन्होंने आगे आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों को रेखांकित किया – जिसमे बुनियादी ढांचा, अर्थव्यवस्था, प्रणाली, जीवंत जनसांख्यिकी और मांग है।

जनजातीय सशक्तिकरण

संपूर्ण भारत के जनजातीय समुदायों ने हमारे देश की संस्कृति, समृद्धि और विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2011 की आम सहमति के अनुसार, भारत में आदिवासी आबादी 104 मिलियन थी, जो देश की आबादी का 8.6% है। भारत के विकास में जनजातीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका अच्छी तरह से स्थापित है चाहे वह खेल का क्षेत्र हो, स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान हो, या व्यवसाय का क्षेत्र हो।

सांस्कृतिक गौरव

भारत कई संस्कृतियों का देश है, यह दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जो 4,000 साल से भी अधिक पुरानी है। इस दौरान कई परंपराएं और रीति-रिवाज एक साथ आई हैं जो देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाती हैं।

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र

भारतीय ज्ञान प्रणालियों में निहित पारंपरिक दवाओं के ज्ञान को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आयुष क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। योग के साथ कल्याण और फिटनेस, योग केंद्रित समग्र कल्याण के लिए दुनिया ने हमेशा भारत की ओर देखा है। तेजी से गतिहीन जीवनशैली पर आधारित जीवन में अगला लक्ष्य योग को हर किसी के जीवन का निरंतर हिस्सा बनाना है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य देश को प्रगति की ओर ले जाना है। देश के इतिहास और संस्कृति से प्रेरणा पाकर हम अपने जीवन और देश के विकास में महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करना है और देश के प्रति दुनिया भर समान बनाना है।

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आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध.

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जीवन में आजादी का महत्व पर hindi essay on jeevan me azadi ka mahatva

Hindi essay on jeevan me azadi ka mahatva.

जीवन में आजादी का महत्व पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध आप जरूर पढ़ें और आजादी का जीवन में क्या महत्व है इसके बारे में विस्तृत जानकारी लें। तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे आर्टीकल को।

hindi essay on jeevan me azadi ka mahatva

जीवन में आजादी का बहुत ही महत्व है आजादी जो कि हमें 1947 में भी मिल चुकी हैं पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे अंग्रेजों से जब हमें आजादी मिली तो हम आजादी के साथ जीवन यापन करने लगे।

पहले जो अंग्रेज हम पर राज करते थे, हमारे अधिकार उन्होंने छीन लिए थे, हम पर हमारी महिलाओं पर अत्याचार करते थे लेकिन आजादी मिलने के बाद हमें चैन की सांस मिली और हमने सोचा कि हमें अब अपने अधिकार भी मिलेंगे और हम जीवन में एक बेहतरीन जिंदगी जी सकते हैं।

हुआ भी कुछ ऐसा ही लेकिन आज भी हम देखें तो भले ही हमें कुछ हद तक आजादी मिल गई है लेकिन आज भी हमें हमारे देश मैं फैले भ्रष्टाचार, महंगाई, महिलाओं के साथ अत्याचार आदि से आजादी नहीं मिली।

आज हम देखें तो भारत देश में चारों और भ्रष्टाचार फैला हुआ है हम जब भी अपने कामकाज को करवाने के लिए किसी दफ्तर में जाते हैं तो हमसे रिश्वत की मांग की जाती है।

भ्रष्टाचार को बढ़ावा हम जैसे लोग ही देते हैं दफ्तरों के लोग रिश्वत मांगने से पीछे नहीं हटते और हम रिश्वत देते हैं जिससे भ्रष्टाचार देश में तेजी से फैल रहा है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोग आवाज उठाना ही एक तरह से समय की बर्बादी करना समझते हैं। लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाते या बहुत ही कम लोग उठाते हैं।

इसके अलावा आज हम देखें महंगाई भी तेजी से आसमान छू रही है सरकारें महंगाई को कम करने का वादा करती हैं लेकिन महंगाई सुरभि तेजी से बढ़ रही है हम सभी समझ नहीं पाते कि भ्रष्टाचार, महंगाई आखिर कब इस देश से खत्म होगी।

कब हमें इस से आजादी मिलेगी इसके अलावा आज हम देखें तो भले ही आज हमारा भारत देश आजाद है लेकिन हमारे भारत देश में आज भी महिलाएं आजादी की सांस नहीं ले पाती हैं।

यदि वह श्याम के समय कहीं घर के बाहर निकल जाती हैं तो फिर उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं होती है क्योंकि हमारे देश में, हमारे समाज में कई सारे ऐसे लोग हैं जो नारी का सम्मान नहीं करते जो नारी को केवल भोग विलास की वस्तु समझते हैं। आज के समय में हमारे भारत देश में नारी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।

हम सभी को चाहिए कि हम इस बात को समझें की आजादी का महत्व तभी हो सकता है जब हमारे घर की महिलाएं सुरक्षित हो।

आजादी का महत्व यही है कि हम सभी सुरक्षित हैं और हमारे पास अपने अधिकार हैं हम अपने उन अधिकारों का सदुपयोग करके अपने जीवन को सही ढंग से जी सकते हैं।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखित यह hindi essay on jeevan me azadi ka mahatvaआर्टिकल अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और सब्सक्राइब करें। धन्यवाद

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आजादी के महत्व की कहानी हिंदी

Azadi ka mahatva essay in hindi 

 आजादी के महत्व की कहानी हिंदी 

"आजादी का अमृत महोसव.. है भारत मां के लाखों का आजादी के मतवालों का..आजाद 75 सालों का।"

सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा देश भारत करीब 200 वर्षों तक अंग्रेजी हुकूमत का गुलाम रहा है। इन गुलामी की जंजीरों को तोड़ने में भारतवासियों को कड़ा संघर्ष करना पड़ा और 15 अगस्त सन 1947

के दिन हमारा देश भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया। इतनी मुश्किलों और बलिदानों से मिली हुई आजादी को हम भारतवासी प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन जश्न के रूप में मनाते हैं। यूं तो यह जश्न प्रत्येक वर्ष ही महत्वपूर्ण होता है, किंतु इस वर्ष का जश्न कुछ खास है क्योंकि हमारे देश भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस खुशी में पूरा देश आजादी का अमृत महोसव मना रहा है।

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत-

इस महोत्सव की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा गुजरात के साबरमती आश्रम से 12 मार्च 2021 को दांडी यात्रा के आयोजन के रूप में हुई। प्रथम अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2021 को मनाया गया। इस वर्ष 15 अगस्त 2022 को भी यह महोत्सव मनाया जाएगा और अगले वर्ष 15 अगस्त 2023 तक यह महोत्सव मनाया जाएगा।

आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य-

आजादी के इस महोत्सव का उद्देश्य सम्पूर्ण देश में जन अभियान चलाकर हर एक व्यक्ति को इस अभियान से जोड़कर उनमें विभिन्न तरीकों से देशभक्ति की भावनाओं को जागृत करना है। इस महोत्सव का उद्देश्य जन भागीदारी के द्वारा लोगों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और इस संग्राम के हर एक नायक के बारे में जानकारी का प्रसार करना है। इस महाअभियान के माध्यम से गुमनाम शहीदों की गाथाएं लोगों तक

पहुँचाई जा रही हैं। भारत ने बीते 75 सालों में क्या खोया क्या पाया इसकी जानकारी भी जन-जन तक पहुंचाना अभियान का उद्देश्य है।इस महोत्सव के दौरान आने वाले 25 सालों जिन्हें अमृत काल माना जा रहा है, उसकी रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। कैसे मनाया जा रहा है अमृत महोत्सव-

इस महोत्सव के दौरान विकासशील देश भारत के स्वतंत्र 75 साल तथा भारत के नागरिकों, भारत की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाया जा रहा है। विभिन्न छोटी-छोटी कड़ियों को जोड़कर यह महोत्सव मनाया जा रहा है। इसमें सभी छोटे-बड़े संस्थानों, विभिन्न विभागों, स्कूल-कॉलेजों, संस्थाओं सभी को जोड़ा गया है। सभी ने अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है। भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम तथा प्रतियोगित। आयोजित की जा रही हैं और जन-जन को जोड़ा जा रहा है, जिससे कि भारत का हर नागरिक अपने देश और इसके इतिहास के बारे में जान सकेा इस महोत्सव के दौरान स्कूलों में, कार्यलयों में खेल, गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर, बैनर के माध्यम से सबको देशभक्ति के रंग में रंगा जा रहा है।

"महान है भारत देश, महान है इसकी आजादी, पाने को जिसे वीरों ने अपनी जान गवां दी!"

इसके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को आजादी के संघर्ष और उसके बाद की चुनौतियों को जानने का स्वर्णिम अवसर मिला है। 200 वर्षों की गुलामी के बाद एक राष्ट्र को फिर से खड़ा करना और विश्वशक्ति बनने की राह तक ले आना आसान नहीं था। युवा पीढ़ी को बीते 75 सालों की चुनौतियों और उपलब्धियों दोनों के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला है। अतः इस महोत्सव का भारतवासियों के लिए बहुत महत्व है।

सोने की चिडिया कहे जाने वाले हमारे देश भारत का इतिहास भी स्वर्णिम है। हम भाग्यशाली हैं, जो हमें इस महोत्सव के माध्यम से इसे जानने का मौका मिल रहा है। हमें इसे गवाना नहीं चाहिए। हम सभी देशवासियों को इस अमृत महोत्सव में भागीदारी सुनिश्चित कर जनसहयोग करना चाहिए। जब जन-जन की भागीदारी होगी तभी सरकार का अभियान सफल हो पाएगा। "आजादी का अमृत महोत्सव हम सबको मिलकर मनाना है, जन-जन की भागीदारी से अभियान सफल बनाना है।"

Azadi ka mahatva essay in hindi

भारत को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं। आजादी के दीवानों की कहानियां आज देश का बच्चा बच्चा जानता है। आजादी के इन वीर योद्धाओं में दीवानों की तरह मंजिल पा लेने का हौसला तो था, लेकिन बर्बादियों का खौफ न था। अपने हौसलों से हर मुश्किल का सीना चीरते हुए आजादी की मंजिल की तरफ बढ़ते ही चले गये।

 "न हिसाब है, न कीमत है उनकी कुर्बानियों की, सँभालकर रख सकें उनके जिगर के टुकड़े आजादी को, यही कीमत हो सकती है उनकी मेहरबानियों की।" 

बात कुछ महीनों पहले की है। कोरोना महामारी के कारण पूरे देश मे एक बार फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया था। रमेश और गीता दोनों भाई बहन का विद्यालय जाना एक बार फिर से बंद हो गया था। दोनों का ही चेहरा उतरा हुआ था। पिछले साल की तरह कहीं यह साल भी खराब ना जाए। क्योंकि दूसरे बच्चों की तरह वे अपनी पढ़ाई ऑनलाइन नहीं कर पाए थे। घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी। माँ और पिता जैसे तैसे मजदूरी करके बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्चा चलाते थे। 

परन्तु महामारी के कारण उन्हें पिछले वर्ष से ही काम मिलने में परेशानी हो रही थी। धीरे धीरे हालात कुछ ऐसे बन गए कि रमेश और गीता को भी मजदूरी कर घर खर्च में मदद करनी पड़ गयी। घर के हालात कुछ हद तक सुधरे। स्वतन्त्रता दिवस के कुछ दिन पूर्व ही विद्यालय खोला गया। सभी बच्चे घरवालों की सहमति से विद्यालय जाने लगे।

 रमेश गीता को भी बुलाया गया। परन्तु उनको विद्यालय जाकर पढ़ने से अधिक जरूरी दो वक्त की रोटी कमाना लगा। रमेश की टीचर ने घर आकर रमेश को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा - रमेश कम से कम 15 अगस्त के दिन तो तुम आ ही सकते हो। क्या इस वर्ष आजादी का उत्सव नहीं मनाओगे? 

रमेश ने उत्तर दिया- मैडम जी.. किस बात की आजादी.. जब देश की आम जनता इतनी गरीब और लाचार है.. इस आजाद देश में आज हम बच्चों के हाथ मे किताबों के स्थान पर मजदूरी क्यों है? मैडम की आंखों में आंसू आ गए। मैडम को असली आजादी का मतलब समझ आ चुका था। आज भले ही देश आजाद है। परन्तु देश के अधिकतर नागरिक आज भी गरीबी और लाचारी के गुलाम हैं। 

मैडम ने तुरंत विद्यालय जाकर विद्यालय की कमेटी से बात की। रमेश और गीता की पढ़ाई मुफ्त कर दी गयी और उनके माता-पिता को कमेटी की तरफ से अच्छे रोजगार प्रदान किये गए। जिससे भविष्य में उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े। स्वतन्त्रता दिवस का दिन आया। रमेश और गीता तिरंगे झंडे हाथों में लिए देशभक्ति के गानों पर दोस्तों संग झूम रहे थे। मैडम दोनों को निहार रही थी। 

मैडम को आजादी का जश्न मनाते हुए इतनी खुशी पहले कभी नहीं हुई थी, जितनी आज हो रही थी। हम आजाद हुए, कितना कुछ बदल गया, खुली हवा में साँस तो ले सकते हैं, जहाँ चाहे जा सकते हैं, कम से कम अपने मौलिक अधिकारों के अधिकारी तो हैं, मुँह से एक शब्द निकालना गुनाह तो नहीं है। अच्छा है हम आजाद हैं, उससे भी अच्छा होगा यदि हम दूसरों को आजाद कर सकें-गरीबी, भ्रष्टाचार, अज्ञानता और अंधविश्वास की गुलामी से। देश को जरूरत है उनकी जो दूसरों की मदद को आगे आएं। 

दूसरों के जीवन में भी सुधार लाने का प्रयास करें। आखिर छोटे-छोटे प्रयासों के दम पर ही तो बड़ी सफलताएं मिलती हैं। हम बदलेंगे देश बदलेगा। आजादी एक दिन में नहीं मिली, शताब्दियां लग गयीं, इन बातों को भी समझने में वक्त लगेगा। पर हां एक ना एक दिन लोग समझेंगे जरूर- "आजादी का महत्व।" 

 मानव सभ्यता की जरुरत अहिंसा हिंदी निबंध 

स्वतंत्रता हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का एक अनमोल उपहार है, आइए इस आजादी का अमृत महोत्सव को एक साथ मनाएं।

आजादी का अमृत महोत्सव यानी देश की आजादी के 75 साल पूरे होने का त्योहार। जैसा कि आप जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 वह ऐतिहासिक दिन था जब हमारे देश को अंग्रेजों के शासन से आजादी मिली थी।

इस आजादी के लिए कई वीर स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने अपना बलिदान दिया था। इसलिए इस वर्ष भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है जिसे आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

आजादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दांडी मार्च के 91 वर्ष पूरे होने पर शुरू किया गया था। यह महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य 2047 में भारत के लिए एक विजन तैयार करना है।

आजादी का अमृत महोत्सव पांच स्तंभों यानी के आधार पर मनाया जा रहा है। आजादी के लिए संघर्ष, 75 साल के विचार। 75 साल की उपलब्धियां, 75 साल की कार्रवाई और 75 साल के संकल्प।

आजादी का अमृत महोत्सव के ये स्तंभ युवा पीढ़ी को आजादी के इतिहास और संघर्ष से अवगत कराने के लिए हैं।

इसके अलावा महोत्सव। युवा पीढ़ी को 75 वर्षों में देश की उपलब्धियों, कार्यों, संकल्पों से अवगत कराना होगा ताकि यह उन्हें आगे बढ़ने और स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करे। आजादी का अमृत महोत्सव हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन को श्रद्धांजलि है।

आइए इस आजादी का अमृत महोत्सव को बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाएं। आइए इस अवसर पर मातृभूमि की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश के सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं को नमन करते हैं।

Azadi ka mahatva essay in Hindi

"आजादी का अमृत महोत्सव भारत का विषय - विश्व गुरु"

आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है।

"आज़ादी का अमृत महोत्सव" की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई और 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगी।

आज मैं आजादी का अमृत महोत्सव के एक विषय के बारे में बताऊंगा। यह "भारत विश्व गुरु बनाना" है।

भरत का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। यह सदियों से दुनिया के 'विश्व गुरु' रहे हैं।

दुनिया में प्राचीन सभ्यताओं और ज्ञान केंद्रों में से एक होने के नाते, भारत ने सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक और राजनीतिक रूप से वैश्विक नेतृत्व की महिमा को जीया।

भरत वह भूमि है जहां वेद और उपनिषद लिखे गए थे, जबकि बाकी दुनिया अपनी गुफाओं में आग जलाने की कोशिश कर रही थी।

भारत की महानता, पहचान, धन, अनुभव, ज्ञान पृथ्वी पर किसी भी राष्ट्र के लिए अतुलनीय है। हम 200 साल तक मुश्किलों से गुजरे। हम उपनिवेश थे।

जबकि अंग्रेजों ने देश छोड़ दिया, उन्होंने भौगोलिक रूप से इस भूमि को दो टुकड़ों में तोड़ दिया। हालांकि, वे एक अविभाज्य राष्ट्र की भावना को नहीं तोड़ सके। आजादी के 75 साल बाद भी यह बरकरार है। हमारी संस्कृति के लिए धन्यवाद।

 अब हमारे गौरव को वापस लाने का समय आ गया है। आओ हम भरत को फिर से महान बनाएं। आज भारत को एक असाधारण देश के रूप में देखा जाता है। हमारा देश आधुनिक समय की समस्याओं के नए समाधान प्रस्तुत करता है।

आइए फिर से विश्व गुरु की स्थिति को पुनः प्राप्त करें।

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Azadi ka Amrit Mahotsav essay in hindi 1500+ words

Azadi ka amrit mahotsav essay in hindi.

आजादी का 75 वर्ष “अमृत महोत्सव”: भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है। इसे भारत, हिंदुस्तान और आर्यवर्त के नाम से भी जानते है। भारत एक ऐसा देश है जहां के लोग अलग – अलग भाषा बोलते है और विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदाय और संस्कृती के लोग एक साथ रहते है। इसी वजह भारत को ‘विविधता में एकता’ का देश कहा जाता है। भारत का इतिहास अति प्राचीन, अति विशाल और अति गहरा है। ज्ञान, विज्ञान, समृद्धि, कलाकारी, शौर्य और आधात्म से परिपूर्ण है। जब भारत गुलामी की जंजीर से बंधा था तब 15 अगस्त , 1957 को देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ। अब देश स्वावलंबी के रास्ते में निरंतन आगे बढ़ रहा , रोज नई – नई उंचाई को छू रहा है। स्वतंत्रता की 75 वर्षगाँठ पर शुरू हुआ आजादी का अमृत महोत्सव स्वालंबन की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। चलिये हम सब अब पढते हैं अमृत महोत्सव पर निबंध|

आजादी का अमृत महोत्सव क्या है

Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi: 15 अगस्त, 2022 को देश आजादी के 75 वर्षगाँठ मनायेगा। इस आजादी के 75  वर्षगाँठ को मानने के लिए 75 हफ्तों पहले आजादी का अमृत महोत्सव का आगाज हुआ। प्रधानमंत्री जी ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में इस आजादी का अमृत महोत्सव का उद्घाटन किया था। ये महोत्सव 12 मार्च  2021 से 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।

आजादी का अमृत महोत्सव का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी जी ने 12 मार्च,2022 में अमृत महोत्सव की शुरुआत की थी क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी और उनके साथियों ने नमक पर लगाए गए अंग्रेजी हुकूमत द्वारा लगान के विरोध में ‘नमक सत्याग्रह’ की शुरुआत की थी।   अंग्रेजों   ने चाय , कपड़ा और नमक पर अधिकार जमाए हुआ था। महात्मा गांधी जी ने इसी के विरोध में यात्रा निकाली थी जो की साबरमती आश्रम से शुरू हुई थी। महात्मा गांधी जी ने 24 मार्च, 1930 दांडी में समुद्र के किनारे नमक बनाकर अंग्रेजों के काले कानून को तोड़ा था। ये यात्रा 24 दिन चली थी जिसमें 80 लोग शामिल थे। 390 किलोमीटर तक चली इस पद यात्रा में हजारों लोग जुड़ गए थे।

अमृत महोत्सव मानने का उद्देश्य

आज भारत का अपना अलग मुकाम है और निरंतर नई – नई उपलब्धता को पार कर रहा है। आज हर क्षेत्र में भारत आगे है पर जब भारत गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा था तब इस देश को स्वतंत्र करने के लिए बहुत से सुपूतों ने बलिदान दिया और बहुत कष्ट सहे। परंतु अभी भी बहुत से लोग है जो आजादी के संघर्ष को नहीं जानते और उनके बलिदान की कहानी नहीं पता है इसलिए आजादी के महोत्सव के माध्यम उन सभी लोगों को आजादी के सही मायने बताने बहुत जरूरी है। इस अमृत महोत्सव में उन वीर सुपूतों को याद करना है , जो अपने परिवार और अपना समस्त जीवन केवल देश को समर्पित कर दिया। कवि प्रदीप की रचना के माध्यम से भारत के वीर शहीदों की याद में कुछ पंक्तियां

अमृत महोत्सव के कार्यक्रम

आजादी का महोत्सव किसी विशेष जाति, धर्म अथवा राज्य नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। अमृत महोत्सव एक राष्ट्रीय महोत्सव है। आजादी का अमृत महोत्सव 75 सप्ताह तक मनाया जायेगा और हर सप्ताह में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहे हैं और उनके माध्यम से लोगों के मन में देश प्रेम को जागरूक किया जाता है, इस बार आजादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च से शुरू हुआ था जो अगले 75 सप्ताह तक चलेगा।  

आजादी का अमृत महोत्सव सभी सरकारी संस्थान में धूमधाम से मनाया जा रहा है । कुछ जगहों पर रैलियां भी निकाली जाती है ताकि इस का महत्व लोगों तक पहुंच सके। देश में जितने भी सरकारी भवन है उन सब में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। स्कूल के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते है और अपने कला के माध्यम से आजादी का महोत्सव मानते है। स्कूल में बहुत अच्छे से तैयारी की जा रही है और बच्चों को आजादी के संघर्ष की कहानियां बताई जा रही है। 15 अगस्त 2021 से कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी जिसमें देश के संगीत , नृत्य, प्रवचन और प्रस्तावना पठन शामिल है। इस महोत्सव में देश की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। 

आजादी के अमृत महोत्सव में चरखे से लोकल फ़ॉर वोकल को बढ़ावा दिया गया। इसके लिए साबरमती आश्रम में एक चरखा रखा गया है जब कोई व्यक्ति लोकल व्यापारी और कंपनी का सामान खरीदेगा और उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर लोकल फ़ॉर वोकल का टैग लगाकर सोशल मीडिया में डालेगा उसके तुरंत बाद ये चरखा घूमेगा।

आजादी के 75 वर्ष अमृत महोत्सव में भारत की उपलब्धियां:

आज भारत एक है, अखंड है और बहुत तीव्र गति से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा । अंग्रेज कह कर गए थे हमारे जाने के बाद देश तुम्हारा बिखर जायेगा पर नहीं सोचा था अंग्रेजों ने की भारत सबसे विशाल लोकतांत्रिक रूप में निखर जाएगा। आजादी के बाद भारत को कई कठिनाई का सामना करना पड़ा जैसे की भुखमरी, महँगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार , अपराध इत्यादि लेकिन भारत ने इन सब कठिनाइयों से बाहर निकलते हुए न केवल नए रास्तों बल्कि आत्मनिर्भर भारत एवं सशक्त भारत के रास्तों पर अग्रसर है। भारत की इन्हीं उपलब्धियाँ पर एक  नजर

1948 –   भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।

1949 – भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण हुआ।

1950 –  भारत पूर्ण गणतंत्र  बना और पूरे देश में संविधान लागू हुआ। भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण हुआ था।

1951 –  देश का पहला लोकसभा चुनाव , पहले एशियाई खेलों की मेजबानी , पहले आई आईटी की स्थापना।

1952 –  स्वतंत्र भारत का पहला संसद सत्र बुलाया गया।

1953 –  एअर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हुआ।

1954 – भारत रत्न और पद्म विभूषण की शुरुआत हुई।

1955 –  भारत का पहला कंप्यूटर लांच किया गया।

1956 – पुरुष हॉकी टीम ने मेलबर्न ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता।

1957 – कश्मीर के भारत में विलय के निर्णय को स्वीकृति।

1958 – परमाणु ऊर्जा अधिनियम पारित हुआ।

1959 –  पंचायत राज का देश में पहला कदम , दूरदर्शन की स्थापना के साथ भारत में टेलीविजन का इतिहास।

1960 –  देश की पहली एयरलाइन एअर इंडिया ने अपनी पहली इंटरनेशनल फ्लाइट गोइंग 707 – 420 न्यूयॉर्क के लिए रवाना किया था , ओलंपिक में मिल्खा सिंह रिकार्ड तोड़ने वाले पहले भारतीय थे , गुजरात और महाराष्ट्र की स्थापना हुई थी।

1961 – गोवा का भारत में विलय हुआ था , भारत में गुटनिरपेक्ष देशों की पहली बैठक में नेतृत्व की कमान संभाली।

1962 – भारतीय फुटबॉल टीम ने एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीता और भारत की फुटबॉल टीम शीर्ष पर पहुंची।  

1963 –  भाखड़ा नांगल परियोजना संपन्न हुआ, भारत का पहला रॉकेट केरल के तिरुवंतपुरम के करीब थंबा से पहले छोड़ा गया।

1964 –  भारत के पहले जेट ट्रेनर HJT-16 ने उड़ान भरी।

1965 –  हरित क्रांति की शुरुआत हुई।

1966 –  इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी, रीता फारिया विश्व सुंदरी जीतने वाली पहली भारतीय बनी।

1967 –  जाकिर हुसैन देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने, मशहूर सितार वादक पंडित रवि शंकर को ग्रैमी पुरस्कार मिला।

1968 – शत्रु संपत्ति कानून बना , सोना खरीदने – बेचने पर सरकार का नियंत्रण , डॉ प्रफुल्ल सेन ने हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी करके दुनिया के तीसरे डॉक्टर बने।

1969 – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO) की स्थापना हुई।

1970 – भारत में श्वेत क्रांति की शुरुआत , भारत में निर्मित पहला मिग 21 एक वायु सेना में शामिल हुआ।

1971 – भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए सैन्य हस्तक्षेप में मदद की जिससे बांग्लादेश का जन्म हुआ।

1972 – पिन कोड की शुरुआत की गई।

1973 – चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई जो कि एक वन संरक्षण आंदोलन था, प्रोजेक्ट टाइगर लांच किया गया।

1974 –  पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया गया।

1975 – पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट लांच किया गया, हॉकी विश्व विजेता बना।

1976 – बंधुआ मजदूर प्रथा को भारत में समाप्त किया गया

1977 –  देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी।

1978 – भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी दुर्गा का जन्म हुआ।

1779 –  मंडल आयोग की स्थापना, सुप्रीम कोर्ट ने जन हित याचिका को बताया वैध।

1980 –  चेचक से निपटने के लिए सबसे लंबे टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत।

1981 – इस वर्ष आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना की गई वहीं दूसरी ओर नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) को भी स्थापित किया गया।

1982 – नई दिल्ली में भारत ने एशियाड खेलों की मेजबानी संभाली।

1983 – भारत में पहली बार क्रिकेट विश्व कप जीता था।

1 984 – भारत के पहले और विश्व के 138 में अंतरिक्ष यात्री बने राकेश शर्मा।

1985 – भारत की सबसे प्रतिष्ठित ओपन यूनिवर्सिटी इग्नू (IGNOU) की स्थापना हुई संसद में आतंक (TADA) निरोधी कानून पास किया गया। 

1986 – प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद में पारित किया गया, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी गठन हुआ, एशियाई खेलों में पीटी उषा की ऐतिहासिक जीत।

1987 – सुनील गावस्कर ने टेस्ट मैच में 10000 रन स्कोर करने वाले पहले क्रिकेटर बने, गोवा भारत का 25वे राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

1988 – वोट डालने के लिए उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।

1989 – केरल का कोट्टायम भारत का पहला पूर्ण साक्षर जिला घोषित हुआ।

1990 – सरकारी नौकरी में लागू हुई मंडल आयोग की सिफारिशें, भारत सरकार द्वारा 11,000 भारतीयों को कुवैत से एअरलिफ्ट कराया गया।

1991 – उदारीकरण से नई अर्थव्यवस्था की नींव पड़ी, सुपर कंप्यूटर परम 8000 बना।

1992 – सत्यजी रे को ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया।

1993 – भारत में लागू हुआ पंचायती राज कानून।

1994 – सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स और ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड का ताज जीता।

1995 – पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ, देश की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री मायावती बनी थी, मिड डे मील की शुरुआत हुई थी।

1996 – अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने कांस्य पदक जीता था।

1997 – अरुंधति राय ने ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर पुरस्कार जीता। 

1998 – भारत में दो और परमाणु परीक्षण किए, अमर्त्य सेन को मिला नोबेल पुरस्कार।

1999 – भारत में कारगिल युद्ध जीता।

2000 – विश्व शतरंज चैंपियन बने विश्वनाथन आनंद।

2001 – पहले स्वदेश निर्मित लड़ाकू जेट तेजस ने उड़ान भरी, सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत।

2002 – स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत, मैरीकॉम ने मुक्केबाजी में पहला स्वर्ण पदक जीता।

2003 – सानिया मिर्जा विंबलडन के डबल्स ट्रॉफी जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।

2004 – पहला टेस्ट मैच जीता।

2005 – सूचना के अधिकार कानून हुआ।

2006 – परिमार्जन नेगी अंतर्राष्ट्रीय चैस ग्रैंडमास्टर मास्टर बनने वाले सबसे युवा एशियाई बने।

2007 – प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी।

2008 – भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता, मिशन चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

2009 – शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ, पहेली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत लॉन्च हुआ।

2010 – कामनवेल्थ की मेजबानी करने का मौका मिला।

2011 – 27 साल बाद टीम इंडिया ने क्रिकेट विश्व कप जीता।

2012 – लंदन ओलंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते।

2013 – राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित हुआ, मंगल यान ने मंगल ग्रह पर चक्कर लगाया।

2014 – WHO ने देश को पोलियो मुक्त घोषित किया।

2015 – इंदिरा गांधी एयरपोर्ट को बेस्ट एयरपोर्ट का अवार्ड मिला।

2016 – पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया गया।

2017 – भारत में जीएसटी को हरी झंडी दिखाई।

2018 – रेलवे ने 69 दिनों में डीजल इंजन को इलेक्ट्रिक में बदल दिया।

2019 – वायु सेना ने बालाकोट में एअर स्ट्राइक की, चंद्रमा पर दूसरे मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया, लोकसभा में सबसे ज्यादा महिला सांसद चुनी गई, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किया गया।

2020 – देश की पहली किसान रेल शुरू हुई, पहला ग्लास ब्रिज बिहार के राजगीर  में नेचर सफारी में बनाया गया है।

2021 – भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता, हरनाज कौर संधू ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता, दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर बनाया, स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को-वैक्सीन आई।

उपसंहार: आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी के 75वी वर्षगांठ पर इस अमृत महोत्सव में भारत अपने 75 साल पर उपलब्धियों 75 साल पर विचार 75 साल पर एक्शन और 75 साल पर संकल्प के  शामिल है, जो स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए और आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देगा।

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मीरा बाई पर निबंध - essay meera bai in hindi, आजादी का महत्व पर निबंध | essay on importance of freedom in hindi.

आजादी का महत्व पर निबंध | Essay On Importance of Freedom in Hindi- नमस्कार दोस्तों आप स्वागत है, आज के हमारे इस आर्टिकल में आज के आर्टिकल में हम हमारे जीवन में आजादी यानि स्वतंत्रता के महत्व को विस्तार से जानेंगे.

हर साल भारत और भारतीय लोग 15 अगस्त को आजादी दिवस मनाते हैं क्योंकि 15 अगस्त 1947 में ही हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था और एक स्वतंत्र राष्ट्र बन कर दुनिया के नक्शे पर उभरा था। 

भारत को आजाद कराने में असंख्य क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया और असंख्य लोगों ने अपनी जवानी कुर्बान कर दी। इस प्रकार लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी हासिल हुई जिसका महत्व आज हर भारतवासी भली-भांति समझ रहा है।

हम आजादी का त्यौहार इसलिए मनाते हैं क्योंकि यह त्यौहार हमें इस बात की याद दिलाता है कि हम अब एक स्वतंत्र राष्ट्र बन चुके हैं। इसके अलावा आजादी दिवस मनाने का एक अन्य कारण यह भी है कि इस दिन हम उन सभी भारत माता के वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने देश को आजाद करवाने में तन मन धन से सहयोग दिया और अपने प्राणों को भी निछावर कर दिया।

भारत में रहने वाला हर नागरिक साथ ही भारत देश के साथ लगाव रखने वाला हर व्यक्ति बड़े ही उत्साह के साथ आजादी के महत्व को समझते हुए आजादी का त्यौहार मनाता है, क्योंकि 15 अगस्त का दिन हर भारतवासी के लिए अति महत्वपूर्ण दिन होता है। यह दिन हर हिंदुस्तानी के हृदय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

पहले हमारा भारत देश जब आजाद नहीं था तब हमें अंग्रेजी नियमों का पालन करना पड़ता था। हालांकि अंग्रेजों ने नियम और कानून तो बनाए हुए थे परंतु वह सभी नियम और कानून अंग्रेजो के हित के लिए ही थे और इसलिए अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए कानून को काला कानून कहा जाता था जो भारतीय लोगों के लिए अत्यंत ही दमनकारी थे। 

इसके अलावा गुलामी के दरमियान अंग्रेजी सेना के द्वारा और अंग्रेज अधिकारियों के द्वारा बड़े पैमाने पर भारतीय लोगों के साथ जुल्म किया जाता था, वह जब चाहे तब भारतीय लोगों की हत्या कर देते थे, उनकी महिलाओं की आबरू के साथ खिलवाड़ करते थे परंतु अब जब हमारा देश आजाद हो गया है तो हमें अंग्रेजी हुकूमत और अंग्रेजी नियमों से छुटकारा मिल गया है।

अब हमारे भारत देश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा बनाए गए संविधान का पालन होता है और संविधान के हिसाब से भारत में रहने वाले हर व्यक्ति को मूलभूत अधिकार दिए गए हैं.

और किसी व्यक्ति के अधिकारों का हनन होता है तो इसके लिए न्यायपालिका की व्यवस्था भी हमारे भारतीय देश में की गई है जो बिना किसी जाति मजहब पंथ संप्रदाय के भेदभाव के सभी लोगों को एक समान न्याय देने का काम करती है।

स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, यही वह नारा था जिसने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीय लोगों के मन में भीषण विद्रोह पैदा किया था और पूरे देश में भयंकर क्रांति भी पैदा कर दी थी। 

यह नारा महान क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी के द्वारा दिया गया था। देश की आजादी के लिए जितने भी बलिदानियो ने अपना बलिदान दिया है हर भारतवासी को उन बलिदानों के प्रति नतमस्तक होना चाहिए साथ ही उन बलिदानियो के द्वारा बहाए गए खून की कीमत को भी हमें समझना चाहिए।

हमारी भारत भूमि पर चंद्रशेखर, सुभाष चंद्र बोस, गांधी, नेहरू, भगत सिंह जैसे न जाने कितने महान क्रांतिकारी हुए, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत का डटकर सामना किया और अंग्रेजी अत्याचारों का पुरजोर विरोध किया। 

इनमें से कुछ क्रांतिकारियों ने तो अंग्रेजी हुकूमत का सामना करने के लिए शांति का मार्ग अपनाया वही कुछ गरम दल के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत को जल्द से जल्द भारत से उखाड़ फेंकने के लिए हिंसा का मार्ग अपनाया। 

हालांकि सभी का एक ही लक्ष्य था कि भारत को आजाद करवाया जाए और जब भारत आजाद हो गया तो आज सभी लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं और सभी लोग अपनी अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं।

 आजादी यानी स्वतंत्रता जो व्यक्ति को एक मूल्यवान और महत्वपूर्ण जीवन को अपने ढंग से शांतिपूर्ण तरीके द्वारा जीने का अवसर प्रदान करता है शांति हर व्यक्ति हर जीव के लिए महत्वपूर्ण होती है।

हर व्यक्ति को अपने जीवन जीने की आजादी चाहिए आजादी वह होती है जिसमें अपने विचारों को अपने ढंग से अपने तरीके द्वारा जीने और अपने जीवन का निर्धारण स्वयं द्वारा किया जाए उसे हम आजादी कहते हैं और आजादी का अधिकार हमें सविधान में भी दिया गया है और यह हमारे एक मौलिक अधिकार हैं इसलिए आजादी व्यक्ति की पहली प्राथमिकता है।

एक व्यक्ति की आजादी ना केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही आजादी को हम स्वतंत्रता कह सकते हैं बल्कि राष्ट्रीय राजकीय और सामाजिक स्तर पर भी एक व्यक्ति का आजाद होना या किसी देश का आजाद होना आजादी कहलाता है।

यदि हम एक देश की आजादी के रूप में बात करें तो एक व्यक्ति अपने देश में अपनी न्याय समानता तथा अपने अधिकार कर्तव्य आदि के बारे में देखता है। एक देश की उन्नति से ही व्यक्ति की उन्नति विकास प्रगति आदि संभव है क्योंकि देश के बिना किसी भी व्यक्ति का कोई भी अस्तित्व संभव नहीं है।

एक आजाद व्यक्ति अपने जीवन में वह सब कार्य कर सकता है जो एक व्यक्ति में करने की क्षमता हो सकती है जैसे कई लोग मनोवैज्ञानिक वैज्ञानिक और आर्थिक रूप से अनेक प्रकार के कार्य करने में सक्षम होने वाले व्यक्ति हर कार्य करने में सफल हो सकते हैं यदि उन्हें स्वतंत्रता दी जाए। 

बात हमारे देश भारत की की जाए तो हमारा देश आजादी से पूर्व एक बिछड़ा हुआ देश था लेकिन आजादी के बाद जब हमारे देश के सभी नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ कार्य करने और अपने कार्य को सही ढंग से पहचान कर जीवन में उन्नति करने का अवसर मिला तो हमारा देश आज उन्नति कर रहा है जिसका कारण आजादी ही है। इसलिए आजादी का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण रोल होता है। 

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Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi-आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध

“आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध” (Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के 75वें वर्षगांठ के उत्सव के साथ, इस निबंध में उन महान संघर्षों के शौर्यपूर्ण बलिदान का समर्पण किया जाता है। राष्ट्रीय भावनाओं की आग जलाने, प्रसिद्ध नेताओं की स्मृति को समर्पित करने, और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए इस महोत्सव की महत्वपूर्णता की खोज करें। भारतीय स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण घटनाओं की समझ में डूबकर जानें और यह कैसे आज़दी की प्राप्ति की कहानियों ने आज के प्रगति को प्रेरित किया। इस उत्सव को वास्तविक राष्ट्रीय एकता और सहनशीलता की एक सच्ची प्रतिमा बनाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, गतिविधियों, और स्मरणों की खोज करें। “आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध” को एक दृढ़ दृष्टिकोण से पढ़ते समय, हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विजयपूर्ण यात्रा को समर्पित करने में शामिल हो जाते हैं और एक उज्ज्वल भविष्य की दृष्टि को अपनाते हैं।

Table of Contents

आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध, 10 lines azadi ka amrit mahotsav essay in hindi.

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” पर 10 पंक्तियाँ:

  • “आज़ादी का अमृत महोत्सव” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की 75 वर्षीय जयंती को मनाने का उत्सव है।
  • इस महोत्सव के जरिए हम भारतीय स्वतंत्रता संग्रामीयों को समर्पित हैं जिन्होंने अपनी मित्रता और संकल्प से देश को आज़ादी दिलाई।
  • यह उत्सव हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करने और समझने का अवसर प्रदान करता है।
  • सरकार ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम और क्रियाकलाप आयोजित किए हैं, जिनमें लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के महान संग्रामीयों के जीवनी और उनके योगदान के बारे में जानकारी मिलेगी।
  • युवाओं को उन महान व्यक्तियों के जीवन और कार्य के प्रति प्रेरित करने के लिए विभिन्न व्यायाम, प्रतियोगिताएँ और आयोजनों का आयोजन किया जा रहा है।
  • आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत विशेष दौरगाहों, स्मारकों और स्थलों की यात्रा भी आयोजित की जा रही है ताकि लोग इन स्थलों को देखकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान घटनाओं को समझ सकें।
  • यह उत्सव भारतीय संस्कृति, सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को समर्पित है और लोगों को इन मूल्यों के महत्व को समझाने का अवसर प्रदान करता है।
  • यह उत्सव हमें आज़ादी के महान संग्रामीयों के साहस और बलिदान की कहानियों को सुनाने और उनके उदाहरण से प्रेरित होने का अवसर प्रदान करता है।
  • यह उत्सव भारतीय जनता को उनके देश के प्रति अपने संकल्प और समर्पण को पुनः प्रकट करने का माध्यम देता है।
  • “आज़ादी का अमृत महोत्सव” भारतीय समाज को स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं के साहस और बलिदान का सम्मान करने का मौका प्रदान करता है और हमें आगे की दिशा में उन्नति की दिशा में प्रेरित करता है।

Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in English | Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in hindi

Short Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav in Hindi

आज़ादी का अमृत महोत्सव: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण यादें.

प्रस्तावना:

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” एक ऐतिहासिक और गर्वपूर्ण अवसर है जिसके माध्यम से हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योगदान को समर्पित करते हैं। यह महोत्सव भारतीय जनता को उन महान वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने देश को आज़ादी की ओर आग्रहण कराया। इस निबंध में, हम “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के महत्वपूर्ण पहलुओं को जानेंगे।

स्वतंत्रता संग्राम के महान योगदान:

  • 1857 की क्रांति: आज़ादी के प्रति पहली लड़ाई में 1857 की क्रांति ने एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत प्रस्तुत की। भारतीयों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता की ओर पहले कदम बढ़ाया।
  • गांधीजी का आंदोलन: महात्मा गांधी ने अपने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने का प्रयास किया। डांडी मार्च, नमक सत्याग्रह, आसह्यों का समर्थन आदि उनके महत्वपूर्ण आंदोलन थे जिनसे भारतीय जनता की आवाज़ बड़ी हुई।
  • आज़ाद हिन्द रेल्फर्म: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय रेल्वे में हुई आगज़न घटनाएँ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ जन जागरूकता को बढ़ावा देने में सहायक रहीं।
  • झांसी की रानी लक्ष्मी बाई: झांसी की रानी ने अपनी वीरता के साथ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़कर दिखाया कि महिलाएं भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

आज़ादी का अमृत महोत्सव के महत्वपूर्ण आयाम:

  • भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन: आज़ादी का अमृत महोत्सव भारतीय संस्कृति, विरासत और संस्कृति को प्रमोट करने का अवसर प्रदान करता है। यह भारतीय जनता को उनके मूल संस्कृति और धरोहर के प्रति समर्पित करता है।
  • युवा पीढ़ी के प्रेरणा स्रोत: आज़ादी के अमृत महोत्सव से युवा पीढ़ी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान वीरों की कहानियों से प्रेरणा मिलेगी। यह उन्हें देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
  • सामाजिक और आर्थिक विकास: आज़ादी का अमृत महोत्सव न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योगदान को याद दिलाता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के माध्यम से देश की प्रगति की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान करता है।
  • विकास और प्रगति की दिशा में प्रेरणा: आज़ादी का अमृत महोत्सव देश को विकास और प्रगति की दिशा में प्रेरित करता है। यह देश को आत्मनिर्भर बनाने, तकनीकी उन्नति करने और विश्व में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को पुनः स्थापित करने में मदद करता है।

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” एक ऐतिहासिक अवसर है जिसमें हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योगदान को समर्पित करते हैं और देश को एक मजबूत, सामर्थ्यपूर्ण और सशक्त भविष्य की दिशा में प्रेरित करते हैं। यह महोत्सव हमें हमारे वीर शहीदों की समर्पण और साहस की कहानियों से प्रेरित करता है और हमें आगे बढ़कर देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।

Long Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav in Hindi

आज़ादी का अमृत महोत्सव: एक स्वतंत्रता की महोत्सव की ओर एक कदम.

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शानदार जीत और आज़ादी की प्राप्ति की 75 वर्षीय जयंती के अवसर पर मनाया जा रहा है। यह उत्सव उन वीर योद्धाओं की स्मृति को सजीव रूप में जिन्होंने अपने जीवन की बलिदानी मित्रता और संकल्प के साथ भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज़ादी का अमृत महोत्सव का महत्व:

आज़ादी का अमृत महोत्सव एक ऐसा उत्सव है जो भारतीय समाज के लिए एक गर्वपूर्ण पल है। यह उत्सव हमें हमारे देश की आज़ादी की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करने का मौका देता है और हमें यह याद दिलाता है कि हमारे देश की स्वतंत्रता की क़ीमत क्या है। इसके साथ ही, यह उत्सव हमें विकास की दिशा में हुए प्रगति की भी स्मृति दिलाता है और हमें आगे की दिशा में उन्नति की दिशा में सामर्थ्य प्रदान करता है।

आयोजन और आयोजक:

आज़ादी का अमृत महोत्सव को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सरकार ने विभिन्न कार्यक्रम और क्रियाकलाप आयोजित किए हैं। इसमें विशेषकर युवाओं को भारतीय संस्कृति, आदर्शों और महान व्यक्तियों की महत्वपूर्ण जीवनी के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न कार्यक्रम, गतिविधियाँ और प्रदर्शनीय आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोग आपसी साक्षरता, एकता, और विविधता के महत्व को समझ सकें।

स्वतंत्रता के महान संग्रामी:

आज़ादी का अमृत महोत्सव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान संग्रामियों की स्मृति को समर्पित है। गांधीजी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और अन्य योद्धाओं ने अपने जीवन की बलिदानी मित्रता और संकल्प के साथ भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने जीवन की अद्भुत कहानियों की गवाही दी। ये महान व्यक्तियाँ हमारे देश के गर्व हैं और उनकी स्मृति हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” हमें हमारे देश की आज़ादी की महत्वपूर्ण घटनाओं की याद दिलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह उत्सव हमें विकास और प्रगति की दिशा में हुई प्रगति की भी स्मृति दिलाता है और हमें आगे की दिशा में सामर्थ्य प्रदान करता है। हमें इस अवसर का सही तरीके से समर्पित करके अपने देश के महान संग्रामियों की स्मृति को सजीव रूप में रखने का प्रयास करना चाहिए और उनकी प्रेरणा के साथ आगे की दिशा में अग्रसर होने का संकल्प लेना चाहिए।

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Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi

आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध:- भारत विश्व का सबसे बड़ा संविधानिक देश है। भारत में विभिन्न प्रकार के जाति धर्म समुदाय रंग रूप संस्कृति के लोग मिलजुल कर रहते है। 15 अगस्त 2023 को भारत अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। 15 अगस्त 1947 को भारत में ब्रिटिश सरकार से आजाद हुआ था। हमारे स्वतंत्रता सेनानी सालों तक अंग्रेज सरकार से लड़ते रहे और अंत में हिंदुस्तान को आजाद किया। हमारे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की भावना को तीव्र करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2 साल तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का ऐलान किया है। इसके तहत 15 अगस्त 2023 तक आजादी का दिवस अलग तरीके से मनाया जाएगा आजादी का अमृत महोत्सव इस बार बेहतरीन तरीके से मनाया जा रहा है जिस पर रिसर्च करते हुए आज Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi 2024 | Azadi ka Amrit Mahotsav Par Nibandh in Hindi | लगभग 1500 शब्दों में आपके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

आजादी के दिन अलग अलग संस्था स्कूल और कॉलेजों में प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है। कई बार आजादी के दिवस पर भाषण और लेख दिए जाते हैं अगर आप इस तरह के किसी लेख की तलाश कर रहे हैं तो इस बार अमृत महोत्सव के विशेष तैयारी पर हम आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। 

Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi 2024

आजादी के अमृत महोत्सव पर निबंध हिंदी में.

प्रस्थावना :-

Azadi Ka Amrit Mahotsav 2023:- बड़े ही जोर शोर से पूरे भारत देश में मनाया जा रहा है। भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवां और जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसके अलावा भारत के संविधान को विश्व का सबसे बड़ा संविधान कहा जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत ने अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बदौलत अंग्रेजों से आजादी हासिल की थी। इस आजादी को कुछ नए ढंग से मनाते हुए लोगों के अंदर देश के प्रति भक्ति भावना को तीव्र करने के लिए 2021 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का ऐलान किया था।

short essay in hindi on azadi ka mahatva

जैसे की हम सब जानते हैं आजादी का अमृत महोत्सव आजादी का त्यौहार मनाने का एक अलग तरीका है। अमृत महोत्सव के जरिए देश की सभी जनता को भारत की ताकत और सैन्य बल के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी मिलेगी। आजादी का अमृत महोत्सव किसी भी पब्लिक एरिया में तिरंगा झंडा फहराने के लिए प्रेरित करता है। सरकार इस साल आजादी दिवस पर हर घर तिरंगा का योजना भी चला रही है जिसके तहत प्रधानमंत्री के निर्देश अनुसार भारत के दो करोड़ घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाना चाहिए। इस साल आजादी के अमृत महोत्सव की तैयारी बड़े धूमधाम से सभी क्षेत्रों में की जा रही है।

आजादी का अमृत महोत्सव | Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi

Azadi Ka Amrit Mahotsav Nibandh भारत के अमृत महोत्सव के दिन कुछ जगहों पर सरकारी नाटक प्रस्तुत किया जा रहा है तो कुछ जगहों पर आर्मी के हथियार की प्रदर्शनी लग रही है आप अपने जिला के संस्कृति भवन में जाकर आजादी के अमृत महोत्सव की तैयारी का सुझाव दे सकते है। आजादी का अमृत महोत्सव एक राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में आजादी का दिवस विशेष प्रदर्शनी के साथ मनाने की छूट देता है।

मार्च 2021 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का ऐलान किया था जिसके तहत लगातार 2 सालों तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाएगा और देश की सभी जनता के अंदर देश के लिए भक्ति भाव को तीव्र किया जाएगा। आजादी अमृत महोत्सव सभी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है और देश के सभी सैन्य बल, सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव और तीव्र तरीके से अलग-अलग क्षेत्र में मनाया जा रहा है।

और पढ़ें: विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध

आजादी का अमृत महोत्सव पर कहानी | आजादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य |

आजादी का अमृत महोत्सव इस बार आजादी दिवस को अलग तरीके से मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है अमृत महोत्सव मनाने के पीछे क्या उद्देश्य है इसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है – 

  • आजादी का अमृत महोत्सव देश की जनता को आर्मी की ताकत दिखाने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
  • आजादी का अमृत महोत्सव देश की सभी जनता के दिल में देश के प्रति सम्मान और गौरव भरने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
  • देश की परेशानी और कार्यकुशलता को जनता के सामने रखने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव इस बार आयोजित किया जा रहा है।
  • आजादी का अमृत महोत्सव 2023 तक मंतर रहेगा और लोगों को देश के प्रति जागरूक करते रह जाएगा।

आजादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2024 तक जारी रहेगा

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में एक भाषण के दौरान दिया था। उन्होंने देश में रहने वाले सभी लोगों को देश के प्रति सम्मान और गौरव भरने के लिए अमृत महोत्सव का आयोजन आने वाले 2 साल तक करने के लिए कहा।

इसके तहत आजादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च 2021 को शुरू हुआ था जो मुख्य रूप से 15 अगस्त को देश की शक्तियों को दर्शाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव इसी तरह 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगा। अमृत महोत्सव में किस। तरह है की योजना बनाई जाए इसके बारे में आप अपने जिला के संस्कृति भवन में बता सकते हैं इस तरह अमृत महोत्सव बड़े धूमधाम से 15 अगस्त 2023 तक मनाया जाएगा। 

short essay in hindi on azadi ka mahatva

आजादी के अमृत महोत्सव के नेतृत्व नेता |

आजादी के अमृत महोत्सव को हर राज्य के मुख्यमंत्री बढ़-चढ़कर नेतृत्व कर रहे है। जिसमें सबसे पहले भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न तरीके से अलग-अलग रक्षा विभागों का उद्घाटन किया। इसके अलावा राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा की सभी वस्तुओं को अलग अलग राज्य में प्रदर्शनी के लिए पहुंचाया गया।

आज बिहार गुजरात और अन्य राज्य के मुख्यमंत्री भी इस उत्सव को बड़ी धूमधाम से मना रहे है और इसके लिए अलग-अलग प्रकार की तैयारियां चल रही है।

Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav

Azadi ka amrit mahotsav essay in hindi: आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से 15 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा मगर इसकी असली शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 से की थी। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए कई महीनों से तैयारी चल रही है प्रधानमंत्री के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव देश के सभी नागरिकों के दिल में देश के लिए सम्मान भरेगा। देश की ताकत और कार्यकुशलता को देश की सभी जनता के सामने रखने के लिए अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

अमृत महोत्सव आने वाले आजादी दिवस तक चलता रहेगा अमृत महोत्सव को धूमधाम से 2 साल 15 अगस्त के दिन अलग-अलग जगह पर प्रदर्शनी और अन्य आयोजन के द्वारा मनाया जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में इस साल देश अपनी 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है। हर साल की तरह इस साल 15 अगस्त का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा मगर इस बार 15 अगस्त के त्यौहार को थोड़ा विशेष तरीके से मनाने की तैयारी की जा रही है जिसे आजादी का अमृत महोत्सव नाम दिया गया है।

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Amrit Mahotsav Nibandh: आजादी का अमृत महोत्सव हर घर तिरंगा योजना पर आधारित है जिसमें प्रधानमंत्री के निर्देश अनुसार भारत में लगभग दो करोड़ घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाना चाहिए इसके अलावा पब्लिक जगहों पर भी तिरंगा झंडे को फहराने की तैयारी चल रही है। इस बार आजादी के अमृत महोत्सव पर अलग-अलग जगहों पर विभिन्न प्रकार के फौजी हथियार और लड़ाकू विमानों की प्रदर्शनी लग रही है जो ना केवल भारत की ताकत को उसकी जनता के आगे रख रहा है बल्कि आजादी के अमृत महोत्सव को और भी शानदार बना रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव की तैयारी जिला के लोगों के सुझाव पर भी की जा सकती है इसलिए आपको अपना सुझाव अपने जिला के संस्कृति भवन में जा कर देना चाहिए। इसी तरह आजादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक मनाया जाएगा और देश के सभी नव जवानों को देश की ताकत और कार्यकुशलता के बारे में बताया जाएगा जो देश के नागरिकों को और जागरूक बनाएगा।

ये भी पढ़ें: कारगिल विजय दिवस पर निबंध

आजादी का अमृत महोत्सव निबंध | Azadi Ka Amrit Mahotsav Nibandh

आजादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च 2021 से मनाया जा रहा है जिसे विशालकाय रूप देते हुए पूरे भारतवर्ष में एक साथ 15 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की 75 वीं वर्षगांठ को मनाने का एक विशेष तरीका है जिसमें भारत की ताकत और इसकी कार्यकुशलता कोई यहां की जनता के समक्ष रखा जाएगा। इसके अलावा आजादी का अमृत महोत्सव हर घर तिरंगा योजना को भी शुरू कर रहा है जिसमें प्रधानमंत्री ने लगभग भारत के दो करोड़ घरों में 15 अगस्त के दिन तिरंगा झंडा फहराने का ऐलान किया है।

आजादी का अमृत महोत्सव मुख्य रूप से सभी नव जवानों को भारत देश के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए हर किसी के दिल में भारत के लिए गौरव और सम्मान को ज्वलित करना है। आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से भारत के विभिन्न क्षेत्र में मनाया जा रहा है। हर क्षेत्रीय नेता और मुख्यमंत्री आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है। आजादी का अमृत महोत्सव स्थल भारत के कोने कोने में बड़े ही धूमधाम और विशेष तरीके से मनाए जाने वाला है।

Also Read: अमृत महोत्सव 2023 पर कविता, भाषण, स्लोगन, शायरी, थीम

Azadi Ka Amrit Mahotsav Nibandh PDF

आज से कुछ साल पहले आजादी की वर्षगांठ थोड़ी ही साधारण तरीके से एक परेड और कुछ झांकी के रूप में मनाई जाती थी मगर आने वाले 2 साल तक आजादी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से भारत के लगभग सभी जिले में मनाए जाएंगे जहां विभिन्न तरह की प्रदर्शनी और भक्ति भाव से भरी हुई नाटक या अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। आने वाले समय में अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों के मन में भारत देश के प्रति प्रति सम्मान और गौरव को प्रज्ज्वलित करना है यह हर घर तिरंगा योजना से और तीव्र तरीके से फैलने वाला है।

इस बार आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जाएगा जिसके चलते बड़ी आसानी से लोग समझ पाएंगे कि आजादी का त्यौहार किस तरह से मनाना चाहिए और इससे पूरे देश में एक अलग ही सम्मान का माहौल होगा।

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Azadi Ka Amrit mahotsav Nibandh PDF Download

आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध पीडीऍफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Q. आजादी का अमृत महोत्सव कब से कब तक मनाया जाएगा?

आजादी का अमृत महोत्सव एक बड़ा ही लंबा त्यौहार है जिसे 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था जिसके बाद 12 मार्च से ही आजादी का अमृत महोत्सव भारत के कुछ क्षेत्रों में मनाया जा रहा है जिसे 15 अगस्त को अति उत्साह के साथ आने वाले 15 अगस्त 2023 तक मनाया जाएगा। 

Q. आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य?

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने से सभी भारतवासी के दिल में देश के प्रति सम्मान और गौरव को प्रचलित करना है इस योजना से भारत की सैन्य शक्ति का भी प्रदर्शनी करवाया जाएगा।

Q. आजादी का अमृत महोत्सव कैसे मनाया जा रहा है?

आजादी का अमृत महोत्सव विभिन्न जगहों पर अलग-अलग तरह के कार्यक्रम और बड़े पैमाने पर भारतीय हथियार के प्रदर्शनी के साथ मनाया जा रहा है इसके साथ ही भारत के सभी नागरिकों के मन में भारत के लिए एक अलग ही सम्मान प्रकट हो पाएगा।

आज इस लेख में हमने आपको सरल शब्दों में आजादी के अमृत महोत्सव पर निबंध दिया, इस निबंध में हमने आपको आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में अलग-अलग प्रकार की जानकारियों के बारे में बताया जिसे आप अलग-अलग लेख प्रतियोगिता है या भाषण के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं यह एक महत्वपूर्ण लेखक था जिसे पढ़ने पर आप आजादी के अमृत पहुंचो के बारे में जानते होंगे साथ ही अब समझ पाए होंगे कि किस प्रकार आजादी का अमृत महोत्सव भारत के अलग-अलग क्षेत्र में मनाया जा रहा है अगर इस लेख से आपको लाभ हुआ है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझावों को किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

2 thoughts on “ essay on azadi ka amrit mahotsav in hindi 2024 | आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध | nibandh pdf download ”.

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई।

Thanks for giving me such information about our independence day It’s help me a lot Tomorrow is my exam of hindi and I am studying 📚✏📚✏📚✏now 🤘🤘🤘😅😅😅 Thanks

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आजादी का अमृत महोत्सव निबंध लेखन: Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi

आजादी का अमृत महोत्सव निबंध: azadi ka amrit mahotsav essay in hindi.

Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi : पूरा देश आजादी की 75वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास से मना रहा है। प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव नाम से कार्यक्रम देश भर में आयोजित किए जा रहे हैं। इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध सभी छात्रों के लिए उनके शैक्षणिक और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण निबंध में से एक है। आजादी का अमृत महोत्सव पर यह हिंदी में निबंध लगभग 500 शब्दों में लिखा गया है।  Read in English:  Click Here

आजादी का अमृत महोत्सव निबंध, Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi 

आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 साल पूरे होने की ख़ुशी में जश्न मनाने और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से भारत, अपने लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मना रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की प्रगतिशील सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान का एक अवतार है। 

"आजादी का अमृत महोत्सव" की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को साबरमती आश्रम से शुरू हुई, जब प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 सप्ताह लंबे उत्सव को हरी झंडी दिखाई। आज़ादी का यह अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।

महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को देश की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की जागृति के लिए साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा शुरू की थी और इस दिन 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रतीकात्मक दांडी यात्रा की शुरुआत की है जो हमारी आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान के पुनरुत्थान का प्रतीक है। 

आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत के उन सभी लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत के विकासयात्रा में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर वह शक्ति और क्षमता भी है, जो भारत 2.0 को सक्रिय करने के लिए प्रधान मंत्री मोदी की दूरदृष्टि भावना से प्रेरित आत्मनिर्भर भारत को साकार कर रहे हैं।  Read in English:  Click Here

आजादी का अमृत महोत्सव निबंध लेखन: Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi

Azadi Ka Amrit Mahotsav Campaign और प्रदर्शनियाँ निबंध

आजादी का अमृत महोत्सव के सफल आयोजन और कार्यान्वयन के लिए सम्पूर्ण देश में जनभागीदारी से विभिन्न अभियानों का आयोजन किया जा रहा है लोगों की वृहत भागीदारी से यह महोत्सव एक ‘जनांदोलन’ बन गया है, जन भागीदारी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर छोटे बदलाव, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय लाभ में सहायक सिद्ध होंगे।

इसे भी पढ़ें: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर निबंध

स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में भारत सरकार द्वारा देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव नाम से विभिन्न स्वतंत्रता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में फोटो प्रदर्शनी, Moving Van, विभिन्न प्रतियोगिताएं आदि शामिल हैं जो स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को दर्शाती हैं। कुछ स्थानों पर 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' प्रदर्शनियों को दो भागों में प्रदर्शित किया गया - महात्मा गांधी के आगमन से पहले का स्वतंत्रता आंदोलन और गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम। गांधीजी के आगमन से पूर्व लाल-बाल-पाल के नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपत राय, लोकमान्य तिलक और विपिनचंद्र पाल के योगदान को ऐतिहासिक तस्वीरों के माध्यम से दर्शाया गया है। इसके साथ ही अन्य क्रांतिकारियों के आंदोलन में उनकी भूमिका को बहुत ही अच्छे तरीके दिखाया गया। इनमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पांडे, राजा राममोहन राय, स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, खुदीराम बोस, वीर सावरकर, करतार सिंह जी, भीका जी कामा और एनी बेसेंट इत्यादि शामिल हैं।

फोटो प्रदर्शनी श्रृंखला में गाँधी जी को 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने पर भारतीय राजनीति में प्रवेश और स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा को बड़े ही क्रमबद्ध तरीके से दिखाया। सत्याग्रह के माध्यम से लड़े गए विभिन्न स्वतंत्रता युद्ध जिसमे असहयोग आंदोलन (1921) से दांडी सत्याग्रह (1930) तक चंपारण सत्याग्रह (1917), खेड़ा सत्याग्रह (1918), जलियांवाला बाग नर संहार (1919) को बड़े ही अच्छे ढंग से चित्रांकन किया गया है। इस दौरान चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु की शहादत को याद किया गया। प्रदर्शनी में स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका को विशेष संदर्भ के साथ दिखाया गया है साथ ही राष्ट्रीय एकता में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका को प्रदर्शनी में दिखाया गया था।

इसे भी पढ़ें: ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध

उपसंहार: आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध

'आज़ादी का अमृत महोत्सव' उत्सव पिछले 75 वर्षों में भारत द्वारा की गई तीव्र प्रगति एवं उन्नति के अनुभूति का एक त्योहार। यह त्यौहार हमें अपनी छिपी शक्तियों को फिर से खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है और हमें राष्ट्रों के समूह में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए ईमानदार, सहक्रियात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।

उम्मीद है कि आपको Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in Hindi पसंद आया होगा। आप अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अन्य निबंध भी यहाँ पढ़ सकते हैं जो लगभग 200 शब्दों, 300 शब्दों और 500 शब्दों के हैं: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निबंध ।

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Tags: आजादी का अमृत महोत्सव निबंध, essay on azadi ka amrit mahotsav in hindi, azadi ka amrit mahotsav essay in hindi

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आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध

Photo of Sachin Sajwan

Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi : आजकल आजादी का अमृत महोत्सव की चर्चाएं चारों तरफ हो रही है. भारत के इतिहास को याद दिलाने तथा संस्कृति को बचाने के लिए मोदी जी ने विभिन्न कदम उठाए हैं

क्या आप आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध लिखना चाहते हैं तो इस पोस्ट में मैंने आपको तीन निबंध बताए हैं जोकि विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है. तो आइए पहले कुछ जरूरी पॉइंट पढ़ते हैं और फिर Amrit Mahotsav Essay in Hindi पढ़ते हैं

Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi 300 Words

“यह महोत्सव है आजादी के इतिहास का नए संकल्पों के साथ का आत्मनिर्भरता के आगाज का भारत के विश्व गुरु बनने के एहसास का”

हमारा देश भारत अपनी संस्कृति तथा सभ्यताओं की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है. हमारी संस्कृति भले ही पुरानी हो परंतु आज भी हमें सही दिशा दिखलाती है. हमारे देश की आजादी को 75 साल हो गए हैं इस सुनहरी आजादी के लिए कई वीर हंसते-हंसते कुर्बान हो गए थे. उस समय प्रत्येक भारतीय आजादी की सुबह का स्वप्न लेकर ही सोता था

उस सपने को पूरा हुए अब 75 वर्ष हो गए हैं. इसी खुशी का जश्न मनाने के लिए ये अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. यह महोत्सव देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर 75 सप्ताह पूर्व प्रारंभ हो गया है. पूरे देश में यह महोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है

12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी. यह एक ऐतिहासिक घटना थी. वर्ष 2021 में इस सत्याग्रह को 91 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी ने साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की, यह पदयात्रा डांडी तक गई

इस महोत्सव में देश की सांस्कृतिक व सभ्यता को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं. इस महोत्सव के जरिए मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को भी सभी लोगों तक पहुंचाकर आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. जिसके अंतर्गत ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ को भी आगे बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर अग्रसर हो

मोदी जी ने कहा कि – “आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत”

“अमृत महोत्सव ने ली अंगड़ाई है यह तो आजादी की बधाई है 75 वर्ष बीते आजादी को वह यात्रा अब सबको याद दिलानी है”

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आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध 500 शब्दों में

आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध

“आजादी का अमृत महोसव.. है भारत मां के लालों का आजादी के मतवालों का.. आजाद 75 सालों का”

सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा देश भारत करीब 200 वर्षों तक अंग्रेजी हुकूमत का गुलाम रहा है. इन गुलामी की जंजीरों को तोड़ने में भारतवासियों को कड़ा संघर्ष करना पड़ा और 15 अगस्त सन 1947 के दिन हमारा देश भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया

इतनी मुश्किलों और बलिदानों से मिली हुई आजादी को हम भारतवासी प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन जश्न के रूप में मनाते हैं. यूं तो यह जश्न प्रत्येक वर्ष ही महत्वपूर्ण होता है, किंतु इस वर्ष का जश्न कुछ खास है क्योंकि हमारे देश भारत को स्वतंत्र हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं. इस खुशी में पूरा देश आजादी का अमृत महोसव मना रहा है

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत

इस महोत्सव की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा गुजरात के साबरमती आश्रम से 12 मार्च 2021 को दांडी यात्रा के आयोजन के रूप में हुई

प्रथम अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2021 को मनाया गया. इस वर्ष 15 अगस्त 2022 को भी यह महोत्सव मनाया गया और अगले वर्ष 15 अगस्त 2023 तक यह महोत्सव मनाया जाएगा

आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य

आजादी के इस महोत्सव का उद्देश्य सम्पूर्ण देश में जन अभियान चलाकर हर एक व्यक्ति को इस अभियान से जोड़कर उनमें विभिन्न तरीकों से देशभक्ति की भावनाओं को जागृत करना है

इस महोत्सव का उद्देश्य जन भागीदारी के द्वारा लोगों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और इस संग्राम के हर एक नायक के बारे जानकारी का प्रसार करना है. इस महाअभियान के माध्यम से गुमनाम शहीदों की गाथाएं लोगों तक पहुँचाई जा रही हैं

भारत ने बीते 75 सालों में क्या खोया क्या पाया इसकी जानकारी भी जन-जन तक पहुंचाना अभियान का उद्देश्य है. इस महोत्सव के दौरान आने वाले 25 सालों जिन्हें अमृत काल माना जा रहा है, उसकी रूपरेखा भी तैयार की जा रही है

कैसे मनाया जा रहा है अमृत महोत्सव

इस महोत्सव के दौरान विकासशील देश भारत के स्वतंत्र 75 साल तथा भारत के नागरिकों, भारत की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाया जा रहा है

विभिन्न छोटी-छोटी कड़ियों को जोड़कर यह महोत्सव मनाया जा रहा है. इसमें सभी छोटे-बड़े संस्थानों, विभिन्न विभागों, स्कूल-कॉलेजों, संस्थाओं सभी को जोड़ा गया है. सभी ने अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है

भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम तथा प्रतियोगिताये आयोजित की जा रही हैं और जन-जन को जोड़ा जा रहा है, जिससे कि भारत का हर नागरिक अपने देश और इसके इतिहास के बारे में जान सके

 इस महोत्सव के दौरान स्कूलों में, कार्यलयों में खेल, गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर, बैनर के माध्यम से सबको देशभक्ति के रंग में रंगा जा रहा है

आजादी के अमृत महोत्सव का महत्व

आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने का बहुत ही अधिक महत्व है. इस महोत्सव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह एक बड़े राष्ट्रीय त्यौहार की भांति मनाया जा रहा है. इसका सम्बन्ध किसी भी विशेष धर्म, जाति या सम्प्रदाय से नहीं बल्कि भारत देश के हर एक नागरिक से है

जिस प्रकार से आजादी की लड़ाई जन-जन के द्वारा मिलकर लड़ी गयी थी, ठीक उसी प्रकार यह महोत्सव भी जन-जन के द्वारा मिलकर मनाया जा रहा है

“महान है भारत देश, महान है इसकी आजादी,  पाने को जिसे वीरों ने अपनी जान गवां दी”

इसके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को आजादी के संघर्ष और उसके बाद की चुनौतियों को जानने का स्वर्णिम अवसर मिला है

200 वर्षों की गुलामी के बाद एक राष्ट्र को फिर से खड़ा करना और विश्वशक्ति बनने की राह तक ले आना आसान नहीं था. युवा पीढ़ी को बीते 75 सालों की चुनौतियों और उपलब्धियों दोनों के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला है. अतः इस महोत्सव का भारतवासियों के लिए बहुत महत्व है

सोने की चिड़िया कहे जाने वाले हमारे देश भारत का इतिहास भी स्वर्णिम है. हम भाग्यशाली हैं, जो हमें इस महोत्सव के माध्यम से इसे जानने का मौका मिल रहा है

हमें इसे गवाना नहीं चाहिए. हम सभी देशवासियों को इस अमृत महोत्सव में भागीदारी सुनिश्चित कर जनसहयोग करना चाहिए. जब जन-जन की भागीदारी होगी तभी सरकार का अभियान सफल हो पाएगा

“आजादी का अमृत महोत्सव हम सबको मिलकर मनाना है, जन-जन की भागीदारी से अभियान सफल बनाना है”

  • देशभक्ति पर निबन्ध
  • राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निबंध
  • संविधान दिवस पर निबंध

आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध 800 शब्दों में

Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi

“आओ सब मिलकर झूमें गाएं आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं”

हमारे देश भारत को बड़े ही संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. देश को यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली थी. असंख्य देशप्रेमियों के बलिदान के बाद हमें आजादी नसीब हुई थी

अतः यह आजादी सभी देशवासियों के लिए बहुमूल्य है. इसी बहुमूल्य आजादी के वर्षों के जश्न का नाम है “आजादी का अमृत महोत्सव” देशभर में यह जश्न एक उत्सव की भांति मनाया जा रहा है

15 अगस्त 2022 को आजादी का 75वां वर्ष पूर्ण हुआ. 75 सप्ताह पूर्व ही आजादी का अमृत महोत्सव शुरू हो चुका है

इस महोत्सव के लिए हर राज्य अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है. हम सभी जानते हैं कि 12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी

2021 में नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की, इस महोत्सव के कार्यक्रम वर्ष 2023 तक चलेंगे

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग के बारे में जानकारी देना है

हमारे इतिहास में बहुत से ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने देश पर जान न्यौछावर की, परन्तु हम कुछ ही के नाम जानते हैं. इस महोत्सव के जरिये देश उन गुमनाम नायकों को ढूंढकर उनकी वीरगाथाएं सबके सामने लाएगा

आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बीते 75 साल पर विचार, उपलब्धियां, एक्शन और संकल्प शामिल हैं. जो स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे

इस आयोजन के माध्यम से ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. देशभर में 75 सप्ताह स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिसके जरिए देशभक्ति का संदेश देने और भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने की कोशिश की जाएगी

पीएम मोदी के अनुसार, “आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी वीर सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत नए संकल्पों का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत”

आजादी का अमृत महोत्सव प्रत्येक देशवासी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से हम भविष्य पर निगाह रखते हुए देश की आजादी के संघर्ष के गौरवशाली इतिहास को भी याद रखेंगें

इस महोत्सव ने हमें अवसर दिया है कि हम देशवासी अपनी कमजोरियों को जानें व उनका आकलन करें मगर उनसे लज्जित न हों और आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ें

भारत के पास गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है जो हमें ऊंची उड़ान भरने के लिए शक्तिशाली पंख देती है

इसीलिए यह आशा की जा सकती है कि यह महोत्सव नई पीढ़ी में लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति सम्मान पैदा करेगा और उनमें आजादी पाने के लिए दिए गए बलिदानों की स्मृति जगाते हुए एक आदर्श समाज की रचना की प्रेरणा देगा

आज देश में निराशाओं के बीच आशाओं के दीप जलने लगे हैं. एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति करवट ले रही है

नये राजनीतिक मूल्यों और नये विचार लिए हुए आजाद मुल्क की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है जिसके फलस्वरूप देश सशक्त होने लगा है. न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र पहचान लेकर उपस्थित है

अगर देश इसी प्रकार अपनी सांस्कृतिक, पहचान को साथ लिए आधुनिकता की राह पर आगे बढ़ता रहा तो अवश्य ही एक दिन भारत विश्वगुरु बनकर महाशक्ति के रूप में खड़ा होगा

“आजादी का ये जश्न हम सब को मिलकर मनाना होगा जन-जन की भागीदारी से आत्मनिर्भर भारत बनाना होगा”

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत किसने की थी .

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत कब हुई ?

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत 12 मार्च 2021 को हुई

अमृत महोत्सव का उद्देश्य क्या है ?

अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों में देश के प्रति भक्ति, प्रेम को जागृत करना और देश के गौरवशाली इतिहास को याद करना है

  • भ्रष्टाचार मुक्त भारत विकसित भारत
  • भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

संक्षेप में 

उम्मीद है आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध (Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi) आपके लिए उपयोगी रहा होगा. यदि आपको लगता है कि इस निबंध में और अधिक सुधार करने की आवश्यकता है तो अपना फीडबैक कमेंट बॉक्स में हमें जरूर दें

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Broad information on Ajadi ka Amrit Mahotsav

Thanks Shashi kala ji

Hello Team,

I am highly impressed by the efforts you people are putting in writing essay in Hindi. All these contests are free.. wow.. Thanks a ton.

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Hindi Essay on “Swatantrata ka Mahatva”, “स्वतंत्रता का महत्त्व”, for Class 10, Class 12 ,B.A Students and Competitive Examinations.

स्वतंत्रता का महत्त्व

Swatantrata ka Mahatva 

निबंध नंबर :- 01

पराधीन व्यक्ति कभी सपने में भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता। यदि पराधीनता सबसे बड़ा दुख है तो स्वतंत्रता | सबसे बड़ा सख। हितोपदेश में तो यहाँ तक कहा गया है कि यदि परतंत्र व्यक्ति जीवित है, तो फिर मत कौन है। कहने का भाव यह है कि परतंत्र व्यक्ति मरे हुए व्यक्ति के समान है। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मनुष्य को छोड पश भी स्वतंत्र रहना चाहता है। स्वतंत्र देश ही उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है, क्योंकि उसे सोचने, बोलने तथा हर प्रकार के कार्य करने की स्वतंत्रता होती है,  लेकिन भारत का यह दुर्भाग्य रहा है कि उसने 200 साल तक पराधीनता का दुख भोगा। इसलिए पराधीन देश की औद्योगिक, वैज्ञानिक, वैचारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति रुक गयी। पराधीन व्यक्ति स्वयं निर्णय नहीं ले पाता। उसका सर्वांगीण विकास रुक जाता है। पराधीन व्यक्ति अकर्मण्य हो। जाता है, क्योंकि उसमें आत्मविश्वास खत्म हो जाता है तथा मनुष्य की सृजनात्मक क्षमता भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। वियोगी हरि ने भी पराधीनता को सबसे अधिक दुखमय माना है

पराधीन जे जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेत। पराधीन जे जन, नहीं स्वर्ग-नरक ता हेत।।

निबंध नंबर :- 02

स्वतंत्रता का महत्व

Swatantra ka Mahatva 

स्वतंत्रता का महत्व तो वही व्यक्ति जान सकता है, जो गुलाम हो या कैद में हो। जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था और हम गुलाम थे तब हमें हर काम के लिए अंग्रेजों की अनुमति लेनी पड़ती थी। हम मर्जी से आजादी से नहीं जी सकते थे। वो गुलामी का ही दौर अंग्रेजों ने अफ्रीका में गाँधीजी को ट्रेन के फर्स्ट क्लास के डिब्बे से दिया था। अंग्रेज़ अपने समक्ष भारतीयों को तुच्छ समझते थे। वे भारती को हमेशा ‘काला आदमी’ (ब्लैक मैन) कहते थे।

गलामी के समय में प्रत्येक भारतीय ने इतना अपमान और पीटा है. जिसे शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता। अंग्रेज़ बात-बात पर भारतीय पर कोडे बरसाते थे, उन्हें कारागार में डाल देते थे, काला पानी (अण्डमान-निकोबार) भेज देते थे और सरेआम पेड़ से लटकाकर फाँसी पर लटका देते थे। अंग्रेजों के सामने कोई भी अपना मुँह नहीं खोल सकता था, क्योंकि भारतीय के मुँह खोलते ही अंग्रेज़ क्रोध से लाल-पीले हो जाते थे और घटनास्थल पर ही सज़ा दे देते थे।

जलियाँवाला काण्ड अंग्रेजों की क्रूरता का ही एक परिणाम था। तब भारतीयों को स्वतंत्रता के महत्व का अहसास हुआ। उसके बाद उन्होंने अंग्रेज़ों की दासतां से स्वतंत्र होने के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया और वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। स्वतंत्रता के महत्व को अनुभव करने के बाद भारत का बच्चा-बच्चा अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हो गया। अनपढ़ से लेकर सुशिक्षित-सभी स्वतंत्र होने के लिए एकजुट हो गए। फिर तमाम सत्याग्रह और आंदोलन चलाए गए। हजारों-लाखों बच्चे-बूढ़ और युवाओं को जेल जाना पडे और अंग्रेजों की लाठियाँ खानी पड़ा। लाला लाजपतराय अंग्रेजों के लाठी प्रहार से ही शहीद हुए थे।

अंग्रेजों से स्वतंत्र होने के लिए ही भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुखदेव हँसते-हँसते फाँसी पर चढ गए थे। भारत की आजादा का ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत छोडकर जर्मन जाना पड़ा था। वहाँ वे ‘आजाद हिन्द’ फौज बनाकर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े थे।

जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गाँधी, सरदार पटेल आदि अनेकों देशभक्त कछ त्यागकर भारत को स्वतंत्र कराने में जुट गये थे। तब जाकर अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और हमें आजादी मिली।

निष्कर्षतः अब हमें स्वतंत्रता का महत्व समझना होगा और इस आजादी को कायम रखने के लिए हमें देशभक्ति से. परी ईमानदारी से म के विकास के लिए कार्य करने होंगे। देश से छुआछूत और दिवादियों को मिटाना होगा तथा अपने देश (भारत) के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने के लिए हर वक्त तैयार रहना होगा तभी हम देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रख सकेंगे।

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हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध Essay On Hindi Bhasha Ka Mahatva In Hindi

हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध Essay On Hindi Bhasha Ka Mahatva In Hindi :- हिंदी हमारी मातृभाषा होने के साथ साथ भारत की राष्ट्रभाषा बनने की प्रबल दावेदार एवं योग्य हैं.

14 सितम्बर 2023 को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर आपके लिए अपनी भाषा हिंदी के महत्व, आधुनिक भारत के विकास में हिंदी का महत्व व योगदान जैसे विषयों पर बात करने जा रहे हैं.

हमें भाषा के महत्व की समझ होनी चाहिए. मात्र पढने लिखने एवं बोलने की भाषा होने के अतिरिक्त राष्ट्र की प्रतीक, राष्ट्रीय एकता, अंतर्राष्ट्रीय पहचान के रूप में भी हिंदी भारत का सम्मान बढ़ा सकती हैं.

हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध

हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध Essay On Hindi Bhasha Ka Mahatva In Hindi

Hindi Bhasha के महत्व को इस छोटी कविता से समझा जा सकता है, यानि जीवन की परिभाषा ही हिंदी है. एक हिंदी भाषी के लिए दुनियां तभी सजीव है जब उसे कोई समझने एवं बात का जवाब देने वाला हो.

हिंदी हमारे देश को एकता के सूत्र में पिरोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. Hindi Diwas मनाने का इतिहास संविधान के उस प्रावधान से जुड़ा हुआ है,

जब 14 सितम्बर 1949 के दिन भारतीय संविधान द्वारा औपचारिक रूप से हिंदी को भारत की राष्ट्र भाषा का दर्जा प्रदान किया गया था.

पहली बार  Hindi Bhasha के सम्मान में राष्ट्रीय हिंदी दिवस 1953 को मनाया गया था. उसके बाद हर साल इसी दिन देशभर में हिंदी डे मनाया जाता हैं.

इस अवसर पर विद्यालयों, कॉलेजों एवं अन्य सरकारी दफ्तरों में हिंदी दिवस पर निबंध, भाषण, नाटक, कविता, शायरी, कवि सम्मेलन प्रतियोगिताओं का आयोजन होता हैं.

हमारी सोशल मिडिया पर भी  Hindi Bhasha के महत्व को लोग बखूबी समझते हैं. बहुत से लोग इस दिन अपने स्टेट्स हिंदी में ही पोस्ट करते हैं तथा हिंदी दिवस विशेस शायरी कोट्स से सारा माहोल हिन्दीमय रूप ले लेता हैं.

Essay On Hindi Bhasha Ka Mahatva In Hindi

आज हिंदी का इन्टरनेट पर निरंतर विकास हो रहा हैं. गूगल ने भी हिंदी में टाइपिंग के लिए ऐसे टूल विकसित किए हैं. जिनसे अंग्रेजी में टाइप करने पर स्वतः हिंदी के वर्ण आ जाते हैं.

हिंदी के विकास में इसका अहम योगदान रहा हैं. जिसकी बदौलत आज इन्टरनेट के युग में हम विभिन्न वेबसाइटों पर हिंदी में कंटेट पढने को मिल रहे हैं.

भारत के बहुत से दक्षिणी एवं पूर्वी राज्यों में आज हिंदी को समझा जाने लगा हैं. भले ही कहने को हम गर्व करते है कि हमारी मातृभाषा हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा हैं.

मगर हम इसका अपमान स्वयं करते हैं. पहली क्लाश में एडमिशन लेने वाले बच्चे को यस सर और मे आई कम इन सर जैसे अंग्रेजी शब्दों के साथ लाते है. जिसका मतलब स्वयं उस बालक को भी पता नही होता हैं.

हम भी अपनी बोलचाल की भाषा में अंग्रेजी के शब्दों को बोलना गर्व की बात समझते है. हमें कब समझ आएगा. एक गुलामी की प्रतीक अंग्रेजी भाषा को टूटी फूटी बोलकर हम कब तक उन्हें अपमानित करते रहेगे.

क्या दोष है हमारी हिंदी में जो हम अंग्रेजी के दीवाने होते जा रहे हैं. सबसे बड़ी प्रशासनिक नौकरियों में आज भी हिंदी माध्यम की सरकारी स्कूलों में पढ़े बच्चें आगे आ रहे हैं.

हमारी न्याय व्यवस्था हो या सरकारी सिस्टम इन्होने भी हिंदी भाषा का बढ़ चढकर अपमान किया हैं. आज भी हमारे लोगों की यह मानसिकता बनी हुई है कि दो चार अंग्रेजी की स्पेलिंग, ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार कविता और अंग्रेजी वर्णमाला क्या सीख लेते पूरे मोहल्ले में ढिढोरा पीटने लग जाते हैं.

16 वीं एवं 17 वीं सदी का युग जब भारत में पुनर्जागरण एवं सुधारवाद का काल ऐसा था. जब भारत के उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम चारों दिशाओं में  Hindi Bhasha   को बोला जाता था.

बस लार्ड मेकाले की बदनीयती ने भारत पर अंग्रेजी थोपने की तमन्ना ने भारत की सांस्कृतिक एकता को ही ध्वस्त नही किया बल्कि आज की युवा पीढ़ी को अंग्रेजी के गुलाम बनाकर रख दिया.

आज भी हमारे शासन की भाषा का माध्यम अंग्रेजी बनी बैठी हैं. हिंदी कुछ ही मातृभाषा प्रेमियों, कवियों एवं साहित्यकारों तक सिमट कर रह गई हैं.

हिंदी की दुर्दशा के लिए जितने जिम्मेदार अन्य कारक है उससे कही अधिक फिल्म जगत ने हिंदी को अपमानित करने में कोई कसर नही छोड़ी हैं.

हिंदी भाषा की फिल्म बनाने वाले अभिनेता सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी में ही इन्टरव्यू देते नजर आएगे. उन्हें यह एहसास नही है हम जिसकी वजह से आज स्टार बने है वह हिंदी ही हैं. मगर खुद को साना दिखाने के लिए वो अंग्रेजी बोलते है.

उनके लाखों अंध भक्त उनकों फॉलो करते हैं. हिंदी दिवस के अवसर पर हमें स्वयं जागना होगा तथा हिंदी का अपमान करने वालों को सबक सिखाना होगा. तभी इस देश की राष्ट्र भाषा के पद पर हिंदी भाषा स्थापित हो सकेगी.

हमारे युवा वर्ग को चाहिए कि वो अपनी मातृभाषा हिंदी के महत्व को समझे, अपने ह्रदय में इसे सजोकर रखे और इसकी दुर्दशा होने से केवल हम और आप ही बचा सकते हैं. आज जरुरी नही उच्च पदों के लिए हमें हिंदी को छोड़ना पड़ेगा.

यदि ऐसा किसी नौकरी के लिए करना भी पड़े तो हमें हिंदी से दूरी बनाने की बजाय इसे अपनी भाषा ही बनाकर रखना चाहिए. जब भारत के प्रधानमन्त्री हिंदी से ही विश्व भर में अपना काम चला सकते हैं. फिर हम क्यों नही.

हिंदी का महत्व पर निबंध। Essay on Hindi ka Mahatva

निजभाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को सूल।

एक आजाद मुल्क के प्रतीक उनका क्षेत्रफल, राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र गान, राष्ट्रीय चिह्न जितने मायने रखते हैं. उतनी ही महत्वपूर्ण उस देश की राष्ट्रभाषा होती हैं. देश की एकता, अखंडता एवं स्थायित्व के लिए एक राष्ट्रभाषा होना परिहार्य हैं.

भारत के स्वतंत्रता सैनानियों का सपना था, कि हम विषम भाषा परिस्थतियों से गुजरे है वो आजाद भारत के नागरिकों को नही झेलनी पड़े. इसके लिए उन्होंने हिंदी को भारत की राष्ट्र भाषा बनाने की बात कही थी.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारी संविधान सभा द्वारा 14 सितम्बर 1949 को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार किया था.

सर्वव्यापकता, प्रचुर साहित्य रचना, बनावट की दृष्टि से सरलता और वैज्ञानिकता ये वो गुण है जो किसी देश की आधुनिक भाषा में होने चाहिए. जो राष्ट्रभाषा बनने का दावा करती हैं. हिंदी भाषा इन सम्पूर्ण गुणों से परिपूर्ण हैं. अतः अब समय आ चूका है. गुलामी की निशानी अंग्रेजी को उखाड़ फेककर हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनानी चाहिए.

आज भारत में ऐसा कोई राज्य नही हैं. जहाँ के लोग बिलकुल भी हिंदी से अपरिचित हैं. अहिन्दी भाषी राज्यों में बड़ी संख्या में लोग मिल जाएगे जो हिंदी को अच्छी तरह समझते हैं.

इसके उल्ट भारत के 1 या 2 प्रतिशत ही लोग ऐसे है जो अंग्रेजी को ठीक से समझते हैं अथवा आम बोलचाल में उसका उपयोग करते हैं.

  • हिंदी भाषी राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली
  • द्वितीय भाषा हिंदी वाले राज्य- पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार
  • अहिन्दी भाषी राज्य- तमिल नाडु, पाण्डिचेरी, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, मेघालय (इन राज्यों में 1 से 2 प्रतिशत लोग ही हिंदी जानते हैं)

हिंदी भाषा के महत्व को राष्ट्र विकास एवं एकता के सन्दर्भ में कभी भी नकारा नही जा सकता हैं. तुलसी जैसे कवियों की याद आती है. जब लोग हिंदी के हश्र की बात करते हैं. विदेशी आक्रान्ताओं के आक्रमण से त्रस्त भारतीय जनता को भक्ति मार्ग से बांधने वाली भाषा हिंदी ही थी.

14th September Hindi Day  के दिन मातृभाषा हिंदी के इतिहास, महत्व, भविष्य एवं साहित्य का समाज में योगदान को देखा जाता हैं.

हिंदी भाषा का महत्व Hindi Bhasha Ka Mahatva Essay Slogan In Hindi

हिंदी हमारी मातृभाषा हैं. जिसे भारत की राष्ट्रभाषा होने का गर्व प्राप्त होना चाहिए. बिना राष्ट्र भाषा के राष्ट्र गूंगा कहलाता हैं. ठीक वैसी ही स्थति हमारे यहाँ हैं.

100 करोड़ जनता की बोली, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा, विश्व का सबसे समृद्ध साहित्य एवं शब्दकोश वाली हिंदी अपने ही वतन भारत में अपमानित हैं. Hindi Diwas  के लिए यहाँ हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध, भाषण कविता आदि प्रस्तुत की गई हैं.

इस लेख में हम बात करने वाले है Hindi Bhasha के महत्व, इसके इतिहास, विकास, राष्ट्र के विकास में योगदान एवं हिंदी शब्द की उत्पत्ति के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करने वाले हैं.

14 सितम्बर को हर साल राष्ट्रीय हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता हैं. इस दिन को मनाने का उद्देश्य  Hindi Bhasha  के इतिहास वर्तमान एवं भविष्य के बारे में चर्चा करने के साथ ही किस तरह हिंदी को देश की मुख्य भाषा बनाई जाए.

आदि विषयों पर स्कुल एवं कॉलेजों में हिंदी दिवस का महत्व, कविता, भाषण, निबंध एवं कवि सम्मेलनों का आयोजन किया जाता हैं.

Hindi Bhasha के Mahatva के इस आर्टिकल में हम आपकों Hindi Language Essay & Slogans के द्वारा मातृभाषा के महत्व के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं.

Essay & Slogans On Hindi – हिंदी का महत्व

हिंदी शब्द की उत्पत्ति व विकास (Origin and development of Hindi word)

हिंदी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से मानी जाती हैं. यह सिन्धु शब्द से बना हैं. माना जाता है कि सिंध नदी के आस-पास रहने वाले लोगों को सिन्धु कहा जाने लगा.

उसी काल में ईरानियों की भाषा में स वर्ण का उच्चारण ह के समान किया जाता था. उदाहरण के लिए इरानी लोग असुर को अहुर कहा करते थे.

इसी प्रकार अफगान के पार भारतवर्ष के क्षेत्र को ‘हिन्द’, ‘हिन्दुश कहा जाने लगा. यह सिन्धु शब्द पहले ह के गलत उच्चारण के चलते हिन्दू बना फिर हिंदी और कालान्तर में हिन्द हो गया.

उस समय के अरबी एवं फ़ारसी साहित्य में भारत के क्षेत्र के लोगों की भाषा के लिए ज़बान-ए-हिंदी शब्द का प्रयोग किया जाता था.

यह क्षेत्र दिल्ली और आगरा के पास का था. जिसे आज की खड़ी बोली हिंदी की जन्मस्थली भी माना जाता हैं. हिंदी भाषा को हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में माना जाता हैं. इसकी मुख्य लिपि देवनागरी है, जिनमें संस्कृत के शब्दों की बहुतायत है.

अवहट्ठ जो अपभ्रश का रूप था, इसके बाद हिंदी का जन्म हुआ. लगभग एक हजार वर्ष पुराना हिंदी इतिहास हैं. मध्यकाल व इससे पूर्व के हिंदी साहित्य को ब्रज एवं अवधि में लिखा गया था.

कबीरदास, सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, मलिक मुहम्मद जायसी, बोधा, आलम, ठाकुर जैसे कालजयी हिंदी कवियों की रचनाओं ने हिंदी साहित्य को विस्तृत रूप प्रदान किया हैं.

अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, भोजपुरी, हरियाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, झारखंडी, कुमाउँनी, मगही भिन्न भिन्न राज्यों में बोली जाने वाली हिंदी की उपभाषाएँ अथवा बोलियाँ हैं.

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का महत्व (Importance of Hindi language)

आज कोई भी देश को ले लीजिए उनकी अपनी एक राष्ट्र भाषा होती हैं. जिस पर सम्पूर्ण देशवासियों को गर्व होता हैं. देश की जनता, राजनेता, अभिनेता हर कोई उसी भाषा में ही बात करता हैं. एक देश की राष्ट्र भाषा उन्हें एकता एवं स्थायित्व प्रदान करती हैं.

यदि हम हिंदी भाषा को देखे तो संविधान द्वारा 14 सितम्बर 1949 को भारत की राजभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार किया गया. भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को यह दर्जा प्राप्त हैं.

वर्ष 1953 में इसी दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितम्बर के दिन ही मनाने का निश्चय किया गया था.

सर्वव्यापकता, प्रचुर साहित्य रचना, बनावट की दृष्टि से सरलता और वैज्ञानिकता ये वों गुण है जो एक राजभाषा में होने पर ही उन्हें एक आधुनिक भाषा होने का दर्जा दिया जाता हैं.

हिंदी भाषा में ये सभी गुण विद्यमान हैं. चूँकि हिंदी अभी तक भारत की राजभाषा हैं. जिसका अर्थ यह है कि सरकारी कामकाज की भाषा आम लोग सरकार के कार्यों एवं नीतियों को समझ सके इसलिए ही राजभाषा का प्रावधान किया जाता हैं.

इंग्लैंड, अमेरिका, जापान, कोरिया, चीन, पकिस्तान, नेपाल, मॉरिशस, बंगलादेश, सूरीनाम भारत के अतिरिक्त ये वो देश है जहाँ बड़ी संख्या में लोग हिंदी भाषा को बोलते और समझते हैं. भारत में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली आदि की मुख्य भाषा हिंदी हैं.

पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और अंडमान निकोबार ये वों क्षेत्र है जहाँ प्रथम भाषा वहां की स्थानीय भाषा है. सैकड भाषा का दर्जा हिंदी को दिया गया हैं. आज हिंदी का महत्व इस कदर बढ़ गया है कि इसने आधुनिक तकनीकी को भी अपना लिया है.

हिन्दी दिवस पर स्लोगन ! Hindi Slogans On Hindi Divas

Slogan 1: हिंदी में बात है क्योंकि हिन्दी में जज्बात है

Slogan 2: हिन्दी हमारी शान है, देश का अभिमान है

Slogan 3: हिन्दी का सम्मान करे, देश का मान करे

Slogan 4: चलो मिलकर मुहीम चलाये, आज ही से हिन्दी अपनाए

Slogan 5: जन – जन से करो पुकार, हिंदी ने किया हमपे उपकार

Slogan 6: हिन्दी बनती हमें महान, देश की है यह शान

Slogan 7: अंग्रेजी को पछाड़ दो, हिन्दी को आकार दो

हिंदी दिवस का महत्व 

आशा करता हूँ आपको यहाँ Hindi Bhasha का Mahatva पर एस्से स्लोगन्स आपकों पसंद आए होंगे. इस लेख को आप Hindi Diwas पर बोलने के लिए भाषण में उपयोग कर सकते हैं.

हिंदी के महत्व को नकारा नही जुआ सकता, यह देश के विभिन्न भागो को एकता के धागें में बांधकर रखती हैं. तथा सभी हिंदी भाषियों के दिल में अपनत्व का भाव जगाती हैं. साथ ही हिंदी का साहित्य सागर विस्तृत होने के कारण यह समाज को सही राह बताने में सक्षम हैं.

आज के हिंदी दिवस पर लेख में आप हिंदी भाषा के इतिहास, शब्द की उत्पत्ति विकास एवं वर्तमान भारत में महत्व पर प्रकाश डाल सकते हैं. आपकों बता दे हर साल 14 सितम्बर को हिंदी डे उस ऐतिहासिक निर्णय के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं. जब संविधान में 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया था.

यदि आप हिंदी भाषा अथवा Hindi Diwas के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यहाँ पर निचे दिए गये आर्टिकल को रीड कर अपने भाषण अथवा निबंध की अच्छी तैयारी कर सकते हैं.

  • भाषा का महत्व पर निबंध
  • शिक्षा का अर्थ महत्व व परिभाषा
  • हिंदी का विकास

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

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उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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    आज़ादी का अमृत महोत्सव पर निबंध (Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav In Hindi): 15 अगस्त 2022 (15 August 2022) को भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे हुए। इस खास मौके

  2. Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay In Hindi

    स्वतंत्रता दिवस का महत्व | Azadi Ka Amrit Mahotsav In Hindi. Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay In Hindi: भारत में 1947 में हमारे देश को आजादी मिली थी। वह स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के इतिहास में एक ...

  3. 10 Lines Essay On Azadi Ka Amrit Mahotsav

    Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi - भारत को अपनी समृद्धि, परंपराओं और सांस्कृतिक इतिहास पर गर्व है। भारत का भविष्य तभी निखरेगा जब हम भारतीय अपने अतीत की

  4. आज़ादी का अमृत महोत्सव

    अंग्रेजी माध्यम में इस लेख को पढने के लिए देखें Azadi Ka Amrit Mahotsav. पाठक लिंक किए गए लेख में आईएएस हिंदी के बारे में जानकारी पा सकते हैं।

  5. Azadi ka Amrit Mahotsav Essay, Speech in Hindi| आज़ादी का अमृत महोत्सव

    Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi (आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध): आजादी का अमृत महोत्सव भारत की आजादी के 75 साल पूर्ण होने पर मनाया जाने वाला महान उत्सव है ...

  6. Azadi ka Amrit Mahotsav/Essay on Azadi ka Amrit Mahotsav in Hindi

    आज़ादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) उन लोगों को धन्यवाद देने का एक प्रयास है। जिनके कारण हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। यह याद ...

  7. Azadi ka amrit mahotsav nibandh

    Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi: 15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष पूरा ...

  8. Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi (PDF)

    इस निबंध और पैराग्राफ़ में, (Short & Long Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi) हम आज़ादी का अमृत महोत्सव को 100, 200, 300 और 500 शब्दों में दिया गया हैं।

  9. आजादी का अमृत महोत्सव

    निष्कर्ष. 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' उत्सव पिछले 75 वर्षों में भारत द्वारा की गई तीव्र प्रगति का जश्न मनाता है। यह उत्सव हमें अपनी छिपी ...

  10. आजादी का अमृत महोत्सव पर निबंध

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  11. जीवन में आजादी का महत्व पर hindi essay on jeevan me azadi ka mahatva

    hindi essay on jeevan me azadi ka mahatva. जीवन में आजादी का बहुत ही महत्व है आजादी जो कि हमें 1947 में भी मिल चुकी हैं पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे अंग्रेजों से ...

  12. Azadi ka mahatva essay in hindi

    Azadi ka mahatva essay in hindi. स्वतंत्रता हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का एक अनमोल उपहार है, आइए इस आजादी का अमृत महोत्सव को एक साथ मनाएं।. आजादी का ...

  13. Azadi ka Amrit Mahotsav essay in hindi 1500+ words

    आजादी का अमृत महोत्सव क्या है. Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi:15 अगस्त, 2022 को देश आजादी के 75 वर्षगाँठ मनायेगा। इस आजादी के 75 वर्षगाँठ को मानने के लिए 75 ...

  14. आजादी का महत्व पर निबंध

    100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line. Home; ... Essay On Importance of Freedom in Hindi- नमस्कार दोस्तों आप स्वागत है, आज के हमारे इस आर्टिकल में आज के ...

  15. Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi-आज़ादी का अमृत महोत्सव निबंध

    10 Lines Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in hindi. "आज़ादी का अमृत महोत्सव" पर 10 पंक्तियाँ: "आज़ादी का अमृत महोत्सव" भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की 75 वर्षीय जयंती को ...

  16. आजादी का महत्व पर निबन्ध

    हेलो दोस्तों नमस्कार क्या आप आजादी का महत्व पर निबन्ध - Essay on Importance of Freedom in Hindi जानना चाहते हैं तो आपने एक दम सही पोस्ट को चुना है. इस पोस्ट में आज मैं आपको ...

  17. Essay on Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi 2024

    आजादी के अमृत महोत्सव पर निबंध हिंदी में. प्रस्थावना:-. Azadi Ka Amrit Mahotsav 2023:-बड़े ही जोर शोर से पूरे भारत देश में मनाया जा रहा है। भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से ...

  18. आजादी का अमृत महोत्सव निबंध लेखन: Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi

    आजादी का अमृत महोत्सव निबंध: Azadi Ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi. Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi: पूरा देश आजादी की 75वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास से मना रहा है। प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 ...

  19. Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi

    4 4,399 8 minutes read. Azadi ka Amrit Mahotsav Essay in Hindi : आजकल आजादी का अमृत महोत्सव की चर्चाएं चारों तरफ हो रही है. भारत के इतिहास को याद दिलाने तथा संस्कृति को ...

  20. Hindi Essay on "Swatantrata ka Mahatva", "स्वतंत्रता का महत्त्व", for

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  21. हिंदी भाषा के महत्व पर निबंध Essay On Hindi Bhasha Ka Mahatva In Hindi

    हिंदी का महत्व पर निबंध। Essay on Hindi ka Mahatva. निजभाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कौ मूल।. बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को सूल।. एक आजाद मुल्क के ...

  22. Azadi Ka Mahatva Short Essay In Hindi

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  23. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    सत्संगति का महत्व पर निबंध - (Satsangati Ka Mahatva Nibandh) सिनेमा और समाज पर निबंध - (Cinema And Society Essay) विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध - (Vipatti Kasauti Je Kase ...