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Atomic Habits: वो किताब जो सिखाती है अच्छी आदतें लगाने की तरकीबें

विश्व-प्रसिद्ध हैबिट एक्सपर्ट जेम्स क्लियर की किताब न्यूरो साइंस और मनोविज्ञान के सहारे लोगों को अच्छी आदत लगाना सिखाती है. अपने प्रकाशन के सिर्फ़ चार साल के भीतर किताब एक इंटरनेशनल बेस्टसेलर बन चुकी है और बीस भाषाओं में उपलब्ध है..

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Wednesday June 29, 2022 , 5 min Read

सभी बड़ी चीजें छोटी शुरुआत से आती हैं। हर आदत का बीज एक छोटा सा फैसला होता है.”

Atomic शब्द के दो अर्थ होते हैं.  पहला है बहुत छोटा, और दूसरा है अपार ऊर्जा का स्रोत. Atomic Habits वह छोटी-छोटी आदतें हैं जो आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं. 

यह थीम है साल 2018 में प्रकाशित जेम्स क्लियर (James Clear) की बेस्टसेलर बुक एटॉमिक हैबिट्स (Atomic Habits) की. मूलतः अंग्रेजी में लिखी हुई यह किताब अब तक 20 से ज्यादा भाषाओँ में अनूदित हो चुकी है. इसे एक ऑडियोबुक की तरह भी सुना जा सकता है. 

हम सब जानते हैं कि किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्किल होता हैं और किसी अच्छी आदत को अपनाना बहुत ही मुश्किल. या यूँ कहें कि आदतें बच्चों जैसी होती हैं. उनको नर्चर करना होता है, सिखाना होता है, उन पर मेहनत करनी होती है. पर जब यही बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वह अपने रफ़्तार पर चलने लगते हैं, सब कुछ खुद से करते हैं. आदतें भी ठीक वैसी ही हैं. आपको बस अच्छी चीज़ों की आदत बनाने की जरुरत है. हमारे दिमाग को जब कोई आदत लगाई जाती है तो फिर हम दिन-रात उसके बारे में सोचते रहते हैं, उसके हर पहलू पर हमारी नज़र रहती है, हम अलर्ट रहते हैं. लेकिन वहीँ जब हमें उस चीज़ की आदत लग जाती है तो उसे करने में कोई एफ़र्ट नहीं लगता. हम गाना सुनते हुए, अपने और सारे काम करते हुए भी उस काम को आराम से करते रहते हैं.  यही होता है असल में आदत लगना. एक कमाल का अनुभव. 

जेम्स क्लियर विश्व-प्रसिद्ध हैबिट-एक्सपर्ट रहे हैं. इस किताब में वह न्यूरोसाइंस और सायकोलोजी की मदद से छोटी-छोटी आदतों के महत्व को स्थापित करने की कोशिश करते हैं. ओलम्पिक स्वर्ण-पदक विजेता से लेकर फेमस CEOs के उनकी मंजिल तक पहुंचने का विश्लेषण करते हुए किताब में क्लियर यह स्थापित करते हैं कि उनके मंज़िल तक पहुँचने में उनकी एटॉमिक आदतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. किताब की शुरुआत में ही ऑथर गोल और टारगेट सेट करने की मानसिकता को काउंटर करते हुए इन्हें शॉर्ट टर्म व्यू बताते हैं. और उसके उलट, लॉंग  टर्म सोचने की सलाह देते हुए आदतें बनाने पर ज़ोर देते हैं.

“आदतें, आत्मा-सुधार का चक्रवृद्धि ब्याज हैं”

आदत बनाने में वक़्त लगता है. वक़्त लगता है. रातों-रात रिजल्ट्स नहीं मिलते. जैसे अभी एक सिगरेट पीने से किसी को लंग कैंसर नहीं हो होगा लेकिन कुछ साल तक पीते रहने के बाद इंसान  इस बीमारी की ज़द में आ जाएगा. वैसे ही अच्छी आदतें भी तुरंत ही अपना परिणाम नहीं दिखातीं बल्कि  धीरे-धीरे, लगातार करने पर आपको रिवॉर्ड करती हैं. 

जेम्स क्लियर लिखते हैं कि ज़रूरी नहीं बहुत बड़ी-बड़ी आदतें ही आपके जीवन की परिस्थितियों को बदलें, बल्कि छोटी-छोटी आदतें अगर आप बहुत लम्बे वक़्त आपके साथ रहेंगी तो आप को बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे. 

अगर आप आदतें नहीं बदल पा रहे है या नई आदत नहीं बना पा रहे हैं तो इसका  दुष्परिणाम यह होता है कि आपकी विल पॉवर कम हो जाती हअच्छी बात यह है कि आदतें बनाने की शुरूआत करने की कोई उम्र नहीं होती, न ही कोई स्किल चाहिए होता है.

आदत कैसे बनाते हैं?

उस आदत को आपको ऑब्वियस बनाना पड़ेगा.

आपने कभी सोचा है कि सुबह उठते ही फोन उठाकर चेक करना हमारी ऑब्वियस आदत कैसे बन गयी? क्योंकि फोन हमारे बिस्तर पर या बगल में पड़ा होती है. उसी तरह अगर आप क्लियर है कि सुबह उठकर किताब पढनी है तो किताब को फोन की जगह लेनी होगी और किताब पढने की आदत ऑब्वियस हो जायेगी.

उस आदत को आकर्षक बनाना पड़ेगा

जो भी काम बोझिल लगेगा, आप उसे नहीं कर पायेंगे. उसका बोझिल होना कम करने का तरीका यह है कि आपक काम के बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक्स लेकर उसे पूरा करें. अगर बुक पढनी है तो आप अपनी पसंद की बुक से शुरू करें न की वैसी किताबों से जो हैं तो महान लेकिन आपको जम नहीं रही. 

उस आदत को आसान बनाना पड़ेगा

अपने गोल को छोटे-छोटे स्टेप्स में ब्रेक कर लें. एक बार में एक स्टेप करना आसान होता है. 5 पन्ने पढ़ें, धीरे-धीरे पन्ने बढाइये. एक बार आदत पड गयी तो आपकी  रफ़्तार खुद-ब-खुद बढने लगेगी. 

उस आदत को सैटीस्फायिंग बनाना पड़ेगा

कुछ भी काम आप करते हैं उसके लिए अपने आप को रिवॉर्ड कीजिये. रिवॉर्ड को हमेशा काम के अंत के लिए न छोडें.  कुछ ऐसा करें जिससे आदत बनाने को पुश मिले. मतलब, आप बार-बार उस उस काम को करना चाहें. ये वैसी ही बात है जैसे हर दिन ऑफिस जाने का रिवॉर्ड महीने के अंत में पे-चेक के रूप में मिलता है. किताब में एक शादीशुदा जोड़े का उदाहरण है जो एक हेल्दी  लाईफ स्टाइल मेन्टेन करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने एक सेविंग्स अकाउंट ओपन किया. जब भी वह बाहर खाना खाने के बदले घर पर खाते थे तो उस अकाउंट में 50 डॉलर ट्रांसफर कर देते थे. उस बचत को देखकर उन्हें जो खुशी मिलती थी वह उन्हें इस अच्छी आदत को बनाए रखने में मदद करती थी.  

इसी तरह के उदाहरणों और जीवन प्रसंगों  से भरी यह किताब रीडर्स को मोटिवेशन की कमी और अपनी ख़ुद की कमी के फ़र्क को समझाती हुई आदतों के महत्व को हाई लाइट करती है. कई लोग सोचते हैं कि  उनमें मोटिवेशन की कमी है जबकि उनमें स्पष्टता की कमी होती है. हम हमेशा नहीं देख पाते कि  हमें एक्शन कब और कहाँ लेना होता है. जिसके नतीजे में कई लोग अपना पूरा जीवन उचित अवसर के इंतज़ार में निकाल देते हैं. यह फ़र्क समझना ज़रूरी है. अगर हम अच्छी आदतों को बनाये रखेंगे तो इस ‘हमेशा इंतज़ार में रहने’ के स्टेट ऑफ माईंड से निकल सकते हैं. अच्छी और कारगर आदतों की बदौलत हम वो अवसर ख़ुद बना सकते हैं. 

आसान और सरल भाषा में लिखी हुई यह किताब उन लोगों के लिए बेहद काम की साबित हुई है जो काम को कल पर टालने की आदत से ग्रस्त होते हैं. अगर आपको भी यह बुरी आदत लग रही है तो जेम क्लियर की किताब ऑर्डर करना बुरा आइडिया नही होगा. 

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Atomic Habits Book Summary in Hindi | छोटे एक्शन, बड़े रिज़ल्ट

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Atomic Habits Book Summary in Hindi छोटी-छोटी आदतों का बड़ा असर

शायद आप अपने Goals की वजह से ही, अपनी dream life को achieve नही कर पा रहे है। सुनने में तो, यह काफी लोंगो को अजीब लगेगा। कैसे अपने goals पर focus करने की वजह से। मैं अपनी dream life को Achieve नही कर पा रहा हूं।

लेकिन goals की सच्चाई कुछ और ही है। अगर आपको कुछ achieve करना है। तो आप बड़े goals से नहीं। बल्कि atomic habits से ही, उस काम को achieve कर पाएंगे। पहले समझते हैं कि आपके साथ होता क्या है। जब आप अपने goals को achieve करना चाहते हो।

मान लीजिए आपका goal है। आपको गिटार बजाना, सीखना है। जब आप एक goal अपने दिमाग में रखते हो। तो आपकी एक expectation बन जाती है। आपका progress कैसा होगा। आप सोचते हैं कि आज मैं यहां पर हूं। 3 महीने बाद, मुझे वहां पर होना है। अधिकतर लोग linear progress को expect करते हैं। लेकिन reality, इससे काफी अलग होती है।

 जब आप गिटार बजाना शुरू करते हैं। तब आप realize करते है। कि आपको music के basics भी नहीं आते हैं। हो सकता है। आपको इसके tutorial ढूंढने में time लगे। जब आप सीखने भी लग जाएंगे। तो आपका progress काफी slow होगा। तब आप disappoint हो जाते हैं। मैं इतने दिनों से काम कर रहा हूं। मुझे कुछ results भी नहीं दिख रहे है।

 इसको author, Valley of Disappointment  बोलते हैं। यही वजह है कि आप अपने goals को नहीं achieve कर पाते। क्योंकि ज्यादातर लोग इस Valley of Disappointment में ही, अपना motivation खो देते हैं। लेकिन अगर आप wait करते है। लगे रहते है। तो आप इससे बाहर निकल जाते है। फिर आपके result, आपके imagination से भी बेहतर होते है।

आपको शायद पता ही होगा। हर एक matter, छोटे-छोटे atoms से मिलकर बना है। इन सारे छोटे-छोटे atoms के characteristics मिलकर। overall उस matter की characteristics को define करते है। ठीक इसी प्रकार, अगर आप अपनी life को observe करते हो।

तो आप देख सकते हो कि उन atoms के जैसे ही। छोटी-छोटी habits मिलकर, आपकी life को चला रहे हैं। यही Atomic Habits आपके day-to-day life और quality of life को define करते हैं। क्योंकि यह habits बहुत ही छोटे होते हैं। इसलिए शायद आप, ये चीज notice नहीं कर पाते हो।

यह actual में कितने powerful होते हैं। अगर लंबे समय तक, इनको regular repeat किया जाए। तो फिर एक छोटा-सा action जैसे कि हर रोज एक सिगरेट पीना। या फिर ₹10 save करना भी। काफी बड़ा effect ला सकता है। इसलिए अगर आप अपने habits को control में रखना सीख जाते हो। तो आप अपनी पूरी life को control करना, सीख जाओगे।

आज आप James Clear की book Atomic Habits से, कुछ ऐसे smart ideas जानेंगे। जिससे कि एक proven practical method को follow करके। आप अपने अंदर good habits को develop कर सको। वहीं bad habits  को replace कर सको। आप जानेंगे कैसे कुछ मामूली changes करके। आप अपनी habits को control करके, life में कुछ बड़ा achieve कर सकते हो। इसी प्रकार जाने : Your Money or Your Life Book Summary in Hindi । पैसा या जिंदगी में क्या जरूरी।

Atomic Habits Book Summary in Hindi

Atomic Habits Smart Idea – 1 Small Habits Can Have Big Impact On Your Life

सोचिए एक aeroplane लॉस एंजेलिस से  न्यूयॉर्क की तरफ जाने के लिए take off  किया। अगर take off करते वक्त, अगर पायलट उस plane का मुंह सिर्फ 3.5° south की तरफ घुमा देते है। तो उससे plane का मुंह सिर्फ कुछ ही feet के लिए हिलेगा।

Plane के बाहर या अंदर बैठे इंसान के लिए। इतने छोटे से movement को नोटिस कर पाना। शायद impossible होगा। लेकिन country की एक side से, दूसरी side में travel करते वक्त। वही छोटा-सा movement बहुत बड़ा effect create कर देगा।

तब वह plane न्यूयॉर्क नहीं, बल्कि वाशिंगटन में जाकर लैंड करेगा। हम छोटे छोटे Changes को इतना भी importance नहीं देते। क्योंकि उसका Immediate impact बहुत ही negligible होता है। अगर आज आपकी body, out of shape है। तो कल 20 मिनट jagging करके आने के बाद भी, वह out of shape से ही रहेगा।

Similarly, आज आप dinner में एक large size Pizza खाते हो। तो एक रात के अंदर, आपका वजन बढ़कर, overweight नहीं बन जाओगे। लेकिन यह छोटे action, लंबे समय तक आप regular repeat करते रहोगे। तो compounded होके। उससे काफी बड़ा effect create हो सकता है।

एक साल के लिए, अगर आप हर रोज large size Pizza खाते रहे। तो तब आप 1 साल बाद, जरूर overweight हो  जाओगे। 1 साल के लिए, हर रोज अगर आप 20 मिनट jagging करते हो। तो आप जरूर, पिछले साल के मुकाबले healthy और fit बन जाओगे।

हालांकि इतना बड़ा change कब हो जाएगा। आपको पता भी नहीं चलेगा। अगर आप अपनी life में positive change लाना चाहते हो। तो सबसे पहले आपको यह समझना होगा। कि उसके लिए आपको patience और अपने ऊपर confidence होना। सबसे जरूरी है। आपकी habits आपको एक better life की तरफ लेकर जाएगा।

हालांकि आपको Immediate कोई result देखने को न मिले। इसलिए अगर आपको कभी ऐसा लगता है। आपकी good habits के बावजूद भी, आपको कोई positive change नजर नही आ रहा। तो आप अभी से change ढूंढना बंद करके। इस बात पर ध्यान देने की कोशिश करो। कि लंबे समय में, आपको सच में change देखने को मिलेगा या नहीं।

शायद वह change अभी इतना बड़ा नहीं है। लेकिन कुछ महीने या कुछ साल तक, अगर आप लगे रहो। तो कुछ कमाल का हो सकता है। एक करोड़पति अगर हर महीने, बेवजह पैसे खर्च करता रहता है। तो पहले महीने से, दूसरे महीने को Compare करने से। उनके bank balance में कोई खास अंतर नजर नहीं आएगा।

लेकिन अगर यह चीज, वह कई सालों तक करते रहे। तो एक दिन वह करोड़पति भी भिखारी बन जाएंगे। अपनी life में positive change लाने के लिए। आपको बहुत बड़े level पर, कुछ करने की जरूरत नहीं है। आप छोटे-छोटे actions लो। लेकिन उसे लंबे समय तक continue रखो। फिर देखो क्या कमाल होता है। इसी प्रकार जाने : Why We Sleep Book Summary in Hindi । जानिए नींद व सपनों का रहस्य। 

Atomic Habits Smart Idea – 2 Cue, Craving, Response & Reward is The 4 Step Habit Loop

 घर लौट के अंधेरे कमरे में, enter करने के बाद। आपको सोचना नहीं पड़ता। उसके बाद, आपको क्या करना चाहिए। आप automatically लाइट की switch on करने के लिए, आगे बढ़ जाते है। यह एक habit है। ऐसा habit जिसे आपने हजारों बार repeat करके। एक automatic process में बदल दिया है।

तो हर किसी habit की शुरुआत Cue से होती है। जैसे कि अंधेरे कमरे में enter करना। आपके लिए एक Cue के जैसा काम करता है। जो कि आपके अंदर देख पाने की Craving पैदा करता है। फिर इस craving से छुटकारा पाने के लिए। आप action लेके, response करते हो।

जैसे कि इस मामले में light के switch को on करके। इसके बाद फिर आता है। इस Process का end step। जो कि हर habit का आखिरी goal होता है। Reward का मिलना। इस मामले में, वह आपके लिए reward है। आपके आसपास में, कहां पर क्या है।

Clearly देख पाने की वजह से, एक mild relief महसूस होना। हर एक habit इसी same process को follow करती है। क्या आप रोज सुबह उठते ही, habitually चाय या कॉफी पीते हो। तो ऐसे में सुबह नींद से उठना। आपके लिए trigger का काम करता है। जो कि आपके अंदर alert महसूस कर पाने की, एक craving पैदा करता है।

फिर तब उस craving के response में, शायद आप बिस्तर से उठकर, कॉफी बनाने लग जाते हो। फिर वह काफी पीने के बाद, आपको alert महसूस कर पाने का reward मिलता है। अब हमें यह समझ आ चुका है। कि habits कैसे काम करते हैं। कैसे हम इस knowledge को काम लाकर। अपने अंदर good habits को develop कर सकते हैं। वहीं bad habits  को replace कर सकते हैं।

Atomic Habits Smart Idea – 3 Control Cues To Control Your Habits

तीन तरह से आप किसी Cue को control कर सकते हो।

1. Change The Environment

 एक बार एक बोस्टन की डॉक्टर ने, एक experiment किया। कैसे वह अपने patient को बिना बताए हुए। उनकी dietly habits में changes ला सकती है। तो उन्होंने इसके लिए, हॉस्पिटल कैफिटेरिया को, rearrange करवा दिया।

पहले कैश काउंटर के बगल वाले फ्रिज में, सिर्फ सोडा रखा हुआ होता था। उन्होंने उसे पानी से replace कर दिया। अगले 3 महीनों के अंदर, Soda selling में 11% drop और water selling में 25% increase देखने को मिला। उनके patient, healthier choices ले रहे थे। सिर्फ प्यास बुझाने के लिए, सोडा से ज्यादा पानी easily accessible था।

तो हमारे environment में छोटे-छोटे changes भी, हमारी life में काफी बड़ा effect ला सकता है। क्या आप regular गिटार प्रैक्टिस करना चाहते हो। अपने गिटार को, अपने room के बीचो-बीच  कहीं एक स्टैंड रख दो।

कुकीज व चिप्स के बदले, ज्यादा fruit खाना चाहते हो। डाइनिंग टेबल के ऊपर हाथों के पास, एक basket में fruit रख दो। जितना हो सके। उसे अपनी आंखों के सामने, visible रखने की कोशिश करो। जिससे आपका automatic response काफी बढ़ जाएगा।

2. Make a Detail Action Plan

अब से मैं एक healthy diet maintain करूंगा। यह बस बोलना काफी नहीं है। अगर आप सच में, उसे follow करना चाहते हो। तो इसके लिए, आपको सबसे पहले एक detail action plan बनाना होगा। Exactly कब और कैसे उसे आप implement करोगे।

उसका एक detail plan सबसे पहले, आपको बना लेना होगा। इसलिए कल से कोशिश करूंगा। jogging जाना शुरू करने के लिए। ऐसे न बोलकर, exactly अपना Mindset कीजिए। Monday, Wednesday और Friday सुबह नींद से उठकर। सबसे पहले काम होगा। Jogging करने जाना।

फिर अपने running shoes अपनी आंखों के सामने कहीं पर रख दीजिए। ऐसे clear plan और visual Cue की मदद से, किसी भी difficult habit को, आप आसानी से develop कर सकते हैं। इसी प्रकार जाने : Hooked Book Summary in Hindi । प्रोडक्ट बनाने व बेचने की कला सीखे।

3. Use Habit Stacking Method

शायद आप हर रोज meditation करने की habit को develop करना चाहते हो। लेकिन दिन भर में, आपको time ही नहीं  मिल पाता। तो ऐसे में, आप Habit Stacking Method को use कर सकते हो। उदाहरण के लिए, आप हर रोज सुबह उठकर आप नहाते हो। तो हर रोज नहाना, आपकी existing habit है।

तो नहाना खत्म करने के तुरंत बाद, आप meditation करने के लिए time fix कर सकते हो। मतलब नहाने की existing habit के बिल्कुल ऊपर ही, आप meditation करने की habit को stack कर दो। ऐसे एक natural momentum की मदद से, आप किसी भी habit को आसानी से develop कर सकते हो।

Atomic Habits Smart Idea- 4 Reward Yourself Cleverly To Stick To Any Habit

1954 में न्यूरोसाइंटिस्ट James Olds और Peter Milner ने Desire की neurology test करने के लिए, एक experiment किया। उन्होंने इलेक्ट्रोड की मदद से, कुछ चूहों के ब्रेन में डोपामिन की secretion बंद कर देते हैं। इससे उन चूहों के अंदर, जिंदा रहने की इच्छा ही मर जाती है। यहां तक कि खाने की इच्छा भी मर जाती है।

जिसके बाद कुछ न खाने की वजह से, कुछ ही दिनों के अंदर। वह सारे चूहे मर जाते हैं। हमारे ब्रेन में भी, यही डोपामिन हार्मोन का secretion होता है। जो कि हमारे अंदर अच्छी feelings को पैदा करता है। जैसे कि जब हम अपना favorite food खाते हैं। या पब्जी खेलते हैं। तो इसी डोपामिन की वजह से, हमें अच्छा महसूस होने लगता है।

इसी knowledge को हम अच्छी habit build करने में भी ला सकते हैं। Ronan Brayn नाम के एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट को, यह मालूम था। Exercise करना, उनके लिए कितना जरूरी है। लेकिन exercise करना, उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं था। लेकिन दिन भर बैठकर, Netflix देखना। उन्हें बहुत ही पसंद था। तो Ronan ने एक exercise Bike को hack किया। फिर उसे अपने लैपटॉप के साथ connect कर दिया।

उसमें एक ऐसा कोड लिखकर, एक system build कर दिया। जिससे कि वह एक certain speed के ऊपर exercise करेंगे। तभी उनके लैपटॉप में Netflix चलेगा। ऐसे exercise करना। जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं था। उसे उन्होंने अपने favorite काम के साथ link कर दिया। फिर exercise को भी एक fun activity में बदल दिया।

अब इस idea को अपनी life में apply  करने के लिए, इंजीनियर बनना जरूरी नहीं है। अगर आपको भी exercise करना, बिल्कुल भी पसंद नहीं है। लेकिन आप अपने favorite singer की आवाज सुने बगैर, 1 दिन भी नहीं रह पाते। तो आप खुद से promise कर सकते हो।

जब आप exercise करोगे। सिर्फ तभी आप गाना सुनोगे। ऐसे कुछ ही दिनों के अंदर, exercise आपके लिए fun activity में बदल जाएगा। क्योंकि तब आपके माइंड में, exercise के साथ एक अच्छी feeling link हो जाएगी। इसी प्रकार जाने : Mindset Book Summary in Hindi । Mindset बदलो, बदल जाएगी आपकी ज़िंदगी।

Atomic Habits Smart Idea – 5 Make Use of The 2 Minute Rule to Start The Activity

जिस काम को करने में, जितनी कम मेहनत करनी पड़ती है। उससे हमें जितना ज्यादा reward मिलता है। उस काम को उतना ही ज्यादा बार-बार repeat करके। हम बहुत ही जल्द, उसे अपनी habit बना लेते हैं। जैसे कि फेसबुक scroll करने में, हमें बहुत ही कम effort लगाने होते हैं।

जहां पर reward उससे कहीं ज्यादा मिलता है। इसलिए फेसबुक scroll करने की habit, बहुत ही जल्दी बन जाती है। लेकिन हर रोज 10 push-up, 10 page book reading करने में, काफी effort लगाना होता है। उस हिसाब से instant reward भी काफी कम मिलता है। इसलिए इन जैसे habits को develop कर पाना मुश्किल बन जाता है।

इसलिए हमें कोशिश ये करनी होगी। ताकि exercise या book reading जैसी habits को जितना हो सके। effortless बनाया जाए। इसके लिए 2 minutes rules, आपकी काफी मदद कर सकता है। आप daily 10 push-up करना चाहते हो। तो daily 1 push-up से शुरू करो।

रोज़ाना 10 pages पढ़ना चाहते हो। Daily 1 page से शुरू करो। जिससे कि वह काम खत्म करने में, 2 मिनट से ज्यादा न लगे। इससे difficult task भी, आपको आसान लगने लगेगा। ऐसे हर दिन तक कुछ push-up देने के बाद, अगले दिन शायद आपको एक और push-up करने का मन करेगा। याद रखिए, किसी भी task के लिए, सबसे difficult पहला step होता है। इसी प्रकार जाने : 5 Regrets of the Dying Book Summary in Hindi । मरने से पहले जीना सीख लो।

Atomic Habits Smart Idea – 6 Make Your Habits Somehow Immediately Satisfying

 आज अगर आप office जाते हो। तो महीने के end में, आपको Pay-cheque मिलता है। Similarly, अगर आज आप GYM जाते हो। तो कल सुबह तक ही, आपका वजन कम नहीं हो जाएगा। हालांकि evolution हम humans को ऐसे ही आगे लेकर आया है। ताकि हम immediate result को ज्यादा importance दे।

क्योंकि हमारे ancestors, retirement के लिए long-term savings या healthy रहने के लिए diet maintain करना। यह सारे काम कभी नहीं करते थे। उनके लिए important था। हर moment अपने अगले meal की तलाश में लगे रहना। दूसरे डरावने creatures से बच के रहना। इसी immediate return के trap में फँसकर। हम काफी सारी bad habits बना लेते हैं।

आज अगर आप एक सिगरेट पीते हो। तो आज ही, आपको lung cancer नहीं हो जाएगा। शायद 20 साल तक लगातार पीते रहने के बाद होगा। लेकिन इस moment में सिगरेट पीने से, शायद आपको temporarily stress से relief मिलता है। जिसकी वजह से, आप long-term effect को ignore करते हुए।

इस habit को continue करते रहते हो। इसलिए जब किसी good habit की immediate कोई good return नहीं है। तो आप खुद से कोई immediate return को add करके। उस good habit को continue रखने के लिए, खुद को motivate रख सकते हो।

उदाहरण के लिए, author की जान-पहचान में एक married couple था। वो लोग बाहर खाना कम करके। घर का बना खाना खाकर। एक healthy lifestyle को maintain करना चाह रहे थे। इसके लिए, उन्होंने एक सेविंग अकाउंट open किया।      जिसका उन्होंने trip to Europe का नाम दिया। फिर जब भी, वह बाहर खाना ignore करते थे। तो उस सेविंग अकाउंट में $50 transfer कर देते थे। उस सेविंग अकाउंट में $50 बढ़ते हुए देखकर। उन्हें जो खुशी मिलती थी। वही उन्हें इस good habit को continue करने में मदद करता था।

   अभी तक आपने इसे पढ़कर, जो भी सीखा। वो पूरी Book का अंश मात्र है। यदि आप भी आप अपने अंदर good habits को develop करके, bad habits को replace करके। Atomic Habits से  life में कुछ बड़ा achieve करना चाहते  है। तो James Clear की Book- जरूर पढ़ें।

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आपको इसे भी जानना चाहिए :

  • वीर सावरकर की जीवनी । वीर सावरकर की माफी का सच। Veer Savarkar Jayanti।
  • सनातन परंपराओं के पीछे का वैज्ञानिक कारण । Science Behind Sanatan Rituals,Tradition and Culture।
  • सोनाली फोगट का जीवन परिचय । हार्ट अटैक का मामला एक षड्यंत्र, एक हत्या के रूप में नजर आने लगा।
  • Jagannath Puri Mandir ki Kahani । जगन्नाथ मंदिर बनने की पूरी कथा।

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2 thoughts on “atomic habits book summary in hindi | छोटे एक्शन, बड़े रिज़ल्ट”.

Atomic Habit Is A Amazing Book.

Atomic habit What I learn from this book 1:- how a small habit can change your life . 2:- when you want to start/learn something you won’t see soon results but when you keep persistence …. You will see big results but it takes time. 3:- Start your good habits to connect your favourite habits 4:- Start very simple and easy step…. Like if we don’t like reading books star a one page only that help and it’s also helped me. 5:- reward yourself for your achieving goals

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atomic habits book review in hindi

Atomic Habits Summary In Hindi | छोटे बदलाव से पाए चमत्कारिक परिणाम

Atomic Habits Summary In Hindi by James Clear : दोस्तों कहाँ जाता है कि वर्तमान में जैसी हमारी आदते है ,ठीक वैसे ही हम भविष्य में बनने वाले है ! आदते ही है जो हमारे जीवन को सफल भी बना सकती है और असफल भी ! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जेम्स क्लियर की लिखी गई किताब Atomic Habits की समरी शेयर करने वाले है जिसमे आप सीखेंगे कि कैसे आप अपने जीवन में छोटी – छोटी अच्छी आदतों को अपनाकर भविष्य में बड़ा परिणाम हासिल कर सकते है ! साथ ही यह भी जानेंगे कि कैसे हम अपनी बुरी हैबिट्स से छुटकारा पाए !

दोस्तों हर इन्सान के अन्दर अच्छी और बुरी दोनों आदते है ! बहुत से लोग ऐसे है जो अपनी इन बुरी आदतों को छोड़ना तो चाहते है लेकिन वे इसे छोड़ नहीं पाते है , क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि आखिर वे ऐसा क्या करे कि बुरी आदते छुट जाये ! लेकिन दोस्तों अगर आप Atomic Habits Book Summary In Hindi पढेंगे तो आप जानेंगे कि कैसे आप अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते है और कैसे अपने जीवन में अच्छी आदतों को विकसित कर सकते है ! अपने जीवन में आप छोटे – छोटे अच्छे बदलाव करके भविष्य में मनचाहा परिणाम हासिल कर सकते है ! तो आइये शुरू करते है Atomic Habits Summary In Hindi

Atomic Habits Summary In Hindi | छोटे बदलाव से चमत्कारिक परिणाम

Introduction.

Book Name : Atomic Habits / एटॉमिक हैबिट्स

Book Author – James Clear

Book Type : Self – help Book

Book Language : Hindi

Total Number of Pages : 256

लेखक के बारे में ( About the Author )

एटॉमिक हैबिट्स के लेखक जेम्स क्लियर का जन्म 22 नवम्बर , 1985 को हामिल्टन अमेरिका में हुआ ! जेम्स क्लियर आदतों को विकसित करने , निर्णय लेने की क्षमता और निरंतर सुधार से जुड़े विषयों पर केन्द्रित लेखक और वक्ता है ! हमेशा वे बड़ी – बड़ी कम्पनियों में अपना व्याख्यान देते रहते है ! उन्होंने अब तक कई पुस्तके लिखी है ! एटॉमिक हैबिट्स उनकी बेस्ट सेलर बुक है जो 50 से अधिक भाषाओ में लिखी जा चुकी है और जिसकी 15 मिलियन से अधिक प्रतिया बिक चुकी है !

Atomic Habits Book Summary In Hindi | एटॉमिक हैबिट्स सारांश

1 ) छोटी – छोटी आदते , चमत्कारिक परिणाम.

दोस्तों अगर आपको भविष्य में अपना जीवन बदलना है तो हमेशा आपको छोटी – छोटी आदते अपनानी होगी ! यह आदते दिखने में तो इतनी छोटी होगी कि शायद आपको तुरंत इसके परिणाम दिखाई न दे , परन्तु अगर आप इस पर लगातार काम करते है तो कुछ दिन , महीनो या साल बाद आपको इसके चमत्कारिक परिणाम देखने को मिलेंगे !

अगर आप हर दिन थोड़ी – थोड़ी एक्सरसाइज करते है तो हो सकता है शुरुआत में आपको इसके परिणाम बिल्कुल भी दिखाई न दे ,लेकिन अगर आप इसे लगातार करते है तो भविष्य में आपको काफी फर्क महसूस होगा ! ऐसा ही हमारे साथ बुरी आदतों में होता है ! अगर हम आज अपने समय को बर्बाद करते है तो शुरुआत में तो हमें फर्क महसूस नही होगा , लेकिन 1 या 2 साल बाद देखेंगे की जो लोग अपने समय का सही इस्तेमाल करते है आप उनसे काफी ज्यादा पीछे हो जायेंगे !

अगर आप शराब या सिगरेट पीते है तो शुरुआत में आपको इसके परिणाम दिखाई नहीं देंगे , लेकिन भविष्य में आपको इसके बड़े दुष्परिणाम देखने को मिल सकते है !

दोस्तों अगर आप अपनी लाइफ को हर रोज 1 प्रतिशत भी बेहतर करते है तो पुरे एक वर्ष में आप 37 गुना बेहतर बन सकते है ! इसके विपरीत यदि आप एक वर्ष तक हर दिन 1 प्रतिशत बदतर होते है तो आप शून्य के करीब आ जायेंगे !

अगर आप अपनी लाइफ को बदलना चाहते है और एक बेहतर भविष्य चाहते है तो अपने अन्दर अच्छी – अच्छी आदते विकसित कीजिये , चाहे आदते छोटी ही क्यों न हो !

2 ) आपकी आदतों से ही आपकी पहचान बनती है

देखा जाए तो इंसान में अच्छी आदतों के मुकाबले बुरी आदते जल्दी विकसित होती है ! अगर वह अच्छी आदतों को अपनाता भी है तो भी कुछ ही दिनों बाद वह अच्छी आदते छुट जाती है और बुरी आदते विकसित होने लग जाती है ! अक्सर हम देखते है कि लोग शराब और सिगरेट की आदत को जल्दी विकसित कर लेते है वही अगर उनको एक्सरसाइज करने या मेडिटेशन करने के लिए कहाँ जाए तो तो वे ऐसा नहीं कर पाते है !

बहुत से लोग नववर्ष पर अच्छी – अच्छी आदते अपनाने का संकल्प लेते है लेकिन वे इसे कुछ ही दिन या फिर महीने तक ही जिन्दा रख पाते है !

अगर आप अपनी बुरी आदतों को छोड़ना चाहते है और अच्छी आदते विकसित करना चाहते है तो सबसे पहले आप अपने माइंड में यह तय करे कि आप क्या बनना चाहते है और क्यों बनना चाहते है ! फिर यह तय करे कि वैसा बनने के लिए आपको किन आदतों को अपनाने की जरुरत होगी और किन आदतों को छोड़ने की जरूरत होगी !

एक बार जब आप इस चीज को पहचान लेते है तो फिर अच्छी आदतों को अपनाना और बुरी आदतों को छोड़ना आपके लिए आसान काम हो जायेगा !

3 ) अच्छी आदते कैसे अपनाये

पुस्तक में ऑथर बताते है कि किसी भी आदत को बनने के चार चरण होते है –

पहला चरण : संकेत ( Cue ) – हर आदत एक संकेतक से शुरू होती है ! अगर आपको अच्छी बॉडी या हेल्थ बनानी है तो आपको बॉडी बिल्डर या अच्छी फिटनेस वाले लोगो के पोस्टर को अपने कमरे की दीवार पर लगा लेना चाहिए जिससे आप एक्सरसाइज के लिए तैयार रहे ! यदि आप हेल्दी रहना चाहते है तो आपको अपनी खाने की टेबल और फ्रिज में फ़ास्ट फ़ूड न रखकर अच्छी चीजो को रखना होगा जो आपको हेल्दी रख सके !

दूसरा चरण : ललक ( Craving ) – अगर आप किसी अच्छी आदत को अपनाने के लिए क्यों को समझ लेते है तो फिर वह आपकी आदत बन जाती है ! आपमें सिगरेट पिने की ललक नहीं होती है , बल्कि उससे जो राहत मिलती है , उसकी इच्छा आपको होती है ! दांत साफ़ करने से आप प्रेरित नहीं होते , बल्कि मुहँ साफ़ होने के अहसास से प्रेरित होते है !

तीसरा चरण : प्रतिसाद ( Response ) – तीसरा चरण है प्रतिसाद ! प्रतिसाद ही वास्तविक आदत होती है ! अगर आप कोई आदत विकसित करना चाहते है तो शुरुआत में अपने आपको बड़े टारगेट न दे , क्योंकि ऐसा करने से आप उस आदत को जल्दी ही छोड़ देंगे !

मान लीजिये आपको एक्सरसाइज शुरू करना है तो आप शुरुआत में 1 घंटा न देकर 10 मिनट का समय निर्धारित करे ! वही अगर आपको बुक पढने की आदत विकसित करनी है तो यह तय न करे कि आज से रोज 1 घंटा किताब पढूंगा , बल्कि यह तय करे की आज से रोज 1 पेज बुक पढूंगा !

क्योंकि अगर आप किसी आदत को विकसित करना चाहते है तो शुरू में आपको इसकी छोटी शुरुआत करनी होगी ! फिर धीरे – धीरे आप इस समय को बढ़ा सकते है !

चोथा चरण : पुरस्कार ( Reward ) – प्रतिसाद ही आपको पुरस्कार देता है ! हर एक आदत का अंतिम लक्ष्य पुरस्कार पाना ही होता है ! जैसे आप रोज एक पेज बुक पढने की आदत डालते है तो इस आदत को डालने का जो मुख्य उद्देश्य होता है वह यह है कि आप अधिक नॉलेज प्राप्त करेंगे और नई चीजे सीखेंगे !

वही एक्सरसाइज में आप इस उम्मीद में रहते है कि कुछ समय बाद आपकी अच्छी बॉडी बन जाएगी और आप हेल्दी और फिट रहेंगे जिससे आप attractive दिखेंगे !

4 ) नई आदत शुरू करने का श्रेष्ठ तरीका

ऑथर बताते है कि बहुत से लोग यह तो तय कर लेते है कि वे कल से एक्सरसाइज करेंगे या कोई बुक पढेंगे या पढाई करेंगे , लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाते है क्योंकि उन्होंने यह तय नहीं किया है कि वे एक्सरसाइज कब और क्यों करना चाहते है ! वे बुक कोनसे समय में और क्यों पढना चाहते है ! वे पढाई कब और क्यों करना चाहते है !

अगर आपने अपनी किसी आदत ओ अपनाने से पहले यह decide कर लिया कि उसे वह काम कब , कहाँ और क्यों करना है तो फिर वह काम करना आपके लिए आसान काम हो जायेगा ! आप हमेशा उस कार्य को करने के लिए प्रेरित होंगे और फिर धीरे – धीरे वह आपकी आदत बन जाएगी !

अच्छी आदते कैसे बना सकते है ?

  • अपनी आदतों का स्कोरकार्ड भरे ! अपनी वर्तमान आदतों को लिखे , ताकि आप उनके प्रति सचेत रहे !
  • आदत को करने की मंशा रखे , साथ ही यह भी तय करे कि उसका समय , स्थान क्या होगा !
  • अपना माहोल तैयार करे , अच्छी आदतों के संकेत बनाये , जो स्पष्ट और दृष्टिगोचर हो !
  • अपनी आदतों को आकर्षक ,सरल और स्पष्ट बनाये !

ख़राब आदतों को कैसे रोके

  • इसे अदृश्य बना दे !
  • ख़राब आदतों की और ध्यान न दे ! अपने वातावरण से ख़राब आदतों के संकेत को हटा दे !
  • इसे अनाकर्षक बना दे !
  • इसे कठिन और असंतोषजनक बना दे !

5 )  आदतों को आकार देने में परिवार और मित्रो की भूमिका

कहते है कि अगर हम 5 लोगो के समूह में रहते है और उनमे से 4 लोग सफल है तो अगले सफल इन्सान आप ही होंगे , ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि आदतों को आकार देने में हमारे परिवार , करीबी और मित्रो की अहम् भूमिका होती है !

एक अध्ययन में पाया गया है कि ग्यारह या बारह साल की उम्र में यदि आपके सबसे अच्छे दोस्त का आईक्यू ऊँचा है , तो बुद्धि के प्राकृतिक स्तरों को नियंत्रित करने के बाद आपका आईक्यू भी पंद्रह साल की उम्र में उतना ही होगा ! क्योंकि हम अपने आसपास के लोगो के गुणों और प्रथाओ को आत्मसात कर लेते है !

6 ) ख़राब आदतों के कारण जानकर उन्हें कैसे ठीक करे

हमारी दैनिक दिनचर्या में ऐसी कई आदते है जो हमें ख़राब या बोझ लगती है , जबकि हमें उन्हें करना जरुरी होता है ! ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम इन्हें अलग नजरिये से देखते है ! अगर हम अपने नजरिये को बदल ले , तो फिर हर वह काम आसान हो जायेगा जो हमें कठिन लगता है !

कठिन आदतों को यदि आप सकारात्मक अनुभव से जोड़ना सीख जाते है तो आप उन्हें आकर्षक बना सकते है ! कभी – कभार आपको सिर्फ थोडा सा मानस बदलने की आवश्यकता होती है ! जैसे हम अक्सर इस बारे में बात करते है कि दिन में हमें क्या करना है ! काम के लिए आपको शीघ्र उठना पड़ता है ! आपको बिज़नेस के लिए सेल्स कॉल करनी पड़ती है ! आपको परिवार के लिए खाना बनाना पड़ता है !

अब सोचिये आपको सिर्फ एक शब्द ही बदलना है : आपको करना नहीं “पड़ता” है आपको करने को “मिलता” है !

काम करने के लिए आपको जल्दी उठने को मिलता है ! शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुबह एक्सरसाइज करने को मिलती है ! बिज़नेस को बढ़ाने के लिए सेल्स कॉल करने को मिलती है ! मात्र एक शब्द बदल देने से आप उस नजरिये को बदल देते है , जिस प्रकार से आप हर घटना को देखते है !

7 ) टालने की आदत को 2 मिनट के नियम से कैसे रोके

दोस्तों अगर आपको किसी काम को बार – बार टालने की आदत है तो आप Atomic Habits में बताये गए 2 मिनट के रूल्स को अपना सकते है !

इसमें आपको करना यह होता है कि अगर आपको एक्सरसाइज करना है तो अपने आप से यह न कहे कि चलो 1 घंटे के लिए एक्सरसाइज करते है , अगर आपको कोई किताब पढनी है तो अपने आप से यह न कहे कि किताब पढनी है , बल्कि अपने आप से यह कहे कि 2 मिनट एक्सरसाइज करते है , 2 मिनट के लिए किताब पढ़ते है !

इसके लिए जब आपको एक्सरसाइज करना हो तो आप 2 मिनट के लिए जूते और कपडे पहन सकते है ! किताब पढनी हो तो एक पेज को पढ़ सकते है ! class के लिए पढना है तो नोट्स खोलना बन जाता है !

Atomic Habits बुक आपको क्यों पढनी चाहिए ?

  • अगर आप अपनी किसी बुरी आदत से छुटकारा पाना चाहते है !
  • अगर आप नहीं जानते कि किसी बुरी आदत से छुटकारा कैसे पाए !
  • अगर आप चाहते है कि अपनी लाइफ हमेशा अच्छी आदते विकसित करे !
  • अच्छी आदतों को हमेशा कैसे बनाये रखे !
  • छोटी – छोटी आदत कैसे विकसित करे !
  • छोटी – छोटी आदतों से अच्छे परिणाम कैसे हासिल करे !

निष्कर्ष ( Conclusion )

दोस्तों जेम्स क्लियर की लिखी गई किताब एटॉमिक हैबिट्स ‘आदत’ पर लिखी गई एक बेहतरीन किताब है ! इस पुस्तक से आप यह सीख सकते है कि आप अपनी लाइफ में कैसे छोटी – छोटी आदतों को अपनाकर भविष्य में बड़े परिणाम हासिल कर सकते है ! यह पुस्तक बताती है कि हमें अपनी आदतों पर अधिक समय देने की जरुरत नहीं , बल्कि हमें रोज 1 प्रतिशत बेहतर बनना है !

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Atomic Habits Summary In Hindi | छोटे बदलाव से पाए चमत्कारिक परिणाम

हेल्लो फ्रेंड्स , मेरा नाम जगदीश कुमावत है और मै BooksMirror.Com का फाउंडर हूँ ! यह एक हिंदी बुक्स ब्लॉग है जिसमे हम Motivational और self – help बुक्स की समरी और रिव्यु शेयर करते है !

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Atomic Habits (हिन्दी)

James Clear द्वारा “Atomic Habits” अच्छी आदतें बनाने के बारे में सिखाती है। कभी-कभी हम अपना पूरा जीवन एक अच्छी आदत बनाने में लगा देते हैं। फिर एक छोटी सी गलती उस आदत को पल भर में हमसे अलग कर देती है। इस किताब में एक transformational जीवन और चारों ओर impact के लिए एक आदत बनाने और उससे चिपके रहने के secret ingredients हैं।

एटॉमिक हैबिट्स क्या हैं? क्या आपने एटॉमिक हैबिट्स बुक पढ़ी है? क्या आप एटॉमिक हैबिट्स का पालन करते हैं? यहां, हम “जेम्स क्लियर” द्वारा लिखित पुस्तक “एटॉमिक हैबिट्स” को समझेंगे और अच्छी आदतों के निर्माण के बारे में सीखेंगे। एक अच्छी आदत बनाने में कभी कभी हम पूरी जिंदगी लगा देते हैं। और फिर एक दिन, छोटी सी गलती से वह आदत एक सेकण्ड में बदल जाती है ।

ऐसा क्यों होता है? दरअसल हम अक्सर ये मान के चलते हैं कि बड़ी सफलता के लिये बड़ी बड़ी कोशिशें भी ज़रूरी है। हालाँकि, ये साफ तौर पर ग़लत तो नहीं है, लेकिन कभी कभी छोटी कोशिशें भी ज़्यादा मेहनत से बेहतर परिणाम लाती हैं। जेम्स क्लियर की ये किताब “Atomic Habits” हमें उन्हीं आदतों के बारे में बताती है।

एटॉमिक (Atomic) के दो मतलब हैं, बहुत छोटा या असीमित ऊर्जा का स्त्रोत (immense energy source)। और आदत (habit) का मतलब है, वह चीजें जो हम रोज़ दोहराते हैं। साफ तौर से Atomic Habits वह छोटी छोटी आदतें हैं जो आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

James Clear की ये किताब “Atomic Habits” आदतों के बारे में सिखाने वाली एक ऐसी किताब है जिसमे सिखाये गए तरीकों को अपना कर आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी (day to day life) में छोटे छोटे बदलाव करके अच्छी आदतें बना पाएंगे। 

इस किताब को बेहतर तरीके से समझने के लिए हम इसे कई हिस्से में चर्चा करने जा रहे हैं । 

“Atomic Habits” किताब किन लोगों के लिए हैं?

  • वे लोग जो कामयाबी के शिखर पर पहुंचना चाहते हैं।
  • वे लोग जो अपनी आदतों के बारे में जानना चाहते हैं।
  • वे लोग जो मनोविज्ञान (psychology) पढ़ना चाहते हैं।
  • वे लोग जो अपनी बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतें अपनाना चाहते हैं।

“Atomic Habits” किताब को पढ़कर आप क्या सीखेंगे ?

  • हमारे छोटे छोटे काम क्यों नहीं होते है।
  • हमारी आदतें किस तरह से बनते हैं।
  • किसी भी उबाऊ काम को कैसे और किस तरह से मजेदार बनाया जा सकता है ।

बड़ी कामयाबी हासिल करने के लिए छोटे कदमों  से शुरुआत करें।

छोटे छोटे कामों का नतीजा बहुत बड़ा हो सकता है।

जब आप हर दिन कसरत करते हैं, तो आप एक दिन में ही सेहतमंद और फिट नहीं बनते, लेकिन एक दिन आप जरूर सेहतमंद हो जाते हैं। वैसे ही जब आप हर रोज बाहर का फास्ट फूड खाते हैं, तो आपको पता नहीं लगता की आप मोटे हो रहे है। लेकिन कुछ कुछ दिनों या कुछ महीनो के बाद जब आप अपनी पुरानी फोटो देखते हैं, तो आपको पता लगता हैं कि हर रोज के उस फास्ट फूड खाने से आपकी सेहत पर क्या असर हुआ हैं।

Atomic Habits

हम हर रोज न जाने कितने ऐसे काम करते हैं, जो या तो अच्छे होते है या बुरे। हमें हमेशा ऐसा लगता हैं कि उस छोटे से काम  का नतीजा कुछ खास नहीं होगा, लेकिन हम यह भूल जाते है कि उस छोटे से काम को लगातार करते रहने से हम न जाने कितने पीछे या आगे चले जा सकते हैं ।

उदाहरण के लिए एक व्यक्ति इंटरनेट पर हमेशा अच्छी अच्छी जानकारी को सर्च करता है और वही पर दूसरा व्यक्ति हर दिन इंटरनेट पर हमेशा मनोरंजन की चीजों को देखता है या सर्च करता रहता है। हालांकि देखने में लग रहा है कि दोनों ही व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन 5 साल बाद उन दोनों के बीच का अंतर बहुत ज्यादा होगा ।

इसलिए अगर आप लंबे समय तक कामयाब और सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो आपको उन कामों  को पहचानना होगा जो आपको आगे लेकर जा रहा है या पीछे, और उसके साथ यह भी देखना होगा कि वो काम करना अच्छा है या बुरा। और इसके बाद फैसला करना है कि वो काम आपको हर रोज करना चाहिए या नहीं?

आइये इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं : दोस्तों अगर आप आज कोई नया काम कर रहे हैं या कोई ऐसा काम जो आप हर रोज करते हैं तो आप खुद से सवाल कीजिए कि अगर आप इस काम को अगले 5 साल तक लगातार इसी तरह करते रहेंगे तो आपके ऊपर इसका क्या असर होगा? इस तरह से आप यह पता कर सकते है कि वो काम आपको करना चाहिए या नहीं?

अगर आप अपनी आय (income) का ज्यादातर हिस्सा अच्छे अच्छे उपकरण या सुख सुविधा खरीदने में खर्ज करते है, तो जाहिर सी बात है कि आप खुद को आराम दे रहे हैं। और 5 साल बाद इसका असर यह होगा की आप 5 साल बाद भी उतना ही पैसा कमा रहे होंगे जितना अभी कमा रहे है ।

लेकिन अगर आप अपनी आय का ज्यादातर हिस्सा खुद को पहले से बेहतर बनाने में या कहीं पर निवेश (invest) करते हैं जहा से आपको अच्छा खासा रिटर्न (return) मिले, तो जाहिर सी बात है किआप 5 साल बाद बहुत काम करके पैसा कमा रहे होंगे और एक सफल और कामयाब इंसान बनेंगे ।

इसे पूरी तरह समझने के लिए इसे जानें: एक बच्चा बड़ा होकर एक बड़ा क्रिकेटर बनेगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है, कि वो बचपन से इस दिशा में सीखता और अभ्यास (practice) करता है या नहीं। जो शुरू नहीं करेगा वो आगे बढ़ेगा कैसे? इसी तरह आपके परिणाम भी आपकी आदतों पर निर्भर करते हैं।

आपका बैंक में जमा राशि (bank balance) आपकी बचत (savings) पर और आपका वजन आपके खाने की आदतों पर। आपके पास कितनी जानकारी है ये निर्भर करता है कि आप कितना समय अपनी पढ़ाई को देते हैं। आपका कमरे और जीवन में उतना ही कूड़ा होगा जितने समय से आपने सफाई नही की। यानी आपको वही मिलता है जो आप रोज़ करते और दोहराते हैं ।

समय हार और जीत की दूरी को बड़ा करता है। जितना समय आप एक तरफ लगाएगें, उतना ही आप उसके करीब होंगे। अच्छी आदतें समय को आपका दोस्त और बुरी आदतें उसे आपका दुश्मन बना देती हैं। तो इस तरह आदतें हमारी जिंदगी की दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, या यु कहें की ये किसी की कामयाब जिंदगी में पुल के पिलर हैं, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।

तो इस तरह आप समझ गए कि अच्छी आदतें कितनी ज़रूरी हैं, लेकिन इन्हें अपनाना कैसे है, ये जानने के लिए, यह समझना जरूरी है कि आदतें (habits) दो धारी तलवार की तरह हैं। अगर अच्छी हुईं, तो जीवन सफल हो जाता है, और अगर बुरी हुईं तो जीवन बर्बाद ।

आपने अक्सर ये सवाल सुना होगा, की आप आने वाले 5 साल में खुद को कहा देखते हो? या फिर आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हो? लेकिन ऐसा बहुत कम ही लोग पूछते हैं कि आने वाले 10 मिनट में तुम ऐसा क्या करोगे जो तुम्हारे जीवन को बेहतर बनाएगा? और ऐसी सोच रखने वाले लोग ही जिंदगी में ज्यादा कामयाब होते हैं। 

इसे याद रखें कि,अगर आप ये मान के चल रहे हैं कि मैं कल से ही रोज़ 6 घंटे पढ़कर आने वाले 2 साल में कोई परीक्षा उत्र्तीण (exam crack) कर लूं, तो आप काफी दूर की सोच रखते है। ये गलत नहीं है, लेकिन इस तरह की लगातार करना लगभग नामुमकिन है ।

इसलिए सिर्फ एक परीक्षा उत्र्तीण (exam crack) करने को अपना लक्ष्य मत समझिये, बल्कि अपनी परीक्षा के पाठ्यक्रम (syllabus) को रोजाना छोटे छोटे हिस्से में बांट लें और हर रोज़ के बनाए हुए छोटे छोटे लक्ष्य  को हासिल (achieve) करें। ऐसा हर रोज़ करने से आपकी लक्ष्य को हासिल करने की आदत बन जाएगी, जो बड़े लक्ष्य को हासिल करना आपके लिए आसान बना देगी। 

और इस तरह से हर रोज़ 1 प्रतिशत बेहतर होना आपको 100 दिनों में 100 प्रतिशत बेहतर बना देगा और 1 साल में 3600 प्रतिशत और अंत में इतने ज्यादा बेहतर बनकर आप हर उस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, जो शायद अभी बड़ा लग रहा हो ।

हर रोज़ अपने आप को 1% बेहतर बनायें। 

आपकी पहचान आपकी आदतों से बनती है।

क्या आपने कभी सोचा है कि आदतें बदलना इतना मुश्किल क्यों लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम या तो गलत चीजें बदलने की कोशिश करते हैं, या गलत तरह से अपनी आदत बदलने का प्रयास करते हैं ।

जिंदगी के किसी भी पड़ाव पर बदलाव लाने के तीन मुख्य कारण होते है ।

  • परिणाम (Outcome) पर आधारित बदलाव, अपनी मनचाही किसी चीज़ को पानें के लिए आदतों को बदलना 
  • प्रक्रिया (Process) पर आधारित बदलाव, मतलब जो भी काम आप कर रहे है, उसमें मज़ा आ रहा है, इसलिए उसे और ज्यादा मजेदार करने के लिए आदतों को बदलना
  • पहचान (Identity) पर आधारित बदलाव, अपनी आदतों को बदल कर अपने आदर्श (ideal) इंसान की तरह बनना

अब आप खुद सोचिए इनमें से किस पर ध्यान देना चाहिए?

Atomic Habits Book

यदि आप सिर्फ परिणाम (outcome) के बारे में सोचेंगे तो बोर हो जाएंगे, क्योंकि हमारे वांछनीय परिणाम (desirable outcome) हो सकता है कि इतने बड़े हो जिन्हे महीनों या सालों की लगातार कोशिशों के बाद ही हासिल किया जा सके। इसलिए कोशिश करे कि बदलाव को अपनी पहचान का हिस्सा बनायें और प्रक्रिया (process) का मज़ा लें। मतलब है कि हर दिन अपने आप में कुछ प्रतिशत बेहतर बदलाव करने के लिए अपनी आदतों को बदलें। 

उदाहरण के तौर पर अगर आप रोज अखबार पढ़ने की आदत  लगाना चाहते हैं, तो लघु समाचार (short headlines) पड़ना शुरू करें। फिर उन्हें अपने जानने वालों के साथ साझा (share) करें। इससे लोग आपको सब समाचार के जानकार के रूप में पहचानने लगेंगे। और रोज अखबार पढ़ना आपकी आदत बन जाएगी ।

अच्छी आदत बनाने के चार आसान तरीके।

ये सच है कि सवाल ही जवाब है, और जो जितना अच्छा सवाल पूछता है उसे उतना अच्छा जवाब मिलते हैं, जो जवाब जिंदगी को एक नए और बेहतर मुकाम पर ले जाते हैं। ये बात आदतों के बारे में भी सच है, इसलिए जब भी आप अपनी कोई आदत बदलना चाहते हैं, तो खुद से ये चार सवाल जरूर पूछें।

  • मैं इसे कैसे बदल सकता हूं? कौन से छोटे छोटे कदम  इसे बदलने के लिए में अभी से ले सकता हूँ?
  • मैं इसे कैसे आकर्षक बना सकता हूं? ताकि बदली हुई आदत को करते हुए मुझे मज़ा आये?
  • मैं इसे कैसे आसान बना सकता हूं? ताकि में बेहतर आदत को आसानी से अपनी जिंदगी का हिस्सा बना सकूँ?
  • मैं इसे कैसे संतुष्ट (satisfying) बना सकता हूं? जिसे करने के बाद मुझे मज़ा आये?

इस तरह से आदतों का मुख्य उद्देश्य (purpose) ही आपके जीवन को आसान और बेहतर बनाना है। इसलिए उन्हें बदलें। 

जो आप बनना चाहते हैं, खुद को वैसा बनते हुए कल्पना (imagine) करें।

आप जब भी कोई नई आदत अपनाने की सोचते है, उससे पहले ये सोचें कि उसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव होगा। क्या इस आदत से मैं वो बन पाऊंगा जो मैं बनना चाहता हूँ?

अगर आपको हां में जवाब मिले तो समझ लीजिए कि आपका दिमाग एक नई आदत को अपनाने के लिए तैयार है। इसलिए फिर अपने आप को उस तरह से काम करते हुए कल्पना (imagine) करें, कि बेहतर आदत अपनाने के बाद आप कैसे काम करने वाले हैं, कैसे सोचने वाले हैं और किस तरह से महसूस करने वाले हैं। 

नई आदत शुरू करने का सबसे बेहतर तरीका।

जिन लोगों को लगता है, कि उनमें कुछ करने के लिए प्रेरणा (motivation) की कमी है, उन्हें इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि असल मे उनमें कमीं प्रेरणा (motivation) की नहीं बल्कि स्पष्टता (clarity) की कमी है। वो ये जानते ही नही की उन्हें कहाँ जाना है, या फिर क्यों जाना है। इस बारे में बिल गेट्स कहते हैं कि हर वो इंसान असीम कामयाबी हासिल कर सकता है जिसके पास स्पष्टता (Clarity) और ऊर्जा होती है।

ऐसे में एक नई आदत बनाने का एक सबसे अच्छा तरीका है कि आप एक इस बात की स्पष्टता (clarity) बनाएं कि

  • आप आदत को क्यों बदलना चाहते हैं ?
  • इस आदत को छोड़ने के लिए क्या छोड़ने वाले हैं ?
  • नयी आदत अपनाने के लिए कौन से छोटे छोटे कामों से शुरुआत करने वाले हैं ?
  • अभी से छोटे गतिविधि (action) से शुरुआत करें। 

आपको ज़्यादा प्रेरणा (motivation) की नहीं अच्छे वातावरण (environment) की ज़रूरत है।

James Clear का एक प्रशिद्ध quote है, “Environment is the invisible hand that shapes human behavior.”

आसान शब्दों में कहें तो आपके आस पास की वो चीज़ें जिनके साथ आप ज्यादा समय बिताते हैं। ये चीज़ें कोई किताब, किसी बात को सोचना, आदि हो सकते हैं। 

Atomic Habits English

और याद रखें कि हर आदत की शुरुआत जरूरत से होती है, इसलिए बेहतर आदत को अपनाने के लिए एक बेहतर जरूरत को ढूंढे और उस तरह के नजरिया (mindset) वाले लोगों, विचारों के साथ ज्यादा समय बिताएं और उस बारे में महसूस करें। 

आत्म संतुलन (Self control) कैसे करें।

एक बार अगर अच्छी आदत पड़ जाए तो वो हमेशा बनी रहती है और जिंदगी को बेहतर बनाने में साथ देती रहती है। लेकिन फिर भी कभी कभी इंसान का दिमाग ख़राब आदतों के संतुष्टि (setisfaction) के लालच में उनमे भटक जाता है।

उदाहरण के तौर पर जब भी आप वजन कम करने के लिए डाइट (dite) के दौरान कुछ मीठा देखते हैं तो, उसे खाने के लिए लालच बढ़ने लगता है और आपका आत्म संतुलन ( self control) खोने लगता है। और ऐसे में कुछ लोग तो हार कर अपनी डाइट भी त्याग देते हैं। जिस वजह से दोबारा ख़राब आदतों या यु कहें की ख़राब जीवन शैली (lifestyle) में पहुंच जाते हैं। 

इसी लिए आत्म संतुलन ( self control) करना बहुत जरूरी है। और इसे बनाने का सबसे बेहतर तरीका ये है कि आप ऐसी चीज़ो को अपनी नज़रों से दूर रखें जो आपका मनोबल तोड़ सकती है, और आपके मनोबल को बढाने वाली चीज़ों जैसे विचार,भाव और लोगों को अपने आस पास रखने या खुद उनके बीच जाएँ। 

आदतों की आदत कैसे डालें।

आदतों की आदत डालने का मतलब है कि अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहतर आदतों को अपनाने और ख़राब आदतों को छोड़ने की आदत बनाना । 

इसके लिए हमेशा अपनी नज़र लक्ष्य पर रखें। ये सोचें कि अगर आज मैं इस आदत को पूरी तरह अपना लूं तो कल मुझे इसका क्या फायदा होगा। इससे मेरा कल कितना ज्यादा बेहतर और आरामदायक होने वाला है। 

और लगातार ऐसा करने से अपनी आदतों  को आकर्षक बनाने और परिणाम पर नज़रें गड़ाए रखने की आदत लग जाती है। जो एक शांत, खुश और कामयाब जिंदगी बनाने में बहुत मदद करती हैं। 

परिवार और दोस्तों का आपकी आदतों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि, हम हमेशा अपने आस पास के लोगों के जैसा बनने के कोशिश करते हैं। और कामयाब लोगों का ये मशहूर Quote है कि, “आप उन पांच लोगों के औसत होते हैं, जिनके साथ ज्यादा समय बिताते हैं”, आपकी आय, स्वास्थ, सम्मान और सोचने का तरीका लगभग उन पांच लोगों का average होता हैं। 

इसीलिए ये ज़रूरी है, कि आपके परिवार और दोस्तों की आदतें अच्छी हो। और अगर ऐसा नहीं है, तो आप किसी ऐसे समूह या सभा (club) में शामिल हो जहां उस तरह की मानसिकता के लोगों का उठना बैठना होता है, जैसे आप बनना चाहते हैं।

बुरी आदतों की वजह कैसे ढूंढे और उसे कैसे बदलें।

जैसे किसी अच्छी आदत के परिणाम के बारे में सोचना उसे आकर्षक बनाता है, परिणाम को सोचकर आप उस आदत या काम को और जोर शोर और प्रेरणा (motivation) से करने लगते हैं, वैसे ही किसी बुरी आदत के नतीजे के बारे में सोचना उसे बेकार बनाते है और आपको निराश करता हैं।

इसलिए आप रोजाना ही इस पर ध्यान दें और ऐसी आदतों या गतिविधिओ (activity) को ढूंढ निकालें जो आपका समय बर्बाद करती हैं, आपकी उत्पादकता (productivity) को कम करती हैं, या लक्ष्य की तरफ ले जाने में कोई भूमिका नहीं निभाती । फिर उन आदतों के परिणाम पर विचार करें और मनचाहे परिणाम देने वाली आदतों  को लगातार करते रहें और बाकी को छोड़ दें ।

धीरे धीरे आगे बढ़ें।

Atomic Habits Summary

अपनी आदतों में बदलाव करने के लिए ये भी ज़रूरी है कि आपकी नई आदतें आसान हों। उन्हें शुरू करना और दोहराना आसान हो। कोई भी आदत उसे बार बार दोहराने और धीरे धीरे आगे बढ़ने से बनती है। इसलिए किसी भी नए काम या आदत को छोटे छोटे स्टेप्स (steps) में करे और धीरे धीरे इसे बढ़ाये। लेकिन ये ध्यान रखें कि निरंतरता (consistency) को बनाए रखें । 

कम मेहनत और ज़्यादा से ज़्यादा परिणाम।

ये सुनने में कितना अच्छा लगता है ना? वास्तव में ये सच भी है, क्योंकि सच में हमारा दिमाग भी ऐसे ही काम करता है। इसे भी किसी काम को करने के लिए शुरुआत में कम मेहनत वाला रास्ता चुनना पसन्द आता है। ऐसा काम जो कम मेहनत और कम समय में हो जाये। इसलिए अपने दिमाग से बेहतर काम करवाने के लिये बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए, उसे खुश रखें और उसकी सुने। मतलब वो काम करें जो आप शांत दिमाग से कर सकें। ध्यान रखें की शुरुआत में किसी काम को करने के लिए दिमाग पर दबाव न डालें, बस शांत दिमाग से उसे रोज़ थोड़ा थोड़ा करें, और जब ये काम कुछ दिनों तक लगातार होगा तो दिमाग उस आदत को बेहतरीन तरीके से करने का रास्ते अपने आप ढूंढ लेगा, आपको जरूरत होगी तो बस इतना करने की बेहतरीन आदत या काम को रोज़ और लगातार करें। 

2 मिनट में टालमटोल को रोकें।

टालमटोल (Procrastination) अच्छी आदतों और बेहतर जिंदगी या आसान शब्दों में कहें तो सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन है। और इसे बदलने का एक अच्छा तरीका है – 2 मिनट मतलब इसके अनुसार जब भी आप कुछ करने की सोचें तो उसे ऐसा सोचने के दो मिनट के अंदर ही करना शुरू कर दे। ताकि आपके दिमाग को भटकने का अवसर ही न मिले और और आप बेहतर काम कर दें। 

अच्छी आदतों को जीवन का हिस्सा बनाये और बुरी आदतों से छुटकारा पाएं।

“inversion law” जैसे कि अच्छी आदतों को अपनाने के लिए उन्हें आसान बनाना जरूरी है, वैसे ही बुरी आदतों से छुटकारा आने के लिए उन्हें मुश्किल बनाना।

उदाहरण के तौर पर, जब हमें सोशल मीडिया साइट (social media site) के इस्तेमाल की आदत से छुटकारा पाना होता है तो हम उन apps को ही मिटा (delete) देते है। इससे हम उस आदत को संभव बना देते है।

व्यवहार में बदलाव करने का जरूरी नियम।

ये सच है कि जब भी कुछ कम करने से हमें संतुष्टि (satisfaction) मिलती है तो हम उस चीज को दोबारा करने से नहीं कतराते, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बार और ज्यादा समय करने की कोशिश करते हैं। इसीलिए व्यवहार में सकारात्मक बदलाव करने के लिए नई आदतों को संतोषजनक (satisfactory) बनाये, इसके लिए शुरुआत ऐसे कामों से करें जिससे संतुष्टि (satisfaction) मिलती है और इसी तरह काम और संतुष्टि (satisfaction) को बढ़ाते रहें ।

ये ख़राब आदतों को अच्छी आदतों में बदलने का जरूरी नियम है। हमेशा वो कार्य करे जिससे आपके मन को शांति और ख़ुशी मिले।

हर रोज़ अच्छी आदतों से कैसे जुड़े रहें।

मनोवैज्ञानिक खोज (Psychological Research) के मुताबिक, हमें सबसे ज्यादा संतुष्टि (satisfaction) तब मिलती है जब हम अपना कोई लक्ष्य पूरा कर लेते हैं। आपने अपना लक्ष्य पूरा किया या नहीं इसे जानने के लिए एक “habit tracker app” डाउनलोड करें। या फिर किताब या कैलेंडर पर निशान बना कर अपनी आदतों  को पता करें। इससे आपकी आदतों और आपके बीच एक जुड़ाव बनेगा। और इस तरह अपनी आदतों से जुड़े रहने के लिए उन्हें देखे औरसुनिश्चित करें की सुधार क्षेत्र (improvement zone) में हर रोज़ के अपने लक्ष्य को पूरा करें। 

कैसे किसी को जवाबदेही भागीदार (Accountability Partner) बनाना सब बदल देता है

अपने परिवार या दोस्तों में ऐसे लोगों को देखे, जो आपको कामयाब देखना चाहते है, उनके साथ अपने लक्ष्य और दिनचर्या (daily schedule) पर विचार करें। ऐसा करने से एक जवाबदेही स्थापित होती है, क्योंकि जब आप सही काम करेंगे, अच्छी आदत को करेंगे, लक्ष्य के लिए काम करेंगे तो वो आपकी सराहना करेंगे और उसी तरह भटकाव में वो अच्छा मार्गदर्शन करेंगे, जो आपको सही मार्ग पर चलते अच्छी आदत से जुड़े रहने में मदद करेंगे।

प्रतिभा के बारे में सच्चाई

आपको कामयाब होने के लिए सही लक्ष्य चुनना बहुत ज़रूरी है। और लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी रूचि और प्रतिभा को पहचाना और सुधारना बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए अगर आपको गाने में रुचि नहीं और आप दुनिया के सबसे प्रसिद्ध गायक बनने को अपना लक्ष्य बना लें, तो ये सरासर बेवकूफी है। लेकिन अगर आपको लिखने (writing) में रूचि है और आप दुनिया का महान लेखक बनने का लक्ष्य बनाए और उसके लिए जरूरी चीज़ें सीखते हुए अपनी प्रतिभा को बढ़ाएं तो एक दिन आप जरूर दुनिया के महान लेखक बन सकते हैं। ।

इसे आसान शब्दों में कहें तो आदतें अपनाना तब आसान होता, जब वे आपकी प्राकृतिक क्षमताएं (natural abilities) के साथ मेल खाएं, प्राकृतिक क्षमताएं (Natural abilities) का मतलब वो काम जिसे करने में आपको मज़ा आये, वो काम आपको खेल लगे काम नहीं । इसीलिए उन्ही आदतों को चुनें जिन्हें करने में आपकी रूचि है और जिनसे आपको खुशी मिलती है और फिर उसमे बेहतर बनने के लिए अपनी काबिलियत को बढ़ाते रहें । 

“Goldilocks” का नियम, जीवन में प्रेरणा (Motivation) कहां से लाएं।

सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन असफलता (failure) नहीं बल्कि बोर होना है। इसलिए जब हम कुछ करने से बोर हो जाते हैं, तो उसे करने में प्रयास नहीं करते इसलिए कई बार उसे करना लगभग नामुमकिन सा लगने लगता है, और धीरे धीरे ये ख़राब आदत लोगों को असफलता की तरफ ले जाती है। “Goldilocks” के नियम के मुताबिक, “इंसान उन कामों को काम करते समय अधिक प्रेरणादायक (Motivate) अनुभव करता है जो उसकी वर्तमान क्षमताओं (current abilities) से मेल खाती हैं।

इसीलिए किसी कामयाब इंसान से प्रभावित होकर सीधे उनकी किसी आदत या दिनचर्या को जबदरसती न अपनाये, बल्कि अपनी काबिलियत को देखें की आप किस आदत को करने में ज्यादा ख़ुशी महसूस करते है, और उसको अपनी आदत बनाए। इसके जरिये लक्ष्य तक पहुंचना तेज़ और आसान होगा। या ये कहें की ये आपका फ़ास्ट ट्रैक है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। 

अच्छी आदत कैसे बनती है ?

आदत बनती कैसे है –संकेत (Cue), लालसा (Craving), प्रतिक्रिया (Response) और इनाम (Reward) का अभ्यास (practice) करने से। कोई भी आदत फिर चाहे वो अच्छी हो या बुरी 4 चरणों (stages) में बनती है।

1: संकेत (cue) – सबसे पहले आपको बाहर से एक इशारा मिलता है। जैसे अगर आप कहीं स्मोकिंग (smoking) का चित्र देखते हैं तो वो आपके लिए संकेत का काम करता है।

2: लालसा (Craving) – संकेत या cue मिलने के बाद आप में भी उस चीज की लालसा या craving जाग उठती है।

3: प्रतिक्रिया (Response) – फिर आप उस लालसा या इच्छा को प्रतिक्रिया देते हो। यानी आप उस काम को करने लगते हो।

जैसे smoking का चित्र देखकर आप में इच्छा आ सकती है। और फिर आप सिगरेट पीने लग सकते है।

4: इनाम (Reward) – पर्तिकिर्या (Response) देने के बाद आपका दिमाग आपको ख़ुशी और आनंद का इनाम या रिवॉर्ड देता है।

आपने देखा होगा सारी बुरी आदतें आपको थोड़े समय के लिए आनंद से भर देती हैं। लेकिन धीरे – धीरे यही आनंद आपके दुखों का कारण बन जाता है। आपको तरह -तरह की परेशानियां होने लगती हैं।

लेखक कहते हैं कि अगर आपको कोई बुरी आदत छोड़नी है तो चरण (Stage) 1 में ही संभल जाएँ।

जैसे आपके सामने smoking का पोस्टर हो तो उसकी ओर न देखें। बल्कि दौड़ते हुए वहाँ से निकल जाएँ। अगर भनक (clue) लग भी जाये तो इच्छा को खत्म कर दें। इच्छा होने भी लगे तो प्रतिकिया (response) न दें बल्कि दूसरा काम करने में लग जाएँ। इससे आप कभी भी उस आदत में नहीं फंसेंगे। और अच्छी आदतें बनाने की तरफ चल सकेंगे। 

अच्छी आदतें बनाने का फार्मूला

अच्छी आदत बनाने का सूत्र -स्पष्ट (Obvious), आकर्षक (Attractive), आसान (Easy) और संतुष्ट (Satisfying)! आइये अब देखते हैं आप कोई भी अच्छी आदत कैसे बना सकते हैं। इसके लिए आपको 4 तरीके अपनाने हैं।

1: स्पष्ट (Obvious) – इसका सरल अर्थ है – जो भी अच्छी आदत बनाना चाहते हैं तो पहले उसका लक्ष्य बना ले मतलब आप पाना क्या चाहते हैं और कितना? जैसे “blogging” का उदाहरण ले लेते हैं। अगर आपको “blogging” करनी है तो यह निर्णय कर लें कि कितना पैसा कमाना चाहते हैं। शुरुआत हैं तो आपका लक्ष्य 5000/महीना हो सकता है।

अगर आप दिमाग को यह लक्ष्य देंगे तो उसे कोई उलझन नहीं होगी। वह उस लक्ष्य को हासिल करने में लग जायेगा। लेकिन आप ऐसा सोचेंगे कि ब्लॉग से बहुत सा पैसा कमाऊँगा तो दिमाग उलझन में रहेगा। क्योंकि बहुत का मतलब तो कुछ भी हो सकता है।

आप दिमाग को स्पष्ट लक्ष्य दें। ऐसे ही “Blog” के मामले में, आप दिन में कितना लिख सकते हो इसका भी लक्ष्य बना लें। एक पेज लिख सकते हो तो बोलें कि एक पेज रोजाना लिखूंगा। ऐसा न हो की आज तो 5 पेज लिख लिए फिर एक हफ्ता तक कुछ भी न लिखें।

ऐसे ही “व्यायाम” (bodybuilding) करनी है तो ये स्पष्ट कर लें कि कितने घंटे व्यायाम करेंगे। 15 मिनट, 30 मिनट आदि। जितना समय हो उतना करें। ऐसे ही कितने push-ups मारने हैं ये पहले ही सोच लें – 20, 40, 80।

तो हर काम का लक्ष्य ऐसा रखें कि दिमाग स्पष्ट हो पाए। तभी वो उसे आपसे हासिल करवाने की कोशिश करेगा।

2: आकर्षक (Attractive) – लक्ष्य को आकर्षक यानि मजेदार बनाएँ। आप कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएँगे अगर आपको वो बोझ लगता है। इसलिए उसे आकर्षक बनाना बहुत जरूरी है। इसके बहुत से तरीके हो सकते है। जैसे काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट लेना।

जैसे “blogging” में पोस्ट लिख रहे हैं तो 500 शब्द लिखिए फिर थोड़ी देर रुक जाये! और उस दौरान पार्क में टहल कर आ सकते है। संगीत भी सुन सकते हैं। जब फिर से ताजगी महसूस (fresh feel) करें तो 500 शब्द और लिखें। ऐसे ही बॉडीबिल्डिंग में एक rep के बाद आराम कर लें। दोस्तों के साथ गपशप मार लें। ऐसे ही किसी भी काम को लम्बे समय तक एक साथ न करें। हर आधे घंटे में रुक रुक कर कर सकते है! और उस दौरान कुछ दिलचस्प काम कर लें।

3: आसान (Easy) – लक्ष्य को हासिल करना आसान बना लें। इसके लिए पहले तो असंभव लक्ष्य न रखें। पहले ही दिन “bodybuilding” में 100 push – ups करने की न सोचें। “Blogging” में एक ही दिन 4 -5 पोस्ट लिखने की न सोचें। लक्ष्य को छोटे-छोटे तरीकों को अपना कर पूरा करें। आपको बहुत आसान लगेगा।

4: संतुष्टि (Satisfying) – लक्ष्य से आपको संतुष्टि (satisfaction) मिलनी चाहिए। जैसे “bodybuilding” कर रहे हों तो देखें कि आप शक्तिशाली (muscular) और सुन्दर (handsome) होते जा रहे हैं। चर्बी (Fat) कम कर रहे हैं। बुरी आदतों पर काबू पा रहे हो। जब आपको संतुष्टि (satisfaction) मिलेगी तो आप उस अच्छी आदत को जारी रखने की प्रेरणा (motivation) मिलेगी।

लम्बे समय तक आदत को कैसे जारी रखें

अगर आप किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए अच्छी आदत  बनाना चाहते हो तो दो काम जरूर करें। पहले उसे करने का समय सुनिश्चित कर लें। और दूसरा उस काम को कहाँ पर करेंगे ये भी निर्णय कर लें। जैसे “blogging” के लिए पोस्ट लिखनी है तो किस समय लिखेंगे। सुबह 1 घंटे लिखेंगे या शाम को। या दोनों वक़्त लिख सकते हैं। ये सब तय कर लें। इस से आपका दिमाग सक्रिय (active) हो जायेगा। फिर ये भी सोच लें कि किस कमरे में कहाँ पर बैठ कर लिखेंगे। तो समय और जगह सुनिश्चित करना बहुत जरुरी होता है।

निष्कर्ष 

तो ये हैं आदतों  के बारे में जानकारी और बेहतर आदतें बनाने के तरीके। हमें उम्मीद है कि, आपने कई जरूरी बातें सीखी होंगी। अब इन्हे अपनी जिंदगी में अपनाएं और ख़राब आदतों, वैसी आदतें जो जिंदगी की वास्तविक ख़ुशी में कोई खास मायने नहीं रखती, बस कुछ पल की संतुष्टि देतीं हैं, बेहतर और अच्छी आदतों से बदल दे ऐसी आदतों से जो आपको सच में ख़ुशी, शान्ति और कामयाबी दें और उसी दिशा में शिखर (top) तक ले जाएँ।

सभी Podcast platform पर भी हमारी summary, Kitabein नाम से उपलब्ध है, जिसे हाल ही में भारत का best educational podcast का award भी मिला है।   Link ठीक निचे दिया हुआ है:

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Success को बड़ा बनाने के लिए छोटे कदमों से शुरुवात करें।

एक बच्चा बड़ा होकर बड़ा स्प्रिंटर (sprinter) बनेगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है, की वो बचपन मे चलना सीखता है या नहीं। जो चलना  नहीं सीखेगा वो दौड़ेगा कैसे? आपके results आपकी आदतों पे निर्भर करते हैं। आपका bank balance आपकी savings पर और आपका वजन आपके खाने की आदतों पर। आपको कितना knowledge है ये depend करता है कि आप कितना समय अपनी पढ़ाई को देते हैं। आपका कमरे और जीवन में उतना ही कूड़ा होगा जितने समय से आपने सफाई नही की। यानी आपको वही मिलता है जो आप रोज़ दोहराते हैं।

समय हार और जीत की दूरी को बड़ा करता है। जितना समय आप एक तरफ लगाएगें, उतना ही आप उसके करीब होंगे। अच्छी आदतें समय को आपका दोस्त और बुरी आदतें उसे आपका दुश्मन बना देती हैं। तो ये तो आप समझ गए कि अच्छी आदतें कितनी ज़रूरी हैं, लेकिन इन्हें अपनाना कैसे है, ये जानने के लिए, यह समझना जरूरी है कि habits दो धारी तलवार की तरह हैं।

अगर अच्छे हुए, तो जीवन सफल हो जाता है, और अगर बुरे तो जीवन बर्बाद। आपने अक्सर ये सवाल सुना होगा, की तुम आने वाले 5 साल में खुद को कहा देखते हो? या फिर तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो? कभी कोई ये नहीं पूछता की आने वाले 10 minute में तुम ऐसा क्या करोगे जो तुम्हारे जीवन को बेहतर बनाएगा?

अगर आप ये मान के चल रहे हैं कि में कल से ही रोज़ 6 घंटे पढ़कर आने वाले 2 साल में कोई exam crack कर लूं, तो आप काफी दूर की सोच रखते है। ये गलत नहीं है, लेकिन इस तरह की consistency लाना लगभग नामुमकिन है। इसी लिए सिर्फ एक exam crack करने को अपना goal मत समझिये। रोज़ एक नया goal बनाए और रोज़ उसके लिए मेहनत करें। अगर आपको लगता है की एक साथ 6 घंटे की पढ़ाई मुश्किल है तो पहले दिन सिर्फ 3 घंटे का target लेकर चलें। उसके पूरा होने पर अगले दिन 3:30 घंटे और इसी तरह धीरे धीरे उसे बढ़ाते रहें।

हर रोज़ 1 प्रतिशत बेहतर होना आपको 100 दिनों में 100 प्रतिशत बेहतर बना देगा। Ultimately, आपकी अपने goals के प्रति commitment ही आपकी प्रगति को निर्धारित करती है।

आपकी पहचान आपकी आदतों से बनती है।

क्या आपने कभी सोचा है कि आदतें बदलना इतना मुश्किल क्यों लगता है। दरसल हम या तो गलत चीज़ बदलने की कोशिश करते हैं, या गलत तरह से अपनी आदत बदलने का प्रयास करते हैं।

बदलाव लाने के तीन मुख्य कारण होते है।

  • Outcome पर आधारित change
  • Process पर आधारित change
  • Identity पर आधारित change

अब आप खुद सोचिए इसमें से किस पर focus करना चाहिए?

यदि आप केवल outcome के बारे में सोचेंगे तो बोर हो जाएंगे। इसलिए कोशिश करे कि change को अपनी पहचान का हिस्सा बनाएं।

उदहारण के तौर पर अगर आप रोज अखबार पढ़ने की आदत लगाना चाहते हैं, तो short हेडलाइंस पड़ना शुरू करें। फिर उन्हें अपने जानने वालों के साथ discuss करें। इससे लोग आपको सब headlines के जानकार के रुप मे पहचानने लगेंगे। और रोज़ अखबार पढ़ना आपकी आदत बन जाएगा।

अच्छी आदत बनाने के चार आसान तरीके।

जब भी आप अपनी कोई आदत बदलना चाहते हैं, तो खुद से ये चार सवाल अवशय पूछें।

  • मैं इसे कैसे स्पष्ट (obvious) कर सकता हूं?
  • मैं इसे कैसे आकर्षक (attractive) बना सकता हूं?
  • मैं इसे कैसे आसान बना सकता हूं?
  • मैं इसे कैसे संतोषजनक (सटिसफयिंग) बना सकता हूं?

आदतों का मेन purpose ही आपके जीवन को easy बनाना है। इसलिए उनका Obvious, Attractive, easy और satisfying होना ज़रूरी है।

जो आप बनना चाहते हैं, खुद को वैसा होते हुए imagine करें।

जब भी कोई नई आदत अपनाने की सोचते है, उससे पहले ये सोचें कि उसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव होगा। क्या इस आदत से मैं वो बन पाऊंगा जो मैं बनना चाहता हूँ?

यदि आपको हाँ में जवाब मिले तो समझ लीजिए कि आपका मस्तिष्क एक नई आदत के लिए तैयार है।

नई आदत शुरू करने का सबसे बेहतर तरीका।

बहुत लोगों को लगता है, की उनमें motivation की कमी है। पर असल मे उनमें clarity की कमी होती है। वो ये जानते ही नही की उन्हें कहाँ जाना है, या फिर क्यों जाना है।

ऐसे में, एक नई आदत बनाने का एक सबसे अच्छा तरीका है कि आप एक मौजूदा आदत की पहचान करें। और फिर अपनी नई आदत को उससे जोड़ कर अपनाएं। इसे habit stacking भी कहा जाता है।

आपको ज़्यादा motivation की नहीं अच्छे environment की ज़रूरत है।

James Clear का एक प्रसिद्ध quote है, “Environment is the invisible hand that shapes human behavior.”

हर आदत की शुरुवात ज़रूरत से होती है। इस ज़रूरत की उपज आपके एनवायरनमेंट से होती है। तो हमेशा अपने आस पास के हालातों पर ध्यान दे और उनमें बन रही अच्छी आदत की ज़रूरत को पहचाने।

Atomic Habits Book Summary in Hindi By James Clear

Self control कैसे करें।

एक बार अगर अच्छी आदत पड़ जाए तो वो हमेशा याद रहती है। फिर भी मनुष्य का मस्तिष्क जल्द ही भटक जाता है। उदाहरण के तौर पर जब भी आप weight loss की डाइट के दौरान कुछ मीठा देखते हैं तो, आपका self control खोने लगता है। कुछ लोग तो हार कर अपनी डाइट भी त्याग देते हैं।

इसी लिए सेल्फ कंट्रोल बहुत जरूरी है। इसे बनाने का सबसे बेहतर तरीका ये है कि आप ऐसी चीज़ो को अपनी नज़रों से दूर रखें जो आपका मनोबल तोड़ सकती है।

आदतों की आदत कैसे डालें।

हमेशा अपनी नज़र रिवॉर्ड यानी लक्ष्य पर रखें। ये सोचें कि अगर आज मैं इस आदत को पूरी तरह follow कर लूं तो कल मुझे इसका क्या फायदा होगा।

अपनी आदतों को attractive बनाने और result पे नज़रे गड़ाए रखने से आदत की आदत पड़ जाती है।

परिवार और दोस्तों का आपकी आदतों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

इस बात में कोई दोराहा नहीं, हम हमेशा अपने आस पास के लोगों के जैसा बनने के कोशिश करते हैं। इसीलिए ये आवश्यक है, की आपके परिवार एवं मित्रों की आदतें अच्छी हो। यदि ऐसा नहीं है, तो आप किसी ऐसे circle या club को join करे जहाँ आपकी मानसिकता के लोगों का उठना बैठना होता है।

बुरी आदतों का कारण कैसे खोजें और उसे कैसे बदलें।

जैसे किसी अच्छी आदत के रिजल्ट के बारे में सोचना उससे attractive बनाते है, वैसे ही किसी बुरी आदत के result के बारे में सोचना उसे unattractive बनाते है। इसीलिए अपने दिनचर्या पर ध्यान दें और ऐसी आदतों को खोज निकालें जो आपका समय बर्बाद करती हैं। फिर उन आदतों के results पर विचार करें और उन्हें बदल दें।

धीरे धीरे आगे बढ़ें।

खुद की आदतों में परिवर्तन करने के लिए ये भी ज़रूरी है कि आपकी नई आदतें आसान हों। आदत दोहराने और धीरे धीरे आगे बढ़ने से बनती है। तेज़ दौड़ने वाले अक्सर थक जाया करते हैं।

कम मेहनत और ज़्यादा से ज़्यादा रिजल्ट्स

ये सुनने में कितना अच्छा लगता है ना? रियलिटी में हमारा दिमाग भी ऐसे ही काम करता है। इसे भी कम मेहनत वाला रास्ता चुनना पसन्द आता है। तो अपने मस्तिष्क से बेहतर काम करवाने के लिये, उसे खुश रखें और उसकी सुने। जब मेहनत कम लगेगी तो कम करने की आदत भी पड़ जाएगी।

2 मिनट में टालमटोल को रोकें।

Procrastination यानी टालमटोल अछि आदतों के सबसे बड़ा दुश्मन है। इसे बदलने का एक मात्र उपाए है, two minute रूल। इसके अनुसार जब भी आप कुछ करने की सोचें तो उससे ऐसा सोचने के दो मिनट के भीतर ही करना शुरू कर दे। इससे आपके दिमाग को भटकने का अवसर ही नहीं मिलेगा।

अच्छी आदतों को जीवन का हिस्सा बनाये और बुरी आदतों से छुटकारा पाए।

जैसे कि अच्छी आदतों को अपनाने के लिए उन्हें आसान बनाना जरूरी है, वैसे ही बुरी आदतों से छुटकारा आने के लिए उन्हें मुश्किल बनाना। ये inversion law है।

उदाहरण के तोर पर, जब हमें social media sites के इस्तेमाल की आदत से छुटकारा पाना होता है तो हम उन apps को ही delete कर देते है। इससे हम उस आदत को इम्पॉसिबल बना देते है।

व्यवहार परिवर्तन करने का मुख्य नियम।

जब भी कुछ कम करने से हमे सैटिस्फैक्शन मिले तो हम उस चीज़ को दोबारा करने से नही कतराते। इसीलिए व्यवहार परिवर्तन करने में लिए भी नई आदतों को satisfactory बनाये। ये व्यवहार परिवर्तन का मुख्य नियम है। हमेशा वो कार्य करे जिससे आपके मन को शांति मिले।

हर रोज़ अच्छी आदतों से कैसे जुड़े रहें।

हमें सबसे ज़्यादा सैटिस्फैक्शन तब मिलती है जब हम अपना कोई goal पूरा कर लेते हैं। अब आपने अपना goal पूरा किआ या नहीं इसके लिए एक habit tracker डाउनलोड करें। या फिर किताब या कैलेंडर पर निशान बना कर अपनी habits को track करें। इससे आपकी आदतों और आपके बीच एक सम्बंद स्थापित हो जाएगा।

कैसे किसी को जवाबदेही भागीदार बनाना सब बदल देता है (accountability partner)

यदि आपके जीवन मे कोई ऐसा है, जो आपको कामयाब देखना चाहता है, तो अपना दिनचर्या उनसे ज़रूर बांटे। ऐसा करने से एक जवाबदेही यानी accountability स्थापित होती है, जो आपको सही मार्ग पर चलके अच्छी आदत से जुड़े रहने में मदद करती है।

टैलेंट के बारे में सच्चाई (कब आपके genes महत्वपूर्ण हैं और कब नहीं)

कामयाब होने के लिए सही target चुनना बहुत ज़रूरी है। और उसके लिए अपने टैलेंट को पहचानना सब्स important है। अब यदि आपको बिल्कुल गाना नही आता और आप विश्व के सबसे प्रसिद्ध गायक बनने को अपना लक्ष्य बना लें, तो ये सरासर बेवकूफी है। परंतु यदि आप अपने सही टैलेंट को परख कर अपना goal decide करते हैं तो आप कामयाब हो सकते है।

आदतें अपनाना तब आसान होता, जब वे आपकी natural abilities के साथ मेल खाएं। इसीलिए उन्ही आदतों को चुनें जिन्हें करने का आपमे टैलेंट है और जिनसे आपको खुशी मिलती है।

Goldilocks का रूल, जीवन मे मोटिवेशन कहा से लाएं।

Success का सबसे बड़ा दुश्मन failure नहीं boredom है। जब आप कुछ  करने से बोर हो जाये, तो उसे करना लगभग नामुमकिन सा लगने लगता है, यही failure की तरफ पहला कदम है। Goldilocks के नियम के अनुसार, “मनुष्य उन कार्यों पर काम करते समय चरम प्रेरणा (full मोटिवेशन) का अनुभव करता है जो उसकी वर्तमान क्षमताओं (current abilities) से मेल खाती हैं।

इसीलिए schedule को जबदरसती मत अपनाये, बल्कि अपनी abilities को अपनी आदत बनाए।

अच्छी आदतें बनाने के नुकसान।

आदतों का फ़ायदा यह है कि हमें बिना सोचे समझे मेहनत करने की आदत लग जाती है। इसका नुकसान ये है कि हम छोटी त्रुटियों (errors) पर ध्यान देना बंद कर देते हैं। जितना हम अपने comfort zone में अपनी आदतें बना लें उतना उससे बाहर निकलना असंभव सा लगने लगता है, इसीलिए आदतों के साथ विचारपूर्वक अभ्यास (deliberate practice) भी जारी रखें, इससे आप successful होंगे।

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3 thoughts on “Atomic Habits Book Summary in Hindi By James Clear”

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